bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
01-24-2019, 11:57 PM,
#7
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
6

अरुण ने दो गहरी साँस ली. एक बार सुप्रिया की ओर नज़र डालने पर उसे पता चल गया कि वो ऐसे नहीं जाने वाली. उसने अपने मूह को अपने हाथों से साफ किया और बोला---

"क्या करूँ? बताओ..."

"पकड़ और गिरा दे बिस्तेर पे..." मन ने कहा

"आ.आ..अगर तुम चाहो तो तुम म..मुझे द्द...." सुप्रिया बहुत ही ज़्यादा हकला के बोल रही थी. और उसकी छाती उपर नीचे हो रही थी और चहरी पर लाली छाइ हुई थी..

"बोलो दी..." अरुण ने आँखों मे देखते हुए ज़ोर देके कहा..\

"मैं कह रही हूँ कि अगर तुम चाहो तो म..मुझे देखते हुए म..मास्टरबेट कर सकते हो.." इतना कह के सुप्रिया ने अपना चेहरा दूसरी तरफ मोड़ लिया..

"दिस ईज़ दा सक्सेस बॉस..."

इधर अरुण का मूह खुला का खुला रह गया.
"आ...आ...आप सही मे मुझे देखने दोगे...." अरुण का गला सुख जाता है आगे के सीन इमॅजिन करके..

"ऑफ कोर्स.. इतनी हेल्प तो मैं तुम्हारी कर ही सकती हूँ."

"ओके..." और उसके बाद थूक अंदर निगल जाता है...

"तुम बेड पर लेट क्यूँ नही जाते..." सुप्रिया थोड़ा चेयर हटा कर बेड के सामने आते हुए बोलती है..

वो फिर खिड़की और डोर का लॉक चेक करके दोबारा बेड के नज़दीक आती हैं. अरुण के पैर बेड के नीचे लटके हुए हैं. और सिर तकिया के उपर रख उसने अपने उपर चादर डाल ली है और अपनी जीन्स और बॉक्सर नीचे करके अपना लंड अपने हाथ मे ले रखा है...

सुप्रिया बेड के पास आके धीरे से अपनी टीशर्ट के किनारे को पकड़ती है. और धीरे धीरे उसे उपर उठाती है जैसे ही उसकी टीशर्ट उसकी नाभि के उपर पहुँचती है..अरुण का धीरे धीरे अपने लंड पर उपर नीचे होने लगता है. उसके सामने उसकी बहेन सुप्रिया दी की चिकनी, चमकती, गहरी नाभि का नज़ारा आता है. फिर और उपर फिर एक झटके के साथ उसके सामने दुनिया के दो सबसे खूबसूरत फल आते हैं. और उसकी एक हल्की सी आह निकल जाती है. सुप्रिया टीशर्ट को बेड की दूसरी साइड फेक देती है.. और हल्का सा अपने दुधो को हिलाती हुई अरुण की तरफ देखती है.. इधर अरुण उन खरबूज़ों की एक एक चीज़ को आँखों मे भर लेना चाहता है. बिल्कुल गोल दूध हिलते वक़्त अपनी कयामत ढा रहे हैं. उनपर हल्के भूरे कलर के निपल हल्का हल्का ऐंठन के साथ टाइट होते जा रहे हैं(कमरे मे लाइट भरपूर है).. अरुण की इच्छा हो रही थी अभी जाए उनको पकड़ कर उनका रस पान करने लगे.

"कैसे लगे???" सुप्रिया अरुण की आँखों मे देखकर हल्का सा शरमाते हुए पूछती है...

"भाई पकड़....पकड़"

अरुण एक बार फिर उन सुंदरताओं की तरफ नज़र डालता है. उसे धीरे धीरे महसूस होता है कि सुप्रिया भी गर्म होती जा रही है जिसके कारण उसके छोटे छोटे निपल्स कड़क होते जा रहे हैं... सुप्रिया अपनी नज़रें नीचे कर लेती है..

अरुण दोबारा थूक निगलता है..
"दी...दे आर...." उसे इस टाइम बोलना मुश्किल पड़ रहा है "पर्फेक्ट, सो ब्यूटिफुल..."

"सुप्रिया हल्की सी स्माइल के साथ अरुण को देखती है और कहती है" इतने भी अच्छे नही हैं..मस्का मारने की ज़रूरत नही है..

"चूत मारने की ज़रूरत है..." मन ने कहा

"नही दी..दे आर रियली नाइस. पर्फेक्ट, राउंड, स्माल. आप सही मे हॉट हो...." अरुण भी मुस्कुराते हुए जवाब देता है. उसका हाथ अभी भी अपने लंड पर उपर नीचे हो रहा है..

"त..तुम चाहो तो च...छ्च..छू के देख सकते हो..." इस बार सुप्रिया के कान भी लाल पड़ने लगते है..

हवा मे एक सेक्षुयल टेन्षन बढ़ जाती है...पूरे कमरे मे सिर्फ़ सुप्रिया और अरुण की साँसों की आवाज़ और साथ मे उसके हाथों के उपर नीचे होने की आवाज़ सुनी जा सकती है..

"सच मे दी..." अरुण बहुत ही ज़्यादा खुश होते हुए पूछता है...

"हां...अगर तुम चाहो तो ??" ये कहते कहते सुप्रिया बेड के बिल्कुल नज़दीक पहुच जाती है..

अरुण उठता है और सुप्रिया की कमर मे दोनो हाथ डाल के उसे अपनी बॉडी के पास खींचता है. सुप्रिया के बिल्कुल पास आते ही उसे एक बहुत ही मदहोश करने वाली खुसबू आने लगती है.. उसकी नज़रें सुप्रिया के शर्म से मुस्कुराते चेहरे से उसके दूधों की तरफ जाती है...जो उसे बुला रहे हैं...

वो हल्की सी फूँक सुप्रिया के गले से लेकर दूधों के बीच की जगह पर मारता है...सुप्रिया की हल्की सी आह निकल जाती है..और उसके निपल और ज़्यादा तन जाते हैं.. साँसों के साथ साथ दूध उपर नीचे हो रहे हैं..अरुण के मूह मे पानी आ जाता है..उसके हाथ सुप्रिया की पीठ सहला रहे हैं. उसे अपने हाथों पर अपनी दी की चिकनी, मुलायम स्किन बहुत ही ज़्यादा उत्तेजित कर रही होती है..

वो हल्का सा झटका देके उसे अपनी एक जाँघ पर बैठा लेता है और उसकी आँखों मे देखते हुए पूछता है "कोई प्राब्लम तो नही हो रही ना दी..."

सुप्रिया मे बोलने की ताक़त नही बची है. वो बस अपना सिर इधर उधर हिला देती है..अरुण उसके होठों की तरफ देखता है. बिल्कुल गुलाबी और रस से भरपूर...फिर वो अपना लेफ्ट हाथ आगे लाके एक उंगली गले से लेकर दूधों के बीच मे सुप्रिया की साँसों के साथ साथ धीरे धीरे लेकर जाता है...उसके बाद लेफ्ट दूध की बाउन्ड्री पे हल्के से उंगली गोल गोल घूमाते हुए जैसे ही निपल पे उसकी उंगली पड़ती है. दोनो की आहें एक साथ मिलकर घुल जाती हैं. सुप्रिया और अरुण दोनो एक दूसरे की गर्म और मदहोशी भरी सासें अपने अपने चेहरों पर महसूस कर रहे हैं..जैसे ही निपल पर उंगली पड़ती है..सुप्रिया आ के साथ साँस अंदर खींचती है और अपने होंठ अरुण के होंठ से जोड़ देती है..ये पहला मिलन उन दोनो के रोमांच को और बढ़ा देता है..अरुण के होंठों पर जैसे ही उसे सुप्रिया के तपते होंठों का आभास होता है वो हल्के से अपने होंठ खोल देता है और सुप्रिया के उपर वाले होठ का रस्पान करने लगता है. उसे बहुत ही मीठी मीठी खुसबू आ रही है..उसका एक हाथ सुप्रिया के बालों मे दूसरा निपल के साथ हल्की छेड़खानी कर रहा है. सुप्रिया से भी रहा नही जाता वो एक हाथ अरुण के गले मे डालती है और दूसरे उसे उसके बालों मे उंगलियाँ फिराने लगती है..

अरुण उपर वाले होंठ के बाद नीचे वाले का रस्पान करने लगता है..थोड़ी देर बाद वो अपनी जीभ सुप्रिया के मूह मे डालने की कोशिस करता है तो सुप्रिया मना नही करती और अपने होठ खोल देती है.अरुण की जीभ अंदर जाके अपना सैर सपाटा करने लगती है. सुप्रिया से भी रहा नही जाता और वो भी अपनी जीभ अरुण के होंठों से अंदर डालने लगती है. दोनो ऐसे किस कर रहे हों जैसे एक दूसरे को खा जाएँगे. वो किस तब तक चालू रहता है जब तक दोनो को साँस लेना मुश्किल नही पड़ गया..

2 मिनिट बाद दोनो के होठ एक दूसरे से अलग हुए तो दोनो के बीच मे एक धागा बन जाता है लार का..अरुण जैसे ही साँस भरता है तुरंत ही अपना मूह नीचे ले जाता है और निपल को मूह मे रखके एक ज़ोर की साँस लेता है..

"आ.हा.हा" सुप्रिया के मूह से मदहोशी भरी आह निकल जाती है..और वो अपनी छाती और ज़्यादा अरुण के मूह मे फोर्स करते हुए अपनी पीठ को घुमाती है...उसकी जीभ भी अपने होंठों पर फिराती रहती है..

अरुण अपनी सुप्रिया दी को अपनी बाहों मे भरे भरे दोनो निपल्स बारी बारी चूस रहा होता है. ये उसकी जिंदगी के फर्स्ट दूध थे इस बात से वो और ज़्यादा उत्तेजित हो रहा था..उसी बाहों मे सुप्रिया ऐसी समाई हुई है जैसे कोई बच्चा अपनी माँ की गोद मे समा जाता है.. अरुण को इस समय सुप्रिया पर बड़ा प्यार आ रहा होता है..

अरुण 10 मिनिट तक सिर्फ़ एक निपल से दूसरे निपल पर ही लगा हुआ होता है..सुप्रिया के मूह से आह उः की आवाज़ें निकल रही होती हैं..

"निपल के अलावा भी दूसरी जगह किस करने पर भी मुझे अच्छा लगेगा..वैसे मुझे कोई प्राब्लम नही है निपल किस करने से.." सुप्रिया बहुत ही मदहोशी भरी आवाज़ मे अरुण के कान को मूह से लिक्क करके कहती है...तुरंत ही उसकी एक तेज आह निकल जाती है..जैसे ही अरुण एक निपल को दोबारा चूस्ता है और हल्का से उसे दाँतों से काट लेता है जिसके कारण सुप्रिया का निपल और ज़्यादा फूल जाता है..

"अब किसका इंतेज़ार है चूतिए...गिरा और मार ले चूत...गाढ दे लन्डे ओह सॉरी झंडे" 

अरुण उधर ध्यान ना देकर अपने मूह से निपल निकाल कर दोबारा उसे अपनी जीब बाहर निकालकर हिलाता है. फिर अपना ध्यान दूधों के बीच की जगह पर डालता है जहाँ पर हल्की सी नमी आ गयी है और अपनी जीभ से उसे चाटने लगता है. वो दोनो मम्मों को चाट चाट कर गीला कर देता है और आस पास के एरिया को भी.. 

अब वो धीरे धीरे उसकी गर्दन की तरफ बढ़ते हुए सुप्रिया की एक एक इंच स्किन को किस करते करते और साथ मे लिक्क भी करते चल रहा है. वो उसकी चिन को मूह मे भर के चूस लेता है..और एक हाथ से सुप्रिया के निपल को खींच कर मरोड़ देता है..बस सुप्रिया के मूह से "ओह अरून्न्ञन्..." निकलता है और वो और ज़्यादा उसमे घुसने की कोसिस करती है और मदहोशी मे अपना हाथ अरुण के लंड की तरफ ले जाती है..जैसे ही उसका हाथ अरुण के लंड से टच होता है वैसे ही अरुण का लंड एक तेज झटका मारता है और अरुण एक आह के साथ कस्के सुप्रिया के बालों को पकड़कर अपनी तरफ झुकाता है और अपनी जीब सुप्रिया के खुले मूह मे डालकर चूसने लगता है..एक तरफ उसकी जीभ सुप्रिया के मूह मे अपना कमाल दिखा रही है दूसरी तरफ उसके हाथ निपल को मरोड़े जा रहे हैं..वो अपनी एक उंगली को पहले अपने मूह से गीला करता है फिर सुप्रिया के निपल पर फिरा कर अपने मूह मे डाल के चूसने लगता है फिर साइड से सुप्रिया के मूह मे डालता है..सुप्रिया किसी लॉलिपोप की तरह उसकी उंगली चूसने लगती है...उसका हाथ अरुण के लंड को पकड़ लेता है और उसे चादर के उपर से भी उसमे से आग निकलते हुए महसूस होती है..

सुप्रिया और ज़्यादा अरुण के करीब आती है और अपनी चूत को अरुण के लंड के करीब छूने की कोसिस करने लगती है..एक हाथ से वो उसके लंड को उपर नीचे कर रही है दूसरा हाथ उसके गले मे डाल कर अपनी चूत को उसके लंड पर रगड़ रही है..उसने नीचे पैंटी और उसके उपर बहुत ही पतले कपड़े वाला लोवर पहना हुआ है..इतना ज़्यादा धक्के के कारण दोनो बिस्तर पर गिर पड़ते हैं अरुण नीचे है सुप्रिया उसके उपर चढ़ के उसके लंड पर अपनी चूत रगड़ रही है.अरुण के दोनो हाथ सुप्रिया के बालों मे उलझे हुए हैं और दोनो बहुत ही आवाज़ के साथ एक दूसरे का रस्पान कर रहे हैं.. कमरे मे सिर्फ़ स्लर्प..आह..उहह की आवाज़ें ही सुनाई दे रही हैं.

सुप्रिया एक हाथ से चादर हटा देती है और अरुण के नंगे लंड पर अपनी गीली चूत रगड़ने लगती है. लोवर के उपर से गीलापन सॉफ सॉफ देखा जा सकता है..थोड़ी देर मे दोनो किस तोड़ते हैं और सुप्रिया के मूह से आह और उह और तेज हो जाती है..

"ओह..ओह्ह्ह..आह...उहह..ओह गॉड...अरून्न्ञणन्..." और अरुण के नाम के साथ उसे रीयलाइज़ होता है वो इतनी ज़्यादा गर्म हो गयी थी उसका भी छूटने वाला ही है..

"ओह गॉड...दी यू आर सो हॉट...दी......दीई. आइ.इम कूम्म्मिंगगगग..." और ये कहते कहते अरुण का छूट जाता है..जैसे ही सुप्रिया को अरुण का सीमेन अपने पेट पर महसूस होता है उसका भी ऑर्गॅज़म हो जाता है दोनो इतने कस के दूसरे को चूमने लगते हैं. दोनो एक दूसरे के शरीर को एक दूसरे के अंदर समा लेना चाहते हैं..

सुप्रिया की उंगलियों मे अरुण का स्पर्म लग जाता है और अरुण बिना जाने ही धक्के मारने लगता है जैसे की चूत के अंदर लंड को ले जाना चाहता हो.."ओह अरुण...

निकालो..निकाल दो अपने माल को अपनी दी के उपर....आह..उहह...फाड़ दो अपनी दी की चूत को अपने इस लंड से..." 
सुप्रिया अपनी उत्तेजना मे पता नही क्या क्या बोले चली जाती है..

अरुण अपना सिर पीछे तकिया मे डाल देता है..उसके सिर मे हल्के हल्के विशफोट होने लगते हैं और उसका वीर्य बाहर सुप्रिया के हाथ पेट और बूब्स को ढक देता है..

सुप्रिया भी निढाल होकर अपना सिर उसकी छाती पर रख के ढेर हो जाती है.दोनो की साँसें बड़ी तेज़ी के साथ उपर नीचे हो रही हैं...अपनी सासों पे काबू करने के बाद अरुण सुप्रिया के चेहरे पर से बालों की लट को हटाता है और उसको अपने उपर खींच के पहले उसके लिप्स पे एक छोटी सी किस करता है फिर उसके सिर को चूमता है.सुप्रिया भी उसके सिर और गाल को चूमती है और दोबारा उसके उपर लेट जाती है..

थोड़ी देर बाद सुप्रिया उठती है उसके गालों को चूमती है. अरुण अपनी आँखें खोलता है तो सामने सुप्रिया का मुस्कुराता हुआ चेहरा पाता है..

"हाई.." अरुण कहता है..

"मुझे तुम्हे कुछ बताना है.." सुप्रिया मुस्कुराते हुए कहती है..

"यू आर प्रेग्नेंट.." ये कहके अरुण एक बड़ी सी स्माइल देता है..

सुप्रिया हँसते हुए उसके माथे पर मारती है और कहती है "नो यू ईडियट..थोड़ा सीरीयस होके सुनो...दट वाज़ सो हॉट..मुझे बहुत अच्छा लगा..मैने लाइफ मे पहली बार इतनी अच्छे तरीके से ऑर्गॅज़म को एंजाय किया है..और तुमने इस तरीके से किस करना कहाँ से सीखा..तट वाज़ पर्फेक्ट आंड सो एरॉटिक.."

"मुझे भी नही पता दी कहाँ से आपके साथ बस हो गया..यू आर सो हॉट..अब आगे से पॉर्न देख के तो मेरा कुछ नही होने वाला.." अरुण हल्की हँसी के साथ कहता है..
उसके मन मे तो पार्टी चल रही थी..

"अरुण सुनो..चाहे कुछ भी हो जाए यू आर माइ ब्रदर आंड आइ लव यू..मुझे नही लगता की अभी जो कुछ हमारे बीच हुआ वो ग़लत था..मुझे इससे कोई प्राब्लम नही है लेकिन अगर तुम्हे कोई प्राब्लम है तो हम आज के बाद कभी इस बारे मे कोई बात नही करेंगे.."

"फक हर"

सुप्रिया अपने आप को साइड मे कर के एक हाथ उसकी छाती पर रख देती है..
"मुझे तो नही लगता मैं कभी ये दिन भूल पाउन्गा.."अरुण बहुत ही बड़ी स्माइल के साथ बोलता है..

"देखो अरुण मैने बचपन से तुम्हारा ख़याल रखा है..तुम्हारी हर प्राब्लम मे मैने तुम्हारी मदद की और मुझे उसमे कोई प्राब्लम भी नही हुई..तो आज भी मुझे खुशी हुई जब मैने अपने छोटे भाई की किसी प्राब्लम को सॉल्व करने मे मदद की..मुझे खुशी है कि हमारे बीच ये हुआ.."सुप्रिया उसके सीने को सहलाते हुए बोली.

"दी..मैं भी कभी महसूस नही करूँगा कि ये ग़लत था..मैं सही मे आपसे बहुत ज़्यादा प्यार करता हूँ..आंड थॅंक योउ फॉर दिस..आंड थॅंक यू फॉर बीयिंग माइ फर्स्ट.."

"फर्स्ट?" सुप्रिया कन्फ्यूज़ हो जाती है..

"माइ फर्स्ट हॅंड जॉब दी..."अरुण स्माइल के साथ कहता है और सुप्रिया के गालों को सहलाता रहता है..

"आर यू ओके..?" सुप्रिया पूछती है
"एप..एक्सलेंट"
"अगर दोबारा कोई प्राब्लम हो तो तुम्हे पता ही है मैं कहाँ मिलूंगी.."सुप्रिया उसे आँख मारते हुए बोलती है.. और बिस्तर से उठ के अपनी टी शर्ट पहनने लगती है.."अब मुझे जल्दी नीचे चले जाना चाहिए वैसे भी अभी खाना भी नही बनाया है..और सोनिया को कुछ शक हो गया तो तुम्हारा तो जीना मुश्किल हो जाएगा...हां ये अलग बात है अगर तुम उसको अपना ये हथियार दिखा दो कुछ और मिल जाए.." सुप्रिया अपने बालों को सुलझाते हुए कहती है और आँख मार के कहती है..

"दी...शी ईज़ माइ सिस्टर"

"और मैं क्या हूँ...?" सुप्रिया उसको पिल्लो मारते हुए कहती है..
"मैं उस सेन्स मे नही कह रहा था दी..." अरुण फिर एक किस करता है सुप्रिया को और उसका माथा चूम लेता है..

सुप्रिया जैसे ही उसके रूम के दरवाजे तक पहुँचती है अरुण बोलता है..

"दी..मैने जब कहा था कि आप बहुत ही ब्यूटिफुल हो आंड आइ लव यू...आइ रियली मीन इट..." सुप्रिया उसकी ओर फ्लाइयिंग किस करके चली जाती है..और अरुण सपनो की दुनिया मे जाने की तय्यारी करने लगता है..

और धीरे धीरे नींद की आगोश मे चला जाता है..इस बार ना कोई जोकर..ना कोई आक्सिडेंट बस सुहानी नींद...

इसके बाद अरुण 3 4 घंटे तक आराम से सोता रहा. इतनी अच्छी और गहरी नींद थी कि जब सुप्रिया उसे लंच के लिए बुलाने आई तब भी नही उठा. तो सुप्रिया ने उसे सोने दिया लेकिन उसके उपर चादर ऊढा के चली गयी और उसके माथे को चूमा.

अरुण अपने सपनों की दुनिया मे खोया हुआ था. उसके सपने मे उसके पीछे बूब्स और चूतो की फ़ौज़ उसके पीछे पड़ी थी और वो बेतहाशा भागा जा रहा है. और वो पीछे से उसे आवाज़ भी दे रहे हैं..

"अरुण"

"अरुण"

"अरुंण" आरोही ने आख़िर तंग आकर उसके हाथ पे तेज़ी से मारते हुए उसे उठाने की कोसिस की...

"मैं कसम खा के कहता हूँ मैने सिर्फ़ किस किया था..." अरुण बहुत तेज़ी से उठ के बोलता है....उसका चेहरा पसीने से भीग जाता है. पहले तो उसे कुछ समझ मे नही आता लेकिन जब उसके कानों मे बहुत ही तेज हँसने की आवाज़ और बिस्तर हिलने का आभास होता है तो वो अपनी आँखों को मल के चारों ओर देखता है कि आरोही अपना पेट पकड़कर हंस रही है...

अगले 2 3 मिनिट तक कमरे मे केवल आरोही के हँसने की ही आवाज़ें आ रही थी..आख़िर मे उसने हान्फते हुए कहा.."दट वाज़ रियली फन्नी..."

इधर अरुण के मन मे भी हँसी ही हँसी की आवाज़ें आ रही थी..

"बेटा तू पक्का किसी दिन सपने की वजह से मर जाएगा..हाहहाहा...मैने सिर्फ़ किस किया था...हाहहहहह"

"हां...हां..वेरी फन्नी" अरुण मूह बनाते हुए बोला.

"कोई नही...वैसे सपना किसके बारे मे देख रहे थे.." आरोही ने हँसी को रोकते हुए कहा..

"जोकर..."

"जोकर का नाम आरोही था..." और दोबारा हँसने लगी..

"दट'स नोट फन्नी.." अरुण थोड़ा एंबॅरस होते हुए बोला..

फिर भी आरोही हँसती रही और रूम के दरवाजे के पास पहुँच के बोली.."तुमने लंच तो किया नही तो स्नेहा दी ने स्नॅक्स तय्यार करे हैं..जल्दी आ जाना.." अरुण के मूह पर ये बात सुनते ही मिलियन डॉलर स्माइल आ जाती है और वो उपर की ओर देखता है तो दिखाई देता है कि सोनिया अपने मूह से किस्सिंग का सीन का डिसप्ले कर रही है और उसकी ओर देख के हंस रही है. अरुण एक छोटी सी बॉल जो कि बेड के पास टेबल पे रखी है उसे उसके उपर फैंकता है लेकिन तब तक आरोही दरवाजा बंद करके बाहर पहुँच जाती है लेकिन दोबारा सिर अंदर करके "आहह...सोनियाआ...हहिहिहीः" बोल के भाग जाती है..

"ये तुझे पक्का अपना गुलाम बनाएगी...देख लियो...बस सेक्स स्लेव बनाए लेकिन.हिहीही"

इस बात को मन से हटाते हुए और स्नेहा दी के खाने के बारे मे सोचते हुए अरुण फ्रेश होकर क्लीन क्लोद्स पहेन कर नीचे जाता है तो आरोही तो सोफे पे बैठ के टीवी देख रही है.. सोनिया फोन पे चिपकी हुई है..स्नेहा दी किचन मे कुछ बना रही हैं और बाथरूम मे पानी चलने की आवाज़ आ रही है..

तो अरुण पानी पीने किचन मे जाता है तो देखता है कि स्नेहा किचन की टॉप शेल्फ से कुछ उतारने की कोसिस कर रही है जिसकी वजह से उसकी गान्ड का शेप काफ़ी अच्छा लगने लगता है अरुण को और वो उसी मे खो जाता है..

"अरुण.."

"अरुण..हेलो मैने कहा उपर से सॉस उतार दो ...ध्यान कहाँ हैं तुम्हारा"

अरुण एक दम से होश मे आता है और सॉस उतार कर स्नेहा को दे देता है लेकिन सॉस देते देते उसकी नज़र स्नेहा के फ्रंट पर पड़ती है और उसकी गर्मी बढ़ने लगती है..स्नेहा का क्लीवेज सॉफ सॉफ नज़र आ रहा है लेकिन स्नेहा तो स्नेहा है उसे इन चीज़ों के बारे मे ज़्यादा कामन सेन्स नही है..

(यहाँ पर मैं पहले ही क्लियर कर दूँ कि स्नेहा इंटेलिजेंट तो बहुत है लेकिन इसके कारण थोड़ा सा कामन सेन्स आंड बिहेवियर वाली थिंग्स हल्की सी कम है..)

खैर तब तक सुप्रिया किचन मे आती है और अरुण को कोई चीज़ बाथरूम मे उतारने के लिए अपने साथ लेके जाती है और बाथरूम मे पहुँचते ही पहले उसके होंठों पर एक छोटी सी किस फिर कहती है.."मैने तुम्हे जब उस कंडीशन मे स्नेहा के दूध देखते देखा तो मैं समझ गयी कि तुम हॉर्नी हो रहे हो..अरुण मैं अपने प्यारे भाई को तक़लीफ़ मे कैसे देख सकती हूँ" इतना कह के वो दोबारा अरुण को किस करने लगती है.. और उसके हाथ अरुण की पीठ सहलाने लगते हैं.. उसके हाथ अरुण की पीठ से होते होते अरुण के लंड पर पहुँच जाते हैं और उसका हाथ पड़ते ही अरुण का लंड खड़ा होने लगता है..

"अरुण तुम ऐसे नही रह सकते..हम लोग तो हमेशा ही यही रहेंगे..इस तरीके से हर घंटे अगर तुम हम को देख कर गर्म हो जाओगे तो कैसे चलेगा..यू हॅव टू कंट्रोल..." इतना कह के सुप्रिया अरुण की बेल्ट खोलने लगती है...

अरुण सर्प्राइज़ के साथ बाथरूम के गेट की तरफ देखता है जैसे ही सुप्रिया उसके बॉक्सर्स को नीचे करती है अरुण का लंड उसकी आँखों के सामने आ जाता है. जिसे देखकर सुप्रिया की आँखों मे चमक आ जाती है वो अपने होंठों पर जीभ फिराती है और एक हाथ से लंड को उपर उठाती है और टट्टो को मूह मे भरकर चुस्ती है...

"दी..ये..क..क्क्या..क.क्कार .र्र..रही हो..दूसरे. लोग..भी हैं बाहर..किसी ने सुन ल्ल.ल्लिया तो...आहह" अरुण सिर्फ़ इतना ही कह पाता है तब तक सुप्रिया उसे एक बार आँख मारती है और उसके लंड के अंदर की साइड को चाटती हुई उपर सुपाडे तक जाती है उसे मूह मे भरकर एक ज़ोर की चुस्की मारती है..जैसे अभी उस मे से जूस निकलेगा..फिर उसी सुपाडे पर अपने होंठ ज़ोर ज़ोर से घुमाने लगती है और एक हाथ से लंड को आगे पीछे कर रही है और दूसरे से टट्टो को सहला रही है..मदहोशी मे अरुण का हाथ सुप्रिया के बालों पर चला जाता है और वो उन्हे सहलाने लगता है...
सुप्रिया फिर पूरा लंड मूह मे भरकर चूसने लगती है...
ये दोनो अपनी मस्ती मे पूरी तरह खोए हुए होते हैं...

"दी..स्नॅक्स तय्यार हैं जल्दी आ जाओ...और ये अरुण कहाँ चला गया...आरृूंन्ञणणन्.."स्नेहा की आवाज़ आती है..

सुप्रिया तुरंत ही अरुण का लंड अपने मूह से झटके से निकालती है और इधर उधर देखती है और उपर उठ के अरुण को एक लीप किस के साथ आँख मार के चली जाती है..इधर अरुण का चेहरा पसीने से भीगा हुआ है..वो दोबारा मूह धोता है..

"कितनी कलपद होगी तेरी बे..."

वो भी चुपके से बाथरूम से निकलता है और आके डाइनिंग टेबल पर बैठ जाता है..
सब लोग बैठे हैं सिवाय स्नेहा के वो भी सब समान लाके अरुण के सामने वाली चेयर पर बैठ जाती है....लेकिन आरोही बड़े ध्यान से अरुण की तरफ देखती है तो समझ जाती है कि कुछ तो गड़बड़ है..वो कुछ नही कहती...इधर स्नेहा सबको चाउमीन सर्व करती है..जितनी बार वो उठ कर आगे तरफ़ झुकती है उतनी बार अरुण का गला सुख जाता है. सुप्रिया ये देखकर अपनी हँसी को कंट्रोल करती है. फिर सब खाना शुरू करते हैं..
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