RE: behen sex kahani मेरी तीन मस्त पटाखा बहनें
"दीदी मजा आरहा है ना, क्या कुछ देर ऐसे ही प्यार कर के और दीदी क्या मैं आपको किस कर सकता हो" मैंने दीदी की गांड में धक्के लगाते हुए पूछा।
"हां भाई कर लो लेकिन किस्स नहीं हाँ अगर मिस को भी किस करते हो तो कर लो वरना नहीं सम्झे" कहते हुए दीदी हॅसने लगी और उसकी गांड में भी हलचल होने लगी और अब पहले से ज्यादा मजा आने लगा।
अब मैंने दीदी को पकड़ कर लंड को जोर से उसकी गांड पर रगडना शुरू कर दिया अब मेरा लंड पूरा हार्ड हो गया था और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मेरी टांगे काँपने लगी थी बिलकुल वैसे ही जैसे मुठ मारते वक्त होती थी।
अचानक ऐसा करते करते मुझे लगा की मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने दीदी के बूब्स पर हाथ डाला और उनको जोर जोर से दबाने लगा और जोर से लंड दीदी की गांड पर रगड़ते हुए कुछ ही देर में मेरे लंड ने पानी छोडना शुरू कर दिया जिससे मेरी साँसे तेज हो गई और दीदी को भी फील हुआ तो वो मेरी तरफ झट से मुडी और मुझे अपनी छाती से लगा कर दबा लिया उफफफ्।।।।। मेरा लंड पानी छोड़ रहा था और दीदी ने मुझे कस कर पकड़ा हुआ था अब दीदी के बूब्स मेरे मुँह पर थे मतलब मेरा मुँह दीदी के बूब्स पर था और दीदी की धड़कने भी जोर से चल रही थी और इस पोजीशन में हम लोग ५ मिनट तक खड़े रहे फिर दीदी ने मुझे छोड़ा और मेरी आँखों में लव और लस्ट देख कर मेरी पलकों पर धीरे से दो मीठे मीठे किस्स किये और फिर बेड पर बैठ गई और मुझे भी साथ बैठा लिया।
हम दोनों कुछ देर तक जोर जोर से साँस लेते रहे लेकिन चुप बैठे हुए थे फिर अचानक से दीदी ने मुझे पकड़ा और बेड पर लेटा दिया और अपने स्वीट लिप्स मेरे लिप्स पर रख कर मुझे पागलो की तरह किसिंग करने लगी।
उउउफफ क्या मीठा स्वाद था दीदी के मुँह का मजा आगया मुझे तो अब मैंने भी दीदी को भरपूर किस किया और १० मिनट बाद दीदी ने मुझे छोड़ा और शर्म से अपनी आँखों पर हाथ रख लिया और बोली "राज अब जाओ अपने रूम में, गंदे कहीं के"।
मै भी बिना कुछ कहे अपने रूम में आगया और रूम में एंटर होते ही या।।।।। हूँओ।।।। कहा और अंदर ही अंदर बहुत खुश हुआ अब मुझे वो सीन याद आने लगा जो कुछ देर पहले मैंने दीदी के साथ किया था और कितना मजा आया था।
उफ्फ्फ्फफ्।।।।।।।दीदी आई लव यू सो मच ।।।।।।।
ओर वैसे ही सोचते हुए मैं सो गया।।।।।।।।
अब आगे क्या होगा और कैसे होगा कुछ पता नहीं था लेकिन जितना भी करके आया था उसमें बहुत मजा आया था और मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा था खास कर जब दीदी के बूब्स पकडे थे और जब दीदी ने लिप् किसिंग की थी वो।।।।। कितना लकी था मैं यही सब मैं सोच रहा था।
कल दिन जब मैं दीदी के पास पढने के लिए गया तो दीदी बेड पर बैठे न्यूज़ पेपर पढ़ रही थी उसने मुझे देखा और स्माइल दी।
"आओ राज यहाँ बैठो" दीदी मुस्कुराते हुए बोली।
फिर मैंने पढना शुरू कर दिया क्योंकि मैं चाहता था की पहले पढ़ लू और अगर बाद में मौका मिला तो मजे तो करने ही है और दुसरा कोई काम भी नहीं था।
लगभग एक घन्टे बाद मैंने अपना सारा होम वर्क पूरा कर लिया और दीदी की तरफ देखा जो मुझे पढ़ा कर एक बार फिर न्यूज़पेपर में बिजी हो गई थी।
"दीदी मेरा काम तो हो गया आपको कोई काम तो नहीं है" अपना बस्ता समेटने के बाद मैं बोला।
"काम तो है लेकिन तुम क्या कहना चाहते हो बताओ मुझे।।।।।" दीदी बॉली।
"दीदी एक बात पुछु।।।।" मैं बोला।
"हाँ पूछ" दीदी न्यूज़पेपर पढ़ते हुए बोली।
"दीदी सच सच बताना क्या कल रात आपको मजा आया था क्या? और दीदी सच बताओ कल रात जितना मजा मुझे आया आज तक कभी भी नहीं आया इतना की मैं अभी तक भी नहीं भुला सका हूँ रह रह कर मुझे रात की बाते याद आती है और मैं थ्रिल से भर जाता हूँ खास तौर पर वो लमहा जब आपने मुझे लिप् किस्स किया था कसम से वो सब याद करके मैं पागल हो जाता हूँ" मैं बोला।
"भइया प्ल्ज़ वो बात नहीं करो मुझे शर्म आती है, कल पता नहीं मुझे क्या हो गया था लेकिन बाद में मैंने सोचा ये गलत है क्योंकि हम दोनों भाई बहन है तो अब जो हो चुका है उसके बारे में सोचना छोडो और भूल जाओ की कल रात हमने क्या किया था प्ल्ज़ " दीदी सीरियसली बोली।
"क्यों दीदी क्या हुआ? आपको अच्छा नहीं लगा या मैंने कोई ग़लती की मतलब मैंने बिना आपसे पूछे आपके बूब्स पकडे थे तो कहीं आप इस बात से तो नाराज नहीं हो" मैं सकपकाता हुआ बोला मुझे दीदी से ये उम्मीद नहीं थी।
मै बहुत डर रहा था की इतना अच्छा मौका मेरे हाथो से निकल ना जाये कहाँ तो अपनी टीचर्स के साथ डर डर के करना पडता था और कहाँ दीदी के साथ कल रात खुल्लम खुला किया था लेकिन जब मैंने दीदी की तरफ देखा तो वो शर्मा रही थी और मेरी बात का कोई जवाब दिए बिना वो खिसक कर पीछे को हट गई उसके ऐसा करने से उसकी सलवार भी नीचे हो गई थी लेकिन आज मुझे दीदी की पैंटी नजर नहीं आई थी मतलब आज दीदी ने पैंटी नहीं पहनी थी।
"दीदी आपके पीरियड्स खत्म हो गए क्या?" मैंने दीदी को बगैर पैंटी के देख कर पूछा।
वो हैरान होकर सोचने लगी की मुझे कैसे पाता चला और फिर अचानक कुछ सोच कर अपने साइड पर देखा तो उसकी सलवार नीचे थी
" तू बहुत स्मार्ट है राज" दीदी सब समझ कर हँसते हुए बोली "हा खत्म हो गए है।।।। लेकिन उससे तुम्हे क्या मतलब"।
"दीदी अब हम बाते क्यों नहीं करेंगे, क्यों ना सोचु उस बात के बारे में ही कल हुई और क्यों भूल जाऊ कल रात हुई हसीन बातो को, बताओ न दीदी प्लीज की कल रात मजा आया या नहीं" मैं दीदी को हँसते हुए देख कर बोला।
"भइया प्लीज।।।।।। हाँ आया था मजा लेकिन ये ठीक नहीं है भाई बहन के बीच में तो प्लीज उसे भूल जाओ, अब हम सिर्फ भाई बहन है और दोस्त भी तो अब सिर्फ बाते होगी नो मोर प्लीज" दीदी मुझे समझाते हुए बॉली।
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