RE: Indian Sex Story खूबसूरत चाची का दीवाना र�...
वो ये जानती है कि उसका भतीजा भी उसी की तरह मस्ती में तड़प रहा है.. जैसे जैसे राज के हाथ अपनी आंटी की पैंटी पे घूमने लगे.. रजनी की मस्ती भी बढ़ने लगी.. वो अपने हाथ अपने भतीजे के हाथों पे रख देती है.. और अपने हाथों से अपने भतीजे हाथों को पकड़ के अपनी जाँघ पे घुमाने लगती है.. फिर वो अपने पति की तरफ देखती है और.. थोड़ा ऊपर उठ के अपनी स्कर्ट अपने चूतड़ के नीचे से निकाल के फिर से अपने भतीजे की गोद में बैठ जाती है.. और अपने भतीजे का हाथ उठा के अपनी पैंटी पे रख देती है.. और अपने पैर फैला देती है.. मगर राज जो की अपनी आंटी की जाँघ पे अपने हाथ घुमा रहा था..
अचानक अपना हाथ आंटी की पैंटी पे से हटा लेता है.. रजनी राज का हाथ अपने हाथ में ले के उसे अपनी पैंटी पे चूत के ऊपर रख के दबा के उसे ऐसा करने का इशारा करती है.. लेकिन राज अपना हाथ बिना हलाए डुलाए सिर्फ़ मुस्करा रहा है..
रजनी अपने भतीजे की कुछ ना करके सिर्फ़ मुस्कराने की वजह समझ में नहीं आती..
रजनी इस वक्त मस्ती में पागल हो रही है.. वो अपने भतीजे से कहती है..
रजनी : बे यूँ मुस्कुराता ही रहेगा या फिर कुछ करेगा भी..
राज अपनी आंटी की बात के जवाब में सिर्फ़ मुस्करा देता है…
रजनी ये समझ रही है की राज उसे परेशान कर रहा है… वो ये जानती है की उसे अपने भतीजे को कैसे रास्ते पे लाना है…
वो अपने भतीजे का हाथ उठा के अपनी पैंटी के ऊपर ले जाती है… और पैंटी के थोड़ा ऊपर अपने जिस्म पे राज का हाथ दबा के पैंटी के ऊपर से घिसका ते हुए पैंटी के अंदर ले जाने लगती है…
धीरे धीरे राज का हाथ रजनी की चूत के ऊपर पहुँच जाता है…
रजनी मस्ती में सिसक उठती है… म्म्म्ममम… वो अपने भतीजे के हाथ को अपनी पैंटी के और अंदर चूत पे ले जाने लगी लेकिन उसकी टाइट पैंटी की वजह से रजनी और राज के हाथ उसकी चूत पे नहीं पहुँच पा रहे हैं… ये सोच के उसने अपना हाथ अपनी पैंटी में से बाहर निकाल लिया… और अपने चूतड़ थोड़ा ऊपर उठा के अपने अंगूठे अपनी पैंटी के दोनों साइड में डाल के अपनी पैंटी को नीचे खिसकाने लगी…
जैसे ही उसकी पैंटी उसके घुटनों तक आई राज अपना हाथ अपनी आंटी की चूत पे ले गया और अपनी उंगली चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा…
अपनी पैंटी घुटनों में फँसी हो ने की वजह से रजनी को अपने पैर फैलाने में तकलीफ होने लगी… ताकि उसका भतीजा उसकी चूत में अच्छे से उंगली कर के उसे मजा दे सके…
ये सोच के रजनी जैसे ही अपनी पैंटी उतारने के लिए नीचे झुकी… राज फौरन अपना दूसरा हाथ आगे बढ़ा के अपनी आंटी की पैंटी उतारने लगा… रजनी भी अपने पैर उठा के पैंटी उतारने में अपने भतीजे की मदद करने लगी…
पैंटी उतरने के बाद रजनी ने अपने पैर पूरी तरह से फैला दिए… इस वक्त रजनी की चूत पूरी तरह से गीली थी वो बेतहाशा रस छोड़ रही थी…
राज ने अपनी आंटी की रसीली चूत में अचानक से दो उंगली घुसा दी… रजनी मस्ती में सिसक उठी…आआाअगघ…
अनिल ने रजनी की सिसकारी सुन के चौंक के पूछा…
अनिल : रजनी… तुम ठीक तो हो ना…?
रजनी ने फौरन अपने पति को जवाब दिया…
रजनी : हाँ… मैं ठीक हूँ… और मेरे ख्याल से अपने भतीजे की गोद में बैठ के सफ़र करना इतना बुरा भी नहीं है… क्यों राज… मैं ठीक कह रही हूँ ना…
रजनी ने अपने भतीजे को आँख मार के कहा…
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