RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि- दीदी जब इंसान किसी चीज़ को वक़्त के हर लम्हे के साथ पाने की कोशिश करता है ना तो वह चीज़ खुद ब खुद उसको हासिल हो जाती है इसलिए तुम फिकर मत करो, अगर तुम कुछ चाहती हो जिसके लिए तुम्हारा दिल हर पल को गिनने लगता है तो समझो वह मंज़िल अब तुम्हारे बिल्कुल करीब है,
अलका- मुस्कुरा कर चल छोड़ अब इन बातों को बहुत बड़ी-बड़ी बात करने लगा है, अब कुछ दूसरी बात कर
रवि- मुस्कुरा कर अलका के सामने ही उसके मोटे-मोटे दूध को देखता हुआ, कौन सी बात करूँ दीदी,
अलका- रवि की नज़रो को अपने दूध पर महसूस करती हुई मुस्कुरा कर मार खाएगा,
रवि- दीदी मैने क्या किया है
अलका- ज़्यादा भोला बनने की कोशिश मत कर
रवि- अच्छा दीदी भोला नही बनता बदमाश बन जाउ
अलका- मुस्कुरा कर कोई ज़रूरत नही है, अच्छा रवि तुझे पता है कल क्या दिन है,
रवि- कुछ सोच कर, ज़रूर इसका बर्त डे होगा, लड़किया अपने बर्त डे होने पर कुछ इसी अंदाज मे पूछती है, दीदी कल का
दिन मे कैसे भूल सकता हूँ,
अलका- खुस होती हुई क्या तुझे सच मुच याद है,
रवि- दीदी मैं तुम्हारा बर्त डे कभी भूल सकता हूँ,
अलका- मुस्कुरा कर मुझे लगा तुझे याद नही होगा, अच्छा रवि मेरे बर्त डे पर मुझे क्या गिफ्ट देगा,
रवि- कुछ सोच कर, दीदी कल मैं तुम्हे ऐसा गिफ्ट दूँगा जो तुम्हारी जिंदगी का सबसे कीमती गिफ्ट होगा,
अलका- ऐसा क्या गिफ्ट देने वाला है मुझे,
रवि- अलका को अपनी और खीच कर उसके जिस्म को अपने बदन से सटाते हुए, अभी दे दूं क्या
अलका- उसको अलग करती हुई मुझे कोई ऐसा वैसा गिफ्ट नही चाहिए,
रवि- दीदी वह कोई ऐसा वैसा गिफ्ट नही होगा वह गिफ्ट ऐसा होगा जो तुम्हारी जिंदगी बदल देगा, तभी रवि अपनी घड़ी
देखता है और दीदी मम्मी इंतजार कर रही होगी मैं अभी उन्हे ले कर आता हूँ और रवि अपनी बाइक उठाकर उड़ जाता है,
अलका अपने आप से बाते करती हुई, कल रवि मुझे क्या गिफ्ट देगा, कहीं वह मेरे साथ कुछ, नही-नही उसे ऐसा तो नही
करना चाहिए पर अगर उसने ऐसा कुछ करने की कोशिश की तो फिर मैं क्या करूँगी, कहीं वह कुछ कर ना दे, मैं उसे रोक
भी तो नही पाती, आख़िर मैं क्या करूँ, उससे दूर भी नही रह सकती और ....
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