RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
जब अरुण नीचे आया तो स्नेहा गॅस स्टोव के पास थी. सुप्रिया टेबल पर कुछ कर रही थी. उसने पलटकर देखा तो सोनिया और आरोही कोई रिलिटी टीवी शो देख रही थी. अरुण ने आँखें फेर ली उधर से. उसे रिलिटी टीवी शोस से नफ़रत थी.
"गुड आफ्टरनून, डियर," सुप्रिया ने उसे अपने पास आते हुए देख कर कहा.
"गुड आफ्टरनून दी," उसने कहा फिर आगे बढ़कर अपने अंगूठे से उसकी चिन उपर करके उसके होठों को अपनी तरफ खिच लिया. उसकी जीभ के अपने मूह मे पाकर सुप्रिया चौंक कर चीख पड़ी.
"अरुण..." उसने चौंकते हुए कहा.
"क्या?" उसने पूछा.."अब तो सबको पता है, तो मैं अपना प्यार क्यूँ छुपाऊ?"
उसकी बात सुन सुप्रिया हँसने लगी और सिर हिलाने लगी. तब तक वो स्नेहा के पास पहुचा. वो कुछ सब्जी काट रही थी.
वो बिना कुछ बोले सीधा उसके पीछे गया और हग करके गर्दन को किस करने लगा. अपने हाथों को उसने टीशर्ट के अंदर डाल के दूध को दबा दिया. तो स्नेहा सिसकी लेते हुए अपना सिर उसके सीने मे दबाने लगी.
"अगर मैं शुरू हो गयी, तो गड़बड़ हो जाएगी," स्नेहा ने सब्जी काटने पर ध्यान देते हुए कहा.
अरुण ने उसकी बात को अनसुना करके पेट पर गुदगुदी करना स्टार्ट कर दिया तो स्नेहा के हाथ से चाकू छूट कर फर्श पर गिर पड़ा, वो उसके हाथो पर मारते हुए उसे मना करने लगी.
"हाहह..आहिीः, स्टॉप इट,, अरुण.., छोड़ो,," वो हंसते हुए चीखने लगी.
आवाज़ सुनके आरोही और सोनिया दोनो किचन की तरफ आने लगे तो अरुण ने स्नेहा को छोड़ दिया और आरोही की तरफ बढ़कर उसे अपनी बाहों मे ले लिया. उसकी बाहों मे जाते ही आरोही खुश हो गयी, फिर दोनो ने सिर को पीछे करके किस करने के लिए अपने होठ आगे बढ़ा दिए.
आरोही को किस करके वो सोनिया की तरफ बढ़ा. सोनिया के पास पहुच के उसने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया, "हाई," स्माइल के साथ उसने कहा.
"हाई?", सोनिया गुस्सा दिखाते हुए अपना हाथ मोड़ने लगी. "बाकी सब को हग्स और किस्सस और मुझे ये चूतिया सा हॅंडशेक और केवल 'हाई? दिस ईज़ नोट फेर.." सोनिया बच्चे की तरह शिकायत करने लगी.
अरुण ये देखकर तेज़ी से हँसने लगा, तब तक चारो बहनो ने एक दूसरे की तरफ देखा फिर सब एक साथ अरुण के उपर टूट पड़े गुदगुदी करने के लिए. जब गुदगुदी ख़तम हुई तो अरुण अपने हाथ सामने करके हान्फते हुए खड़ा हुआ, "ओके..हहह..ओके."
सोनिया उसके सामने वही पुरानी वाली सोनिया की तरह खड़ी हो गयी जब वो गुस्सा होती थी. तो अरुण ने उसे मुस्कुरा कर देखा और दौड़ कर उसे अपनी बाहों मे उठा लिया. उसके सिर के पीछे हाथ ले जाकर एक रोमॅंटिक किस स्टार्ट कर दिया.
"वूऊ!" पीछे से सभी उनको चियर करने लगे.
"मच बेटर," सोनिया ज़मीन पर आके किस तोड़ते हुए बोली.
अरुण भी हंसते हुए हॉल मे आकर सोफे पर बैठ गया तब तक आरोही और सोनिया भी आ गये और उनके बीच रिमोट को लेकर लड़ाई शुरू हो गयी.
"कम ऑन, मुझे ये नही देखना. बकवास शो!" वो दोनो से बोला.
इधर किचन मे सुप्रिया ने नज़र उठाकर स्नेहा की ओर देखा.
"तो, हाउ आर यू? माइ डियर सिस्टर." सुप्रिया उसके थोड़ा पास आके बोली.
स्नेहा ने मुस्कुरा कर उसे देखा. "फाइन."
सुप्रिया समझ गयी कि स्नेहा सीधी बनने की कोशिश कर रही है, तो इस बार थोड़ा और ज़ोर देकर पूछा. "सो, हाउ आर यू आंड अरुण?"
स्नेहा हंस पड़ी. "आप ऐसे नही छोड़ॉगी, है ना?" उसने पूछा.
सुप्रिया ने हंसते हुए अपना सिर हिला दिया. "नोप. अब जल्दी बताओ."
स्नेहा गहरी सास लेकर अपने थॉट्स कलेक्ट करने लगी. सोचकर वो सुप्रिया के साथ चेयर पर बैठ गयी.
"वेल," स्नेहा ने बोलना शुरू किया,"कल रात जब मुझे उसकी गोद मे बैठने का डेर मिला तो मुझसे खुद पर कंट्रोल नही हुआ और मैं वही उसे परेशान करती रही, दी आप समझ सकती हो ना, आइ रियली वांटेड हिम. मैं उसके उपर हल्का हल्का हिलती भी रही अगर आप ने नोटीस किया हो तो. और उसके बाद जो रिया ने उसके साथ टब मे किया तब मुझे लगा कि दुनिया को बताना ही पड़ेगा कि अरुण पर सिर्फ़ मेरा,,नही सिर्फ़ हमारा हक़ है."
सुप्रिया के चेहरे पर उसकी बात सुन के बड़ी सी स्माइल आ गयी. "थोड़ा मुश्किल लग रहा होगा अरुण को शेयर करना?"
स्नेहा उसकी बात सुन कुछ देर चुप होकर सोचने लगी. "एक तरीके से नही. मेरा मतलब, मेरी बारी तो सबसे लास्ट मे आई, तो मुझे लगता है कि आप लोगो के मुक़ाबले मेरा उतना हक़ नही है उस पर. लेकिन रही रिया की बात, तो मुझे उसके साथ शेरिंग मे बहुत बड़ी दिक्कत है, लेकिन आइ थिंक आइ हॅव आ सल्यूशन."
"आइ थिंक सिर्फ़ तुम्हे नही हम सबको भी उसे उस रिया के साथ शेयर करने मे प्राब्लम होगी. वैसे प्लान क्या है?"
स्नेहा एक कुटिल मुस्कान के साथ उसके कान मे सारा प्लान बताने लगी.
"आरोही?" सुप्रिया ने पूछा. "तुम्हे लगता है कि वो इस बात के लिए मानेगी?"
स्नेहा मुस्कुरा दी. "जब उसे समझ आएगा कि ऐसा करने से अरुण को रिया के साथ सेक्स नही करना पड़ेगा, तो पक्का मान जाएगी. टेन्षन तो मुझे अरुण के बारे मे है."
"प्लान तो अच्छा है," सुप्रिया बोली.
"अनदर थिंग, हाउ वाज़ दा सेक्स वित अरुण?"
स्नेहा उसकी बात सुनके शरमा गयी लेकिन फिर सही हो कर बोली. "इट वाज़...ब्यूटिफुल, जादू से भरा हुआ, आइ गेस." उसने धीरे से कहा.
"हुउँ, फिर तू इतना चुप चाप क्यू बैठी हुई है सुबह से?"
स्नेहा फिर शरमा दी, उसे ये सब बाते करते हुए थोड़ी दिक्कत हो रही थी सुप्रिया के साथ.
"मैं..बस.." वो बोलने लगी लेकिन बीच मे ही सिर झुका के बैठ गयी.
सुप्रिया वही उसके साथ चुपचाप बैठी रही. वो जानती थी कि स्नेहा उसे खूदबखुद बता देगी. शी जस्ट नीड सम टाइम.
"सब कुछ पर्फेक्ट है, दी, लेकिन जब से ये सब हुआ है मुझे चिंता होने लगी है कि मैं कुछ ज़्यादा ही अग्रेसिव हो गयी हूँ, नही लाइक मैं अग्रेसिव होना चाहती हूँ. ऐसा लगता है जैसे कि मेरे मन मे कोई आवाज़ है जो मुझे हमेशा कहती रहती है कि मैं बस उसे गिरा कर वो करूँ जो मैं चाहती हूँ, चाहे उसकी इच्छा हो या ना हो."
"वाउ, तुम्हारी हालत तो बिल्कुल अरुण की तरह है."
स्नेहा हँसने लगी. "और एक बात, जब मैं अरुण के साथ होती हूँ तो बीच बीच मे मुझे आरोही की बारे मे भी वैसे ख़याल आते हैं." उसने उसे देखा तो सुप्रिया के चेहरे पर थोड़े से कन्फ्यूषन के भाव आ गये तो वो समझाने लगी. "आपको ध्यान है जब आप तीनो वो शर्त के चक्कर मे उसे टॉर्चर कर रही थी?"
सुप्रिया मुस्कुराते हुए हां बोली.
"तो, आरोही ने उसे परेशान करने के लिए काफ़ी बार मेरा सहारा लिया. लाइक, एक बारे किचन मे मेरी टीशर्ट निकाल के मेरा क्लीवेज लीक किया. तबसे ही मेरे अंदर एक इच्छा सी बैठ गयी थी, कि मैं थोड़ा और आगे बढ़ुँ. और जब अरुण ने मुझे आप तीनो के बारे मे बताया तो मेरी इच्छा और बढ़ गयी."
सुप्रिया को पहले तो गुस्सा और शर्म आई कि अरुण ने ये प्राइवेट बात स्नेहा को उससे बिना पूछे बता दी लेकिन फिर तुरंत ही उसके मन से ये ख़याल चले गये, कि आख़िर थी तो वो फॅमिली मेंबर ही.
"तुम्हे पता है, आरोही ने मुझे बताया कि जब से उसने अरुण के साथ ये सब करना स्टार्ट किया है तबसे उसके अंदर कुछ जाग गया है, जैसे कि कोई दूसरी आरोही उसके उपर कब्जा कर लेती है जब वो थोड़ी हॉट होती है."
स्नेहा उसकी बात समझ कर हां मे सिर हिलाने लगी. "मुझे लगता है, यही मेरे साथ होता है. ऐसा लगता है कि जैसे कि मुझे भूख हो, सेक्स की खाने की नही."
कुछ देर दोनो के बीच शांति रही फिर सुप्रिया ने स्नेहा की ओर देखा. "तो सेक्स कैसा था?" उसने सीधे सीधे पूछ लिया. दोनो के बीच अब शर्म की दीवार पूरी गिर चुकी थी.
स्नेहा तुरंत ही हँसने लगी. "आइ कॅंट फाइंड वर्ड्स टू डिस्क्राइब इट. माइंड-ब्लोयिंग? वंडरफुल? अमेज़िंग? इस दुनिया से अलग. जबसे पहली बार किया है तबसे मेरे मन मे बस दोबारा करने की इच्छा ही हो रही है. आइ जस्ट कॅंट कंट्रोल इट."
सुप्रिया मुस्कुरा दी. "थोड़ा इंतजार करो, दोबारा मौका मिलेगा. बाइ दा वे, आरोही के साथ सही मे बहुत मज़ा आता है." सुप्रिया आँख मारते हुए बोली.
स्नेहा शरमा कर नीचे देखने लगी.
"मेरे कहने का मतलब है," सुप्रिया हंसते हुए अपनी बात समझाने लगी,"कि तुम्हारे पास काफ़ी ऑप्षन्स है यहाँ. हम सबके पास काफ़ी ऑप्षन्स हैं."
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