bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
01-25-2019, 12:00 AM,
#20
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
फिर वो लोग वापस घर की तरफ चल दिए..
सोनिया अभी भी बाथरूम मे थी तो आरोही अरुण के बेड पर आती है और उसे किस करने लगी..

"थॅंक यू फॉर दिस वंडरफुल डे.." और किस करके अपने बेड पर चली गयी..

फिर सोनिया आ गयी और तीनो मीठी नींद मे सो गये..

बीच रात को अरुण की आँख खुली तो उसने सामने सोनिया को जागते पाया. वो उसे लगातार देखे जा रही थी..

"हाई.." अरुण ने उसके बालों को पीछे करते हुए कहा..

"हे.." उसने जवाब दिया..

फिर वो आगे बढ़ी और उसे धीरे धीरे किस करने लगी. सोनिया की बॉडी मे वही करेंट दौड़ने लगा जो उसने पहली बार महसूस किया था. वो पीछे से अरुण का सिर पकड़कर उसे और ज़्यादा अपने पास खींचने लगी और बड़ी तेज़ी से उसे किस करने लगी.

वो किस को नीचे की ओर ले जाने लगी..पहले गर्दन फिर सीने को किस करने लगी..फिर दोबारा उन दोनो के होठ आपस मे मिल गये और जीभ से एक दूसरे को मज़ा देने लगे..
अरुण को सोनिया ने उसकी पीठ पर धकेल दिया और खुद उसके उपर चढ़ गयी.. 
दोनो मस्ती मे भर गये.. उस टाइम पर दोनो भाई बहें ना होकर सिर्फ़ 2 लोग बचे जो आपस मे एक हो जाना चाहते थे.. सोनिया ने उसके उपर बैठे बैठे अपनी ब्रा उतारी और फिर से उसे किस करने लगी..फिर उसने अरुण का एक हाथ पकड़कर अपने एक दूध पर रखा. अरुण धीरे आराम से उसे मसल्ने लगा.. उसके निपल को मरोड़ता..उसे खींचता अपनी उंगलियों के बीच दबाने लगा.. अरुण ने उसे किस करना बंद करके उसकी चिन गर्दन पर किस करना स्टार्ट कर दिया..और उंगलियों से उसके दूधों को मज़ा देने लगे..उनसे गोल गोल घेरे बनाने लगा निपल के चारो ओर..सोनिया की दबी दबी आहें निकलने लगी और आहें और भी तेज तब हो गयी जब अरुण ने उंगलियों की जगह अपने होठों से उसके निपल्स को छुआ..

आरोही के चेहरे पर स्माइल आ गयी ये देखकर..वो हल्की सी आवाज़ से जागी तो दोनो को किस करते हुए देखा.. उसकी नींद तो तभी काफूर हो गयी. वो जानती थी कि ये पल उसके भाई और बहेन के लिए जादू से भरे हुए थे.. वो सोच रही थी कमरे से चली जाए जिस से दोनो इस पल का भरपूर मज़ा ले पाएँ लेकिन वो अपनी आँखें उन दोनो पर से हटाने मे असमर्थ थी..उस से खुद कंट्रोल नही हुआ तो एक हाथ ले जाकर पैंटी के अंदर ही अपनी चूत को रगड़ने लगी..

सोनिया तो पूरी मस्ती मे थी..अरुण के हाथ जहाँ जहाँ उसके सरीर से छूते ही उसे चिंगारियाँ सी महसूस होती..उसके हाथ पीठ से होते हुए उसके चुतड़ों तक पहुचे और वो दाँतों से उसके निपल को काट रहा था... सोनिया ने धीरे धीरे उसके पेट से हाथ नीचे किए और उसके बॉक्सर्स को निकाल कर साइड मे फेक दिया.. उसका लंड पूरी तरीके से खड़ा था और सोनिया की जांघों को छू रहा..सोनिया ने देर ना करते हुए उसे पकड़ लिया और उसे उपर नीचे करने लगी और आहें निकालती रही..

अरुण को भी पता चल गया कि सोनिया क्या चाहती है..तो वो धीरे धीरे नीचे बढ़ा और पलटकर सोनिया को नीचे कर दिया और उसके पेट से चूमते चूमते उसकी पैंटी तक पहुचा और उसे उतार कर फेक दिया..फिर उसके घुटने से लेकर उपर तक किस करते हुए आया..फिर एक हाथ से दोनो के उपर चादर डाल कर उसे किस करने लगा और हाथ से दूध को दबाने लगा..

सोनिया ने किस के बीच मे अपने हाथ से उसका लंड पकड़कर अपनी चूत पर रगड़ा तो अरुण ने भी देर नही की..और धीरे से हल्का सा लंड उसकी चूत के अंदर करना स्टार्ट किया..सोनिया को दर्द हुआ लेकिन उसने अरुण का हाथ मूह मे रख लिया और उसे कटती रही फिर धीरे धीरे अरुण उसके अंदर अपना लंड डालता रहा..आधा लंड अंदर जाने पर सोनिया के आँसू निकलने स्टार्ट हो गये तो अरुण ने उन आँसुओ को चाट लिया और फिर धीरे उसे किस करने लगा..थोड़ी देर मे ही सोनिया ने अपनी कमर थोड़ी सी हिलाई तो अरुण ने लंड बाहर निकाला और फिर दोबारा उतना ही डाल दिया और हल्के हल्के धक्के देते हुए उसे किस करने लगा..फिर उसने ओर ज़्यादा लंड को अंदर किया और अपने मूह से उसके मूह को बंद रखा जिससे उसकी चीखे अरुण के मूह मे ही घुट कर रह गयीं..फिर जब पूरा लंड उसके अंदर पहुँच गया तो अरुण थोड़ी देर बिना हीले ही उसे किस करता रहा और एक हाथ से उसके बूब्स मसलता रहा.. दोनो के सरीर पसीने से भीग गये थे..
फिर अरुण ने धीरे धीरे अपनी कमर को आगे पीछे करना स्टार्ट कर दिया..अब सोनिया को भी मज़ा आने लगा..जैसे ही अरुण अंदर की ऑर धक्का देता सोनिया अपनी कमर को कमान की तरह तान देती और जैसे ही वो लंड को बाहर निकालता वो रिलॅक्स हो जाती ऐसे ही दोनो मस्ती मे किस करने लगे..

सोनिया ने अपनी आँखें खोली और किस तोड़ते हुए "आइ लव यू भाई.." कहा और दोबारा उतनी ही तेज़ी से जीभ बाहर निकालकर उसे किस करने लगी.. जैसे ही लंड चूत के अंदर जाता दोनो के शरीर मे हज़ारों चिंगारियाँ एक साथ फुट पड़ती.. 

सोनिया ने भी धीरे धीरे अपनी कमर उपर नीचे करनी स्टार्ट कर दी.. उसे इतना मज़ा आ रहा था कि वो शब्दों मे बयान नही कर सकती..अरुण तो किसी और ही दुनिया मे चला गया था जहाँ सिर्फ़ वो दोनो थे और कोई नही..फिर सोनिया को रीयलाइज़ हुआ कि वो तो प्यार कर रहे थे सेक्स नही..उसकी फ्रेंड्स बताती थी कि सेक्स मे काफ़ी मज़ा है..लेकिन प्यार मे उससे ज़्यादा मज़ा है..

आरोही ये सब देख रही थी और चाह रही थी कि काज़ वो इसका हिस्सा बन सके. इस सुंदर लम्हे को वो भी जीना चाहती थी..लेकिन वो अपनी छोटी बहेन को इस अद्भुत पल मे कोई विघ्न नही डालना चाहती थी..तो वो अपनी दो उंगलियों को चूत के अंदर बाहर कर रही थी और अपनी नज़रों को दोनो के उपर टिकाए हुई थी..

सोनिया को ऑर्गॅज़म होना स्टार्ट हो गया..एक मस्ती की लहर उसके सरीर मे बनाना स्टार्ट हुई तो वो अलग ही दुनिया मे पहुच गयी उसने कस कर अरुण को गले लगा लिया और अपनी जीभ उसके मूह मे डालकर उसके होंठों को चूसने लगी.. उसने अरुण को झाड़ते हुए भी महसूस किया..अब दोनो को सिर्फ़ एक दूसरे के होने का अहसास था और कुछ नही..अरुण ने तेज़ी से अपने झटके देने लगा और उसे भी सोनिया के अंदर से रस निकलता हुआ महसूस होने लगा..दोनो की साँसें थमने लगी लेकिन किस नही तोड़ा..अरुण के अपने लंड पर सोनिया की चूत की दीवारों का कसाव महसूस होने लगा और उसने अपना स्पर्म वही छोड़ना स्टार्ट कर दिया..

सोनिया की चूत की दीवारें इतनी कस के उसके लंड को जकड़े हुई थी की वो और ज़्यादा उसे अंदर खेंच ले.."आहहः..ओह्ह्ह.." सोनिया ने काफ़ी तेज आवाज़ निकली किस तोड़ कर..दोनो के शरीर पसीने से लथपथ हो गये थे..फिर दोनो ने आँखें खोली और एक दूसरे की आँखों मे देखते रहे और धीरे धीरे कमर हिलाने लगे..

आरोही ने दोनो को झाड़ते देखा तो उस से भी कंट्रोल नही हुआ और उसने तेज़ी से उंगलियाँ अंदर बाहर करना स्टार्ट कर दिया और दोनो के साथ साथ वो भी झाड़ गयी..और वो अंदर ही अंदर सोनिया की जगह खुद को उस पोज़िशन मे देखने लगी..

थोड़ी देर बाद सोनिया ने अपने आप उसके लंड को बाहर निकाला और सहलाने लगी..उसने अरुण को किस किया और पूछा.."भाई..क्या ये पहली बार था..??" अरुण ने उसे किस करते हुए कहा.."हां आंड इट वाज़ वंडरफुल.." और दोनो फिर किस करने लगे..

"मेरा भी.." सोनिया ने बस इतना ही कहा और किस करने लगी. सोनिया को इस पल मे इतनी ख़ुसी हो रही थी ये जानकार की उसके भाई का स्पर्म उसके अंदर है..आज वो पूरी तरह से अपनी भाई की हो गयी..

"भाई आइ'म रियली हॅपी दट माइ फर्स्ट ईज़ यू.." उसने अरुण का सिर चूमते हुए कहा..

"ये किसी और के साथ इतना पर्फेक्ट नही हो सकता था.." अरुण ने उसे किस करते हुए कहा..फिर दोनो एक दूसरे को थामे हुए सो गये.
अरुण अगली सुबह उठा तो देखा कि सोनिया उसके सीने पर सिर रख के सो रही है..तो वो धीरे से उसे अलग करके उठा और बाथरूम मे फ्रेश होकर शवर लेने लगा..

"यू आर दा फक्किंग मॅन.." दिमाग़ मे आवाज़ आई

अरुण को हसी आ गयी.."थॅंक्स" उसने आवाज़ को कहा.."तुम्हारे बिना पासिबल नही था.."

"अगली बार से याद रखना.."

तभी बाथरूम के दरवाजे पर नॉक होती है.."कौन?" अरुण ने पूछा..तो दरवाजा खुला और आरोही अंदर आ गयी और दरवाजे को बंद कर दिया..

"मेरा बस होने ही वाला है..2 मिनिट मे निकलता हूँ" अरुण ने पर्दे के पीछे से बोला..

कर्टन तभी साइड मे खींचा और आरोही वहाँ खड़ी हुई थी..नंगी.."मैं...." अरुण बस इतना ही कह पाया..


"लास्ट नाइट वाज़ अमेज़िंग.." आरोही बोली.." आइ होप मुझे भी कोई मिलेगा जो मुझे वैसे ही प्यार करे.."

"उहह..तुमने देखा??" 

आरोही ने हां मे सिर हिलाया और अंदर आकर शवर के नीचे खड़ी हो गयी..दोनो के उपर पानी गिरने लगा और आरोही के बदन को और ज़्यादा चमकने लगा.."मुझे तुम्हारे बारे मे काफ़ी कुछ पता रहता है मेरे भाई..याद है ना हम दोनो जुड़वा हैं.." उसने आगे बढ़कर अरुण की गर्दन को चूमते हुए कहा. फिर साबुन लेकर अपनी बॉडी पर लगाने लगी. अपने दूधों पर ख़ासकर अच्छे तरीके से रगड़ कर वो नीचे हर जगह साबुन लगाने लगी. 

अरुण लगातार उसे देखे जा रहा था..

"जब मैने तुम दोनो को कल रात प्यार करते हुए देखा..आइ कुडन'ट कंट्रोल माइसेल्फ..तो मुझे मास्टरबेट करना पड़ा.. मैं तुम दोनो को डिस्टर्ब नही करना चाहती थी..यू बोथ वर डूयिंग सम्तिंग वेरी ब्यूटिफुल.." आरोही ने ये कहते हुए एक उंगली अपनी चूत के अंदर घुसा और फिर वही उंगली अरुण के होठों पर रख दी.."मैं मास्टरबेट करते हुए खुद को सोनिया की जगह देख रही थी.." अरुण को अपनी उंगली चुसते हुए बोली.."मैने देखा कि तुम सोनिया से प्यार करने के बाद मेरे पास आए और वैसे ही मुझे भी प्यार किया.. मैने देखा कि मैं सोनिया को तुम्हारे उसपर टेस्ट कर रही हूँ..आह" अरुण बिना कुछ कहे उसकी उंगली चूसने लगा..

अरुण उंगली चूस्ते हुए आरोही को अपनी आप से खेलते हुए देखने लगा..उसे देख कर अरुण का लंड खड़ा होने लगा.."मैने सोचा कि तुम मेरे पास आओगे और अपना ये खूबसूरत सा लंड मेरे अंदर डाल दोगे..उहह..ओह्ह. मेरी चूत इसके लिए रस छोड़ रही थी.. मैं अपनी वर्जिनिटी तुम्हे देना चाहती हूँ..अह्ह्ह्ह" आरोही उंगली करते हुए बोली साथ मे वो अपने निपल्स भी मरोड़ने लगी.."लगता है किसी को मैं पसंद आ रही हूँ." इतना कह कर वो घुटनो के बल बैठ गयी और अरुण का लंड पकड़ कर मूह मे रख लिया..


उसने लंड को मूह से निकाला..और बोली "तुम्हे पता है तुम्हारा पहला लंड है जो मैं चूस रही हूँ..आइ होप आइ'म डूयिंग इट राइट.." फिर अपनी आँखें बंद करके उसे चूसने लगी.. आरोही ने अपना हाथ उपर बढ़कर अरुण का हाथ पकड़ा और अपने सिर पर रख दिया..और अपनी जीभ से उसके सुपाडे को रगड़ने लगी.. फिर अरुण का हाथ छोड़कर तेज़ी से चूसने लगा..अरुण भी मस्ती मे उसका सिर धीरे धीरे अपने लंड पर दबाने लगा.. आरोही ने एक हाथ नीचे ले जाकर अपनी चूत पर रख लिया और उसमे उंगली डालकर खुद को मज़े देने लगी..

"नहला दे इसको"

उसके मन मे ऐसी कई बातें आने लगी.जिससे उसका क्लाइमॅक्स होने लगा.."कमिंग.."

आरोही ने एक हाथ से लंड पकड़कर मूह मे डाल लिया और तेज़ी से चूसने लगी.."ओह..फक..आरोही.." अरुण ने कसकर उसका सिर अपने लंड पर दबाते हुए कहा और अपना स्पर्म उसके मूह मे उडेलने लगा. आरोही उसे लगातार आँखों मे देखती रही उसके मूह से वीर्य निकालकर उसके दूधों पर गिरने लगा और पानी के कारण पूरे शरीर पर फैल गया..पूरा रस निचोड़कर वो खड़ी हुई और मूह मे भरा स्पर्म अपने हाथ पर लेकर पूरी बॉडी पर मसाज करने लगी...

"तो.." उसने पानी की स्पीड तेज कर दी जिस से स्पर्म धूल जाए.."तुम मेरे सपने पूरे करने वाले हो कि नही..??"

"म..म्म.." अरुण से बोला ही नही जा रहा था..वो तो अभी भी कुछ समझ ही नही पा रहा था..

"भाई इस बार तो मुझे भी कुछ नही पता..क्या बहेन है तेरी..आइ'म जस्ट ऐज सर्प्राइज़्ड ऐज यू.."

"कोई नही हम लोग इस बारे मे डीटेल मे बात करेंगे लेकिन घर पहुच कर.." फिर उसने अरुण को कसकर किस किया और आँख मारकर बाथरूम से चली गयी..अरुण थोड़ी देर मूह खोलकर खड़ा रहा..फिर उसे ध्यान आया कि वो पानी के नीचे अभी तक खड़ा है तो वो टवल लपेटकर बाथरूम से बाहर निकला..

फिर ब्रेकफास्ट के टाइम उसने सबको कह दिया कि जिसको जहाँ घूमना है घूम सकता है..कल उन लोगो की ट्रिप एंड होने वाली है..अरुण ने सोचा था कि वो आराम से बीच पर लेटकर मज़े लेगा लेकिन वो लोग उसको साथ मे लेकर घूमने निकल पड़े..

दिन भर घूमने से सब थक गये थे..तो डिन्नर के बाद जल्दी से सब सोने चले गये..अरुण घर की बाल्कनी पे बैठा हुआ समुद्र को देख रहा था तो आरोही आई और उसे किस करके सोने चली गयी..थोड़ी देर मे स्नेहा वहाँ आती है..

"हे बेबी.."स्नेहा ने उसके सिर पर हाथ घूमाते हुए कहा. एक तरीके से उस घर मे सबने अरुण को एक नाम दिया हुआ था.. सुप्रिया के लिए स्वीतू, आरोही के लिए भाई या सिंपल अरुण सोनिया पहले तो चिढ़ती थी लेकिन अब भाई और स्नेहा बेबी..

"तो दी कल चलने के लिए रेडी..?" अरुण ने पूछा..

"नोप.." स्नेहा ने हास कर कहा.."दिस प्लेस ईज़ वंडरफुल."

"ओह माइ गॉड, दूध देख,,देख देख.." दिमाग़ मे आवाज़ आई

"थॅंक्स फॉर डाइविंग..दट वाज़ दा बेस्ट.." स्नेहा अपना सिर उसके कंधे पर रख कर बोली तो अरुण ने उसके कंधे पर हाथ रख दिया..

"एक तो दबा.."

फिर वो दोनो आधे एक घंटे तक ऐसे ही इधर की बातें करने लगे..फिर स्नेहा ने किस वाला किस्सा छेड़ दिया.."सॉरी इफ़ आइ एंबॅरास्ड यू..सब तुम्हे किस कर रहे थे तो मैने सोचा मैं क्यू पीछे हटु..उपर से मुझे वो लड़के बिल्कुल नही पसंद थे..उनमे से एक तो मेरे चेहरे के को छोड़कर मेरी पूरी बॉडी को तक रहा था एस्पेशली माइ ब्रेस्ट्स..परवर्ट.."

अरुण चुपचाप उसकी हर बात सुनता रहा..उसे पता था कि स्नेहा दी को कोई चाहिए ये सब कहने के लिए..

फिर जब वो चुप हुई तो अरुण बोला.."दी मुझे नही पता कि आपके लिए ये बात कितनी मायने रखती है सिन्स आइ आम युवर ब्रदर बट आप जैसी हो पर्फेक्ट हो.. आपको शायद लगेगा मैं आपको अच्छा फील करवाने के लिए ये कह रहा हूँ.. लेकिन आइ आम टेल्लिंग फ्रॉम माइ हार्ट..अगर आप चाहो तो बाकी सब से खूबसूरत लग सकती हो..यू आर ब्यूटिफुल.."

"तुम्हे सच मे लगता है कि मैं पर्फेक्ट हूँ..??"

"ऐसी बातचीत पहले भी हुई है ना..ओह..वो दूसरी वाली के साथ थी..कॅरी ऑन.." दिमाग़ मे फिर से आवाज़ गूँजी

"यस दी.."

"लेकिन कैसे??"

"कम ऑन दी..आप जानती हो आप बहुत सुंदर हो.."

"इसलिए कि मेरे ब्रेस्ट्स बड़े हैं इसका मतलब ये नही कि मैं सुंदर हूँ ..अरुण." स्नेहा ने सीरीयस होके कहा. तब अरुण को रीयलाइज़ हुआ कि स्नेहा ने ग़लत समझ लिया है..

"मेरा कहने का वो मतलब नही था दी.. आइ मीन हाआँ दीज़ आर ऑल्सो गुड..आपको ध्यान है जब कॉलेज मे आपको अवॉर्ड दिया जाने वाला था...वो वाइल्डलाइफ पर एसे के लिए.." अरुण बोला

"थोड़ा थोड़ा..."

"मुझे अच्छे तरीके से याद है.."

"कमऑन अरुण वो दो साल पहले की बात है..कोई कैसे.."

"मार्च का महीना था..सोनिया आपके लिए एक ड्रेस लेकर आई थी और उसी ने आपका मेकप और हैर्स्त्य्लिन्ग की थी.. और उसके कहने पर अपने चश्मा भी नही पहना था उस दिन..और मुझे अच्छे से याद है कि मेरी नज़रें आपके उपर से उठ नही रहै थी..आप कंप्लीट्ली चेंज्ड लग रहे थे.. उस अवॉर्ड फंक्षन मे ऐसा लग रहा था जैसे आप कोई मॉडेल हो जिसे इस अवॉर्ड फंक्षन की जगह किसी फेशन शो मे होना चाहिए. और जब भी मुझे आपको याद करना होता है फर्स्ट ऑफ ऑल आइ रिमेंबर दट इमेज.." अरुण ने उसकी बात काटते हुए कहा..
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