RE: behen sex kahani मेरी तीन मस्त पटाखा बहनें
"भैया मेरे बूब को किस्स करो इनको बारी बारी मुँह में लो और खुब चूसो और चोटो मेरे निप्पल्स को भी चूसो और अपने दाँतो से काटो, आज जरा भी रहम नहीं करना इनके साथ उफ़ भैया आह्ह्ह्हह....." दीदी बोली तो मैं भी वैसा ही करने लगा।
मैं दीदी का बूब सक्क करने लगा और दीदी बारी बारी अपने बूब्स मेरे मुँह में चेंज करने लगी मुझे बहुत मजा आरहा था।
"भैया जानते हो मैं चुदाई से पहले हर वक्त तुम्हे क्यों कहती थी की बस करो मुझे जाने दो भाई असल में जब मैं बहुत गरम हो जाती थी तब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता था और डायरेक्ट कहने में शर्म आती थी की भाई मुझे चोदो और मुझे पता था की तुम मुझे चोदे बिना मानोगे नहीं इसीलिए मैं ऐसा कहती थी" दीदी बोली।
और इधर मैं दीदी की बाते सुनते हुए उसके बूब्स के साथ लगा हुआ था।
"और भाई जब मैं कहती थी की भाई आराम से चोदो मुझे दर्द हो रहा है धीरे करो तो मैं ऐसा इसलिए कहती थी की मेरे ऐसा करने से तुम उल्टा जोर से चोदना शुरू कर दोगे और मुझे दर्द में देख कर तुम्हे बहुत मजा आएगा और वो दर्द मुझे भी बहुत मजा देता था इसीलिए मैं बिना चिल्लाये मजे से चुद्वाती थी" दीदी ने आगे बताया।
दीदी अपने बूब्स को मेरे मुँह में जोर से दबा दबा कर चुस्वा रही थी मुझे बहुत मजा आरहा था दीदी की सेक्सी बाते सुनने में और बूब्स चाटने मे।
"भैया तुम रोज कहते थे की तुम्हे मेरी चूत में लंड डालना है और मैं मना कर देती थी वो मैं इसलिए करती थी क्योंकि मैंने सोच रखा था की तुम्हारे बर्थडे वाले दिन तुम्हे ये प्यारा सा सेक्सी गिफ्ट दूंगी जो आज तुम्हारे लिए हाजिर है और हाँ भाई आज के बाद तुम मुझे एक बार नहीं बल्कि हर रात ३ बार चोदोगे, भाई सिर्फ मैं ही जानती हूँ की आज तक तुम्हारा लंड चूत में ना लेकर मैंने कैसे बर्दाश्त किया है" दीदी की बात जारी रही।
दीदी की बात सुनकर मैं बहुत खुश हो गया पहले तो मुझे आज रात लग रहा था की कुछ नहीं होगा जबकि यहाँ रोज मुझे अपनी चूत चोदने दे रही थी जो मैं कब से चोदना चाहता था।
"लेकिन दीदी ३ बार क्यों चोदना है रोज....." मैंने पुछा
"भैया मेरे पास ३ होल है और तुम डेली इन तीनो को अपने लंड से चोदोगे" कहते हुए दीदी नीचे हुई और मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और उसे पागलो की तरह सक्क करने लगी।
मुझे बहुत मजा आने लगा था क्योंकि दीदी के दाँत भी नहीं लग रहे थे और वो बहुत अच्छे से लंड चूस रही थी
"दीदी आप तो लंड चूसने में बहुत एक्सपर्ट लग रही हो कहाँ से सिखा आपने ये" मैंने मजे से पूछा।
"भैया जब से मैंने तुमसे सेक्स करना शुरू किया तब से मेरा दिल करता था की मैं तुम्हारा लंड मुँह में लूँ लेकिन मुझे पता नहीं था की ये कैसे करते है इसलिए मैं रोज रात अपनी ऊँगली चुस कर प्रैक्टिस करती थी और आज मैं पूरी तरह एक्सपर्ट हो गई हूँ और अपने प्यारे भाई का लंड चूस कर उसे मजा दे रही हूँ, भैया आज तुम्हे पता चलेगा की मैं तुमसे कितना प्यार करती हूँ" दीदी बोली।
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