RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
"नहियीईईईईईईई"...........राजा की चीख को बाजी अपने कानो मे महसूस कर सकती थी....उसके गुस्से और दहाड़ती उन खौफनाक निगाहो को देख सकती थी....वो बस मुस्कुराई मेरे होंठो को चूमने लगी और लूसी भी सख्ती से अपने गाउन के अंदर हाथ डाले हम दोनो की वासना में खुद जलते हुए रस निकाल रही थी
"जाओ और उसे मेरे पास ले आओ"........उस क़िले में वो ख़ौफफनाक आवाज़ गूँज़ी और धीरे धीरे चरचराते हुए वो ताबूत खुलने लगा उस ताबूत से निकलते सैकड़ो पिशाच किसी रूह की तरह दीवार से आर पार हो गये.....राजा स्किवोच अपनी ख़ौफफनाक निगाहो से उन पिशाचो को रास्ते में चलते हुए देख रहा था उस ठंड कोहरे में वो लोग घुर्राते हुए पंजो के बल इंसानी बस्ती की ओर ही आ रहे थे.....चारो ओर खामोशिया थी और एक अज़ीब सा ख़ौफ़..जिससे बेख़बर मैं भी था चार्ल्स और खुद शीबा बाजी भी
कोई चीज़ बिल्कुल तैरते हुए बस्ती के करीब आ रही थी...घोड़े कुत्ते सभी जानवर ख़ौफ़ में ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगे...अस्तबल के पास लेटे शक्स ने उठके घोड़े की बड़ी बड़ी आँखे और उसे बार बार सहँटे हुए पाया "अर्रे क्या हुआ तुझे? उफ़फ्फ़ हो ये सब क्या हो रहा है?".........चारो ओर के अस्तबलो में घोड़े ही ही आवाज़ निकाले सहमे जा रहे थे मानो जैसे कोई बला गाओं के आसपास मंडरा रही हो....बाहर के धुन्ध में कुछ कुछ आवाज़ें बस्ती के लगभग सभी लोगो को एक साथ सुनाई देने लगी....हावव हावव करते कुत्ते एकदम ज़ोरो से रोने लगे..
."उफ्फ हो इन्हें क्या हुआ है? ये इतना भौंक क्यूँ रहे है?"......एक आदमी अपने घर से निकलके बाहर आया उसकी बीवी खिड़की से उसे सड़क पे कुत्तो को भगाते देख रही थी.....इतने में धुन्ध में कुछ लोग उस आदमी को दिखते है....जो अज़ीब सी राइज़ माली सी वेश भूषा में करीब करीब हवा में तैरते हुए उसके करीब आ रहे थे...धुन्ध के सॉफ होते ही जब उन चेहरो की ओर उस आदमी की निगाह पड़ी तो वो चिल्ला उठा..लेकिन इससे पहले वो कुछ और कह पाता....उस पिशाच ने आके उसकी गर्दन को कस के जकड़ते हुए उसे काट खाया आआआआआआआहह...उस चीख को सुन उसकी बीवी भी चिल्ला उठी...बचाओ बचाओ....बस्ती में अज़ीबो ग़रीब चीखो को सुन चार्ल्स उठ बैठा...
.इधर नींद को तोड़ते हुए मैं भी चार्ल्स की ओर देखने लगा....लूसी को गंध महसूस होते ही उसने ख़ौफ़ भरी निगाहो से कहा "वो सब आ गये है मालकिन को लेने".........
मैने शीबा बाजी को मोटा कंबल ओढ़ा दिया
और चार्ल्स के संग दरवाजे के करीब आया धड़ध धड़धह...कोई बहुत ज़ोरो से दरवाजा पीट रहा था..."मालिक मालिक"..........
चार्ल्स ने दरवाजा आधा खोला "क्या हो रहा है?? बस्ती में ये शोर कैसा?".........चार्ल्स ने उस शक्स से पूछा
"मालिकक्क शैतान का प्रकोप आ गया है पिशाचो ने हम इंसानो पे हमला कर दिया है हम सब मारें जाएँगे मालिक हम सब".......
.चार्ल्स ने देखा कि कुछ पिशाचो का दल उसके करीब आ रहा था..मैं एकदम ठिठक सा गया....चार्ल्स ने फ़ौरन गोली उनपे दाग दी....लेकिन हर गोली उनके सीने से आरपार निकल गयी वो लोग घुर्राते हुए चार्ल्स के करीब आने लगे "चार्ल्स दरवाजा बंद कर दो"..........जो शक्स चार्ल्स को बोलने आय था वो खुद जान बचाने की परवाह में भाग गया..."चार्ल्स ये देखो"........चार्ल्स ने खिड़की से घर के पीछे की ओर देखा....पूरे घर को इन पिशाचो ने घैर लिया था.....
"डरो नही ये अंदर नही आ पाएँगे"........धम्म्म चार्ल्स ने अभी कहा ही था कि इतने में कोई आवाज़ बंगले के उपर से आई जो चिम्नी के रास्ते से नीचे उतर रही थी
चार्ल्स ने मुझे बाजी की देख रेख के लिए पीछे कर दिया....लूसी अपने ज़ंजीर को तोड़ने लगी....तभी एक हाथ दीवार को फाड़के अंदर आ गया..."चार्ल्स".....
चार्ल्स ने फ़ौरन पास रखे क्रॉस को उस हाथ में घुसा दिया...एकबेहद घूंटति दोहरी आवाज़ बाहर से आई और वो हाथ सॅट से बाहर हो गया....चिम्नी बुझ चुकी थी....चार्ल्स ने फ़ौरन शराब की एक बोतल आग की लपटों पे डाली और उसे सुलगा दिया.....उसकी तेज़ आग से ही चिम्नी से कोइचीज़ बड़े ही तेज़ी से उपर की ओर आई...फिर छत पे.."आआहह".......एक बड़ी दाहड़ती चीख निकली और वो पिशाच छत की टाइल्स से गिरते हुए सीधे खींची लकीर पे गिर पड़ा...मैने सॉफ देखा उसका आधा बदन जल गया...
"हम यहाँ ज़्यादा देर तक महफूज़ नही रहेंगे इन पिशाचो से".........मैने चार्ल्स की ओर देखा..."एक ही रास्ता है फिर तुम लोग फ़ौरन यहाँ से भाग जाओ कहीं दूर...
"ये आसान नही सस्स तुम लोग राजा की ताक़त को नही जानते"..........लूसी अपने पिशाची रूप में आके चार्ल्स की ओर फूँकार मारते हुए बोली उसके चेहरे का ख़ौफ़ सॉफ हमे दिख रहा था....पर मुझे शीबा बाजी को किसी भी हाल में राजा से महफूज़ रखना था....
|