RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
[i]मैने शीबा बाजी की ओर देखा और वो मेरी ओर फ़िकरमंद निगाहो से देख रही थी...."यही एक रास्ता है बाजी".......
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"पर तुम वापिस आसानी से लौट नही सकते मालिक तुम्हें मारने का एक मौका भी नही".......
.मैने लूसी की ओर गरज के कहा "ये ज़रूरी है बस्तीवालो के लिए मेरी बाजी के लिए उस शैतान के लोगो का मरना ज़रूरी है और उस शैतान का भी"........लूसी चुपचाप हो गयी
"तो फिर यही तय रहा सुबह होने वाली है हम यहाँ और इंतेज़ार नही करेंगे उनकी लाशें इस वक़्त सोई हुई पाई जाएँगी उन्हें फ़ौरन जला डालेंगे हमारे पास सिर्फ़ एक पूरा दिन है और अंधेरा होते ही वो शैतान अपनी क़ब्रों से बाहर अगर आ गये तो उन्हें संभालना मुस्किल हो जाएगा".........चार्ल्स ने ख़ौफ़ खाते हुए हिदायत दी......
जल्द ही हमारी कठोर नज़रें एक दूसरे से मिली....और हम सूरज निकलते निकलते ही घाटी की उस तरफ के लिए रवाना हो गये..हमारे घोड़े ने जैसे ही पहाड़ी को क्रॉस किया....जल्द ही हम उसी सुनसान क़िले के सामने आने लगे...उस जैसे मनहूस खौफनाक क़िले को देखते ही जैसे रोंगटे खड़े हो जाते थे....घोड़ो के तेज़ कदम पूरी वादियो में गूँज़ रहे थे...ही ही करते हुए घोड़े आधे दूर में ही खड़े हो गये और आगे नही बढ़ पाए
"हमे यही उतरना होगा".....चार्ल्स ने हिदायत दी....
मैं और चार्ल्स धीरे धीरे क़िले के पास आए....."इसके अंदर भी क़ब्र हो सकती है".....मैने जवाब मे कहा...
"नही राजा स्किवोच के मुलाज़िम पिशाचो की लाशें बाहर की क़बरो में दफनाई गयी थी जहाँ जिस इंसान को दफ़नाया गया है वो वही आते है....रही बात राजा की उसकी क़बर किसी ताबूत में बंद होगी किसी अंधेरे तहख़ाने में"......
मैने पूरी बात सुनते हुए हामी भरी.."एक काम करते है आप उन लाशो को खोदिए मैं ड्रॅक्यूला की लाश को ढूंढूंगा".......
"ये बहुत जोखिम भरा है बात समझने की कोशिश करो"........
"ये ज़रूरी है"........मैने चार्ल्स की बात को काट के उसे हौसला दिया
मैं द्वार को आधा खोलके उसके अंदर जाने लगा...चार्ल्स कब्रिस्तान की तरफ बढ़ा....और उसने जल्दी जल्दी क़ब्रों को खोदना शुरू कर डाला...
उस खंडहर में एक अज़ीब सी घुटन महसूस हो रही थी मानो जैसे मौत एक और ज़िंदगी का गला घोटने के लिए तय्यार थी....चार्ल्स ने मुझे जो तलवार दी थी उस पवित्र तलवार को मैं हवा में फिराते हुए चारो ओर घूम के चौक्कना देखने लगा.....इतने में अंधेरे में कुछ आवाज़ आई...मैने फ़ौरन उस दरवाजे को लात मारके खोला और अंदर आया.....एक अज़ीब सी चीख मुझे महसूस हुई और इससे पहले कि वो पिशाच मुझपे अंधेरे में ही हमला कर पाता...मेरी तलवार उसके तैरते जिस्म के आर पार हो गयी और उसका जिस्म जलकर खाक हो गया...मैने अपने कलेजे को कस्स्के पकड़ लिया था..
चार्ल्स ने उन ताबूतो को बाहर खींचा और उन्हे खोल डाला उसमें से एकदम गंदी महेक से सड़ती लाषो को देख कर उसे उल्टिया आने लगी..उसने अपने मुँह पे हाथ रखा और दूसरी क़ब्र को खोलने के लिए चला गया.....धीरे धीरे उसने सारे क़ब्रो को जैसे तैसे खोदके उन्हे ताबूत से बाहर निकाला और उनके अंदर क़ैद लाषो को खोला...बदल गरजने लगे "अये खुदा इस मौसम को भी आज बिगड़ना था."....सूरज धीरे धीरे छुपने लगा और बादल घिरने लगे....बाहर की गड़गड़ाहट को सुन मैं चौक्कना होके बाहर आया तो मौसम की तब्दीलियत को देख चारो ओर दौड़ते हुए राजा के कमरे को तलाशने लगा....अचानक मुझे किसी की आहट महसूस हुई कोई इस ओर से उस ओर गया...इससे पहले मैं कुछ समझ पाता किसी ने मुझे एक तेज़ धक्का दिया मैं चर्वी खुली मंज़िल से बाहर गिरने ही वाला था मैने खुद को किसी तरह संभाला और चारो ओर देखने लगा...वहाँ कोई खड़ा नही था...इतनें मे मुझे महसूस हुआ कि गाउन पहनी एक पिशाचनी मुझे ऊपर से घूर रही थी उसकी भयंकर निगाहो को देख कर फ़ौरन मैने तलवार हाथो में ले ली और उसके मुझपे हावी होने से पहले ही उसका सर कलम कर दिया...उसकी खोपड़ी 4वी मंज़िल से नीचे गिरके राख बन गयी
चार्ल्स ने उन सभी लाषो को बाहर खींचके निकाल लिया था और उनपे पवित्र पानी चिढ़कने लगा...वो लाशें अपने आप जलने लगी....उनकी चीख को सुनके चार्ल्स सहमता हुआ पीछे हो गया...इधर मैं चारो ओर घूमता हुआ खंडहर को जाँच चुका था...."लगता है जैसे पिशाच कहीं छुप गये हैं"........आगे कदम रखते ही एक के बाद एक पिशाच जो बंद गुफाओ में छुपे थे खून की महेक से मेरी ओर बढ़ने लगे...चमगादड़ो की तरह छुपे उन शैतानो ने मुझपे हमला किया....लेकिन मेरी तेज़ धार तलवार उनकी गर्दानो को छू चुकी थी....एक के बाद एक हमलो के बाद उन शैतानो का आख़िर अंत हो ही गया....मैं ख़ौफ़ से एकदम घबरा चुका था....तभी मुझे याद आया कि राजा स्किवोच का असल ताबूत कहाँ है?"....इस क़िले में एक कमरा था जहाँ वो बाजी के साथ रहता था उस कमरे एक ताबूत था..मैं उस कमरे की ओर आया और अपनी मशाल जलाई
अंदर काफ़ी धूल और मिट्टी जमी हुई थी...मानो जैसे रात को ये सब बदलके एकदम शीश महल बन जाता हो..और अब देखने में किसी जर्जर इमारत से कम नही था...मैने उस क़बर को जल्दी से खिसकाना शुरू किया....लेकिन मैं ठिठक गया क्यूंकी अंदर कोई लाश नही थी....मैं उल्टे पाओ दौड़ते हुए बाहर निकला....सीडियो से नीचे उतरते हुए नीचे आया...और बरामदे से मुझे चार्ल्स दिखा..."चार्ल्स मैने सभी पिशाचो को मार दिया है...लेकिन अभी भी उस शैतान राजा की लाश मुझे नही मिली वो ज़रूर तहख़ाने में है मैं वही जा रहा हूँ".........
"ऐसा मत करना वहाँ बहुत ख़तरा होगा मैं भी तुम्हारे साथ आता हूँ".........
"नही जिस रानी के लिए पिशाच हर रोज़ आधी चाँद में अपनी दुल्हन की बलि देता है वो लाश उसी क़बर के आस पास है उसकी लाश को ढुंढ़ो और जला दो"......
."मुझे ऐसा लगता है कि ये मुस्किल है मौसम बिगड़ रहा है ठीक मैं जल्दी करने की कोशिश करता हूँ उसे ढूँढ कर जला दूँगा".......
."ठीक है"........मैं वापिस सीडियो से नीचे उतर चुका था
[i]मौसम को बिगड़ते देख चार्ल्स वापिस कब्रिस्तान के अंदर दाखिल हुआ चारो ओर खामोशी छाई हुई थी....हो हो करती हवाओं का शोर तेज़ होने लगा....और ठीक उसी पल चार्ल्स से दूर एक पुरानी सी क़बर अपने आप खिसकने लगी....चार्ल्स की निगाह मौसम की ओर हुई...."ये अच्छा पैगाम नही है ईश्वर बता रहा है कि हम ख़तरे में है अये ईश्वर आसिफ़ को महफूज़ रखना उन शैतानी बलाओ से".....[/i]
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