RE: Nangi Sex Kahani सिफली अमल ( काला जादू )
फिर क्या? हम भाई बेहन बड़े बड़े गन्ने के खेतो के भीतर गये और एक खाली जगह पे सुखी घास पे मैने बाजी को बैठाया और उनकी सलवार का नाडा खोला ...अपना पाजामा नीचे किया और उनकी जंपर को भी उपर कर दिया और ब्रा से ही चुचियों को बाहर निकाल के उसके मोटे ब्राउन निपल्स को चूसने लगा...बाजी असल में गोरी बहुत हैं और उनके निपल्स बहुत मोटे है चुचियाँ भी काफ़ी थुल्लि थुल्लि सी निकली हुई है और आँख भूरी सी हैं...मैं बाजी के होंठो को पागलो की तरह चूमते हुए उनके निपल्स को चूसने लगा...बाजी का एक हाथ मेरे लंड पे सख्ती से आगे पीछे चल रहा था....मेरा बंबू बहुत मोटा हो गया था..मैने बाजी की ज़ुल्फो को हटा के उनके गले को चूमा और एक प्रेमी की तरह उन्हें लिटा के उनके होंठो को फिर चूसने लगा...."इसको भी चूस"....बाजी ने दूसरी चुचि को मेरे मुँह से सटाते हुए कहा
मैने उस चुचि को भी ज़ोर ज़ोर से मसला और उसे खूब चूसा....बारी बारी से दोनो चुचियों को चूसने के बाद बाजी को हान्फ्ते पाया...और फिर उनकी गोरी टाँगो को थोड़ा फैलाया और उसमें से महकती नमकीन छोड़ती रस भरी चूत में मुँह लगा के खूब रगड़ा...उफ्फ कितनी लज़्ज़तदार चूत है मेरी बाजी की उफ्फ बाजी का पेट काँप रहा था उसकी नाभि पे मेरी उंगली चल रही थी बाजी के दोनो हाथ सख्ती से मेरे सर पे टिका हुआ था और वो मुझे जितना हो सके मेरे मुँह को अपने भीतर चूत में दबा रही थी मैं उनकी चूत के दाने को चुसते हुए उनकी फांको में ज़ुबान घुसाए करीब बहुत देर तक चूस्ता रहा "आहह सस्स ओउर्र ज़ोरर्र स आहह आअहह आईईइ"........बाजी चिल्लाती रही और मेरे हाथ ज़बरदस्ती उनकी चुचियों को मसल्ते रहे फिर मैने उनकी लबालब चूत से मुँह हटाया और फिर बाजी को किस किया बाजी ने मेरा पूरा साथ दिया हम दोनो ऐसे ही कुछ देर घास पे लेटे रहे फिर उन्होने मुझे खड़ा किया "देखता रह कोई आ ना जाए"......बाजी मेरा लंड खूब बारीक़ी से चुस्ती रही उफ़फ्फ़ क्या मज़ा था? उसने पहले मेरे मोटे सुपाडे को मुँह में लेके चूसा फिर अंडकोष पे ज़बान फिराई फिर पूरे लंड को मुँह में लेके चूसा..ओउू अओउू करती उनकी गले से घुटि आवाज़ उफ़फ्फ़
मेरी टाँगें काँपे जा रही थी की अब रस छोड़ा कि तब...मैने बाजी के मुँह में ही धक्के मारने शुरू किए और उनके गरम मुँह में लंड चुस्वाता रहा...वो बड़े ही प्यार से मेरे लंड को चूस रही थी अपने भूरी निगाहों से मुझे देख रही थी मेरी गान्ड के छेद पे अंगुल कर रही थी....उफ्फ इतना मज़ा हाए रे....बाजी को फ़ौरन मैने अपने लंड से अलग किया उनके मुँह से थूक की लार सीधे लंड से चिपकी हुई थी फिर लंड को पोन्छा हाथो से ही और फिर ढेर सारा थूक बाजी की गान्ड पे लगाया....बाजी मना करती थी की उनकी ज़्यादा चूत ना मारु वरना आगे चलके अगर उनका विवाह हुआ तो बात खुल जाएगी की वो चुदि हुई है और आप तो जानते हो हमारे यहाँ गान्ड मारने से लोगो को बड़ा परहेज़ है ये सब कहानियो में सुना है...लेकिन मुझे मेरी बाजी की गान्ड बेश कीमती प्यारी थी
मैने बाजी की गान्ड को उचकाया "बाजी एक बार मार लेने दो ना अपनी चूत"......बाजी का पूरा मुँह लाल था पर उन्होने मना किया पर ज़्यादा नही..."तू कॉंडम लाया है ना"......
फिर मैने कॉंडम निकाला...दो कॉंडम लंड पे चढ़ाए इस मामले में अब बहुत अहतियात बरतते थे...फिर बाजी ने खुद ही मेरे लंड पे कॉंडम चढ़ाया "अब ठीक है आराम से लगा देती हूँ"...उन्होने मुझे खड़ा करके मेरे लंड पे कॉंडम लगाया और बोला जल्दी धक्के मार कोई आ जाएगा...मैने बाजी की चूत पे धीरे से लंड को टिकाया और उसके ल्यूब्रिकेशन से लंड अंदर धंसता रहा बाजी इतनी देर में काँपती रही...फिर मैने उनकी चूत में एक करारा धक्का दे मारा...बाजी पस्त हो गयी उनकी तो आदत थी पर उन्हें सख़्त दर्द होता था
वो चिल्लाति रही आहें भरती रही....अगर उस वक़्त कोई 40 कदम भी दूर खड़ा हो तो सुन ले....मैने बाजी के मुँह पे हाथ रख कर धक्के मारने शुरू किए....बाजी लेटी उम्म्म उम्म की आवाज़ निकालके कराहती रही....फिर कुछ देर में ही बाजी की चूत पूरी खुल गयी और वो रस छोड़ने लगी....मैं बाजी के हाथो को सख्ती से पकड़े उनकी गान्ड में ताक़त लगाए धक्को पे धक्के मारता रहा...फिर कुछ देर तक धक्को की रफ़्तार तेज़ की फिर धीमी कॉंडम इस बीच बाहर आ जाता..फिर बाजी उसे सेट करती और फिर शुरू होता चुदाई का सिलसिला...
बाजी की चूत बीच बीच में एकदम काँप उठ रही थी....और वो सिसकते हुए बस मेरे गान्ड पे हाथ चला रही थी....बाजी का मदमस्त जिस्म मुझे पागल कर रहा था मैं सख्ती से उनके चुचियों को भीच रहा था दबा रहा था...और कुछ ही देर में बाजी ने मुझे रोक दिया और मेरी लंड को अपनी चूत के मुहाने से निकाला और ढेर सारा पानी छोड़ दिया उनकी सलवार थोड़ी गीली हो गयी फिर अहेतियात बरतते हुए मैं उन्हें फिर धक्के पे धक्के लगाते हुए चोदता रहा...फिर बाजी ने बोला कि अब उनसे नही होगा वो थक चुकी है
मैने उन्हें उठाया क्यूंकी अब मेरा भी निकलने को ही था...और उनको घोड़ी बनाया और पीछे खड़ा होके उनके गान्ड की छेद पे थोड़ा सा थूक लगाया बाकी तो चूत का रस लगे गीले कॉंडम और लंड की करामात थी घुसने की....फछक्क से लंड थोड़ा अंदर घुसा..बाजी काँप उठी और फिर मेरे लंड को खाने लगी जब देखा कि गान्ड ने रास्ता बना लिया तो उसे बाहर खींचा तो बाजी ने हल्की पाद छोड़ा....बदबू काफ़ी महेक दार थी पर मस्त थी मैने एक और करारा धक्का मारा और अब गान्ड के भीतर लंड डालने लगा फिर बाहर खींचता फिर घुसाता इस बीच मेरी रफ़्तार बहुत तेज़ हो चुकी थी बाजी मुझे झडने के लिए पूरी गालियाँ और गंदी गंदी बातें कह रही थी "ज़ोरर से चोद डाल निकाल ले अपना लंड रस्स बाहर निकाल दे".....कुछ ही देर में मैं ऐसा काँप उठा कि मैं और रुक ना पाया धड़ा धड़ धक्के लगाता रहा रस छोड़ता रहा और रस सीधे कॉंडम में भरती रही...बाजी की उछलती चुचियो को हाथो से नीचे से दबा भी रहा था फिर कुछ देर बाद मेरा दिल जब पूरा हट गया सेक्स से तो लंड को बाहर खीचा
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