RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
और उधर एक अलग ही मौसम था ... रति और बिरजू खेत पर थे...उनके फार्म के बगल से ही नदी बहती है....और आज तो जबरदस्त मुसलाधार बारिश हो रही थी.....मौसम भी बड़ा खुस्गवार था...
बिरजू ने रति को अपनी बाहों मे लेकर बोलता है..... रति ....
बिरजू : रति आज तेरे साथ नदी मे नहाने का बड़ा मन कर रहा है...भीगते हुए नहाएँगे बारिश मे दोनो...
रति : हाँ भैया मुझे भी बड़ा मज़ा आएगा
बिरजू : अच्छा अब तेरे वहाँ दर्द तो नही है, उसने गान्ड की ओर इशारा करते हुए कहा
रति : अपने चेहरे पर बनावटी दर्द समेटते हुए, भैया कल जितना तो नही है पर थोड़ा दर्द अभी बाकी है
बिरजू : तो फिर कैसे जाएगा तेरा दर्द ,लेकिन रति यहाँ कोई देख लेगा तो अच्छा नही लगेगा
रति : भैया अभी थोड़ी देर रुक जाओ , कुछ खाने को बना लूँ..
रति ने फार्म मे बने रूम के किचन मे बाटी चोखा बनाया...
बिरजू रति की मोटी गान्ड और चुतड़ों को खा जाने वाली नज़रो से घूर रहा था
रति मंद मंद मुस्कुराते हुए उसे देख रही थी
रति के मोटे दूध देख कर ही खड़ा हो गया था तभी रति ने अपने घाघरे के उपर से अपनी चूत पोछते हुए मुस्काई
रति : क्या भैया
बिरजू : रति कब चलेगी मेरे साथ नदी मे नहाने
रति : हाँ चलूंगी लेकिन वो आपकी गोद वो चढ़ कर पानी मे उतरूँगी मुझे बड़ा डर लगता है
बिरजू : तू फिकर ना कर मैं अपनी प्यारी बहना को अपनी गोद वो उठा कर नहलाउंगा, इतना कह कर बिरजू ने रति की मोटी गान्ड पर हाथ रख दिया उसका लहंगा पहले से ही उपर चढ़ा हुआ था और बिरजू का हाथ उसकी नंगी गान्ड पर चला गया, और लंड यह जान कर पूरी तरह अकड़ गया कि रति ने पैंटी नही पहनी हुई थी, बिरजू की उंगलियो से उसकी गान्ड की दरार बस एक इंच की दूरी पर थी लेकिन वो हाथ आगे नही बढ़ा पा रहा था
रति : भैया आप मुझसे बहुत प्यार करते हो ना
बिरजू : यह भी कोई पूछने की बात है,
रति ने इतना सुना और अपने मूह से बिरजू के होंठो को चूम लिया और उसका हाथ अपने आप बिरजू की छाती पर बलोँकि घाटी मे घूमने लगा रति कस कर उस से चिपक गई,
अब बिरजू बेतहाशा रति के रसीले होंठो को चूसने लगा और उसकी मोटी गान्ड की गहरी दरार वो हाथ फेरने लगा
रति : भैया एक बात कहूँ
बिरजू : क्या
अलका और रवि क्या कर रहे होंगें....
बिरजू: उन्हे मस्ती करने दे हम उन्हे प्राइवसी देने के लिए ही तो यहाँ पड़े हैं... आज वैसे भी वॅलिंटाइन डे है ....
रति :तो क्या आज रवि अलका को चोद देगा....
बिरजू: शायद...तेरे को याद है ना हमारी पहली चुदाई आज के ही दिन हुई थी और ठीक नौ महीने बाद अलका पैदा हुई थी....
रति: तो क्या आज इतिहास अपने आप को दोहराएगा......
बिरजू: लगता तो ऐसा ही है....और दोनो एक दूसरे के गले लग जाते हैं...
रति: ओह भैया एक चीज़ तो हम भूल ही गये जल्द बाज़ी मे...
बिरजू: क्या/....?
रति: वो निरोध का पॅकेट ....
बिरजू: कुछ नहीं होगा एक दिन मे तू मस्त रह....
भैया: मैं पूरे फर्टाइल पीरियड मे हम कहीं कुछ हो ना जाए...
बिरजू: तू बहुत चिंता करती है... मस्त रहा कर...
बिरजू हाथ के उपर हाथ रख कर अपने दूध को दबाने लगा
बिरजू : और कुछ
रति : मुस्कुराते हुए, कुछ नहीं...
बिरजू : धीरे से रति की गान्ड सहलाते हुए उसकी चूत की फांको को उंगलियो से कुरेदा और फिर कहा बता ना रति मैं क्या बहुत अच्छा चाट्ता हूँ
रति : धीरे से बिरजू कान के पास मूह लगा कर कहने लगी, भैया आप चाटते थोड़े ही हो, आप तो चूस्ते हो और पीते हो
बिरजू : रति के मोटे मोटे दूध को दबाते हुए, बता ना क्या पीता हूँ
रति : अपनी बहन की चूत और क्या
बिरजू : भला कोई भाई अपनी बहन की चूत पीता है क्या इतना कह कर बिरजू ने अपनी जीभ रति के मूह वो डाल ली और वह बिरजू की जीभ चूस कर कहने लगी,
रति-भैया आज कल तो सब सबसे पहले अपनी बहन की ही चूत पीना पसंद करते है
बिरजू : तुझे कैसे पता है यह सब
रति : मुझे शरम आती है
बिरजू : अच्छा मैं तेरी चूत चाटूँगा फिर तो बताएगी
रति : मुस्कुराते हुए ठीक है लेकिन कोई देख लेगा तो
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