RE: Indian Sex Story खूबसूरत चाची का दीवाना र�...
शाम के 5 बजे तक रजनी और राज एक दूसरे की बाहों में लिपटे सोते रहे…
राज की आँख खुली तो उसने देखा की उसकी आंटी बिलकुल नंगी उसकी बाहों में लिपटी आराम से सो रही है… सोते वक्त वो बड़ी प्यारी लग रही है… राज अपनी आंटी को डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था… इस लिए वो आराम से आंटी को जगाए बिना बेड से उठा… और बाथरूम में जा के पेशाब करने लगा…
फिर जब वो बाथरूम से बाहर आया तो उसने देखा की उसकी आंटी अपने दोनों पैर फैला के सोई हुई है… उसकी आंटी की चूत एक दम से खिली खिली… और बड़ी प्यारी… और बेहद सेक्सी लग रही है… राज से रहा नहीं गया…
वो फौरन अपनी आंटी के पास गया और उसने झुक के अपनी आंटी की चूत को चूम लिया…
फिर अपनी जुबान बाहर निकाल के आंटी की चूत चाट ने लगा…
आंटी की चूत चुदने की वजह से लाल हो गई थी… राज को अपनी आंटी की चूत चाटने में बहुत मजा आ रहा था…
तभी आंटी की नींद खुल गई…
आंटी : हाई जानूं… ये क्या कर रहे हो… वहाँ क्यों अपना मुंह डाल रहे हो… छी…. कितनी गंदी जगह है वो… वहाँ से मैं पेशाब करती हूँ…छी…हटो वहाँ से… ये क्या गंदी हरकत कर रहे हो… क्या तुम्हें घिन नहीं आ रही ऐसी गंदी जगह पे मुंह लगा के चाटने में…?
रजनी अपने भतीजे को अपनी चूत चाटने से मना तो कर रही थी… पर वो उसे अपनी चूत से हटा नहीं रही थी… असल में उसके भतीजे का यूँ उसकी चूत चाटना उसे बहुत मजा दे रहा था… उसकी ना जाने कब से ये इच्छा थी की उसका पति उसकी चूत चाट के उसे मजा दे… लेकिन उसके पति को ओरल सेक्स बिलकुल भी पसंद नहीं था… उसकी ओरल सेक्स की इच्छा आज उसका भतीजा उर्फ दूसरा पति पूरी कर रहा था… ये सोच के उसकी चूत रस छोड़ने लगी…
राज : कैसी बात कर रही हो आंटी…? जन्नत का मजा देने वाली जगह गंदी कैसे हो सकती है… और तुम्हारे जिस्म का कोई भी हिस्सा गंदा नहीं है…
तुम्हारे इस खूबसूरत सेक्सी जिस्म के इस बेहद सेक्सी हिस्से यानि चूत से जो चीज़ भी निकलती है वो मेरे लिए किसी अमृत से कम नहीं है… चाहे वो तुम्हारी चूत का मीठा और टेस्टी रस हो या फिर नमकीन पेशाब… मैं तो शौक से दोनों को चाट चाट के पीना चाहता हूँ… ये मेरे लिए किसी अमृत से कम नहीं है… और रही बात मुंह लगा के तुम्हारी चूत चाट ने की तो मैं तुम्हारी चूत तो क्या पूरे जिस्म के हर एक हिस्से को शौक से चाटना चाहता हूँ… चाहे वो तुम्हारी चूची हो… या बगल हो… या तुम्हारे हसीन चूतड़ हो… या फिर तुम्हारी गांड का गुलाबी छेद हो… मैं सब कुछ शौक से चाटूंगा… और वो भी शहद लगा के…
रजनी : क्या…? क्या कहा तू ने… तू मेरी गांड का छेद भी चाटना चाहता है…? और वो भी शहद लगा के…? छी… कितनी गंदी जगह है वो… मैं वहाँ से लेटरिंन करती हूँ…
राज : आंटी मैंने कहा ना की तुम्हारे जिस्म की कोई भी जगह मेरे लिए गंदी नहीं है… मैं तुमसे इतना प्यार करता हूँ की मुझे तुम में कुछ गंदा नहीं लगता… मैं अभी शौक से तुम्हारा पेशाब भी पी सकता हूँ और तुम्हारी गांड भी चाट सकता हूँ…
चाहो तो आजमा लो…
रजनी : जी नहीं ऐसा कुछ करने की अभी कोई जरूरत नहीं है… वो सब बाद में सोचेंगे…
राज : ठीक है आंटी… लेकिन कम से कम अभी मुझे अपनी ये टेस्टी रसीली चूत तो चाटने दो…
ये कह के राज बिना अपनी आंटी का जवाब सुने उसकी चूत से मुंह लगा के उसकी चूत से निकल रहे मीठे रस को चाटने लगा…
आज पहली बार कोई रजनी की चूत चाट रहा था… कोई और नहीं उसका अपना भतीजा … उसकी मस्ती सातवें आसमान पे पहुँच गई… और वो मस्ती में आकर ज़ोर ज़ोर सिसकारी लेने लगी…
रजनी : आआआअहह… म्म्म्ममम… ऊऊऊहह… है बड़ा मजा आ रहा है… म्म्म्ममम…
आआहह… ओह… जान… चाट… चाट मेरी चूत कूऊऊऊऊऊओ… कई सालों से किसी ने भी चाटा नहीं है… अब ये तेरी हो चुकी है…चाट खूब चाट अपनी आंटी की चूत…
अपनी आंटी की बात सुन के राज बेहद उत्तेजित हो गया उसका लंड फिर से खड़ा हो गया… वो पूरे जोश में अपनी आंटी की चूत के दाने को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा…
रजनी मस्ती में अपने भतीजे का सर पकड़ के अपनी चूत पे दबाने लगी…
रजनी : आआआअहह… म्म्म्ममम… ऊऊऊहह…हाई बड़ा मजा आ रहा है… म्म्म्ममम… हाँ और ज़ोर से चूस मेरी चूत को….. कहा जाआअ…. मेरी चूत के दाने को….हाई मैं झड़ने वाली हूँ… म्म्म्ममम…हाई मैं गइईई….
रजनी काँपते जिस्म के साथ मस्ती में झड़ने लगी… उसकी चूत से रस का सैलाब निकलने लगा…
राज अपनी आंटी की चूत से निकल रहे रस को मजे ले कर पीने लगा…
करीब 2 मिनट तक झड़ने के बाद रजनी शांत हुई… झड़ने के बाद उसने अपने भतीजे को अपने ऊपर खींचा और अपनी चूत रस से भीगे उसके होठों को छूने लगी…
10 मिनट की किस्सिंग के बाद रजनी ने अपने भतीजे को खुद से अलग किया…..
और फिर…..
और फिर रजनी उठी और अपने भतीजे की तरफ पीठ कर के उसके लंड पर धीरे धीरे बैठ गयी… उसके भतीजे का लंड उसकी चूत में चला गया…
रजनी के मुंह से हे निकल गयी… राज को भी मजा आ रहा था… रजनी ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे हो रही थी…
हाहहहहह… उूफुफ्फुऊफ़.. हहहहहाः… पागलों की तरह अपने भतीजे के ऊपर कूद रही थी… दोनों आंटी राज को इस में बेहद मजा आ रहा था…
रजनी की गांड अपने भतीजे आंडो पर ज़ोर ज़ोर से लग रही थी… पर ये दर्द भी उस मजे आगे कुछ नहीं था जो मजा उसे अपनी आंटी से मिल रहा था…
राज भी मस्ती में नीचे से अपनी गांड उछाल उछाल के अपना लंड अपनी आंटी की चूत में घुसा के शॉट लगा रहा था…
रजनी : अहहहहहाः…. उउउफ़फ्फ़… है… जान बसस्सस्स… ऐसे ही ऐसे ही हीईीईई.. ओह… गोद्द्द्दद्ड… बेटा तू कहाँ थाआ अब तक… तेरी आंटी कब से प्यासी थी…. आज जा के मेरी प्यास बुझी है… अब मैं रोज़ तुझसे 10 बार चुदूँगी… अपनी जवानी की प्यास तुझसे ही पूरी करूँगी…. हाई मैं गइईई…
ये कहते हुए रजनी मस्ती में झड़ने लगी और अपने भतीजे ऊपर ढेर हो गयी…
राज ने अपनी आंटी को पकड़ा और नीचे से ज़ोर ज़ोर से शॉट्स लगाने लगा…
करीब 10 -15 शॉट्स के बाद उसका सारा माल उसकी आंटी की चूत में निकल गया…
फिर वो दोनों गले लग के बेड पे थक के नंगे ही सो गये…
फिर करीब 2 घंटे के बाद अचानक….
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