RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
सूरज की किरणें उसके कमरे मे दाखिल हुई तो उसे उठने के लिए विवश करने लगी. अरुण ने अपनी मिड्ल फिंगर सूरज की तरफ कर दी और चादर सिर पर डाल कर दूसरी तरफ मूह मोड़ लिया. लेकिन कुछ देर बाद उसे उठना ही पड़ा तो वो नीचे आधी आँखें खोले बाथरूम मे चला गया और नहा कर वापस उपर जाने लगा. उपर पहुचा ही था कि आरोही अपने कमरे से जमुहाइ लेते हुए बाहर निकली. उसे देख कर आरोही ने गुड मॉर्निंग बोला और उसके गले लग गयी. अरुण को उसका बदन बहुत ही गर्म और सॉफ्ट फील हुआ तो उसने भी कस कर उसे बाहों मे भर लिया. फिर उसके गाल पर किस करके अपने रूम मे चला गया उधर वो बाथरूम की तरफ जाने लगी.
अरुण कपड़े चेंज करके जब नीचे आया तो स्नेहा और कुछ एक लड़कियाँ मिल्कशेक बना रही थी. सुप्रिया ब्रेकफास्ट बनाने मे जुटी थी. अरुण किचन के अंदर फ्रिड्ज के पास जाने लगा तो स्नेहा ने नज़रे उठाकर उसे देखा लेकिन जल्दी ही नज़रे फेर ली.
"मुझे दी से बात करनी ही पड़ेगी." अरुण ने सोचा.
"गुड मॉर्निंग स्वीतू," सुप्रिया उसके सिर को चूम कर बोली. उसने भी जवाब मे उसे विश किया फिर पानी लेकर डाइनिंग टेबल पर बैठ गया और आपल खाने लगा. जब बाकी लड़कियाँ वहाँ आई तो अजीब सा सन्नाटा छा गया वहाँ, सब छुपी हुई नज़रो से अरुण को ही देख रहे थे. लेकिन तुरंत ही गॉसिप से वो चुप्पी ख़तम हो गयी. कोई भी रात वाली बात नही कर रहा था. अरुण इसके लिए भगवान का बार बार शुक्रिया कर रहा था. उसे लगा कि अभी नाश्ते मे थोड़ा टाइम है तो वापस अपने रूम की ओर जाने लगा. अभी उसने पहली सीधी पर कदम रखा ही था की उसे कुछ सुनाई पड़ा.
सुप्रिया नाश्ता बनाते हुए श्रुति से बात कर रही थी.
"तो, कल रात अरुण के रूम मे कौन घुस गया था?" पायल ने सबकी तरफ देखते हुए पूछा.."तुम लोगो को अरुण की चीखने की आवाज़ें सुननी चाहिए थी."
सभी की नज़रे एक दम रिया पर आके टिक गयी तो वो अपना सिर हिला के इनकार करने लगी. "मैं नही थी, सच्ची" वो बड़ी मायूसी और मासूमियत से बोली.
"कम ऑन रिया," सृष्टि को उसकी बात का यकीन नही हुआ,"तेरी नज़र तबसे थी अरुण पर जबसे हम लोग यहाँ आए हैं और उपर से मैने और नैना ने तुझे कमरे से बाहर निकलते देखा है. और उपर से जब अरुण हॉल से भाग रहा था तो उसकी बॉडी पर एक भी कपड़ा नही था."
तो रिया तेज़ी से सिर हिलाने लगी. "पायल, रियली मैं नही थी. मैं गयी थी लेकिन तब वो कंप्यूटर पर बैठने का बहाना कर रहा था."
"तो फिर कौन हो सकता है?" आरोही जासूसी वाली शक्ल बना कर बोली. सुप्रिया को आरोही का लहज़ा सुन के बड़ा अजीब लगा. एक तो सुप्रिया को गुस्सा आ रहा था कि उनके अलावा कोई दूसरा भी उनके भाई को पसंद करने लगा था. लेकिन तब भी वो अपने चेहरे से अपनी गुस्सा झलकने नही दे रही थी लेकिन आरोही तो थी ही आरोही. वो मामले की जड़ तक पहुचने से पहले नही रुकने वाली थी.
"रिया!" आरोही गुस्से से उसकी ओर देखते हुए बोली. "तू ही थी ना?"
रिया ने उसे इग्नोर कर दिया और चारो तरफ देखने लगी. उसे खुद शक था कि कोई और भी था अरुण के रूम मे. वो चारो तरफ देख कर सबकी हरकते देख रही थी. स्नेहा सिर झुका कर बैठी थी और उनकी बातचीत को इग्नोर करने की पूरी कोशिश कर रही थी. एक दम से उसे झटके के साथ पूरी बात समझ मे आ गयी. स्नेहा दी ही थी! पक्का यही थी!
"ओह माइ गॉड!" उसने सोचा. स्नेहा ने नज़रे उठाकर एक बार उसकी तरफ देखा तो उसे अपनी तरफ अजीब नज़रो से देखता पाया तो तुरंत ही आँखें चुरा कर नीचे कर ली. तो स्नेहा दी अपने ही भाई के साथ सेक्स किया. ये लाइन उसे उत्तेजित भी कर रही थी और उसे थोड़ा अजीब भी फील हो रहा था. उसके दिमाग़ मे तुरंत ही एक खुराफाती प्लान जन्म लेने लगा जिससे जो वो चाहती थी वो पा सकती थी.
"रियाअ!" आरोही अपने हाथ मोड़ते हुए गुस्से से उसे देखने लगी.
रिया ने एक बार स्नेहा की ओर देखा फिर कुछ सोच कर अपना सिर हां मे हिलाने लगी. "ओके, ओके, मैं ही थी."
सुप्रिया ने अपना हाथ आरोही के कंधे पर रख कर उसे शांत रहने का इशारा करने लगी. "अरुण की प्राइवेट लाइफ से हमे कोई मतलब नही है," उसने कंधे को धीरे से दबाते हुए कहा.
आरोही ने एक बार गुस्से से सुप्रिया को देखा जैसे पूछ रही हो "सीरियस्ली दी?", लेकिन फिर उसकी बात समझ गयी कि वो एक बहेन के नाते कुछ ज़्यादा ही रिएक्ट कर रही थी. सुप्रिया की आँखों मे भी गुस्सा और दर्द था लेकिन वो खुद पर कंट्रोल कर रही थी.
फिर सबने ऐसे ही चेटर पाटर करते हुए नाश्ता ख़त्म किया, लेकिन तब तक आरोही, सुप्रिया और सोनिया का मूड थोड़ा खराब हो चुका था, तो सभी विश करके एक एक करके जाने लगे.
"दोबारा पार्टी करना तब भूलना मत," आकांक्षा ने कहा तो सब यही कहने लगी.
"ऑफ कोर्स यार, जल्दी ही करेंगे." सुप्रिया, और बाकी बहने ये कहते हुए सबको बाहर भेजने लगी.
स्नेहा तो अपने रूम मे चली गयी थी लेकिन बाकी तीनो हॉल मे आई. जैसे ही आख़िरी स्कूटी की आवाज़ आनी बंद हुई ही..घर मे एक ज़ोर की आवाज़ गूँज़ी..
"अरून्न्ञनननणणन्...." तीनो की आवाज़ एक साथ गुस्से से गूँज़ी.
अगले ही पल अरुण अपने रूम से भागता हुआ नीचे आया कि जाने क्या हो गया, कही किसी के कुछ चोट तो नही लग गयी. लेकिन वो आधी सीढ़ियाँ पार ही कर चुका थी कि उसे चार मे से तीन बहने गुस्से मे उसकी ओर देखती हुई दिखाई दी. अब उसकी गान्ड फटने लगी. "आज सही मे जान जाने वाली है?"
आधी सीढ़ियाँ वो धीरे से चलता हुआ आया और धीरे से टेबल के पास आके खड़ा हो गया.
"अरुण, अगर चाहते हो कि आगे की जिंदगी मे हम लोग तुम्हे एक भाई की तरह ट्रीट करे और तुमसे प्यार से बात करे तो हम लोग जो पूछे उसका जवाब सिर्फ़ सच और सिर्फ़ सच मे ही देना," आरोही ने बात को अपने हाथो मे लेकर कहा.
अरुण ने बड़ी मुश्किल से थूक निगला फिर बहुत ही धीमे से बोला.."ओके."
"मैं भी तेरी जान ले लूँगा अगर इनमे से एक भी चूत दूर गयी तो."
"कल रात तुमने सेक्स किया था?" आरोही ने पूछा.
अरुण का सिर घूमने लगा. "अब इसका क्या जवाब दूँ?"
"भाई, प्लीज़, इस वक़्त सिफ सच बोल..प्लीज़."
"ओके, ओके.."
"हां." उसने धीरे से बोल दिया.
"अच्छा, तो मेरे साथ तो कुछ हुआ नही, तो दी या फिर सोनिया मे से ही कोई होना चाहिए..है ना."
"मैं नही थी." सुप्रिया ने अपने हाथ मोड़ कर उसे गुस्से से देखते हुए कहा.
"मैं भी नही." सोनिया ने बहुत ही धीमे से कहकर नीचे देखने लगी. अरुण ने उसकी आँखों मे दर्द की लहर देख ली थी. अरुण का दिल उस वक़्त रोने का हो रहा था. वो सपने मे भी सोनिया को रुलाने के बारे सोच नही सकता था.
"सुन लिया, अरुण?" आरोही चिल्ला कर बोली. "किस कुतिया के साथ मूह काला कर रहे थे तुम?"
"आरोही, थोड़ा आराम से" सुप्रिया ने उसे पकड़कर कहा फिर गुस्से से ही अरुण को देखते हुए पूछा.."अरुण जवाब दो.."
अरुण के दिमाग़ मे एक साथ हज़ार चीज़े चलने लगी. "यार स्नेहा दी से बिना पूछे मैं, हमारा सीक्रेट नही बता सकता, उनका दिल टूट जाएगा. उससे बढ़िया है कि मैं झूठ बोल दूँ. क्या करूँ यार?"
"मैं..मैं नही बता सकता." अरुण ने थोड़ी देर बाद कह दिया.
"क्या मतलब, नही बता सकते." सुप्रिया ने गुस्से से टेबल पर हाथ पटकते हुए कहा. सोनिया और आरोही की नज़रो मे गुस्से के साथ साथ एक दर्द भी झलकने लगा. कि आख़िर अरुण किसे बचाने की कोशिश कर रहा था जिसे बचाने के लिए वो उन से भी दूर होने को तय्यार था.
"मैं बता सकती हूँ," पीछे से एक बहुत ही धीमी आवाज़ उनके कानो मे पड़ी.."वो मैं थी."
तीनो के सिर एक साथ पीछे से आती आवाज़ की तरफ मुड़े तो स्नेहा आ रही थी उनकी तरफ.
"व्हाट?" आरोही के मूह से बा इतना ही निकला.
"स्नेहा?" सुप्रिया बोली.
केवल सोनिया ने कुछ नही कहा, बल्कि उस के चेहरे पर तो आराम के भाव आ गये थे और हल्की सी स्माइल. अरुण ने ये देखा तो उसे तुरंत ही थोड़ा अच्छा फील होने लगा. लेकिन फिर स्नेहा के लिए टेन्षन होने लगी.
"हां. मैं ही थी," स्नेहा दोबारा कहकर शांति के साथ चेयर पर बैठते हुए बोली. "मुझसे और ज़्यादा कंट्रोल नही हुआ." उसने सुप्रिया और आरोही की आँखों मे सीधा देखते हुए कहा. "अरुण तुम लोगो को नही बता रहा था क्यूकी वो मुझे हर्ट नही करना चाहता है."
उसके बाद कुछ देर तक कमरे मे शांति छाइ रही. सब इस नयी जानकारी को समझने की कोशिश कर रहे थे.
"तो, अगर कमरे मे तुम थी...." सुप्रिया ने कहना शुरू किया.
"तू उस रिया की बच्ची ने क्यूँ कहा कि वो थी?" आरोही ने मुड़कर अरुण की ओर देखते हुए पूछा.
"मैं बताऊ. मुझे लगता है उसे पता चल गया कि कल रात अरुण के रूम मे मैं थी," स्नेहा को सारी बात समझ मे आने लगी. "ओह गॉड, अब उसे ये भी पता है कि अरुण अपनी एक बहेन के साथ सेक्स करता है." वो अरुण की ओर देखते हुए बोली.
"फक," अरुण के मूह से निकल गया. इस बात को सुन कर उसकी सिट्टी पिटी गुम होने लगी.
"कम डाउन, अरुण." सुप्रिया बोली.
"कम डाउन? दी, हम लोग जो कर रहे हैं वो इल्लीगल है. मुझे जैल भी हो सकती है. और आप लोगो की बेइज़्ज़ती होगी वो अलग!" उसने अपने से ज़्यादा अपनी बहनों की चिंता सताने लगी.
"ऐसा कुछ नही होने वाला, तुम इतना मत परेशान हो." सुप्रिया उसका हाथ पकड़कर उसे बैठाते हुए बोली.
"फिर भी," आरोही के चेहरे पर भी चिंता की लकीरे उभर आई थी. उसका गुस्सा भी ठंडा हो चुका था. "हमे उस से बात तो करनी ही पड़ेगी, पता नही उस चुदैल को क्या चाहिए होगा इस बात को सीक्रेट रखने के लिए."
"मुझे शायद पता है कि वो क्या करने वाली है," सोनिया सबकी ओर देखते हुए बोली.
"ब्लॅकमेल?" आरोही ने पूछा.
"ब्लॅकमेल." स्नेहा ने अपनी सहमति दी.
"चुड़ैल नही तो," आरोही गुस्से मे बोली.
"वेट, ..व्हाट? हे, भगवान..." अरुण अपना सिर पकड़कर बैठ गया.
"ओये, मेरी लाइन है ये."
"अरुण ने उसे इग्नोर कर दिया और अपनी बात कहने लगा,"मुझे तो वो
पसंद भी नही है. और उसने तो सबके सामने एक तरीके से मेरा रेप ही कर डाला था तुम चारो ने एक बार भी उसे रोकने की कोशिश नही की थी. और उसके बाद तुम लोग मेरी उस कंडीशन के लिए मुझे ही गुस्सा दिखा रहे हो? अब मैं क्या करूँ कि वो मेरे रूम मे सेक्स करने के लिए आ गयी?"
"अरुण, पॉइंट ये है कि तुमने उसे रोका भी नही. अगर वो तुम्हारे साथ सेक्स करने आई थी तो तुम मना भी कर सकते थे," सुप्रिया बोली.
"वो अंदर आई थी, और हमे मतलब दी और मुझे डिस्टर्ब किया था. तो जल्दी मे दी को बेड के नीचे छुपना पड़ा. फिर उसने हमारे बीच वो..चीज़े स्टार्ट करने की कोशिश करी. लेकिन जब मैं जल्दी से खड़ा हुआ तो उसका दम घुटते घुटते बचा."
"वेट, वेट..दम घुटने से क्या मतलब है?" आरोही ने पूछा.
"शी वाज़ गिविंग हिम आ ब्लोवजोब." स्नेहा ने भी थोड़ा गुस्से से उसे देखते हुए कहा.
"शी वाज़ गिविंग यू ब्लोवजोब?" आरोही की आँखों मे दोबारा अँगारे उभर आए थे.
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