Incest Porn Kahani वाह मेरी क़िस्मत (एक इन्सेस्ट स्टोरी)
01-24-2019, 11:54 PM,
#13
RE: Incest Porn Kahani वाह मेरी क़िस्मत (एक इन्�...
LAST PART

“हाईईईईईईई अपनी बहन संध्या से की गई बेवफ़ाई पर अब उसे क्या ज्वाब दूंगा मैं” रात के अँधेरे में अपनी बहन संध्या को यूँ अचानक कमरे के दरवाज़े साथ खड़ी होकर मेरी और अम्मी की चुदाई देखते हुए एक लम्हे के लिए मैंने घबराकर सोचने लगा तो फिर दूसरे ही लम्हे मेरी नज़र संध्या के चेहरे से हट कर उसके जिस्म पर पड़ी |

“उफफफफफ्फ़ यह क्या संध्या तो इस वक़्त ना सिर्फ़ मुकम्मल नंगी है, बल्कि इसी नंगी हालत में कमरे के दरवाज़े पर खड़े होकर मेरी और अम्मी की चुदाई को देखकर इतनी गरम हो चुकी है, कि वो अब अपनी चूत को अपने ही हाथ से मसल कर अपनी चूत में लगी आग को ठंडा भी कर रही है” |

अपनी बहन को यूँ कमरे की दीवार के साथ लग कर मेरी और अम्मी की चुदाई देखने के साथ साथ अपनी चूत में अपनी ही उंगली मारते देख कर मैंने सकूँ का सांस लिया और फिर अम्मी से नज़र बचा कर अपनी बहन को कमरे में आने का इशारा कर दिया |

मेरे इशारे को समझते ही संध्या ने एक लम्हे के लिए मेरी आँखों में आँखें डाल कर मेरी तरफ देखा और फिर इंकार में अपना सिर हिला दिया |

“प्लीज़” संध्या के इंकार को देख कर मैंने नजरों ही नजरों में दुवारा अपनी बहन से कमरे में आने की दरख्वास्त की और इसके साथ ही अम्मी के ऊपर से हट कर बिस्तर पर उनके बराबर लेट गया |

मेरी इल्तिज़ा भरी नजरों को देख कर चंद लम्हों के लिए संध्या बुत बन कर उधर ही खड़ी रही और फिर कुछ देर बाद किसी फॅशन शो के रैंप पर चलने वाली मॉडेल की तरह अपनी गांड मटकाती नंगी हालत में ही मेरे बिस्तर के करीब आ खड़ी हुई |

संध्या को खामोशी से कमरे में दाखिल होने की वजह से पहले पहल तो अम्मी की नज़र उस पर नही पड़ी मगर कमरे में आकर संध्या यूँ ही बिस्तर के नज़दीक पहुँची तो वो अम्मी की नज़र में आ ही गई |

अपनी जवान बेटी को यूँ नंगी हालत में एकदम अपने सामने पाकर एक लम्हे के लिए अम्मी के तो होश ही उड़ गए | मगर उन्हें फ़ौरी तौर पर समझ नही आया कि इस सुरते हाल में वो कैसे रियेक्ट करें |

लेकिन जैसे ही अम्मी को यह एहसास हुआ कि संध्या के साथ साथ वो भी तो इस वक़्त मुकम्मल नंगी हालत में हैं तो मेरे पहलु में लेटी मेरी अम्मी ने तेज़ी के साथ लपक कर पास पड़ी बिस्तर की चादर उठाई और अपने जिस्म को एकदम छुपाने की कोशिश की |

“संध्या बाहर खड़ी होकर काफ़ी देर से हम दोनों की चुदाई देखती रही है, और आपकी बेटी अब आपके जिस्म के सारे हिस्सों से अच्छी तरह वाकिफ़ हो चुकी है, इसलिए अब उससे अपने जिस्म को छुपाने का कोई फ़ायदा नही फख़ीरा बेगम” अम्मी को यूँ एकदम अपने ऊपर चादर लेते देख कर मैं मुस्कुराते हुए बोला और साथ ही अम्मी के जिस्म पर बिछी हुई चादर को अपने हाथ से पकड़कर अम्मी के जिस्म से वो चादर उतार फैंकी |

“उफफफफफ्फ़ क्या, संध्या इतनी देर से हम दोनों को देखती रही है, तो तुमने मुझे बताया क्यों नही अफ़ताब” मेरी बात सुनते ही अम्मी मेरी तरफ देखा और अपने मोटे नंगे मुम्मों को अपने दोनों हाथों से छुपाते हुए थोड़ा गुस्से में बोलीं |

“जब आप छूप छूप कर मेरी और संध्या की चुदाई देखती रही हैं, तो उस वक़्त आप ने मुझे बताया था, जो अब मैं संध्या के बारे में आप को बताता अम्मी जान” अम्मी की बात सुनते ही मैं मुस्कुराया और शरारती अंदाज़ में अपनी अम्मी को ज्वाब दिया |

“ओह चूँकि आपको अपने ही बच्चों की चुदाई देखने में आपको मज़ा आता है, और इसी वजह से ट्यूबवेल पर वक़्त रंगे हाथों पकड़ने के बावजूद आपने हमें कुछ नही कहा अम्मी” अम्मी के मुताल्लिक़ मेरे मुँह से निकलने वाले इस राज़ को सुनकर संध्या ने हैरानी से अम्मी की तरफ देखा |

मेरी बहन को इस तरह अपनी तरफ देखते पाकर अम्मी ने शरमिंदा नजरों के साथ संध्या की तरफ देखा और शर्म के मारे अम्मी का मुँह लाल हो गया |

“शरमिंदा होने की हरगिज़ जरुरत नही, क्योंकि आज से आप दोनों ही मेरी औरतें हो, और घर के मालिक की हैसियत से आप दोनों की जिस्मानी जरूरत का एक साथ ख्याल रखना अब मेरी फर्ज़ है” अम्मी के चेहरे पर शरमिंदगी के असार देखते ही मैंने अम्मी को समझाते हुए कहा |

इसके साथ मैंने अपनी बहन संध्या की तरफ अपना मुँह किया और बोला “अब उधर खड़े खड़े मेरे और अम्मी के नंगे जिस्मों को ही देखती रहोगी, या करीब आकर मुझे अपने इस प्यासे जिस्म की प्यास बुझाने का मौक़ा भी दोगी मेरी रानी” |

“हाईईईईईईईईई इस चूत पर अब आपका ही हक़ है, इसलिए अपनी फुद्दी को चोदने का मौक़ा आपको नही दूँगी तो फिर और किसे दूँगी भाईईईईईईई” मेरी बात सुनते ही संध्या बोली और फिर बिस्तर पर चढ़ कर बिस्तर पर लेटी अम्मी की टांगों के नज़दीक आ बैठी |

संध्या को यूँ अपने इतने करीब देख कर अम्मी रिलैक्स होने की बजाए और शरमा गईं और अपनी शर्म के हाथों मजबूर होकर ना सिर्फ़ उन्होंने अपनी आँखें बंद कर लीं बल्कि साथ ही साथ अपनी दोनों टांगों को एक साथ मिलाकर अपनी चूत को अपने हाथों से ढांप लिया |

अम्मी को अभी तक यूँ शरमाते देखकर मैं एकदम झुंझला गया | इसलिए गुस्से में आते हुए मैंने आपस में जुड़ी हुई अम्मी की दोनों टांगों को अपने हाथ से पकड़ कर ज़बरदस्ती खोला और अम्मी की चूत से उनके हाथों को भी हटा कर संध्या से बोला, “संध्या देखो कितनी मज़ेदार चूत है हमारी अम्मी की, उफफफफफफफ्फ़ इस उम्र में भी अम्मी की चूत जवान लड़कियों की चूतों को पीछे छोड़ती है” |

“उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ अम्मी की चूत तो वाक्या ही बहुत खूबसूरत है, इसीलिए तो आप भी इसके आशिक़ बन गए हैं भाईईईईईईईईईईईई” अम्मी की बंद टांगें खुलते ही यूँ ही अम्मी की चूत पहली बार संध्या के सामने पूरी तरह नुमायाँ हुई तो मेरी चुदाई की वजह से पानी पानी होती अपनी सग़ी अम्मी की फुद्दी को देखकर संध्या के मुँह में भी पानी भर आया और मज़े के मारे वो अपनी ज़ुबान को अपने होंठों पर फ़ेरते हुए सिसकार उठी |

अपनी अम्मी की चूत को देखकर अपने होंठो पर ज़ुबान फैरते हुए संध्या के इस अंदाज़ ने मेरे ढीले लौड़े में दुवारा से जान पैदा कर दी और वो एक बार फिर से कड़ा कर खड़ा होने लगा तो मैंने बिस्तर पर बदस्तूर अपनी आँखें बंद किए लेटी अपनी अम्मी पर नज़र दौड़ाई और इसके साथ ही मस्ती में आकर अपनी बहन संध्या के कान में सरगोशी की “मैं चाहता हूँ कि तुम मेरे लौड़े से चूदी हुई हमारी अम्मी की इस फुद्दी को मेरे सामने अपनी ज़ुबान से चाटो मेरी बहन” |

मेरी बात सुनते ही संध्या ने एक लम्हे के लिए मेरी तरफ देखा और फिर दूसरे ही लम्हे अम्मी की खुली टांगों के दरमियाँ लेटकर अपनी दोनों उँगलियों से अम्मी की चूत के लब खोल दिए | 

अम्मी की चूत के लबों को अपने हाथ से खोल कर संध्या ने अपना मुँह आगे बढ़ाया और अम्मी की पिंक चूत में बहते अम्मी की चूत के नमकीन पानी को अपनी नुकीली ज़ुबान से चाट लिया |

“ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, उफफफफफफफफफफफफ्फ़, हाईईईईईईईई, यह क्याआआअ कर रही हो तुम मेरे साथ संध्याआआ” रात के अँधेरे में अपने ही सगे बेटे के लौड़े से चुद्वाने के बाद अब अपनी पानी छोड़ती चूत पर अपनी ही सग़ी बेटी के गरम लबों को महसूस कर अम्मी ने एकदम अपनी बंद आँखें खोलीं और मज़े से सिसक कर संध्या से कहा |

“हाईईईईईईईईईईईईईईईई अफ़ताब भाई से चुदवा कर आप उनके लौड़े का मज़ा तो चुख ही चुकी हैं, अब आप अपनी बेटी को भी तो मौक़ा दें, कि वो भी आपकी चूत को अपने मुँह और ज़ुबान से प्यार करके आपसे अपने प्यार का इज़हार कर सके अम्मी जान” अम्मी की सिसकी सुनते ही संध्या ने अम्मी की चूत से अपना मुँह निकाल कर उन्हें ज्वाब दिया |

इसके साथ ही संध्या ने अपने हाथ की तीन उंगलियाँ एक साथ अम्मी की चूत में डालीं और फिर अम्मी की चूत के दाने को अपने मुँह में पूरा भर लिया |

“ओह तुम दोनों अपने लौड़े और ज़ुबान के मज़े दे देकर मुझे तो पागल ही कर दोगे, आआआआआहह चाटो और चाटो म्‍म्म्ममममममम बहुत मज़ा आ रहा है मुझे" अपनी चूत में अंदर बाहर होती अपनी सग़ी बेटी की उँगलियों के साथ साथ अपनी चूत के छोल्ले पर चलती संध्या की गरम ज़ुबान ने अम्मी के जिस्म में आग लगा दी तो मज़े से बेहाल होकर अम्मी पागलों की तरह बुदबुदाने लगीं |

अपनी नजरों के सामने अपनी बहन को अपनी ही सग़ी अम्मी की प्यासी चूत को यूँ चाटते देख कर मेरा लौड़ा भी जोश में पागल होने लगा |

तो मैं अम्मी के पहलू से उठ कर बिस्तर पर लेटी अपनी अम्मी के सिर के पीछे आया और फिर पीछे से अम्मी के सिर के ऊपर चढ़ कर अपने ढीले लौड़ा को अम्मी के खुले लबों पर फ़ेरते हुए सिसका “मेरे लौड़े को अपने मुँह में लेकर इसे चुसो और चूस कर इसे अपनी बेटी की चूत के लिए अच्छी तरह से तैयार करें अम्मी जान” |

मेरी बात सुनते ही बिस्तर पर लेटी अम्मी ने मेरी आँखों में देखा और फिर अपना मुँह खोल कर अपनी चूत के पानी से भरे मेरे लौड़े का टोप्पा अपने मुँह में भर लिया |

“उफफफफफफफफ्फ़ आपकी चूत तो चूत, आपके तो मुँह में भी बहुत गर्मी है अम्मीईईईईईईईईईई जान” अम्मी के गरम मुँह में अपने लौड़े का टोपा जाते ही मुझे जो मज़ा मिला वो मैं लफ्जों में बयान करने में असमर्थ था |

“हाईईईईईईईईई तुम्हारा लौड़ा भी तो कितना गरम और सख्त है मेरे बेटे” मेरे लौड़े के टोपे को मुँह में भरते ही अम्मी को भी जोश आया और इसी जोश में उन्होंने मेरे लौड़े को दीवानावार चूसते हुए मेरे लौड़े पर लगे अपनी ही चूत को पानी को अपने ह्ल्क में उतारना शुरू कर दिया |

“हाईईईईईईईईई लगता है आप अब्बू को काफ़ी चुस्ती रही हैं, इसीलिए तो लौड़ा चुसाई में आप को बहुत ही महारत है अम्मी” अम्मी के चुप्पे के मज़े से पागल होते हुए मैंने पूछा |

“तुम्हारे अब्बू ने तो मुझसे कई दफ़ा लौड़ा चूसने की फ़रमाइश की थी, मगर मैंने इस काम को गंदा समझते हुए हमेशा ही इंकार कर दिया, लेकिन आज तुम्हारे इस शानदार लौड़े से चुद्वाने के बाद मुझे अपने बेटे के आगे इंकार की हिम्मत नही हुई अफ़ताब” |

“हाईईईईईईईईईई मेरा लौड़ा कितना खुशनसीब है जिसे उसकी अपनी सग़ी अम्मी के मुँह ने इतनी इज्ज़त बक्शी हाईईइ” अपनी अम्मी की यह बात सुनकर मैं और जोश में आ गया और इस जोश में अपनी अम्मी के चेहरे को अपने हाथ से पकड़ते हुए अपनी अम्मी के मुँह को इस तरह चोदने लगा जैसे वो अम्मी का मुँह नही बल्कि उनकी गरम चूत हो |

अब कमरे में हालत यह थी कि अम्मी की टांगों के दरमियाँ लेटकर संध्या अपने मुँह के ज़रिए अपनी अम्मी की चूत का रस पी रही थी जबकि मैं अम्मी के पीछे से उनके सिर पर चढ़ कर अपनी अम्मी के मुँह में अपना लौड़ा पेलते हुए अपनी अम्मी की जीभ और गरम मुँह के मज़े ले रहा था और अपनी चूत पर चलती अपनी ही सग़ी बेटी की गरम ज़ुबान के मज़े से बेहाल होकर अम्मी मेरे लौड़े को किसी लोलीपोप की तरह चूस्ते हुए खुद भी मज़े ले रही थीं |

जबकि इस दौरान “ऑश हाईईईईईईईई उफ़फफफफफफफफफफफफ्फ़” किस्म की गरम सिसकियाँ हम तीनो के मुँह से फूट फूट कर कमरे के माहौल को और रंगीन बना रही थीं |

थोड़ी देर अपनी अम्मी से लौड़ा चुसवाने के बाद मेरा लौड़ा दुवारा से अपनी पूरी सख्ती में आ गया तो मैंने अपने लौड़े को अपनी बहन की चूत में डालने का इरादा कर लिया |

यह इरादा करते ही मैंने अम्मी के मुँह से अपना लौड़ा निकाला और अपने बेड की साइड टेबल में पड़ा हुआ कंडोम का एक पैकेट हाथ में लेकर उसे खोलने लगा |

“यह क्या कर रहे हो अफ़ताब बेटा” साइड टेबल से कंडोम को निकाल कर मुझे अपने हाथ में पकड़ते हुए देख कर अम्मी ने मुझसे सवाल किया |

“हाईईईईईईईईईईईईई आपकी चूत को चोदने के बाद अब आपकी बेटी की चूत की आग को ठंडा करने का इरादा है, और संध्या की चूत में लौड़ा डालने से पहले कंडोम इसलिए लगा रहा हूँ, ताकि संध्या प्रेग्नेंट ना हो जाए कहीं अम्मी“ मैंने कंडोम के पैकेट को खोलते हुए अम्मी की बात का ज्वाब दिया |

“ओह मैं घर के सेहन में अपने पोते पोतियों को खेलता हुआ देखना चाहती हूँ, इसलिए आज से तुम्हारा कंडोम इस्तेमाल करना बंद मेरे बेटे” यह बात कहते हुए अम्मी ने मेरे हाथ से कंडोम छीन कर फ़र्श पर फैंक दिया |

“हाईईईईईईईईईईईईईईईई अम्मी आप क्या यही चाहती हैं कि संध्या मेरे बच्चों की माँ बने” अपनी अम्मी की बात का मतलब समझते हुए मेरे लौड़े में बिज़ली की एक लेहर सी दौड़ गई और मेरा लौड़ा शेषनाग की तरह अपना फन फ़ैला कर खड़ा हो गया |

“संध्या को चोद कर तुम ने अपनी बहन की चूत का क़ब्ज़ा तो पहले ही हासिल कर लिया है, मगर आज से मैंने तुम्हारी बहन की चूत की रजिस्ट्री भी तुम्हारे लौड़े के नाम लिख दी है, इसलिए अब अपनी बहन की कोख में अपने लौड़े का बीज़ डाल कर उसे अपने बच्चों की माँ बना दो बेटा” मेरी बात का ज्वाब देते हुए अम्मी ने अपनी गांड को बिस्तर से उठाकर अपनी चूत को गरम जोशी के साथ संध्या के मुँह पर मारा और मज़े से सिसकार उठी |

अम्मी की बात सुनते ही मैं तेज़ी से संध्या के पीछे आया और घोड़ी बनी अपनी बहन की खुबसूरत गांड के दरमियाँ में अपना लौड़ा रगड़ने लगा |

“ओह अम्मी की बातों और आपके लौड़े ने मेरी फुद्दी में आग लगी दी है, इसलिए अब जल्दी से मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल कर अम्मी की ख्वाहिश को पूरा कर दो भाईईईईईईई” अपनी गांड की पहाड़ियों में मेरे लौड़े की गर्मी को महसूस करके मेरी बहन संध्या सिसकी |

“उफफफफफफफफफ्फ़ मेरा लौड़ा भी तुम्हारी चूत से मिलाप के लिए बेचैन हो रहा है, इसलिए अब मेरे लौड़े के इस्तक़बाल के लिए अपनी चूत को तैयार कर लो मेरी जान” अपनी बहन की बात सुनते ही मैंने झटका दिया और अम्मी के थूक से भरे हुए अपने लौड़े को घोड़ी बनी अपनी बहन की चूत में पीछे से घुसा दिया |

“ओह भाई का लौड़ा तो पहले बहुत अच्छा था, मगर भाई के लौड़े को अपने मुँह से चुसाई लगा कर इसे और सख्त कर दिया है, और इस नवाज़िश के लिए मेरी चूत आपकी बहुत ही शुक्रगुज़ार है अम्मीईईईईई” बिना कंडोम के मेरा नंगा लौड़ा जब अपनी बहन की चूत में उतरा तो मेरे गरम लौड़े को अपनी चूत की दीवारों के दरमियाँ में से गुज़र कर अपनी बच्चेदानी के मुँह से टकराते हुए महसूस करके मेरी बहन के मुँह से सिसकी निकल गई |

अपनी बहन की चूत में अपना पूरा लौड़ा डालते ही मैं जोश से ज़ोरदार झटके मारते हुए अपनी बहन की चूत को चोदने लगा |

“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ अपनी सग़ी अम्मी की चूत को चाटते हुए, अपने ही सगे भाई के सख्त और जवान लौड़े से चुद्वाने का मौक़ा किसी क़िस्मत वाली बहन को ही नसीब होता है, इसलिए आज मेरी चूत को चोद चोद कर मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो भाईईईईईईईईईई” मेरे लौड़े को अपनी चूत की गहराई में तेज़ी के साथ आते जाते महसूस करके संध्या मज़े से चिल्ला उठी |

एक तो संध्या की बाहर को निकली हुई दिलकश गांड का नज़ारा और ऊपर से उसकी गरम बातों ने मुझे पागल कर दिया | इसलिए जोश में आते हुए मैं ना सिर्फ़ और तेज़ी के साथ अपनी बहन की चुदाई में मशरूफ़ हो गया बल्कि साथ ही साथ मैंने मज़े से पागल होते हुए संध्या के खूबसूरत चूतडों पर चांटे मारने भी शुरू कर दिए |

अब मैं अपनी बहन की चूत को ज़ोर से चोदते हुए अपने लौड़े के हर धक्के पर ताक़त के साथ संध्या के चूतडों पर थप्पड़ भी मार रहा था |

जिसकी वजह से मेरे हर थप्पड़ पर मज़े और तकलीफ़ से तडप कर संध्या के मुँह से चीख निकल जाती और मज़े से पागल होते हुए वो आगे से अपने मुँह को अपनी अम्मी की चूत में ज़ोर से घुसा देती |

जिसकी वजह से अम्मी को और मज़ा आता और वो भी मस्ती में सिसकीयाँ लेने लगती थीं क्योंकि संध्या के चूतड़ काफ़ी भारी थे इसलिए उन पर थप्पड़ मारने की वजह से काफ़ी तेज़ आवाज़ पैदा हो रही थी |

अपनी बहन के गुंदाज चूतडों पर बार बार थप्पड़ मारने की वजह से चंद ही सेकेंड्स में ही संध्या के गोरे गोरे चूतड़ सूज कर लाल हो गए |

“उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ क्या तुम अकेले ही अम्मी की चूत का मज़ा लेती रहोगी, या मुझे भी अपनी अम्मी की फुद्दी का स्वाद चखने का मौक़ा दोगी संध्या” अपनी बहन की चूत में पीछे से ज़ोरदार घस्से मारते मारते मैं एकदम आगे को झुका और अम्मी की चूत से चिपटे संध्या के मुँह को हटा कर अपना मुँह अपनी अम्मी की चूत पर रख दिया और फिर अपनी बहन की चूत में अपने लौड़े को पेलने के साथ साथ अपने होंठो और ज़ुबान से अपनी अम्मी का मोटा फुद्दा भी खाने में मशरूफ़ हो गया |

“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ अपनी बीवी की चूत को चोदने के साथ साथ अपनी सास की फुद्दी को अपनी गरम ज़ुबान से मज़ा देने के तुम्हारे इस अंदाज़ ने यह साबित कर दिया है, कि तुम वाक्या ही मेरे घर दामाद बनने के क़ाबिल हो अफ़ताब बेटाआआ” संध्या से अपनी चूत चटाई के बाद अपनी फुद्दी पर मेरी गरम ज़ुबान महसूस करते ही अम्मी ने जोश से अपनी गांड उठाकर मेरे मुँह पर रगड़ी और मज़े से चीख़ पडीं |

अपनी बहन को चोदते हुए मुझे अब काफ़ी वक़्त हो चुका था जिसकी वजह से मैं अब फारिग होने के बहुत नज़दीक पहुँच चुका था |

इसलिए अपनी बहन की चूत में अपने लौड़े को डालते हुए मैंने अपनी तमाम ताक़त से एक आखरी धक्का मार कर अपने लौड़े का आखरी इंच भी जड़ तक संध्या की चूत में उतारा तो इसके साथ ही मेरे लौड़े ने मेरी बहन की चूत में अपना पानी गिरा कर संध्या की फुद्दी में कम का सैलाब बनाना शुरू कर दिया |

मेरे लौड़े के गरम मादे को अपनी चूत की गहराईओं में गिरता हुआ महसूस कर के संध्या के जिस्म को एक झटका लगा और अपने मुँह को अम्मी की फुद्दी पर ज़ोर से दबाते हुए मेरी बहन चिल्ला उठी “ओह आपके साथ साथ मैं भी फ़ारिगगगगगगगग हो गई हूँ भाईईईईईईईईईई” |

इधर मेरे लौड़े और संध्या की चूत ने अपना अपना पानी खारिज़ किया तो अम्मी की चूत पर लगने वाली संध्या के मुँह की ज़ोरदार रगड़ ने अपना काम दिखा दिया और हमारे साथ साथ अम्मी की फुद्दी भी अपना पानी छोड़ने लगी |

अब हालत यह थी कि घोड़ी बनी संध्या की चूत को पीछे से चोदते हुए मैं अपनी बहन की कोख़ में अपने लौड़े से थिक वाइट कम की पिचकारियाँ निकालते हुए अपनी बहन संध्या की चूत को भर रहा था जबकि अम्मी की टांगों के दरमियाँ बिस्तर पर लेटकर संध्या ना सिर्फ़ अपनी चूत का पानी भी छोड़ रही थी बल्कि साथ ही साथ वो अपनी अम्मी की चूत से बहने वाले अम्मी की फुद्दी के नमकीन लावे को सक करते अपने ह्ल्क में उतार रही थी |

जब कम का आखड़ी ड्रॉप भी मेरे लौड़े सेई निकलकर संध्या की सेक्सी चूत की गहराइयों में उतर गया तो मैं निढ़ाल होकर अम्मी और संध्या के बराबर में ही बिस्तर पर लेट गया |
“मैं चाहती हूँ कि अब तुम जल्द से जल्द सारी ज़मीन जायदाद को बेच दो अफ़ताब” अपनी बहन की चूत से अपना लौड़ा निकाल कर मैं यूँ ही बिस्तर पर कमर के बल लेटा. तो अम्मी ने अपनी बिखरी साँसों को संभालते हुए मुझे कहा |

“सारी जायदाद बेच दूँ, मगर क्यों अम्मी जी” संध्या की ज़ोरदार चुदाई की वजह से अपने चेहरे पर आने वाले पसीने को हाथ से पूंछते हुए मैं अम्मी से सवाल किया |

“वो इसलिए कि अपने अब्बू की वफ्त के बाद तुमने ना सिर्फ़ अपने बाप की छोड़ी हुई ज़मीन को सही तरीके से संभाला है, बल्कि अपनी बहन और अपनी माँ की चूत को चोद कर, यह साबित भी कर दिया है कि अपने अब्बू की सारी जायदाद के असल वारिस तुम ही हो, इसीलिए अब मैं यह चाहती हूँ कि तुम अपनी सारी जायदाद बेच कर हम दोनों माँ बेटी को किसी दूसरे शहर ले जाओ, और फिर मेरा घर दामाद बन कर मेरी और मेरी बेटी की चूत को अपने लौड़े से चोदकर हम दोनों माँ बेटी को मज़े दो” मेरी बात का तफ़सील से ज्वाब देते हुए अम्मी के चेहरे पर एक मुस्कराहट फैल गई |

“ओह आपने तो मेरे दिल की बात कह दी अम्मी जान” अपनी अम्मी की यह बात सुनते ही मुझे जोश आया |

फिर मैं बिस्तर से एकदम उठा और अपनी अम्मी को अपनी बाहों में लेने के साथ ही उनके गुंदाज लबों को अपने मुँह में भर कर मज़े से चूसने लगा |

“उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आपकी यह बात सुन कर मेरी चूत फिर से पानी पानी होने लगी है, कि अब हम दोनों माँ बेटी अपने ही भाई और बेटे की बीवियाँ बन कर उनके साथ अपनी ज़िन्दगी बसर करेंगी अम्मी जान” अम्मी की बात सुनकर संध्या भी बिस्तर से उठी और अम्मी के मोटे मुम्मे पर अपना मुँह रख कर अपनी अम्मी के लंबे निप्पल को मज़े से चूस्ते हुए बोली |

उस रात के एक महीने के बाद ही हम लोग अपना सब कुछ बेच कर गाँव से कराची शिफ्ट हो गए यहाँ मैं और संध्या मियाँ बीवी बन कर एक साथ रहने लगे |

मेरी बहन संध्या मेरी बीवी बनने के बाद बहुत ही खुश थी | और इस ख़ुशी में अपनी टांगों को खोले बिस्तर पर पड़ी रहती और दिन रात दिल खोल कर मुझसे अपनी फुद्दी मरवाती |

अपनी बहन से की जाने वाली इस चोदाई का सिला मेरी बहन संध्या ने मुझे एक बहुत ही प्यारी सी बच्ची की शकल में कराची आने के तक़रीबन 8 महीने बाद दे दिया |

अब मैं हर रोज़ रात को अपनी अम्मी और बहन की चुदाई एक साथ एक ही बिस्तर पर करके ना सिर्फ़ अपनी अम्मी और बहन की फुद्दियों को अपने लौड़े से ठंडा करता हूँ बल्कि उन दोनों की चूतों को भी एक साथ सक करके अपने मुँह से अपनी अम्मी और बहन की फुद्दियों को मज़ा भी देते हुए अपने आपसे यही कहता रहता हूँ “वाहह मेरी क़िस्मत” ||


THE END
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