bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
01-25-2019, 12:42 AM,
#62
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
सुप्रिया ने मुस्कुराते हुए एक आह भरी और उसके बालो को सहलाने लगी. "आइ मिस्ड यू," उसने अपने दिल की बात आरोही को बताई जो निपल चूस्ते हुए अपने शॉर्ट्स को उतार रही थी.

"आइ मिस्ड यू टू," आरोही दूसरे दूध को मूह मे लेते हुए बोली.

"सच बताऊ, मैं कब्से इनका स्वाद लेने के लिए तड़प रही थी," आरोही ने अपना मूह निपल से उठाते हुए बोला. निपल और होठों के बीच थूक की एक लकीर बन गयी थी 

जिसे आरोही ने तुरंत ही उसके निपल के चारो ओर फैला दिया.

फिर नीचे बढ़कर वो सुप्रिया की चूत पर फुक मारने लगी. 

"प्लीज़ आरोही, डू सम्तिंग."

आरोही बिना कुछ बोले उसके पैरो के बीच गर्म सासें छोड़ते हुए उसे देखती रही. फिर अपने दोनो हाथो को उसके चूतड़ो के नीचे पहुचाकर उसकी जांघों को किस करने लगी. उपर बढ़ते हुए वो उसके हर हिस्से पर किस करती हुई बढ़ रही थी.

"ओह्ह्ह्ह...उम्म्म्म..!" सुप्रिया अपनी कमर को हिलाते हुए मचलने लगी. उसका हाथ आरोही के सिर को चूत पर दबाने की कोशिश करने लगा लेकिन आरोही भी ढीठ होकर आगे बहुत ही धीरे धीरे बढ़ रही थी. आरोही ने उसे और तड़पाते हुए अपनी जीभ निकाल कर चूत से एक इंच दूर जाँघ को चाट लिया तो सुप्रिया की जैसे जान ही निकल गयी.

"आरोही..." सुप्रिया बस यही बोल पाई.

"से प्लीज़!" आरोही हंसते हुए बोली..

"ओह..प्लीज़..स्वीटी. प्लीज़.." सुप्रिया अपनी कमर को तानते हुए बोली.

"बोलो, आरोही मेरी बहेन प्लीज़ मेरी चूत चाटो.." आरोही ने उसकी चूत के चारो तरफ जीभ घूमाते हुए कहा बस चूत को छोड़ दिया.

"प्लीज़ आरोही, इतना मत तडपा.." 

"ओके, नही बोलना, कोई बात नही." आरोही अपने सिर को हटाते हुए बोली.

"वेट, ओके, ओके, प्लीज़ आरोही, मेरी अच्छी बहेन, प्लीज़ मेरी चूत चाटो," सुप्रिया मिन्नत करते हुए बोली.

तो आरोही खिलखिलाकर उसकी कमर को अपनी ओर खिचने लगी. उसकी जीभ सीधा उसकी चूत मे समा गयी और वो अंदर से लेकर उपर तक जीभ को लेजा कर उसे मज़ा देने लगी.

सुप्रिया की एक तेज चीख निकल गयी और अपने आप ही उसकी पीठ कमान की तरह तनती चली गयी, जैसे ही आरोही की लिसलिसाती गर्म जीभ उसकी चूत से टकराई. आरोही ने उसके चूतड़ो के नीचे से एक हाथ निकाला और उसकी चूत को पकड़कर खोलने लगी. फिर अपनी जीभ को पूरा का पूरा अंदर डाल खोजी की तरह इधर उधर हिलाने लगी.

सुप्रिया की चीखे कुछ ज़्यादा ही तेज निकल रही थी तो उसने पास पड़े तकिया को मूह पर रख लिया और उसमे चीखे दबाने लगी.

"ओह माइ गॉड!" वो तकिये मे ही बोली.

आरोही खुशी से उसकी चूत चाटे जा रही थी. उसने अपनी 2 उंगलियों को मूह मे रख के भिगोया फिर उन्हे चूत मे घुसाने लगी, तो सुप्रिया की कमर उसके हाथ पर जोरो से हिलने लगी. और अपने जीभ से उसकी क्लाइटॉरिस को काटने लगी.

सुप्रिया ने जल्दी से तकिये को साइड मे फेका और सिसकी लेते हुए उसके बाल पकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी. कुछ ही देर मे सुप्रिया की कमर अपने आप आरोही के मूह मे धक्के लगाने लगी और एक के बाद एक झटके के साथ सुप्रिया झड़ने लगी. उसके ऑर्गॅज़म का आभास पाकर आरोही ने अपनी उंगलियाँ काफ़ी तेज़ी से अंदर बाहर करना स्टार्ट कर दी 
थी, और उतनी ही तेज़ी से उसकी क्लाइटॉरिस को भी चाट रही थी. ऑर्गॅज़म के बाद दोनो बहनों की आँखें एक दूसरे से मिली तो सुप्रिया ने उसकी जीभ पकड़कर अपने उपर खिचा और जीभ को सीधा मूह मे भरकर अपने रस और उसके थूक का मज़ा लेने लगी.

फिर आरोही को चौंकाते हुए उसने उसे भी पलट दिया और जल्दी से उसके टॉप और ब्रा को उतार दिया फिर पैंटी फाड़ के फेक दी.

"ओह दी, यू आर बिकमिंग वाइल्ड.." आरोही उसे उत्तेजित करते हुए बोली.

सुप्रिया ने हंसकर उसे देखा फिर उसे पलटकर पेट के बल कर दिया और खुद उसके पैरो को पकड़कर चाटने लगी. उसके उसकी एडी से स्टार्ट करके घुटने तक की स्किन को किस करा फिर उसके चूतड़ को पकड़कर किस करने लगी.

"ओह माइ गॉड, अरुण ठीक कहता है. यू हॅव बेस्ट आस इन दा फॅमिली."

आरोही उसकी बात सुनके हंसते हुए अपनी गान्ड को हिलाते हुए उसे रिझाने लगी. सुप्रिया ने अपना मूह खोलकर दांतो से उसके चुतड़ों पर काट लिया और जगह जगह लव बाइट्स छोड़ने लगी.


"ऊहह," आरोही ने मुड़कर उसे आँख मारते हुए कहा.."आप सही मे दिन ब दिन किकी होती जा रही हो."


सुप्रिया ने जीभ निकाल उसके चुतड़ों के हर हिस्से को चाट लिया फिर घुटनो से लेकर पैरो की जड़ तक दोनो जाँघो को किस करने लगी. उसकी चूत पर पहूचकर उसने जीभ को पट करके रखा तो आरोही की चूत खुद उपर उठकर उसे न्योता देने लगी. उसने भी देर ना करते हुए उसके पैरो को पकड़कर फैला दिया और अपनी जीभ को नॉकदार करके चूत के अंदर डाल दिया. अंदर डाल कर वो लंड की तरह अपने मूह से आरोही को चोदने लगी.


कुछ ही देर मे आरोही तेज़ी से झड़ने लगी तो सुप्रिया ने उसे पलटने का मौका दिया और उसके पलटते ही जल्दी से उसके रस को पीने लगी. आरोही मस्ती मे आँखें बंद करके उसके सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी.


अचानक सुप्रिया ने उसकी क्लाइटॉरिस को मूह मे रख के अंदर खीच लिया तो आरोही को ओर तेज़ी से झटके लगने लगे.

"ओह माइ गॉड,,,दीईइ...." आरोही की चूत से एक के बाद एक रस की धारा फूटने लगी.

सुप्रिया बिना एक पल गवाए उसे सारे कमरस को चाट गयी. 

"पसंद आया?" सुप्रिया ने पूछा फिर चूत से लेकर पेट के रास्ते उसके मूह तक चाटते हुए पहुचि और दोनो की जीभ एक दूसरे से गुथ गयी.

"आइ लव यू दी.उम्म्म.." आरोही बस इतना बोलकर उसे किस करने लगी.

***************************


जैसे जैसे पानी उसकी मसल्स के उपर पड़ता रहा वैसे वैसे चुदाई की महेक और दिन भर का पसीना उसके साथ सॉफ होता चला गया. इतने दिनो मे जो कुछ उसने पाया था उसके बारे मे सोच कर अरुण मुस्कुराए बिना नही रह सका. उसकी जिंदगी मे 4 खूबसूरत, सेक्सी लड़कियाँ थी जिनको वो जब चाहे तब चोद सकता था, या फिर वो चोद सकती थी. 

लेकिन इस रिया के बारे मे उसे कुछ करना पड़ेगा. रिया सही है, लेकिन वो उसे दिल से कभी उस तरीके से पसंद नही कर पाएगा. उपर से उसके लिए उसकी 4 बहनें ही काफ़ी थी.

"काफ़ी जैसा कुछ नही होता." अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ ने अरुण को समझाते हुए कहा

आवाज़ को इग्नोर करते हुए अरुण ने शवर बंद किया फिर अपने रूम मे टवल निकालकर बेड पर लेट गया.

"तो अब मुझे इग्नोर किए जा रहा है?" आवाज़ ने गुस्सा करते हुए कहा

"नही, थक गया हूँ, ईडियट. कल रात भी देर तक जागता रहा, और आज अभी सेक्स करके आया हूँ. कुछ तो आराम की ज़रूरत पड़ेगी ना." अरुण ने अपने मन मे कहा

"यॅ, यॅ, असली मर्द होता तो बाकी तीनो को भी चोद कर आता. तू मरने के बाद भी तो सो सकता है." आवाज़ ने अरुण को ताना मारते हुए उसके दिमाग़ मे कहा

"शायद मैं असली मर्द हूँ ही नही," अरुण ने तकिये मे ही बोल दिया. "और अगर मैने थोड़ा आराम नही किया तो पक्का मर जवँगा."

जल्दी ही नींद ने उसे अपने अघोष मे ले लिया और उसके मन को सेक्स ड्रीम्स ने. पहले सपने मे कई सारी रिया नंगी होकर उसके पीछे दौड़ रही थी, और जब वो हाथ आया तो उसके लंड को उसके शरीर से अलग करने मे लग गयी. अगला सपना थोड़ा सुकून का था, इसमे सुप्रिया थी. वो उसके लंड को चूस्ते हुए बड़े ही प्यार से उसकी ओर देखे जा रही थी.

नींद मे ही अरुण को अपने शरीर के पास कुछ गर्म गर्म अहसास हुआ तो उसने आँखें खोलने की कोशिश की. उसने थकि हुई आँखो से घड़ी की तरफ देखा तो अभी 12:43 हुए थे. फिर अपने पास सोनिया को लेटा हुआ पाया. वो सुकून से सो रही थी, उसका एक हाथ अरुण के सीने पर और पूरे चेहरे पर बाल बिखरे हुए थे. अरुण ने बड़े प्यार से उसे देखा फिर आराम से उसके चेहरे से बाल हटाने लगा.

उसने अरुण की ही शर्ट पहेन रखी थी तो ये देखकर अरुण को हल्की सी हँसी आ गयी. अरुण उसकी मासूमियत मे खोता ही चला गया. अरुण उसके चेहरे की तरफ देख कर सोचने लगा कि ऐसे तो वो घंटो तक बैठकर उसे देख सकता है.

तब तक सोनिया भी नींद से जागने लगी, उसने आँखें खोलकर अरुण की ओर देखा फिर मुस्कुरा दी.

"हाई," अरुण बोला.

"हाई," उसने जवाब दिया. फिर उसके पास और चिपक गयी और आँखें बंद करके उसके पास होने के अहसास का मज़ा लेने लगी. "आइ मिस्ड यू, भाई," उसने सीने पर किस करते हुए कहा.

"आइ मिस्ड यू टू," उसने भी वापस उसके सिर पर किस करते हुए कहा.

सोनिया पलटकर उसके दूसरे तरफ मूह करके लेट गयी तो अरुण ने उसकी कमर से उसके पेट मे हाथ डाल कर अपने पास खीच लिया. अरुण को अपनी कमर पर उसकी स्किन की गर्माहट महसूस हुई तो वो मुस्कुराए बिना नही रह सका, सोनिया ने उसकी शर्ट के अलावा कुछ नही पहना था. अरुण ने अपना एक हाथ शर्ट के अंदर डाल कर धीरे से एक दूध को पकड़कर उसके निपल को उंगलियों से रगड़ने लगा. उसके होठ धीरे से गर्दन पर कसते चले गये जो किस करते हुए इधर उधर होने लगे. एक पल भी बिना गवाए उसका लंड खड़ा होने लगा और कुछ ही किस्सस के बाद वो सोनिया की जांघों को रगड़ रहा था.

सोनिया उसके लंड का अहसास चूत के इतने पास पाकर मुस्कुराने लगी. उसने हाथ बढ़ा के 2 उंगली अपनी चूत मे डाली फिर उन भीगी उंगलियों से लंड को भिगोने लगी. अरुण उसके छूने से ही सिसक पड़ा, कुछ देर के लिए वो बस उसके हाथ को अपने लंड पर महसूस करने लगा, जिसे सोनिया अब अपनी चूत के छेद पर रगड़ कर धीरे धीरे अंदर की ओर बढ़ा रही थी. एक सिसकी के बाद उसका सुपाडा चूत के अंदर था और सोनिया अपनी कमर हल्के हल्के हिलाकर उससे मज़े कर रही थी. अरुण ने भी अपने धक्के धीरे धीरे तेज कर दिए और उसे अपने करीब खीच कर किस करने लगा.

थोड़ी ही देर मे चूत की दीवारे कसमसा कर ऑर्गॅज़म के करीब पहुचने लगी. अरुण ने भी एक हाथ उसके दूध पर कस के दबा के अपना वीर्य उसके साथ ही चूत मे गिरा दिया.

"आइ लव यू, सोनिया," उसने धीरे से कहा, उसका लंड हल्के हल्के झटको के साथ उसके अंदर अपना जूस उगल रहा था.

"गॉड," वो मज़े से धीरे से बोली और अपने गाल को उसके गाल से रगड़ने लगी, उसकी चूत भी हर झटके के साथ कांप रही थी,"आइ लव यू टू, भाई."

दोनो ऐसे ही लगभग एक घंटे तक एक दूसरे की बाहों मे लेटे रहे. पूरे टाइम तक अरुण ने लंड को चूत से बाहर नही निकाला. दोनो बिना कुछ बोले लेटे रहे, बस एक दूसरे के साथ का भरपूर मज़ा ले रहे थे.

आख़िर मे सोनिया धीरे से पलटी और उसे किस करके रूम से चली गयी.

अरुण उसके बाद कुछ देर लेटा रहा फिर तय्यार होकर नीचे जाने लगा.

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