RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि अपना लंड अलका की बच्चेदानी मैं अपना वीर्य छोड़ता.... और अलका कमर उचका उचका के उसका आनंद लेती है...
और लंड की आखरी बूँद अलका की चूत मे छोड़ता है....
लगभग 10 मिनिट तक रवि अपनी दीदी की नंगी चूत से चिपका रहा और फिर अलका से अलग होकर लेट गया और अलका को देखने लगा जो अभी तक अपनी आँखे बंद किए गहरी साँसे ले रही थी, रवि अपनी दीदी के सर पर हाथ फेरते हुए उसके बालो को सहलाने लगा और कुछ देर बाद जब अलका ने आँखे खोली तो रवि को अपनी ओर देखता पाया और दोनो भाई बहन अपनी -अपनी मुस्कुराहट को रोक नही पाए और अलका मुस्कुरकर शरमाते हुए रवि के सीने से चिपक गई, बारिश बंद हो चुकी थी ...और सुबह के कोई चार बज रहे थे....
रवि- अलका के गालो को चूमते हुए दीदी तुम खुश तो हो ना
अलका- अपनी आँखे खोल कर रवि को देख कर मुस्कुराती है और उसका मूह चूम लेती है
रवि- दीदी अब क्या तुम रोज मेरे साथ ऐसे ही नंगी होकर सोओगि
अलका- मुस्कुरकर अपनी गर्दन हाँ मे हिला देती है
रवि - अलका के होंठ चूमते हुए, दीदी अब तुम रोज मुझसे ऐसे ही चुदवाओगि
अलका- रवि के गाल को मुस्कुरा कर खिचती हुई, हाँ
रवि- दीदी अब तुम मेरी क्या हो
अलका -रवि की बाँहो मे घुसकर अपने मूह को उसके सीने से लगाती हुई, आज से मैं तेरी बीबी हूँ और आज से तू मुझे ऐसे ही नंगी करके रोज चोदेगा और रवि से चिपक जाती है और रवि उसे अपनी बाँहो मे भर लेता है,
अलका- रवि एक बात कहूँ
रवि- क्या
अलका- आइ लव यू
रवि- अलका के होंठो को चूम कर आइलव यू टू दीदी...वो कुछ और देर ऐसे ही पड़े रहते हैं...और रवि उसे सहलाता रहता है..
उस रात रवि ने अपनी दीदी को दो बार और चोदा, यह रात उन दोनो के लिए सुहागरात से भी बढ़ कर गुज़री जो शायद उन्हे पूरी जिंदगी याद रहने वाली थी, सुबह के 6 बज चुके थे और दोनो उठ कर फ्रेश हुए .
तब तकरति बिरजू भी खेत से आ चुके थे....रति अलका को गौर से देखती है जब वो किचिन मे आती है....अलका की आखों में खुमारी थी रात की.... वो ठोडी उठा कर अलका को देखती है..... अलका माँ की आखों का सामना नहीं कर पाती है और नज़रें झुका लेती है..... और रति गर्दन हिला के पूछती है.... हाई..... मेरी बन्नो शरमा रही है..... रति समझ जाती है कि आज रात अलका चुद चुकी है......वो उसे सीने से लगा लेती है.... दोनो माँ बेटी एक दूसरे से गले लग जाते हैं....तभी रवि भी नीचे आ जाता है.... उन दोनो को ऐसे प्यार करते हुए देखता है....रति रवि को भी अपने सीने से लगा लेती है..... तीनो की आखों मे ख़ुसी की आसू थे...
जैसे-जैसे दिन गुज़रते गये रवि और अलका के बीच बेपनाह मोहब्बत बढ़ चुकी थी और उनकी लाइफ पति-पत्नी की तरह
चलने लगी थी दोनो एक दूसरे से अपनी जान से बढ़ कर प्यार करने लगे थे और रति को तो ये पहले से ही पता था....
कोई एक हफ्ते बाद दोनो माँ बेटी किचिन मे काम कर रही थी....तभी अलका को ज़ोर से उल्टी आती है....वो दौड़ कर वॉश बेसिन पर जाती है...
रति भी उसके पीछे-पीछे जाती है.... क्या हुआ बेटा
अलका- कुछ नहीं माँ जी मिचला रहा है.....
रति-क्या कुछ बाहर का खाया है क्या..
अभी रति ये बात ही कर रही थी...कि उसे भी उल्टी शुरू हो जाती हैं.... अब अलका रति को संभालती है... तभी रवि और बिरजू भी आ जाते हैं
क्या हुआ बिरजू पूछता है....
रति- हम दोनो को उल्टियाँ आ रही है...
रवि: अरे कहीं फुड पाय्ज़निंग तो नहीं हो गयी.......
रति: कुछ बाहर का तो आया नहीं है ...ना ही घर मे कुछ बनाया है....
रवि: चलो डॉक्टर को दिखाते हैं कुछ कॉंप्लिकेशन ना हो जाए....
बिरजू : हां बेटा ...उसे भी चिंता होने लगती है....
रति: आप लोग चिंता मत करो ...ठीक हो जाएगी...
बिरजू: रवि को बोलता हुआ बेटा जीप निकाल ...इन्हे सहर ले जाना पड़ेगा...और चारो जीप मे बैठ कर सहर डॉक्टर के
पास आ जाते हैं....
लेडी डॉक्टर दोनो का चेक-अप करती है.... और बाहर आ कर ...बधाई हो .... दोनो माँ बनने वाली है......
बिरजू और रवि के चेहरे पर आश्चर्य चकित मिश्रित हँसी आ जाती है......और दोनो एक दूसरे से नज़रे चुराते हैं....
बिरजू-हम उन्हे देख सकते हैं क्या....
.हां आप लोग उनसे मिल लें....डॉक्टर. बोलती है....
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