RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
[i]भेड़िया ने उन पिशाचो को काट खाया था..उनका काम तमाम कर चुका था...."आसिफफ्फ़ आसिफफफ्फ़".....बहुत देर हो चुकी थी....भेड़िया बनके आसिफ़ जंगल की झाड़ियो से गुज़रता हुआ दूर जा चुका था..."अगर वो उसे महल ले गया तो आसिफ़ की बेहन को बचाया नही जा पाएगा"..........लूसी ने चार्ल्स की ओर देखते हुए कहा...
.बस्ती में खामोशी छाई हुई थी सब डरे सहमे घरो में बंद हो चुके थे जो पिशाच वहाँ मौज़ूद थे वहाँ सिर्फ़ उनकी कटी हुई लाशें थी....जंगल के रास्ते भागता हुआ घोड़े पे चाबुक बरसाए राजा बहुत तेज़ी से भाग रहा था...इतने में उसे गंध महसूस हुई और ठीक उसके करीब भी भेड़िया दौड़ रहा था...."नही"......
भेड़िया ड्रॅक्यूला पे झपट पड़ा और घोड़ा सहित तीनो ज़मीन पे लूड़कते हुए गिर पड़े....."सस्सस्स आअहह".......ड्रॅक्यूला वापिस खड़ा होके फुक्कार्ते हुए भेड़िए की ओर देखने लगा...भेड़िया भी उसके करीब ही खड़ा था और वो भी दहाड़ रहा था उसके नुकीले दाँत ड्रॅक्यूला पे हमले के लिए मानो बेताब थे
"हा हा हा तुम हममे से एक हो तुम्हारा वजूद हमारे बीच है मुझे मेरा प्रण पूरा करने दो उसके बाद मैं हमेशा के लिए सबसे ताक़तवर हो जाउन्गा खुदा से भी बढ़कर इस दुनिया से भी बढ़कर लोग मेरे ही आगे अपना सर झुकाएँगे इंसानो पे हमारा राज होगा अगर तुम मेरे रास्ते में और मेरे आड़े आए तो तुम्हें जान से मार डालूँगा सोच लो".........ड्रॅक्यूला के उपर भेड़िया झपट चुका था
दोनो एक दूसरे पे जानवरों की तरह हमला करने लगे....जल्द ही एक नाख़ून भरा पंजा ड्रॅक्यूला के चेहरे को चीरता हुआ निकल गया ड्रॅक्यूला अपने गहरे ज़ख़्म पे दर्द से कराहते हुए हाथ रखता है....और जल्द ही भेड़िया की गर्दन को जकड़ने की कोशिश करता है...लेकिन भेड़िया उसकी ताक़त से ज़्यादा था इस बात का उसे मालूमत था....उसने ड्रॅक्यूला को गर्दन से जकड़ा और उसे घाटी की खाई में फ़ैक् दिया....ड्रॅक्यूला चिल्लाता हुआ करीब 120 फुट की गहरी अंधेरी खाई में गिरता चला गया..भेड़िया दहाड़ता हुआ खाई की गहराइयो में झाँकते हुए पीछे मुड़ा....
शीबा बाजी उठ चुकी थी अचानक से उनपे फिर पिशाचो का हमला हुआ पर इस बार उन्होने खुद उन पिशाचो को गले से उन्हें अलग कर डाला और एक पिशाच के गले में अपने दाँत गढ़ा दिए...वो पिशाच दहाड़ता हुआ रहेम की भीक माँगने लगा...लेकिन शीबा बाजी ने उसका भी काम तमाम कर दिया....नदी के किनारे से ड्रॅक्यूला गीला बाहर निकल आया उसका पूरा जिस्म ठंडे पानी से भीगा हुआ था..वो चीखता चिल्लाता हुआ बस उँची पहाड़ी की ओर देख रहा था और फिर तेज़ कदमो से वहाँ से चलता हुआ साया बनके उड़ गया
मैं वापिस अपने इंसानी रूप में तब्दील हो गया था...बाजी ने मेरे चेहरे को हाथो में लिया अभी हमारे होंठ एक दूसरे से मिले ही थे...कि चार्ल्स और लूसी घोड़े से उतरते हुए पास आए "तुम दोनो ठीक हो?"........
हम दोनो ने मुस्कुरा के गंभीर होके कहा..."वो ज़रूर अपनी हार ख़ाके नही बैठेगा ज़रूर फिर हमला करेगा"......
.चार्ल्स ने गहरी सोच सोचते हुए कहा...."तो उसे हमेशा के लिए ख़तम क्यूँ नही कर देते हम?".......
मैने गुस्से में कहा...क्या ये इतना आसान है
"एक रास्ता है अब लेकिन मुस्किल".......चार्ल्स की बात को सुनके हम तीनो उसकी ओर देखने लगे..
."पिशाच खुद को धूप के सिवाय कहीं नही बाहर निकालता अगर सूरज की रोशनी उनपे पड़ेगी तो वो लोग जल जाएँगे और और उनकी आत्मा इस दुनिया से रुखसत हो जाएगी".....
.उसकी बातों में दम था पर ये ख़तरनाक था[/i]
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