RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि: आज मैं जो मागुँगा वो आप दे दोगि.....
रति: बोल तो सही....मैं भी तो जानू तेरे मन मे क्या है....
रवि: पहले वादा करो....
रति: चल वादा.... रहा..
रवि: ठीक है माँ मेरा एक वरदान आप पर उधार रहा...मैं जब चाहूं उसे ले लंग
.....
तभी अलका नीचे आ जाती है.....
रति: मुस्कराते हुए....आओ मेरी बन्नो रानी बड़ी निखरी निखरी दिख रही हो.....हाई मेरी बन्नो की नाक को क्या हो गया कितनी लाल पड़ी है !
अलका शरम से गढ़ी जा रही थी..... असल मे उसकी नाक रवि के बालों मे नाथ फस्ने के कारण खिच गयी थी इस लिए सूज के लाल हो गयी थी.....और उसकी आखें भी लाल हो रही थी पर फिर भी लौंडिया गजब की सेक्शकशकशकष्यययययययययी लग रही थी... उसने खुले गले का गुलाबी सलवार सूट डाला हुआ था....
रवि: माँ क्यों दीदी को चिढ़ा रही हो ....
रति: रवि को मारते हुए..... तू मुझे सिखाएगा.....!
माँ दोनो को गले लगा लेती है.....मेरे बच्चे....... तीनो बहुत भावुक हो जाते हैं....
सब साथ मे नाश्ता करते हैं....
ब्रेकफास्ट के बाद रति बोलती है... अच्छा बच्चो मैं फार्म पर जा रही हूँ.....और आज सारी फसल कटी हुई फार्म पर रखी हुई है... तो मैं और मामा रात मे खेत पर ही रहेंगे.....
रवि-ठीक हैं माँ........
रति दोनो को प्यार करती है और रवि की तरफ मुहँ करके , ध्यान रखना मेरी गुड़िया काअ...यू नॉटी......
अब हाल मे रवि और अलका थे....
अलका- ऐसे क्या देख रहा है...नालयक....
रवि: आज क्या लग रही हो ...सही मैं ये नथ आप पर बड़ी सेक्शययययी लग रही है....
अलका : ज़्यादा हीरो मत बन नहीं तो पिटेगा.... अब जल्दी चल ...तेरी वजह से कितनी प्राब्लम हो गयी....
रवि- अरे दीदी अभी से अभी तो कॉलेज मे टाइम है,
अलका- रवि आज हम कॉलेज नही जा रहे है,
रवि- मगर क्यो
अलका- क्योकि आज मैने तेरे साथ दिन भर घूमने का प्लान बनाया है,
रवि- कुछ सोचने लगता है और, अपने मन मई, आज ये दीदी को क्या हो गया है..
अलका- अब तू क्या सोचने लगा
रवि- ठीक है दीदी घूमने चलते हैं
रवि- मगर चलना कहाँ है
अलका- आज तेरी जहाँ मर्ज़ी हो मुझे ले चल
रवि- कुछ सोचता हुआ, अच्छा दीदी तुम्हारा कुछ शॉपिंग करने का मूड है या एंजाय
अलका- शॉपिंग नही हम लोग एंजाय ही करते है ना,
रवि- तो दीदी भीड़-भाड़ वाले प्लेस पर एंजाय करोगी या शांत प्लेस पर,
अलका- शांत प्लेस पर क्या एंजाय करने के लिए होगा,
रवि- अरे दीदी शांत प्लेस पर जब तुम मेरी बाँहो मे होगी तो कोई देखने वाला नही होगा ना
अलका- रवि की पीठ पर मारते हुए, तो तेरा एंजाय का मतलब यह था,
रवि- तो और क्या मतलब होता है एंजाय का\
अलका- अरे पागल कहीं खाएगे-पिएगे, घूमेंगे-फिरेंगे और क्या
रवि- दीदी ऐसे बोर कामो मे मुझे बिल्कुल मज़ा नही आता है
अलका- तो फिर तुझे कौन से काम मे मज़ा आता है,
रवि- कहीं एकांत जगह हो जहाँ आपकी प्रेमिका आपकी बाँहो मे सिमटी हो और आप उसे प्यार से चूमते हुए उसके उलझे
बालो की लातों को संवार रहे हो, इस तरह के एंजाय मे मज़ा आता है दीदी,
अलका- तो बेटे उसके लिए कम से कम एक प्रेमिका होना चाहिए और तेरे पास तो है ही नही, फिर तू कहाँ से इस तरह का एंजाय कर लेगा,
रवि- क्या बात करती हो दीदी तुम हो ना मेरी प्रेमिका
अलका- मूह बना कर बड़ा आया प्रेमिका बनाने वाला, अब चल जहाँ चलना हो,
रवि अपनी बाइक स्टार्ट करके बाइक चलाता हुआ, दीदी सबसे पहले तो मैं तुमको एक गरमा-गरम कॉफी पिलवाता हूँ फिर
देखते है कि हम कहाँ जा सकते है, अलका अपने भाई रवि से चिपक कर बैठी हुई थी, कुछ देर बाद रवि सहर के एक केफे हाउस के सामने अपनी बाइक रोक देता है और अलका उतर जाती है और दोनो बैठ जाते है, रवि कॉफी ऑर्डर कर देता है और फिर मुस्कुरा कर अलका को देखने लगता है,
अलका- मुस्कुरा कर ऐसे क्या देख रहा है,
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