RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि अलका की बात सुन कर मन ही मन, दीदी तुम कितना तड़प रही हो मेरी बाँहो मे आने के लिए, अब वो दिन दूर नही है जब तुम मेरी बाँहो मे सिमटी हुई मुझे चूम-चूम कर आइ लव यू रवि, आइ लव यू रवि, का जप करती नज़र आओगी
अलका- अब क्या सोचने लगा
रवि- कुछ नही
और अलका को बैठा कर सीधे पार्क मे पहुच गया, दोनो अपनी बेंच पर जाकर बैठ जाते है
रवि- हाँ दीदी अब बोलो
अलका- क्या
रवि- वही जिसके लिए तुम मुझे यहाँ ले कर आई हो
अलका- मुस्कुराते हुए मैं तो सिर्फ़ यहाँ टाइम पास के लिए आई हूँ
रवि- दीदी तुम अपने टाइम पास के चक्कर मई मेरा वक़्त बर्बाद करती हो
अलका- अपनी आँखे दिखाते हुए, अच्छा मेरे साथ रहने पर तेरा वक़्त बर्बाद होता है,
रवि- अच्छा नही होता पर इतनी दूर क्यो बैठी हो मेरे करीब आकर ब्सिती ना
अलका- क्यो, करीब क्यो आउ
रवि- दीदी करीब नही आओगी तो माब् तुम्हारी नथ को किस कैसे करूँगा
अलका- क्यो तू मुझे यहाँ किस करने लाया है, और खबरदार मेरे वहाँ बहुत दर्द है सो प्ल्स केर्फुल...हां
रवि- दीदी आओ ना
अलका- नही मैं यही ठीक हूँ
रवि- तुम आती हो कि मैं उठ कर आउ
अलका- रवि तू भी ना बस एक ही चीज़ के पीछे लगा रहता है
रवि- क्यो तुम नही चाहती कि मैं तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर तुम्हारे इन रसीले होंठो और इस सेक्सी नथ को किस करू,
अलका: एक नथ क्या दिलवा दी... मैं वहाँ किस करूँ....अपनी मूह से मुस्कुराहट को छुपा कर नही,
रवि- अच्छा ठीक है तो नही करता बैठी रहो वही दूर
अलका- मुस्कु कर, गुस्सा तो इतनी जल्दी तेरी नाक पर आकर बैठता है कि कुछ कह नही सकते,
रवि- अपना मूह फूला कर तुम्हे तड़पाने के अलावा आता क्या है,
अलका- मुस्कुराते हुए, रवि एक बात कहूँ तू गुस्से मे बिल्कुल अच्छा नही लगता
रवि- दीदी प्लीज़ आ जाओ ना
अलका- रवि को आँखे दिखाते हुए, रवि हर वक़्त एक ही बात
रवि- दीदी मैं कल से तुम्हे चूमने के लिए तरस रहा हूँ प्लीज़ आ जाओ
अलका- अपना सर झुका कर सीरीयस होते हुए नही रवि मुझे यह सब अच्छा नही लगता
रवि- दीदी यही बात एक बार तुम मेरी आँखो मे आँखे डाल कर कह सकती हो
अलका- रवि क्या हम ये सब ठीक कर रहे है
रवि- पहले करने तो दो फिर कहना ठीक किया कि नही
अलका- मुझे नही आना तेरे पास
रवि- तो ठीक है मैं ही आ जाता हूँ
और रवि उठ कर अलका के पास उससे चिपक कर बैठ जाता है अलका अपने दोनो हाथों को अपनी जाँघो के बीच दबाए
अपनी नज़रे नीचे किए रहती है और रवि जब उसके पास बैठ जाता है तो अलका की साँसे हल्के-हल्के तेज होने लगती है और
उसके दूध के निप्पल अपने आप बिना रवि के द्वारा कुछ किए हुए ही खड़े होने लगते है और उसकी चूत मे एक अजीब
सा तनाव महसूस होने लगता है, रवि अलका के पास बैठ कर उसके झुके हुए चेहरे को देखने लगता है अलका की नाक के नथ का मोती थर-थराने लगता है और अलका ना चाहते हुए भी अपनी नज़रो को नीचे झुकाए हुए रवि को नीचे देखते हुए भी देखने की कोशिश करने लगती है,
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