RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका वापस जब अपने रूम मे आती है तभी उसकी नज़र ड्रेसिंग टेबल के मिरर पर पड़ती है और वह एक दम गौर से
अपने आप को देखने लगती है फिर वह धीरे-धीरे ड्रेसिंग टेबल के पास जाती है तब उसे अपना चेहरा बिल्कुल साफ नज़र आता है, उसकी नाक की नाथ का हीरा जग मग कर रहा है ...और वो इस समय एक नई नवेली दुल्हन की तरह लग रही थी क्यो कि उसकी माँग मे सिंदूर भरा हुआ था और उसका चेहरा अचानक उसके खुद के लिए भी बदल गया था और एक नया रूप उसे दिखाई दे रहा था, पहले तो अलका को अपनी माँग मे भरा सिंदूर देख कर एक दम से रवि के उपर बहुत गुस्सा आया, लेकिन फिर अगले ही पल अलका का अपना कुँवारा होते हुए भी शादीशुदा रूप देख कर एक अंजानी सी मगर प्यारी सी मुस्कुराहट आ गई और जिसे वह रोक नही पाई और आकर अपने बेड पर लेट गई, अलका को रवि की बहुत याद आने लगी और एक पल तो उसका दिल करने लगा कि अभी जाकर रवि से लिपट जाए, लेकिन फिर कुछ सोच कर वह तकिये को अपने सीने से लगा कर लेट जाती है,
लेकिन रवि को शायद यह सब होने के बाद किसी पॉज़िटिव रेस्पॉन्स की उम्मीद नही थी और वह बहुत ज़्यादा अपसेट हो गया था और अलका की तस्वीर देखकर उसकी आँखो से ना चाहते हुए भी आँसू अपने आप बह रहे थे जिन्हे वह पोंछ भी
नही रहा था उसकी आँखे लाल हो चुकी थी और नीद उसकी आँखो से कोसो दुर थी,
सुबह-सुबह अलका अपनी रवि के उठने से पहले ही नहा कर तैयार हो गई और कॉलेज जाने के लिए रेडी हो गई,
सुबह रति भी खेत से घर आ जाती है...पर बिरजू फार्म पर ही रहता है....
वो गौर से अलका को देख रही थी....पर उसे सब नॉर्मल लगता है... तो वो कुछ नहीं बोलती.....
रति- अलका बेटा देख तो रवि अभी तक क्यो नही उठा,
अलका- मम्मी आप ही जाकर जगा दो ना तब तक मैं कॉफी बना लेती हूँ,
रति- रवि के रूम मे जाते ही, रवि उठो बेटा कितना टाइम हो गया आज अलका को कॉलेज छोड़ने नही जाएगा क्या,
रवि- मम्मी आज मेरी तबीयत कुछ ठीक नही लग रही है इसलिए मैं कॉलेज नही जाउन्गा मुझे सोने दो प्लीज़,
रति- रवि के सर पर हाथ रखते हुए, क्यो क्या हो गया है तुझे,
रवि: फिकर ना करे,
रति- ओके बेटा जैसी तेरी मर्ज़ी,
रति बाहर आकर अलका बेटे रवि तो कह रहा है कि उसकी तबीयत कुछ नरम-गरम है इसलिए आज वो नही
आएगा, तू एक कम कर आज चली जा..
अलका- कहीं बुखार तो नही आ गया रवि को
रति- नही बुखार तो नही है कह रहा है कुछ वीकनेस सी लग रही है,
रति और अलका दोनो कॉफी पीते है और अलका सोफे पर बैठी हुई सोचने लगती
रति:अच्छा बेटा मैं खेत पर जा रही हूँ तू कॉलेज चली जाना ...
अलका सोचती है कि वह क्या करे, वह रवि के पास उसका हाल पूछने जाना चाहती थी लेकिन कल वाली बात के कारण उसकी हिम्मत नही हो रही थी, और साथ ही वह रवि को गुस्सा भी दिखना चाहती थी, अलका- आज मैं कॉलेज जाकर क्या करूँगी, मैं तो बोर हो जाउन्गी सो आज मैं भी कल्टी मार देती हूँ, और अलका भी कॉलेज जाना कॅन्सल कर देती है और जाकर सोफे पर चुपचाप बैठ जाती है, करीब आधे घंटे बाद रवि सोचता है कि दोनो लोग चले गये होंगे तो वह उठ कर बाहर आता है और जैसे ही उसकी नज़र अलका पर पड़ती है अलका अपनी नज़ारे रवि को देख कर झुका लेती है, रवि जब अलका को अपनी नज़रे झुकाए देखता है तो मन ही मन उसको थोड़ी हसी आ जाती है, फिर भी अपना चेहरा सीरीयस बना कर वह सोफे पर ना जाते हुए बाथरूम मे घुस जाता है और फिर अपना हाथ मूह धोकर कर वापस बिना कुछ कहे अपने रूम मे चला जाता है,
|