RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
मैने चार्ल्स को डांटा....पर चार्ल्स ने मुझे रोका "तुम्हारी बेहन पूरी तरीके से एक पिशाच बन चुकी है तुम्हें इसे इसकी मौत से जगाना नही चाहिए था....इसका पूरा जिस्म सफेद पड़ रहा है इन काले घेरो को देखो जो आँखो में एक मरे हुए इंसान जो अब भी खून की प्यास से जीवित है".........
मैं दुख में डूबा एक तरफ खामोशी से बैठ गया बाजी की इस हालत को मैं देख नही सकता था.....
"नही आसिफ़ तुम गुस्सा नही करोगे वरना तुमपे भी शाप फिरसे हावी होगा इन शैतानी अमल में सिर्फ़ दर्द और नुकसान के सिवा कुछ नही होता जो राह तुमने चुनी आज उसकी ही सज़ा वो खुदा तुम्हें दे रहा है".........
मेरी आँखो से आँसू बहने लगे...."मैं उस शैतान को नही बख्सुन्गा उसे ज़िंदा नही छोड़ूँगा".........
चार्ल्स ने मुझे शांत किया "एक रास्ता है".......
.चार्ल्स की बात को सुनके मैं थोड़ा हैरान हुआ
"आमतौर पे कहानियो में भी सुना होगा कि ड्रॅक्यूला की ताक़त सूरज के आगे फीकी पड़ जाती है इसलिए वो लोग खुद को ताबूत में किसी अंधेरी कोठरी में रह कर खुद को जीवित रखते है वरना सूरज के कहेर से वो बच नही पाते....इसी तरह इस शैतान को मारने की मैं बरसो से कोशिशें कर रहा हूँ जो उत्पात इसने पूरे गाओं में मचाया था उससे हम परेशान थे लेकिन सच पूछो तो सूरज के सामने उसे लाना इतना आसान नही और उसे मारने का भी कोई रास्ता नही है सिवाय उस खुदा के वो जब चाहे इस नापाक शैतान का ख़ात्मा कर सकता है मैं खुद इस शैतान को मरते देखना चाहता हूँ उसका ख़ात्मा चाहता हूँ".........लाचारी चार्ल्स के पास भी थी उसके पास भी कोई ठोस ज़रिया नही था कि इस शैतान को मार पाए...बहरहाल जल्द ही अंधेरा हो जाएगा और ड्रॅक्यूला वापिस अपनी दुल्हन को पाने के लिए इस बस्ती तक अपने पिशाचो के साथ पहुच जाएगा मेरे पास यक़ीनन कोई ज़रिया नही था उन्हें रोकने का
जल्द ही अंधेरा हो गया....कमरे में सिर्फ़ चिम्नी की नीचे लगाई आग सुलग रही थी...चारो ओर खामोशी थी....लूसी आँखे मुन्दे सोए हुई थी उसका एक हाथ लोहे के सिकाड़ से बँधा था...जबकि दूसरी ओर बिस्तर पे आँखे मुन्दे शीबा बाजी भी गहरी नींद में थी....जल्द ही दरवाजे पे दस्तक हुई मैने झाँकके दरवाजा खोला "मैने घर को चारो ओर से बाँध दिया है अपने रस्मों के तौर से किसी भी शैतानी रूह का अंदर आना नामुमकिन है....लेकिन मुझे डर है कि कोई हमारी बस्ती में ना आ जाए....
"तुमने मेरी वजह से इतना बड़ा जोखिम उठाया है मुझसे जो बनेगा मैं करूँगा उस शैतान को अब हम मारके ही रहेंगे".........मैं मुस्कुराया
चार्ल्स ने मेरे कंधे पे हाथ रखा "कुछ भी हो जाए मैं तुम्हारे साथ हूँ अपनी बेहन को तो ना बचा सका पर उस शैतान के मंसूबो को मैं पूरा नही होने दूँगा तुम्हारी बाजी शीबा को बचा कर रहूँगा"........
मैने चार्ल्स की ओर आँसू भरी निगाहो से देखा
रात 12 बज चुके थे टिक टिक करते हुए घड़ी की सुई 12 से पार हो रही थी....सोफे पे मैं आँखे मुन्दे झपकी ले रहा था....जबकि चार्ल्स भी एक ओर कुर्सी पे लेटा लेटा किताब को बंद किए सो रहा था.....लूसी भी बदहवास लेटी हुई थी....हावव हववव करते हुए खामोशियो में कहीं दूर जंगलों से जंगली जानवरों की रोने की आवाज़ आ रही थी.....हो हो करती हवाओं का शोर ना जाने कैसे इतना बढ़ गया....और उस खिड़की के छेद से वो हवा शीबा बाजी के चेहरे पे पड़ने लगी.....
"ईस्स्शाअ ईएस्शाा मेर्र्रीि आवाजज्ज सुन्नूओ एसस्स्शाअ"....... उस आवाज़ को सुनते ही बाजी की आँखो में हलचल पैदा होने लगी
"ईस्स्शाआ क्यउउूउ मुझहहसी दूर्र चालिइी गाइ तूमम्म तुम्हाररीए बिना मेरा क्या वजुउडूद्द चालीी आओ"........बाजी को दिख रहा था कि वो सफेद निगाहें उन्हें ही घूर्र रही थी वो नुकीले दांतो पे लपलपाति ज़ुबान वो शैतान राजा अपने तहख़ाने से शीबा को बुला रहा था..शीबा बाजी की आँखे अपने आप खुलने लगी और फिर उसने चारो ओर देखा सब खामोशी में सोए हुए थे
शीबा बाजी ने अपनी चादर हटा ली और उस आवाज़ को सुनते हुए अपने कानो में धीरे धीरे चलते हुए दरवाजे तक आई...दरवाजा चर चराते हुए अपने आप खुल गया...हो हो करती बाहर की तेज़ सर्द हवा उनके चेहरे से टकराई उन्हें कोई अहसास नही हुआ वो बस उस आवाज़ को सुनते हुए चौखट से अभी पाँव रखके बाहर निकलने ही वाली थी....कि इतने में मैने उनका हाथ पकड़के वापिस घर के अंदर खींच लिया और इस बार वो मेरे बाहों से टकरा गई
"अहः उम्म"....उनकी नींद टूटी मानो "म..मैं यहाँ कैसी?".........
मैने बाजी के बालों को सहलाया "बाजी आप कहाँ जा रही थी? क्या उस शैतान में इतना खीचाव है जो आप अपने भाई को एक बार फिर अकेले छोड़के जा रही थी क्यूँ बाजी क्यूँ?"......
.बाजी रोने लगी उनके खून से निकलते आँसू मेरी छाती पे लगने लगे...मैने उनके आँसुओं को पोंच्छा और झट से दरवाजा बंद कर दिया "तू चाहे कितनी कोशिश भी कर ले मेरी बाजी को मेरी मुहब्बत से तू खींच नही पाएगा कमीने"........मैने दहाड़ते हुए उन सर्द खामोश वादियो में चिल्लाते हुए कहा मैं जानता था वो शैतान ज़रूर मेरी बातों को सुन रह था....
"क्या हुआ सब ठीक है?"....चार्ल्स ने अपनी गन निकालते हुए कहा
"हां बाजी फिरसे हाइप्नोटाइज्ड हो गयी थी".......
."ह्म्म वो शैतान ऐसे ही औरतो को अपनी ओर खींचता है बस इस बात की फिकर रखना कि ये चौखट से बाहर ना निकल जाए"........
"ठीक है".........चार्ल्स ने अपनी गन जेब में रखी और वापिस अपने कुर्सी पे जाके बैठ गया....मैने बाजी को बिस्तर पे लिटा या और उसके माथे को सहलाने लगा....बाजी की इस हालत को देख कर मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा था बाजी फिर रात गये क्या पता? उस शैतानी राजा के खींचाव से फिर निकल जाए बाहर..."क्या मेरी मुहब्बत इतनी नाज़ुक है जो अपनी बाजी को किसी शैतान और मौत के आगोश में यूँ जाने दे रही है".......मैने अपने आप से सवाल किया और बाजी के साथ ही बिस्तर पे लैत गया.....मैं जानता था मुझे क्या करना है? मैने चादर को अच्छे से अपने उपर ढक लिया......चार्ल्स गहरी नींद में था....सिवाय लूसी के जो मुस्कुरा के हम दोनो की काम वासना को देख सकती थी वो जानती थी मैं ऐसा सिर्फ़ उस शैतान से बाजी को भटकाने के लिए कर रहा हूँ....बाजी के गाउन को उपर करते हुए मेरा लंड सख्ती से उनकी चूत की दरारो में घुसने लगा...फिर कुछ देर में मैने उन्हें अपने आगोश में जकड लिया और चादर के अंदर ही उनकी चुचियों को दबाते हुए उनके साथ प्रेम मिलन करने लगा.....
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