RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
कुछ देर ऐसे ही उसके मूह को चोदने के बाद उसने सिर को छोड़ दिया और उसके पैरो की तरफ बढ़के पैरो को दोनो ओर फैला दिया और लंड को आगे झुका कर चूत पर रगड़ने लगा.
आरोही जिंदगी मे कभी इतनी एग्ज़ाइट नही हुई थी. एक तो वो अरुण की इस हरकत को देख और ज़्यादा शॉक मे थी. इस रूप मे अरुण कुछ ज़्यादा ही अग्रेसिव और वाय्लेंट हो गया था. उसे पता था कि वो सेफ है, क्यूकी अरुण कभी भी उसे सच मे चोट देने के बारे मे सोच भी नही सकता लेकिन फिर भी ये रूप एक नशे की तरह उसे अपने कब्ज़े मे कर रहा था. वो सोचने लगी कि अगर अरुण सच मे उससे गुस्सा हुआ तब उसकी क्या हालत होगी, कितना मज़ा आएगा.
तब तक उसे अपने अंदर एक झटके के साथ अरुण का लंड महसूस हुआ जो एक दर्द की छोटी सी लहर लेकर आया था फिर वही दर्द एक मज़े मे तब्दील हो गया. काफ़ी देर से उत्तेजित होने के कारण उसे अपना ऑर्गॅज़म नज़दीक ही महसूस हुआ तो वो अरुण के गले लगकर उसकी गर्दन को किस करने लगी. अरुण ने उसके बाल पकड़कर उसे अपने से दूर करके आधे खड़े होने की पोज़िशन मे कर के आँखों मे देखते हुए अपने धक्के तेज कर दिए.
"हार्डर...और तेज..भाई..ओमम्म." आरोही किसी जंगली की तरह चीखते हुए बोली. अरुण ने अपने धक्के और तेज कर दिए, आरोही और उसके शरीर पसीने से भीग रहे थे. थोड़ी ही देर मे उसकी चूत ने लंड को जकड़ना स्टार्ट कर दिया, आरोही खुद भी काफ़ी तेज़ी से उसके लंड पर कूदने लगी, और वो उस आनंद के सागर मे गोते लगाते हुए खुद को भूलने लगी. आरोही का पूरा शरीर काँपते हुए पीछे गिरने लगा तो अरुण ने उसकी पीठ को सहारा देकर अपने गले लगा लिया और हल्के हल्के धक्के देते हुए उसे किस करता रहा. जब उसे लगा कि आरोही का ऑर्गॅज़म ख़त्म हो गया है तो उसने उसे बिस्तर पर बैठा दिया और लंड को बाहर निकालकर मूह की तरफ ले गया. दो ही बार मे उसके लंड ने अपना वीर्य आरोही के मूह मे भर दिया, अरुण मस्ती मे लंड को पूरा का पूरा मे घुसने लगा, तो आरोही चौंक के रुक गयी लेकिन फिर उसके वीर्य को गले से नीचे उतारने लगी. दिन भर की चुदाई के कारण ज़्यादा नही निकला लेकिन जितना निकला उतना आरोही को खुस करने के लिए काफ़ी था.
आख़िरी बूँद तक आरोही ने लंड को नही छोड़ा फिर अंत मे एक बार चाट कर उसने लंड को किस करते हुए छोड़ दिया और वही बेड पर गिर के ढेर हो गयी. अरुण भी उसे पकड़कर वही लेट कर सुसताने लगा.
"आइ लव यू.." उसने कहा तो अरुण को शॉक लगा. उसे ये तो मालूम था कि आरोही को इसमे मज़ा आया होगा लेकिन उसे लगा था कि सिर्फ़ सेक्स की मस्ती मे मज़ा आया होगा, उसके बाद शायद आरोही उस पर गुस्सा करेजी ऐसी हरकत क्यू करी. लेकिन जब उसने आइ लव यू कहा तो अरुण के दिल मे गिटार बजने लगे.
"आइ लव यू टू, माइ बॅड गर्ल." उसने कंधे को चूमते हुए कहा.
"ओमम्म." वो उसकी बाहों मे हल्के से काँपते हुए बोली.
"आरू, ठीक तो है ना?" अरुण ने पूछा.
"आर यू किडिंग? ये अब तक का बेस्ट सेक्स था," आरोही हंसते हुए बोली.
तो अरुण भी हंस दिया. "वेल, तुम्हे पनिशमेंट की वैसे भी ज़रूरत थी," वो पेट पर हल्के से चिकोटी काटते हुए बोला. "हाउ'स युवर आस?"
"एम्म..फाइन," उसने बोला,"दोबारा पनिशमेंट के लिए इंतेज़ार नही हो रहा."
फिर दोनो कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे से बातें करते रहे, तभी दरवाजे पर नॉक हुआ और स्नेहा अंदर आई. "तुम दोनो को कब्से आवाज़ दे रही हूँ, खाना तय्यार है. चलो जल्दी."
स्नेहा वापस जाने के लिए मूडी तभी वापस पलट गयी. "आरू, मैं सॉरी कहना चाहती थी वो मैं अरुण के साथ कुछ ज़्यादा ही टाइम स्पेंड कर रही थी तो शायद इसलिए तुझे बुरा लगा होगा."
आरोही जल्दी से खड़ी हो गयी और स्नेहा की तरफ नंगी ही चलती हुई आई. उसने अपने दोनो हाथ स्नेहा के सिर के पीछे करके उसे किस करने लगी.
स्नेहा रुककर अरुण को देखने लगी,"वेट, आइ नो दट टेस्ट," हंसते हुए बोली और दोबारा आरोही के मूह मे अपनी ज़ुबान डाल के अरुण के स्पर्म का टेस्ट लेने लगी.
"म्म्म्मम," कुछ देर बाद वो किस तोड़ती हुई बोली. "अगर हम लोग जल्दी ही नीचे नही गये, तो ज़्यादा देर नही लगेगी कि यहाँ पर चार, नही पाँच लोग हो जाएँगे."
"यॅ. लॉक कर दरवाजा."
स्नेहा और आरोही के चले जाने के कुछ देर बाद अरुण नीचे पहुचा और डाइनिंग टेबल पर बैठ के खाने लगा. आज उसकी फॅवुरेट डिशस बनी थी.
"डॅम आइ लव माइ सिस्टर्स," उसने कहा और खाने पर टूट पड़ा.
"डॅम आइ लव युवर सिस्टर्स टिट्स, चूत, मूह, जांघे...." आवाज़ ने अरुण के दिमाग़ मे कहा
"शट अप," अरुण ने सोचा.
उसकी बात सुन के सभी हँसने लगे और खाना खाने लगे. कुछ देर बाद स्नेहा ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा.
"सो आइ गेस, मुझे अब प्लान बताना चाहिए कि कैसे हम उस रिया को अपने सेक्स सर्कल से बाहर निकाले?"
सभी उसकी बात सुनके हंस पड़े.
"सेक्स सर्कल? स्नेहा ऐसे वर्ड्स कब्से उसे करने लगी?" सुप्रिया ने हंसते हुए पूछा.
स्नेहा उसकी बात सुनके शरमा गयी. "और क्या कहेंगे इसे?"
"खैर छोड़ो उसे," वो वापस पढ़ाकू स्नेहा बनते हुए बोली," तो कुछ चीज़ो की वजह से हमे रिया को अपनी लाइफ मे अड्जस्ट करना पड़ रहा है. और अब वो हमारा हक़ हम लोगो से छीनना चाहती है."
"हक़??"
"ष्ह्ह," अरुण ने बात पर ध्यान देते हुए सोचा.
"तो प्लान ये है कि हम लोग आरोही का यूज़ करेंगे कि रिया अपने भाई के साथ सो सके. अगर तुम लोगो को ध्यान हो तो आज सुबह ही रिया ने अड्मिट किया था कि वो काफ़ी टाइम से अपने भाई की तरफ अट्रॅक्टेड है. उसे बस उन फीलिंग्स पर आक्ट करने का मौका नही मिला. तो आरोही और उसका भाई डेटिंग स्टार्ट करेंगे, फिर जब सेक्स की बारी आएगी तब किसी तरीके से आरोही की जगह रिया आ जाएगी."
"हे!"
"वो..एक सेकेंड..दी.." अरुण ने बोलना स्टार्ट किया.
"बिल्कुल, एक सेकेंड रूको. ये हमारी चूत को किसी और के हवाले करने के बारे मे बात कर रही है. मैं तो इसे जीनियस समझता था ये तो एक नंबर की ढक्कन निकली." आवाज़ ने गुस्से से अरुण केदिमाग़ मे कहा
"हां, दी, एक सेकेंड." आरोही भी उसकी बात सुनके विफर पड़ी. "चलो रोहन के साथ डेटिंग वाला आइडिया सही है. लेकिन मैं ही क्यूँ? आप क्यूँ नही? मेरे हिसाब से आप भी तो सिंगल हो, उपर से आपके बूब्स भी मेरे से बेटर हैं."
उसकी बात सुनके बाकी लोग हँसने लगे, लेकिन स्नेहा के पास उसका भी जवाब था. "बिकॉज़ माइ डियर आरू, फर्स्ट मैं उतने अच्छे तरीके से उसके भाई...रोहन को जानती नही हूँ, सेकेंड मैने आज तक डेटिंग नही की है और तुम्हारा तो पास्ट मे बाय्फ्रेंड भी था एक."
"ओके, आइ ओन्ली डेटेड वन गाइ, इसका मतलब ये नही है कि मेरे पास सालो का एक्सपीरियेन्स है! सुप्रिया दी भी तो हैं, नही तो सोनिया?" आरोही ने जवाब दिया,"और सोनिया को तो हम सब से ज़्यादा इन चीज़ो के बारे मे एक्सपीरियेन्स है."
"यू आर राइट, लेकिन मुझे लगता है कि सोनिया अभी किसी और के साथ डेटिंग के लिए तय्यार नही है."
"और कभी होगी भी नही." सोनिया अरुण का हाथ पकड़कर बोली और उसे देख मुस्कुराने लगी.
अरुण ने भी हल्के से उसका हाथ दबा दिया.
सुप्रिया भी उसका साथ देने लगी.
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