RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण ने मुस्कुराते हुए धीरे से आरोही के नीचे से हाथ निकाला और सोनिया का चेहरा पकड़कर अपने पास खिच कर बंद आँखो से ही प्यार से होठ चूमने लगा. उसके होंठो के जुड़ते ही सोनिया की जीभ खुद ब खुद अरुण के होठों को चीरती हुई मूह मे दाखिल हो गयी. वो भी उतनी ही चाहत के साथ उसे किस करने लगी. कुछ देर किस करने के बाद अरुण ने उसका माथा चूम लिया और सोनिया ने भी उसकी गर्दन के पास अपना सिर रख दिया.
"आइ लव यू." अरुण एक हाथ से उसका सिर सहलाते हुए बोला.
"उहह आइ लव यू टू, भाई. आंड बाइ दा वे गुड मॉर्निंग." सोनिया उसकी गर्दन चूमती हुई बोली.
"तो अब आपको मेरे बिना नींद भी आने लगी?" सोनिया मायूस सी आवाज़ मे शिकायत करने लगी.
"ये किसने कहा तुमसे?" अरुण ने पूछा.
"कहने की क्या ज़रूरत है, क्या मुझे दिखाई नही देता? मैं जब आई तो आप इतनी गहरी नींद मे सो रहे थे जैसे बरसो से ऐसी नींद नही आई हो. क्या मैं आपको इतना परेशान करती हूँ कि आपको मेरे साथ ढंग की नींद भी नही आती?" सोनिया हल्की सी सूबक के साथ बोली.
अब अरुण परेशान कि क्या कहे. "आइ..मैं..ऐसा कुछ.." अरुण शब्दो को ढूढ़ने के चक्कर मे हकलाने लगा. तो एक दम से सोनिया खिलखिलाकर हँस पड़ी. तब जाके अरुण को समझ आया कि वो उसके साथ मस्ती कर रही थी. सोनिया ने खिलखिलाते हुए उसके चेहरे पर दो तीन किस कर दिए. अरुण भी हल्के से हँस दिया.
"भाई आप डरे हुए कितने क्यूट लगते हो ना..हिहहिही.." वो गर्दन पर किस करते हुए बोली,"रिलॅक्स, आइ'म जोकिंग. मैं जानती हूँ आप हम सबको बराबर प्यार करते हो आंड मैने पहले ही आपको बताया है मुझे दी से कभी जेलासी नही हो सकती. उपर से आपको एक सीक्रेट बताऊ?"
सीक्रेट की बात सुनके अरुण के कान खड़े हो गये.
"सीक्रेट? कैसा सीक्रेट?" अरुण ने उसकी ओर देखते हुए पूछा.
"आइ लव यू.उःम्म्म्म...अरूंन्ं.."उधर आरोही उसके सीने पर किस करते हुए उसे और कस के जकड़ने लगी. फिर उसके सासो की आवाज़ नॉर्मल हो गयी.
ये सुनकर सोनिया खिलखिला पड़ी.
"लगता है रात मे सारा प्यार आपने आरू दी को ही दे दिया. मेरे लिए कुछ नही छोड़ा?" सोनिया आँखें मटकाते हुए बोली.
तो अरुण ने उसके दूध को टीशर्ट के उपर से ही दबा दिया.
"आउच.." सोनिया हल्की सी कूद पड़ी.
"तुम्हारे लिए तो मेरे पास प्यार का सेपरेट बॅंक अकाउंट है." अरुण आँख मारते हुए बोला. "अच्छा अब बात मत घूमाओ पहले सीक्रेट बताओ.."
"हां तो सीक्रेट ये है, कि आरोही दी ने ही मुझे फ्रेंड के घर जाने के लिए कहा था."
अरुण थोड़ा चुप हो गया. वो सोचने लगा कि आरोही ने तो उसे बताया था कि वो अपनी मर्ज़ी से गयी है. अच्छा तभी आरोही इतनी कॉन्फिडेंट थी कि रात मे उन्हे कोई डिस्टर्ब नही करेगा.
"इतना डंब एक्सप्रेशन मत दो. उपर से पूरे घर ने आपकी और सुप्रिया दी के प्यार की चीखे हिहीई..सुनी थी. तो कुछ देर बाद आरोही दी मेरे पास आई और उन्होने मुझे मस्का लगाना शुरू किया कि मैं कितनी अच्छी हूँ, कितने अच्छे से आजकल रहती हूँ...वग़ैरह वग़ैरह. मैं तो हूँ ही स्मार्ट. मैं समझ गयी दी को कुछ चाहिए. तो मेरे पूछने पर दी ने कहा कि क्या आज रात मैं अपने किसी फ्रेंड के घर जा सकती हूँ? पहले तो मैने पूछा क्यूँ? लेकिन फिर जब दी ने मुझे बताया कि शी नीड सम अलोन टाइम इन दा नाइट वित यू तब जाके मेरी आँखें खुली. तो मैने सोचा दी इतना तडपी हैं अब उनको तड़पाना ठीक नही. उन्हे भी तो आपके प्यार का मज़ा मिलना चाहिए तो मैने हां कर दी. बाइ दा वे मैं तो देखना चाहती थी "आप दोनो का मिलन" लेकिन फिर मैने सोचा दिस ईज़ आ स्पेशल मोमेंट फॉर बोथ ऑफ यू स्पेशली दी तो मैं मान गयी."
अरुण ने उसकी बातें सुनी तो उसे सोनिया पर प्यार और गर्व दोनो आने लगा. कहा वो एक नंबर की सेल्फिश थी और अब आरोही की खुशी के लिए वो रात भर के लिए अपनी फ्रेंड के घर चली गयी जबकि उसे सिर्फ़ उसके साथ ही ढंग की नींद आती है. उसने प्यार से सोनिया की आँखों मे देखते हुए किस कर लिया.
"अरे हो गया, इतने सेंटी मत बनो. आइ नो यू लव मी. वैसे ये बताओ मज़ा आया किया?" सोनिया ने आँखे उचककर पूछा और फिर हँसने लगी.
अरुण हँस दिया और हां मे सिर हिला दिया.
"अच्छा अब मुझे सोने दो थोड़ी देर. वाहा मुझे ढंग से नींद नही आई. पुचह..." उसके गाल पर किस करके सोनिया उसके हाथों का तकिया बनाकर लेट गयी. उधर आरोही ने भी नींद मे ही उसे दोबारा किस कर लिया.
अरुण ने भी आराम से अपनी दोनो बहनों के सिर को चूमा और दोनो के प्यार भरे आगोश मे लेट कर आँखें बंद कर ली.
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जब अरुण की आँख खुली तो कमरे मे सूरज की किरणें पड़ रही थी. उसे अपने आसपास ख़ालीपन महसूस हुआ तो आँखें खोलकर देखा. बिस्तर पर वो अकेला लेटा हुआ था. आरोही और सोनिया दोनो चली गयी थी. उसने घड़ी मे नज़र डाली तो सुबह के 7:30 हुए थे.
"गुड मॉर्निंग, फकर." दिमाग़ में उस आवाज़ ने अरुण को विश किया
"ओह शिट, गुड मॉर्निंग. बोलो क्या करना है." अरुण ने दिमाग़ की आवाज़ से पूछा
"उम्म्म्मममम..मैने बहुत सोचकर डिसाइड किया है कि तुझे एक दिन का रेस्ट देना चाहिए तो एंजाय दिस डे बेबी. कल तेरी जिंदगी का बेस्ट दिन होने वाला है. हाहहहहा.." अरुण के दिमाग़ की उस आवाज़ ने चुटकी ली
"क्यू कल क्यूँ...जो करना है आज ही करवाओ यार. सस्पेंस मे जान ना लो मेरी." अरुण ने अपने मन मे कहा
"ना, एक बार जो मैने कमिटमेंट कर दी तो फिर मैं अपने लंड की भी नही सुनता. हहा. आज तो तू फ्री है. कल से तेरी गुलामी शुरू." अरुण के दिमाग़ में उस आवाज़ ने कहा
अरुण ने बहस करना ठीक नही समझा तो सीधे बाथरूम जाकर फ्रेश हो गया. फिर शवर लेकर अपने कमरे मे कपड़े चेंज कर लिया. जब वो नीचे पहुचा तो डाइनिंग टेबल पर सोनिया बैठी थी. किचन मे सुप्रिया कुछ बना रही थी.
"गुड मॉर्निंग, भाई."
"गुड मॉर्निंग डियर." अरुण अपनी चेयर पर बैठते हुए बोला.
तब तक सुप्रिया नाश्ता लेकर टेबल के पास गयी. पीछे से आरोही आई तो सुप्रिया और सोनिया दोनो ने बड़े प्यार से कहा..."गुड मॉर्निंग प्रिंसेसस्स्स्सस्स." प्रिन्सेस पर कुछ ज़्यादा ही ज़ोर देकर दोनो हँसने लगी.
"गुड मॉर्निंग." आरोही थोड़ा शरमाते हुए बोली और अरुण और सोनिया के बीच बैठ गयी. अरुण ने जब उसकी ओर देखा तो उसने ब्लॅक टीशर्ट और जीन्स पहनी थी. अभी नाहकर आई थी तो बाल हल्के से भीगे हुए थे. उपर से शरमाने के कारण उसके गोरे गालों पर गुलाबी छाइ हुई थी. आरोही ने एक नज़र अरुण की ओर देखा तो मुस्कुरा दी.
अरुण भी उसे देखकर मुस्कुरा दिया. दोनो के नैन मटक्के देख कर सुप्रिया और सोनिया खिलखिलाकर हँस पड़ी. फिर सुप्रिया खाना रखकर किचन मे चली गयी.
फिर सब ऐसे ही हल्के फुल्के मज़ाक मस्ती के साथ ब्रेकफास्ट करने लगे.
"स्नेहा दी नही दिख रही?" अरुण ने आस पास स्नेहा को ना पाकर पूछा.
"वो अपनी एक कॉलेज फ्रेंड के घर गयी है. कोई असाइनमेंट है उसमे हेल्प के लिए. शाम तक आ जाएगी." सुप्रिया ने खाते हुए बताया.
ये सुनकर अरुण को थोड़ी मायूसी हुई. वो स्नेहा से बात करने के लिए तड़प रहा था. उसने सोचा था कि सुबह उठते ही सबसे पहले उससे बात करेगा लेकिन अब शाम तक इंतजार करना पड़ेगा. खैर, फिर वो खाने पर ध्यान देने लगा.
खाना खकर उठा ही था कि उसके दोस्त रोहित की कॉल आ गयी. उसके साथ उसका मूवी देखने का प्लान बन गया तो वो कुछ देर मे तय्यार होकर घर से निकल गया.
शाम को वापस आकर अरुण सीधा अपने रूम मे जाकर कुछ देर सो गया. फिर फ्रेश होकर नीचे आया उसने सोचा कि अब स्नेहा से बात की जाए. तो नीचे आकर देखा तो सोनिया और आरोही कोई बेकार से सीरियल देख रही थी और वॉशरूम मे सुप्रिया किसी से फोन पर बात करते हुए कपड़े मशीन मे डाल रही थी. उसे आसपास स्नेहा कही दिखाई नही दी.
"ओये सामने देख. कितनी मस्त गान्ड है दी की." अरुण के दिमाग़ मे उस आवाज़ ने कहा
आवाज़ ने अपना आइडिया दिया तो अरुण का ध्यान सुप्रिया की गान्ड पर चला जो मशीन पर झुके होने के कारण कुछ ज़्यादा ही लज़ीज़ लग रही थी.
सुप्रिया फोन पर बात कर रही थी.."नही सब ठीक है. हम लोग अभी कुछ दिन पहले ही गोआ से वापस आई. इट वाज़ आब्सोल्यूट फन." और बाकी की गॉसिप. शायद उसकी कोई फ्रेंड थी.
अरुण धीरे से उसके बिल्कुल पीछे गया और एक दम से हाथ बढ़ाकर उसके दोनो दूध पकड़कर दबा दिए.
सुप्रिया एक दम के हमले से हल्का सा कूद पड़ी. उसने पीछे मुड़कर देखा तो अरुण उसको देखता हुआ और कस्के दूधों को दबाने लगा. सुप्रिया आँखो से ही उसे हटने को कहने लगी और धीरे से फुसफुसाई "अभी नही प्लीज़..". फिर वो वापस मुड़कर मशीन के बटन दबाते हुए बात करती रही.
अरुण ने उसकी बात को इग्नोर करते हुए उसे फोन काटने को बोला.
"नही, नही बोल तो रही हूँ." सुप्रिया उसे हटने का इशारा करते हुए बोली. "मैं बस कपड़े धो रही थी."
अरुण ने अपने हाथों को टीशर्ट के अंदर डाल दिया तो ब्रा को ना पाकर मुस्कुरा उठा. वो उसके छूते ही खड़े निपल्स को पकड़कर मसलने लगा.
"ओह्ह्ह.." सुप्रिया की हल्की सी सिसकी निकल गयी.."नही वो एक कपड़ा छूट गया. और बताओ....." अरुण हल्के से हँस दिया फिर अपने एक हाथ को उसके लोवर मे ले जाने लगा. सुप्रिया ने हिल डुलकर उसे हटाने की कोसिस करी, लेकिन अरुण अपनी जगह पर अड़ा रहा. उसने सीधे अपने हाथ को चूत पर ले जाकर रख दिया और एक उंगली वो उसकी गीली गर्म चूत के अंदर डाल दिया.
फिर उसने हाथ को बाहर निकालकर लोवर को पैंटी समेत घुटनो तक कर दिया और उसकी नंगी गान्ड को निहारने लगा.
"गान्ड तो देख. घुसेड दे अभी ना..देख कितनी गदराई हुई है." अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ ने कहा
"पेशियेन्स माइ बॉय." अरुण ने अपने मन कहा
"हां ट्रिप काफ़ी मजेदार थी. अरुण ने ही हर चीज़ प्लान की थी." सुप्रिया बड़ी मुश्किल से फोन पर ध्यान दे रही थी. इधर अरुण ने अपने शॉर्ट्स को नीचे कर के अपने मूसल को बाहर निकाल लिया.
"फाड़ दे गान्ड." आवाज़ ने अरुण को फिर उकसाया
"अभी नही.." अरुण ने मन मे सोचा फिर अपने लंड को उसकी गान्ड से लेकर चूत तक रगड़ने लगा. सुप्रिया ने भी मस्ती मे भरकर खुद को मशीन पर झुकाकर पिछवाड़े को और उठा दिया. ऐसा करने से उसकी चूत ठीक अरुण के लंड के सामने आ गयी. और वो अपने होठ काटते हुए उसका इंतजार करने लगी.
अरुण ने भी एक ही झटके मे आधा लंड उसकी चूत मे डाल दिया. इस हमले से सुप्रिया की टाँगे अपने आप ही और चौड़ी हो गयी.
"हां..आह...मैं जानती हूँ वो प्रिया के साथ था. लेकिन मुझे..उम्म..ये नही पता था कि वो उसे धोखा दे रहा है..(जास्प)" सुप्रिया आह को रोकते हुए बोली. अरुण के हाथ उसके दोनो चुतड़ों पर थे और वो हर झटके के साथ पूरा लंड उसकी चूत मे डाल रहा था.
"म्म्मह..." सुप्रिया बोली, उसके मूह से शब्द नही निकल रहे थे. "नही सब ठीक है..ओह..कुछ नही कहा ना..ओह...कपड़े धो रही हूँ..यार. ओह य्स्स...यस आइ मीन सब ठीक है."
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