RE: Indian Sex Story खूबसूरत चाची का दीवाना र�...
इधर रजनी अपने पति से बात कर रही है और उसका भतीजा उसकी चूत में तेजी से अपनी उंगली अंदर बाहर कर रहा है…
रजनी : अनिल… हम को कितना टाइम और लगेगा फार्म हाउस पहुँचने में…
अनिल : करीब 4 घंटे और लगेंगे… अगर तुम कहो तो आगे ढाबे पे मैं कार रोक दूं… हम वहाँ कुछ देर आराम कर सकते हैं…
रजनी : नहीं… वैसे रास्ते में कहीं रुकने की कोई खास जरूरत नहीं है… क्यों राज तुम क्या कहते हो…
राज : हाँ आंटी… मुझे कोई प्राब्लम नहीं है… हम आराम से बिना रुके आगे जा सकते हैं…
रजनी : गुड… अनिल हम बड़े मजे में हैं… आप आराम से कार चलाते रहिए… लेकिन अगर आप को कोई प्राब्लम है तो अलग बात है…
अनिल : जब तुम दोनों को कोई प्राब्लम नहीं है तो मुझे भी कोई प्राब्लम नहीं…
रजनी ने पीछे मूंड़ के अपने भतीजे से कहा…
रजनी : मुझे लगता है की हम जितना आगे बढ़ेंगे हम को उतना ही ज्यादा मजा आएगा… ये सफ़र एक यादगार और बेहद मज़ेदार सफ़र बनने वाला है… क्यों राज मैं ठीक कह रही हूँ ना…?
राज : हाँ आंटी… ये आइडिया अच्छा है… बिना रुके आगे बढ़ने का…
रजनी : अनिल मैं नहीं चाहती की हम कहीं रुकें…
अनिल : राज… तुम्हें अपनी आंटी को अपनी गोद में बैठाने में कोई प्राब्लम तो नहीं है ना…?
राज : नहीं अंकल… मुझे कोई प्राब्लम नहीं है… मेरी गोद में आंटी अपनी पोज़िशन बार बार चेंज कर रही है इस वजह से मुझे बड़ा आराम मिल रहा है… वो थोड़ी थोड़ी देर में मेरी गोद से थोड़ा ऊपर उठ जाती है… ताकि मुझे उनका वज़न ज्यादा महसूस ना हो…
अपने अंकल से बात करते हुए राज अपनी आंटी की चूत में अपनी उंगली और अंदर तक घुसा के अंदर बाहर करने लगा…
रजनी मस्ती में अपने होठों को अपने दाँतों के बीच में दबाने लगी… ताकि वो अपनी सिसकारी को अपने मुंह से निकलने से रोक सके… उसने मस्ती में अपने भतीजे का हाथ पकड़ा और अपनी चूत पे कस के दबाने लगी… वो अपने भतीजे की उंगलियों को अपनी चूत के और अंदर तक घुसाना चाह रही थी… राज अपनी आंटी का इशारा समझ गया और अपनी उंगली को आंटी की चूत में जहाँ तक हो सके घुसाने लगा…
रजनी मस्ती में अपनी गांड हिला के अपने भतीजे की उंगली को अपनी चूत में अंदर बाहर होने में उसका साथ देने लगी…
रजनी ने थोड़ा ऊपर हो के अपने पति की तरफ देखा… अनिल अपनी पत्नी और राज की हरकत से अंजान… रेडियो पे बज रहे गाने को सुनते हुए अपनी धुन में कार चला रहे थे… कार में भरे सामान की वजह से उन्हें अपनी पत्नी और भतीजा नज़र नहीं आ रहे है…
इसी बात का फायदा उठा के रजनी और राज अपनी मस्ती में मस्त हैं…
अगर अनिल ने अपने भतीजे को अपनी पत्नी की चूत में उंगली करते हुए देख लिया तो ना जाने वो क्या कर जाए…
अपने भतीजे की उंगली को अपनी चूत में अंदर बाहर होते हुए महसूस कर के रजनी का जिस्म मस्ती में काँपने लगा और वो झड़ने के करीब पहुँचने लगी…
लेकिन तभी अचानक राज ने अपना हाथ उसकी चूत से हटा लिया… उसे अपने भतीजे की इस हरकत पे बेहद गुस्सा भी आया और उसे बेहद हैरानी भी हुई… उसे ये समझ में नहीं आ रहा था की उसके भतीजे ने उसे झड़ने के करीब ला के बीच में अधूरा क्यों छोड़ दिया… वो ये सोच ही रही थी की तभी उसे ये एहसास हुआ की उसका भतीजा उसकी ड्रेस के बटन खोल रहा है… ऊपर से ले कर नीचे तक…
जैसे जैसे रजनी की ड्रेस के बटन खुल रहे थे वैसे वैसे उसे कार के एर कंडीशन की ठंडी हवा अपने जिस्म पे महसूस हो ने लगी… रजनी की चूची सख्त हो ने लगी और उसके निपल्स में कसाव आने लगा…
फिर आखिरी बटन खोल के राज ने अपनी आंटी सामने से पूरी खोल दी…
रजनी अपने भतीजे के सामने आगे से पूरी नंगी हो गयी…
रजनी : राज तुम पागल तो नहीं हो गये… ये क्या कर रहे हो… मुझे नंगी क्यों कर रहे हो…? अगर तुम्हारे अंकल ने मुझे इस हालत में देख लिया तो…?
राज : आंटी तुम बेकार में डर रही हो… इतने सामान के बीच में अंकल हम दोनों को नहीं देख सकते… और कार में ब्लैक गिलास लगे होने की वजह से कोई बाहर से भी हम दोनों को नहीं देख सकता… इस लिए डरना छोड़ो और आराम से सेक्स का मजा लो…
रजनी : वो… राज तुम तो बहुत स्मार्ट हो गये हो…
राज : आंटी अभी तुम ने अपने भतीजे की स्मार्टनेस देखी ही कहाँ है… तुम बस देखती जाओ की मैं इस कार में अंकल की मौजूदगी में तुम्हें कैसे चुदाई का मजा देता हूँ…
ये कह के राज ने अपनी आंटी के नंगे जिस्म पे हाथ घुमाने लगा और उसकी चूची कस कस के दबाने लगा…
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