RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि- दीदी आँखो से दिखाई तो देगा मैं तुम्हे वो बात तो इशारे से भी बता सकता हूँ
अलका- अपनी आँखो को भी बंद करते हुए, अब बोल
रवि अलका के बिल्कुल करीब जाकर उसकी नथ को चूमते हुए उसे अपनी बाँहो मे भर लेता है और अलका एक दम से अपनी आँखे खोल देती है,
अलका- रवि क्या कर रहा है छोड़ ना
रवि- दीदी अब तुम्हे मैं कर के ही बता देता हूँ
और अलका के मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो मे पकड़ लेता है और उन्हे दबाते हुए अलका के होंठो को अपने मूह के
पास लाकर, दीदी अपनी नज़रे उपर करो, अलका अपनी नज़रे उठाकर रवि को देखती है रवि उसके होंठो से अपने होंठ हटाता
हुआ, दीदी तुम जानती हो मैं क्यो तुम्हारे साथ सोना चाहता हूँ,
अलका अपनी आँखे खोले रवि को देखती है,
रवि, अलका के लबों को अपने होंठो से छूता हुआ दीदी मैं तुम्हे पूरी नंगी करके तुम्हारे हर अंग का रस पीना चाहता हूँ
और तुम्हे पूरी रात चोदना चाहता हूँ, उसके इतना कहते ही अलका अपनी आँखे बंद कर लेती है और रवि उसके होंठो को
पागलो की तरह चूमता हुआ अपनी दीदी के मोटे-मोटे कठोर दूध को कस कर दबाने लगता है,
अलका- आह रवि प्लीज़, रवि प्लीज़ छोड़ दे आह,
और रवि उसको पागलो की तरह उसको पूरा अपनी गोद मे चढ़ा कर उसके पूरे बदन को अपने से
चिपका लेता है, अलका गहरी साँसे लेती हुई रवि से चिपकी रहती है, दोनो इसी अवस्था मे लगभग 5 मिनिट तक बैठे
रहते है, कुछ देर बाद अलका शर्मा कर रवि की गोद से उतर जाती है और अपना मूह दूसरी ओर करके खड़ी हो जाती है
रवि खड़ा हो कर अलका को पीछे से जाकर धीरे से अपनी बाँहो मे भरता हुआ, दीदी चलो आज मैं तुमको बढ़िया सा
लंच करवाता हूँ और उसके गालो को चूम लेता है, और अलका का हाथ पकड़ कर चल देता है, अलका अपनी गर्दन झुकाए
रवि के साथ चलती रहती है, दोनो जाकर बाइक पर सवार होकर एक बढ़िया से होटेल मे लंच करते है उसके बाद रवि
अलका को घर लेकर आ जाता है,
दोनो घर पहुँच जाते हैं...
रवि- दीदी मैं अभी आ रहा हूँ
अलका- कहाँ जा रहा है..
रवि-एक दोस्त है
अलका- यहाँ तेरा कॉन दोस्त है...कहीं कोई सहेली तो नहीं बना ली...
अलका- रवि का चेहरा गौर से देखती हुई, चुपचाप अंदर चल
रवि- चुपचाप अंदर जाता हुआ, दीदी तुम तो मुझ पर अभी से शक करने लगी
अलका- कॉफी पिएगा
रवि- पिला दो
अलका- ठीक है तू बैठ और मैं अभी तेरे लेए कॉफी ले कर आती हूँ
अलका किचन मे जाते अपने मन में सोचती हुई कहीं रवि किसी लड़की के चक्कर में तो नही पड़ रहा है अगर इसने ऐसा
किया तो मैं इसे जान से मार डालूंगी, अलका मन ही मन मैं काफ़ी खफा नज़र आ रही थी,
उधर रवि सोचता है कहीं मेरे चेहरे पर कुछ लगा तो नही है मैं जल्दी से शीशे मे जाकर देखता हूँ ये तो बिल्कुल
मेरी बीबी की तरह मुझ पर शक करने लगी है कहीं मुझे कभी पकड़ लिया होता तो शायद जान से ही मार डालती,
अलका कॉफी लाकर आती है और रवि मुस्कुराता हुआ कॉफी ले लेता है, अलका उसके सामने जाकर सोफे पर बैठ जाती है और रवि को घूर कर देखने लगती है, रवि अलका को मुस्कुरा कर देखता हुआ आँख मार देता है,
अलका- गुस्सा दिखा कर दिन भर में कितनी लड़कियो पर तेरी ये आँखे चलती है,
रवि- अलका को फ्लाइयिंग किस देते हुए दीदी कुछ जल रहा है क्या,
अलका- मूह बना कर उसकी बात को समझते हुए, जले मेरी जूती.
रवि कॉफी का कप रख कर अलका को देखता हुआ
दीदी- मेरे पास आकर बैठो ना
अलका- गुस्से में क्यो मैं तेरी बीबी हूँ जो तेरी हर बात मान कर तेरे पास चिपक कर बैठू,
रवि खड़ा होकर अलका के पास जाकर उसके सोफे पर बैठता हुआ अलका के हाथ को अपने हाथ मे लेकर
रवि- मेरी प्यारी दीदी क्या मुझसे नाराज़ है
अलका- अपना मूह बना कर, मैं कौन होती हूँ तुझसे नाराज़ होने वाली
रवि- अलका के चेहरे को अपने हाथो मे भर कर दीदी एक बात कहूँ
अलका- क्या
रवि- दीदी तुम गुस्से में बहुत खूबसूरत लगती हो,
अलका- मूह बनाते हुए रवि तू मेरी झूठी तारीफ करना बंद कर दे
रवि- दीदी अगर मैं झूठ बोलू तो खुदा अभी मेरी जान ले ले,
अलका रवि की बात सुन कर उसके मूह पर अपना हाथ रख देती है और
अलका- खबरदार अगर दुबारा ऐसी खराब बात अपने मुँह से निकाली तो,
रवि- अलका का हाथ चूमते हुए, दीदी तुम ये अच्छी तरह जानती हो ना कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ, आज मैं तुम्हे
एक बात और बता देता हूँ की अगर तुम मुझे नही मिली तो या तो मैं पागल हो जाउन्गा या फिर अपनी जान दे दूँगा,
अलका- रवि इंसान को इतना प्यार किसी से नही करना चाहिए
रवि- दीदी यह बात तुम अपने आप को समझाओ तो ज़्यादा बेहतर होगा,
अलका- अपना सर झुकाते हुए, और फिर रवि को देख कर रवि कुछ बाते ऐसी होती है कि उन पर फ़ैसला लेना जिंदगी का
सबसे मुश्किल कम होता है,
रवि- दीदी जब फ़ैसला ना लिया जा रहा हो तो उसे वक़्त पर छोड़ देना चाहिए,
अलका- पर रवि कुछ बाते इंसान को बहुत तडपाती है वह उन बातों के लिए कब तक वक़्त का इंतजार करेगा,
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