RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
रिया के चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान खिल उठी और वो अचानक अंदर आ गयी. "सो, यू वांटेड टू फक मी?", वो उसकी चादर की किनारी पकड़ते हुए बोली.
"फक, ये क्या हो गया." अरुण ने मन मे खुद को थप्पड़ मारते हुए सोचा. आवाज़ सही सलाह दे रही थी, ये इतना अच्छा आइडिया भी नही था. उसने सोचा था कि रिया शरमा कर भाग जाएगी लेकिन यहाँ तो दावं ही उल्टा पड़ गया था.
"तूने मेरी बात नही मानी ना अब देख.." अरुण के दिमाग़ मे उस आवाज़ ने कहा
रिया धीरे धीरे उसकी चादर खिच रही थी. अरुण अपने मन मे सेक्सलेस थॉट्स सोचने लगा.."मरी हुई कुतिया, बंदर, मेला..भगवान.."
"स्नेहा तेरा लंड चूस रही है, तू सुप्रिया को वॉशिंग मशीन पर झुकाकर चोद रहा है, आरोही की मस्त गान्ड..."दिमाग़ मे आवाज़ ने अरुण की खिल्ली उड़ाते हुए कहा
"शट दा फक अप!" अरुण बड़ी तेज़ी से चीख पड़ा तो रिया चादर छोड़कर डर से उसे देखने लगी.
"व्हाट..?" वो पूछने लगी.
"रिया..मैं.." वो अपनी सफाई देने लगा,"आइ'म सॉरी, दिस ईज़ एंबॅरसिंग."
रिया दुखी नज़रो से उसे देखती हुई बेड पर बैठ गयी तो अरुण का हलक सुख गया. अगर चादर हट गयी तो सारा भंडा फुट जाएगा.
"तो तुम इतने एग्ज़ाइट हो गये कि तुम्हे मास्टरबेट करना पड़ा? तुमने आकर मुझे क्यूँ नही जगा लिया?" रिया अपनी टी शर्ट उतारते हुए कहने लगी.
"रिया..प्लीज़..नो.." अरुण उसे रोकने की कोशिश करने लगा, उसे अपनी कब्र सामने दिखाई देने लगी.
"अरुण, कम ऑन, आइ नो यू नो दट आइ लाइक यू. यू कॅन डू व्हाटेवेर यू लाइक," उसने ये कहते हुए टीशर्ट को निकाल दिया फिर उसके हाथ नीचे अपनी पैंटी पर पहुचने लगे,"आइ लाइक यू. आइ लाइक यू आ लोग," उसने ये कहते हुए पैंटी निकाल दी फिर अरुण का हाथ पकड़ने लगी.
"अब मत छोड़ना इस चूत को." दिमाग़ मे आवाज़ ने अरुण को कहा
अरुण का दिमाग़ घोड़े की तरह भागने लगा. उसे इस सिचुयेशन से बचने का कोई भी रास्ता नही सूझ रहा था. "रिया, आइ लाइक यू टू. लेकिन आइ थिंक हमे इतनी जल्दबाज़ी नही करनी चाहिए. वी नीड टू टेक इट स्लो. तुम समझ रही हो ना." अरुण अपनी बात उसे समझाने की कोशिश करने लगा.
ये सुनकर रिया उसे दुखी होकर देखने लगी. "अरुण.."
अरुण चारो तरफ देखकर सोचने लगा कि क्या कहे कैसे कहे.
"यार अब देख वो यहाँ से जाने वाली तो है नही. उपर से अपने सामने नंगी बैठी है. अब तो तेरे पास केवल 2 ऑप्षन्स हैं या तो चोद दे नही तो उसके सिर पर मार कर बेहोश कर दे." अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ ने आइडिया दिया
"व्हाट दा फक ईज़ रॉंग वित यू," उसने जल्दी से सोचा.
"तो चोद ना. यही ऑप्षन है तेरे पास अब." अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ ने अपनी राय देते हुए कहा
"स्नेहा दी बेड के नीचे हैं, मादरचोद." अरुण ने अपने दिमाग़ की आवाज़ को डाँटते हुए कहा
"हां, तो इसे चोदने के बाद तू उसे भी चोद सकता है. कोम्बो ऑफर." अरुण के दिमाग़ में आवाज़ ने अरुण को समझाते हुए कहा
"अरुण," रिया खड़ी हुई तो उसके गुलाबी निपल्स बिल्कुल तने हुए थे,"आइ रियली वॉंट यू."
"आइ कॅन'ट," उसने बोलना शुरू किया फिर जो कुछ मन मे आता चला गया बोलता गया.."मैं पहले ही फिनिश कर चुका हूँ, और अब कुछ नही हो सकता."
"हां जैसे उसकी तो आँखें खराब है ना जो इस मूसल को खड़े हुए नही देखेगी." अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ ने कमेंट पास करते हुए कहा
अरुण उसकी ओर से आँखें उठाकर होठ काटते हुए इधर उधर देखने लगा. रिया ने उसके उपर से चादर एक दम खीची तो लंड बिल्कुल तना हुआ खड़ा हुआ था.
"तो फिर ये क्या है?" उसने कहा और उसकी तरफ हाथ बढ़ाने लगी."अगर ये नॉर्मल स्टेट है, तो एग्ज़ाइट होने पर तो मैं पागल ही हो जाउन्गी."
"यअहह.."
अरुण ने अपना हाथ बढ़ाकर उसका हाथ थाम लिया. "रिया, प्लीज़. ट्राइ टू अंडरस्टॅंड."
रिया ने लेकिन उसे अनसुना कर दिया और उससे हाथ छुड़ाकर आगे बढ़कर लंड को पकड़ लिया.
"ओह"
"अरुण, लव, बस एक बार मुझे अपना बना लो. प्लीज़." वो बहुत ही मासूम सी शक्ल बना कर बोली.
अरुण के सारे सेन्सस ने डर और एग्ज़ाइट्मेंट मे काम करना बंद कर दिया था. और फिर रिया अपने घुटनो पर बैठ कर अपने मूह को आगे बढ़ने लगी.
"होने दे, होने दे.."अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ ने उत्तेजित होते हुए कहा
रिया की जीभ लंड पर पड़ते ही अरुण की आँखें बंद होती चली गयी.
स्नेहा ने जब ये देखा तो उसने बेड के नीचे से हाथ निकालकर उसके पैर पर चिकोटी काट ली.
"आहह..." अरुण चिल्ला कर कुदा तो लंड रिया के मूह मे अंदर तक घुसता चला गया. इसके कारण रिया का दम घुटने लगा. उसने जल्दी से मूह को लंड पर से हटा लिया.
"अरुण, ये क्या बदतमीज़ी है?" रिया भी चिल्ला कर पूछने लगी लेकिन तब तक अरुण तेज़ी से रूम से बाहर की ओर भाग रहा था.
अरुण सीढ़ियों से नीचे भाग रहा था 2 लोगो से टकरा गया, जो पायल और नैना थी. टकराते ही तीनो गिर पड़े तो अरुण जल्दी से उनके बीच से उठने की कोशिश करने लगा. इस कोशिश मे किसी का हाथ उसके लंड से टकराया तो पुरे घर मे सरप्राइज मे चीखें गूँज़ उठी.
"वाउ," जाने किसकी आवाज़ आई तब तक दूसरा हाथ अरुण के लंड पर पड़ा. अरुण बड़ी सावधानी से वहाँ से छूटा और भागता हुआ बॅकयार्ड मे चला आया. उसे कहीं कुछ सूझ नही रहा था तो सीधा जाकर ठंडे पूल मे कूद पड़ा. कुछ देर वो पूल मे स्विम्मिंग करता रहा. घर की तरफ ध्यान दिया तो अंदर से काफ़ी आवाज़ें आ रही थी लेकिन कुछ भी समझ नही आ रहा था.
"तेरी लगने वाली है." अरुण के दिमाग़ में उस आवाज़ ने कहा
"शट अप्प्प." अरुण ने झल्ला कर मन में सोचा
वो तब तक पूल मे रहा जब तक उसका खड़ा लंड बैठ नही गया. अब तक पूरा घर जाग गया था, और सब लोग जो कुछ हुआ था और जो नही हुआ था उसके बारे मे बहस करने मे लगे हुए थे.
अब कुछ किया नही जा सकता. और वो किसी को पूरी बात समझा भी नही सकता था.
कुछ देर वो ऐसे ही सोचता रहा फिर आवाज़ से बोला,"यू नो व्हाट?"
"नही मुझे कुछ नही पता. क्या?" दिमाग़ की आवाज़ ने कहा
"फक इट." अरुण ने सोचा
"किसकी मारनी है...वेट..अरुण..मेरे भाई..सब ठीक है ना?" अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ ने चिंतित होते हुए कहा
उस वक़्त उसके मन की आवाज़ उसके लिए सही मे चिंतित लग रही थी. अरुण पानी से बाहर निकला तो उसका नंगा बदन पानी की बूँदो से भीगा हुआ था. उसने हिम्मत बटोर कर पीछे का दरवाजा खोला और एक हाथ लंड पर रख के सीधा सीढ़ियों की तरफ जाने लगा. लेकिन हाथ रखने से कोई फ़ायदा हो नही रहा था, अंदर का माहौल देख कर डर से तो उसकी फटी जा रही थी लेकिन सेक्सी लड़कियों को छोटे छोटे कपड़ो मे देखकर उसका लंड दोबारा खड़ा होने लगा.
उसको देख कर कुछ एक मूह से आवाज़ें निकल गयी. कुछ के मूह खुले रह गये.
"अरुण.." सुप्रिया अपने मूह पर हाथ रख के बोली.
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