bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
01-24-2019, 11:57 PM,
#10
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण सोनिया के पास जाके उसकी ड्रेस सही करता है. सोनिया जैसे होश मे ही नही है वो बस रोए जा रही है..जैसे ही अरुण उसकी ड्रेस सही करता है वो धक्का देने की कोशिश करती है.."ष्ह...सोनिया मैं हूँ अरुण..कुछ नही हुआ सब ठीक है चलो.." सोनिया ध्यान से उसे देखती है फिर उसके गले लग के रोने लगती है अरुण अपना ब्लेज़र उतार कर उसे पहनाता है और उसे लेके चेंबर से बाहर आने लगता है.

हुआ ये था कि विकी के दोस्त जिसे अरुण ने मारा उसने विकी को कॉल कर दी कि अरुण आ गया है. विकी ने पहले ही पैसे दे के सोनिया का रेप होते देखता और उसकी वीडियो बनाने वाला था लेकिन कॉल आते ही वो रूम से चला गया और दूसरे चेंबर मे छुप गया..इधर चेंबर से निकलते टाइम अरुण ने उस लड़के की तरफ ध्यान नही दिया जिसे उसने मारा उसने किसी को कुछ मेसेज किया था..

नीचे जाके अरुण आरोही को बुला कर सोनिया को संभालने लगता है. आरोही भी सोनिया को पकड़ लेती है. और जैसे ही वो लोग एग्ज़िट होने वाले होते हैं म्यूज़िक स्टॉप हो जाता है. इसे किस्मत कह ले ये डीजे की मेहेरबानी की म्यूज़िक स्टॉप होने के कारण अरुण पीछे से आती चीख को सुन लेता है तेज़ी से पलटके बैठ जाता है एक मुक्का आने वाले लड़के के पेट मे मारता है.. लेकिन उसके पीछे जब उसकी नज़र जाती है तो अरुण का गला सूख जाता है..पीछे से 25 30 लड़के आ रहे होते हैं..अरुण समझ जाता है यहाँ बहादुरी दिखाने का कोई फ़ायदा नही वो आरोही और सोनिया की तरफ भागता है जिससे वो उनके साथ एग्ज़िट हो जाए लेकिन पीछे से उसे कोई पकड़कर घुमा देता है. घूमते टाइम भी अरुण एक लात उसके मारता है लेकिन 2 3 लड़के और उसके उपर हावी हो जाते हैं थोड़ी देर तक तो अरुण उन्हे अपने लातों और मुक्को से रोकता है लेकिन फिर उसके सिर पर कोई मुक्का मारता है तो उसका सिर घूमने लगता है और वो फ्लोर पर गिरने लगता है. फिर तो उसकी बॉडी मुक्कों और लातों का टारगेट बन जाती है. अरुण अपने आप को बचाने के लिए अपने हाथ पैर उपर उठा कर बचने की कोसिस करता है लेकिन कोई फ़ायदा नही होता. उसकी नज़र धीरे धीरे धुंधली हो जाती है उसके कानों मे आवाज़ें हल्की होती जा रही है..फिर एक दम से लाइट्स बंद हो जाती हैं..और अरुण की सब सेन्सस काम करना बंद कर देते हैं..

अरुण की आँखों के आगे अंधेरा छा गया.

एक बहुत तेज सीने मे दर्द. कैसा दर्द है ये?? व्हाट हॅपंड?? अरुण अपने जगह पर हिला तो उसकी आ निकल आई दर्द की वजह से..

उसके आँखों के आगे अभी भी अंधेरा है. सिर बहुत भारी लग रहा है. सीने और पेट मे दर्द. सारी बॉडी ऐसी लग रही जैसे किसी ने वॉशिंग मशीन मे डाल कर धो डाली हो..

फिर उसे धीरे धीरे पहले की बातें याद आने लगी..क्या हुआ वहाँ?? लड़ाई?? लोगो का उसे लात घूँसे मारना?? किसी का रोना..?? तुम्हे आक्सिडेंट मे मार जाना चाहिए था?? थप्पड़..आक्सिडेंट का सीन..जोकर की हँसी..और ये सब सोचते सोचते उसे बहुत ही ज़्यादा डर लगने लगा. उसकी मुट्ठी बंद होके बेड पर धँसने लगी और वो छटपटाने लगा. उसकी पूरी बॉडी पसीने मे भीगने लगी लेकिन उसका दर्द कम नही हुआ. कोई उसे हिला रहा है.. बहुत दूर से एक आवाज़ आ रही है..अरुण..अरुण...अरूउन्न्ञन्..

वो सपने से बाहर आता है..उठने की कोशिश करता है तो दर्द होता है सीने मे और पसलियों मे..लेकिन कोई उसे उठने नही दे रहा. वो आँखें खोलने की कोशिश करता है तो आँखों तक दर्द होता है..थूक निगलता है तो गला भारी सा लगता है और फिर दर्द की एक लहर उसकी बॉडी मे दौड़ जाती है..धीरे धीरे उसकी आँखें खुलती हैं..सामने 2 लोग खड़े हैं..पता नही कौन चेहरा सॉफ नही दिख रहा. एक उसके उपर थोड़ा झुक के उसे उठाने नही दे रहा.. वो अपनी आँख को सही करने के लिए हाथ को उपर उठाने की कोशिश करता है लेकिन हाथ उठाते ही दोबारा दर्द की लहर दौड़ जाती है लेकिन वो दर्द सह के भी आँख के पास अपनी उंगलियाँ ले जाता है..लेकिन ऐसा लग रहा जैसी उसकी आँखें काफ़ी बड़ी हो गयी हों.. आँख पर हाथ रखते ही वहाँ भी पेन होता है..फिर धीरे धीरे चेहरे सॉफ होते हैं..

"क्या जाग रहा है..??"

"सही तो है ना??"

"वो ठीक है दी.." ये आवाज़ें..हां ये तो उसकी बहनों की आवाज़ें हैं..फिर जब वो आँख खोलता है तो सामने सुप्रिया स्नेहा और आरोही दूसरी तरफ खड़ी हुई होती हैं. और उन सबके चेहरे उतरे हुए होते हैं जैसे काफ़ी टाइम से सोई ना हों..
वो कुछ कहने के लिए जैसे ही होंठ खोलता है तो फिर दर्द से आह निकल जाती है..होंठ तो ऐसे लग रहे थे जैसे 2 3 किलो के हों और स्वेल भी हो गये हैं 

"क्या हुआ..??" बस इतना ही उसके मूह से निकलता है..

"मैने कहा था ना बिल्कुल ठीक है.." स्नेहा सुप्रिया को बोलती है..

"हां ओके..वैसे कैसा लग रहा है अब.." सुप्रिया पूछती है..

"आह..पेन हो रहा है हर जगह..हुआ क्या था और मैं हूँ कहाँ.." अरुण साइड मे देखने की कोसिस करता है लेकिन फिर दर्द की वजह से नही देखता..

"भाई गजब ढा दिया तुमने.. क्या फाइट थी.. क्या पंचस क्या ऐक्शन.. वो तो उन लोगों ने तुम पर एक साथ हमला कर दिया और वो एक ने पीछे से मारा तो तुम गिर पड़े वहाँ..लेकिन उससे पहले भी तुमने उनके 3 4 तो गिरा ही दिए..मज़ा आ गया फाइट देख के.. तुम्हारे बेहोश होने के बाद बाहर से सेक्यूरिटी वाले बॉक्सर्स आ गये लड़ाई रोकने मेरे कहने पर लेकिन तब तक उन लोगो ने तुम्हे काफ़ी चोट पहुँचा दी थी.. उसके बाद मैं और सोनिया तुम्हे कार मे घर ले आए.. तुम्हे तो होश भी नही था.. रात मे ही डॉक्टर अंकल को बुलाया तो उन्होने ड्रेसिंग वग़ैरह कर दी है 3 4 दिन मे आराम होने को कहा है.. आंड तुम सुप्रिया दी के कमरे मे हो.. हम लोगो मे इतनी ताक़त नही है कि तुम्हे उठा कर उपर ले जा सकें..लेकिन भाई तुम्हारी फाइट से मज़ा आ गया.." आरोही बड़ी तेज़ी से बोलकर उसके बेड पर बैठकर मुस्कुराने लगी...

"हे भगवान इस लड़की को तो मज़ा आ रहा है.. हमारा भाई इतनी मार खा कर आया है..2 पसली टूटी हैं.. चेहरा सूज गया है..एक आँख काली पड़ गयी है..होंठ मे स्वेल्लिंग है.. जगह जगह चोट के. निशान हैं.और इसे मज़ा आ रहा है.." सुप्रिया ने हल्के से आरोही के सिर पर मारते हुए कहा 

अरुण को तब जाके हर बात ध्यान आई..उसकी और सोनिया की लड़ाई फिर बाकी का ड्रामा. लेकिन सोनिया नही दिख रही.."स..सोनिया कहाँ है?? ठीक तो है ना.." अरुण थोड़ा सा परेशान हो के सुप्रिया से पूछता है..

ये सुन कर सुप्रिया का चेहरा हल्का सा उतर जाता है..

अरुण जब सुप्रिया का चेहरा देखता है तो उसका दिल बैठ जाता है..

"मैं यहाँ हूँ भाई..सुबुक" एक बहुत ही घुटि सी आवाज़ उसके कानों मे पड़ती है उसके कानों मे और वो अपने सिर के पीछे के साइड बड़ी तकलीफ़ के साथ देखता है तो सोनिया उसी कंडीशन मे जिस कंडीशन मे उसने कल उसे छोड़ा था यानी अभी भी अपनी ब्लॅक ड्रेस मे है लेकिन अरुण का ब्लेज़र वो अभी भी पहने हुए है और बहुत ही कस कर उस ब्लेज़र को अपने हाथों से पकड़ा हुआ है..जैसे कोई उससे उस ब्लेज़र को छीन लेगा.. उसके चेहरे से सॉफ सॉफ झलक रहा है कि वो बहुत ज़्यादा रोई है..सूखे आँसुओं के निशान उसके चेहरे पर सॉफ देखे जा सकते हैं.. लेकिन सोनिया को ठीक देख कर अरुण को आराम बहुत मिला. उसके दिल से डर और भारीपन एक दम ख़त्म हो गया..

"वेल..मैं तो ठीक हूँ..और तुम..." अरुण ने पूछा और अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसकी तरफ देखा..
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