RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
"आए हेलो, हँसना नही है. पहले मुझे कह कर बताओ. कहो 'आइ वॉंट टू फक अरुण' नही तो जवाब भूल जाओ." आरोही एक शातिर मुस्कान के साथ बोली.
स्नेहा ये सुनकर गुस्से से उसे देखने लगी लेकिन आरोही उसे इग्नोर करके अपने काम मे जुट गयी. उसे पता था कि अगर कोई सवाल स्नेहा ने किया हो और उसका जवाब उसे ना मिले तो उसका खाना पीना तक छूट जाता है.
"ओके, लोमड़ी की माँ. कहती हूँ मैं." आख़िर स्नेहा ने अपनी हार मानकर बहुत ही धीमे स्वर मे कहा.."आइ...वॉंट टू...फ.फक...अरुण."
"आएँ?? किसी ने कुछ कहा क्या?? कुछ सुनाई नही दे रहा??" आरोही अपने कान पर हाथ लगाकर सुनने की आक्टिंग करने लगी.
अब तो स्नेहा उसे और गुस्से से देखने लगी लेकिन आरोही उसकी परवाह किए बिना अपनी आक्टिंग करती रही.
"ओके, आइ वॉंट टू फक माइ ब्रदर..अब खुश" स्नेहा उसके कान के पास चिल्ला कर बोली. आरोही वही पर पेट पकड़कर हँसते हुए बैठ गयी. कुछ ही पलों मे उसने स्नेहा को भी नीचे खीच लिया तो स्नेहा भी उसके साथ बैठकर हँसने लगी. आरोही ने उसके गले मे हाथ डाल कर उसका गाल चूम लिया.
"नाउ दट'स लाइक माइ 'हॉर्नी' सिस्टर.." आरोही ने हॉर्नी पर ज़्यादा ही ज़ोर दिया तो स्नेहा ने उसके सिर पर हाथ मार दिया.."ओके सॉरी बाबा. तो मुझे अपने भाई के साथ सेक्स मे सबसे ज़्यादा क्या पसंद है? काफ़ी टफ क्वेस्चन है. काफ़ी कुछ है पसंद करने को. मेरा मतलब, उसकी बॉडी इतनी अच्छी है और उसे हमेशा पता होता है कि आपको क्या पसंद है. आपके दर्द का पूरा ख़याल रखता है. हां, अभी वो शर्त वाले ड्रामे के बाद उसकी और सुप्रिया दी की आवाज़ें तो आपने भी सुनी होगी लेकिन दी बता रही थी दट वाज़ दा बेस्ट."
स्नेहा बड़े ध्यान से उसकी बातें सुन रही थी. "और जब उसने पहली बार मेरे साथ किया तो ही ट्रीटेड मी लाइक ऐन एंजल. उस वक़्त वो चाहता तो कुछ भी कर सकता था लेकिन उसने मेरे दर्द का पूरा ख़याल रखा. गॉड दी...ही वाज़ ग्रेट."
स्नेहा उसकी बात सुनके अपने हाथ रगड़ती रही और इन सब चीज़ो को इमॅजिन करके गर्म होने लगी. "वाउ!!" ये कहकर वो वहाँ से उठी और सोफे पर रखे कुशान्स को ठीक करने लगी.
"तो तुम लोग क्लाइमॅक्स.. के बाद क्या करते हो?"
आरोही उसके सवाल को सुनकर आइब्रोज सिकोड़ने लगी..."मुड़कर उसकी बाहों मे सो जाती हूँ? और क्या?"
"अरे बावली, मेरा मतलब है उसके क्लाइमॅक्स के बाद क्या करती हो." स्नेहा ने पूछा
उसकी बात समझ मे आने पर आरोही के मूह से उसी की तरह ओह निकल गया.
"मैं उसे अपने अंदर एजॅक्यूलेट होने देती हूँ कि नही? हां अभी दो बार तो होने दिया. लेकिन आगे आइ गेस मैं उसके जूस को अपने उपर भी लूँगी..हां स्पेशली मूह मे." आरोही ने कहा
स्नेहा मुड़कर उसे देखने लगी. "वो उसका...वो..जूस..बेकार नही लगता है?"
आरोही उसके मासूम से सवाल पर हँस पड़ी. "आइ थिंक कुछ लोगो का करता होगा. लेकिन कमऑन दी, ये हमारा भाई है जिसे हम लोग प्यार करते हैं. हां, मानाकी चॉक्लेट की तरह टेस्ट नही होता, सो सॅड, लेकिन फिर भी इट्स यम्मी." आरोही आँखें बंद करके चटकारा लेते हुए बोली.
स्नेहा ने अपना थूक निगला फिर अगला सवाल किया. "क्या पहली बार मे काफ़ी दर्द होता है?"
"फर्स्ट टाइम सेक्स मे?"आरोही ने पूछा
स्नेहा ने हां मे सिर हिला दिया.
"हां थोड़ा हुआ था लेकिन कुछ ही देर के लिए. आइ थिंक अरुण ने मेरा पूरा ध्यान रखा कि मुझे ज़्यादा तक़लीफ़ ना हो. मेरी कुछ फ्रेंड्स ने तो कहा था कि जान ही निकल जाती है पहली बार मे. लेकिन जब सुप्रिया दी ने उसे समझाया था तो उसने मेरे साथ भी प्यार से ही किया. तो टेल यू दा ट्रूथ मेरे आसू निकले थे लेकिन मुझे ख़ुसी भी काफ़ी थी और उसके बाद इट वाज़ अमेज़िंग." आरोही सपना देखते हुए बोली.
स्नेहा उसके हर शब्द को अपने अंदर समेटते हुए सोचने लगी. फिर वो ऐसे ही सवाल पूछते पूछते इधर उधर उसके साथ घूमने लगी.
कुछ देर बाद अपने सभी सवालो के आन्सर्स मिल जाने पर वो शांत हो गयी. आरोही ने तब उसकी ओर देखा तो उसने उसके कपड़ो पर ध्यान दिया. स्नेहा ने कॅप्री और पतली सी टीशर्ट पहनी थी जो उसके दूधों से चिपकी पड़ी थी.
"तो दी, मैं एक बात पुछू. अरुण को परेशान करने के लिए जो कुछ मैने आपके साथ किया उससे आपको बुरा तो नही लगा ना?" आरोही ने उसकी ओर देखते हुए पूछा फिर उसके क्लीवेज की ओर देखने लगी.
स्नेहा ने उसकी ओर देखा और उसे अपने क्लीवेज की ओर देखते पाया तो उसके सामने उस दिन वाला सीन चालू हो गया. उस सीन को याद करते ही उसके शरीर मे एक झुरजुरी दौड़ गयी और उसने चन्द लम्हो के लिए अपनी आँखे बंद कर ली.
"एग्ज़ॅक्ट्ली नही..पर" उसने फाइनली आँखे खोलते हुए जवाब दिया.
स्नेहा फिर आँखे नीचे करके देखने लगी. वो इस बात से थोड़ा शर्मा गयी थी. आरोही उसके पास आकर सीधी पर बैठ गयी और उसके पैर पर हाथ रख दिया. "दी, ई'एम सॉरी इफ़ आइ एंबॅरास्ड यू, अरुण पागलो वाली हरकतें कर रहा, उसे याद दिलाने की ज़रूरत थी कि किसके पास ज़्यादा कंट्रोल है. मैं बिल्कुल नही चाहती थी कि मेरी स्वीट दी को एंबॅरसमेंट हो."
स्नेहा अपना सिर हिला रही थी.."नही, ऐसा कुछ नही है आरू. सच कहूँ तो, इट वाज़..एग्ज़ाइटिंग रियली."
आरोही चौंक के उसे देखने लगी. "आपको अच्छा लगा?"
स्नेहा ने हां मे सिर हिला दिया फिर उसकी ओर देखने लगी.."हूँ, और तुम्हारी जीभ कुछ ज़्यादा ही स्वीट है." उसने हँस के कहा तो आरोही भी तेज़ी से हँस कर उसे गले लगाने लगी.."आइ लव यू दी, लव यू..."
"आइ लव यू टू," स्नेहा ने भी उसे गले से लगाते हुए कहा,"आंड युवर स्वीट टंग."
तब तक बाहर से आवाज़ आई और सोनिया और सुप्रिया हाथों मे बॅग लिए अंदर आ गयी तो दोनो उठ कर उनकी हेल्प करने चली गयी.
******************
अरुण पूरा दिन बॅकयार्ड मे बिज़ी रहा. फिर सामने की तरफ से भी सब कुछ ठीक करने लगा. वो फूलो को पानी दे ही रहा था कि सोनिया बाहर आ गयी उस से बात करने.
"तो भाई, इतनी लड़कियाँ आने वाली हैं आपको कोई प्राब्लम तो नही है ना?"
अरुण ने उसकी तरफ बिना देखे जवाब दे दिया.."नही मैं भी रोज रोज के रुटीन से 'बोर' हो गया हूँ. आइ विल बी हॅपी."
उसने बोर पर कुछ ज़्यादा ही ज़ोर दिया था. तो सोनिया थोड़ी मायूस हो गयी.
"सॉरी भाई, आइ वाज़ जस्ट जोकिंग, मेरा मतलब वो नही था. प्लीज़ ना....पुच...पुच.." सोनिया उसकी पीठ पर चढ़के कान और गर्दन को काटने लगी. तो अरुण भी हँसने लगा और उसे नीचे उतार कर उसके गाल पर किस कर लिया.
"ओके ओके, इतना सेंटी होने की ज़रूरत नही है. आंड मुझे कोई प्राब्लम नही है बाकी लड़कियों के आने से."
"यअहह...चूत.." अरुण के दिमाग़ मे उस आवाज़ ने कहा
"हववव...तो आपके लिए हम तीन काफ़ी नही हैं जो और लड़कियों की ज़रूरत है."
"मेरे कहने का वो मतलब नही था.." अरुण ने हँसकर जवाब दिया.
"बिल्कुल यही था...आइ'म लंड मैन. दुनिया की सारी लड़कियाँ भी मेरे लिए काफ़ी नही है..हुआहहहा." आवाज़ ने इठलाते हुए कहा
"सच बोलूं तो, तीन तीन लोग मुझे प्यार करते हैं ये काफ़ी अच्छा है. लेकिन अगर मेरे पास सिर्फ़ तुम भी होती तब भी आइ विल बी सॅटिस्फाइड."
"चल चूतिए. ओह...मुझे उल्टी आ रही है..ओह्ह्ह्ह" अरुण के दिमाग़ मे उस आवाज़ ने कहा
सोनिया के पूरे चेहरे पर बड़ी स्माइल आ गयी.."अवव थॅंक्स बेबी. लेकिन मैं कह रही थी जब रात को हम सभी लोग छोटे छोटे कपड़ो मे दिखेंगी तब आप क्या करोगे."
"चूत मारेंगे और क्या करेंगे?" अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ ने हँसते हुए कहा
"तुम टेन्षन मत लो. मुझे वैसे भी तुम लोग वेटर ही बनाने वाले हो. आइ कॅन हॅंडल ऑल दिस."
सोनिया उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा दी. "तो आज रात आपको अकेले सोने मे भी कोई दिक्कत नही होगी?"
"व्हाट? अब हमे रोज वाली खुराक भी नही मिलेगी? ये तो सच मे अखंड चूतियापा है? तूने तो साले मुझे कहा था कि..." आवाज़ ने गुस्से मे अरुण को कहा
"दो मिनिट रूको.." अरुण ने उसे शांत करवाते हुए सोचा.
लेकिन तब अरुण भी सोच मे पड़ गया. उसने भी इस बारे मे सोचा नही था. जब इतने लोग घर मे होंगे तो सोनिया कैसे उसके साथ उसके कमरे मे सो पाएगी. उपर से उसकी दोनो दोस्त और उसके साथ चिपकी रहेंगी. यार...
"हो गया ना खड़े लंड पर धोका?" अजाज ने मायूस होते हुए कहा
"लग रहा है भाई.." अरुण ने सोचा.
"मैने कहा था सुबह ही कुछ कर? अब ना कोई चूत मिलेगी जबकि पूरा घर चूत से भरा पड़ा होगा? हे भगवान मुझे किसके पल्ले बाँध दिया..." अरुण ने के दिमाग़ में उस आवाज़ ने दुखी होते हुए कहा
"और तुम? तुम रह लोगि मेरे बिना?" अरुण ने अपनी तरफ इशारा करते हुए कहा.
"हां ये हुई ना बात.." आवाज़ ने खुश होते हुए कहा
सोनिया हंस पड़ी.."भाई अभी दो दिन पहले भी मैने आपके बिना एक रात गुज़ारी है. तो आज की रात भी कट ही जाएगी. आप अपना सोचो.." वो आखें तरेर कर बोली.
"दिस ईज़ आ जोक, राइट? है ना...ये पक्का मज़ाक कर रही है. शायद हम लोगो के लिए सर्प्राइज़ प्लान किया होगा.." आवाज़ ने अरुण के दिमाग़ मे कहा
"तो क्या करने वाली हो तुम सब आज रात?" अरुण ने हँसते हुए पूछा.
"बस वही जो नॉर्मल गर्ल्स पार्टी मे होता, आइ गेस. हम लोग सेक्सी सेक्सी लाइनाये पहेन कर एक दूसरे को दिखाएँगे, फिर एक दूसरे के बूब्स के साथ खेलेंगे, फिर एक दूसरे की पुसीस को चूसेंगे, हम लोगो को लड़के कितने पसंद है इस बारे मे बात करेंगे. और आपको बार बार समान लेकर बुलाएँगे. बस ज़्यादा कुछ नही."
"मैं आत्महत्या करने वाला हूँ? ईज़ शी सीरीयस?" अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ ने दुखी होते हुए कहा
"वाउ, जीनियस" अरुण हँसते हुए सिर हिलाने लगा.
तो सोनिया भी तेज़ी से हँसने लगी.."भाई अपनी शक्ल देखो. रिलॅक्स, नॉर्मल मूवीस, गॉसिप, स्विम्मिंग, हॉट टब बस." वो उसके गले मे बाहें डालते हुए बोली.
फिर दोनो ने हल्का सा किस किया और सोनिया घर के अंदर चली गयी.
"मैने तेरी बात मान कर बहुत बड़ी ग़लती की है.." अरुण के दिमाग़ में आवाज़ ने गुस्से से कहा
*****************
|