RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि अपनी दीदी की आखों मे देखता है.....उसे उस मे प्यार ही प्यार दिखता है.... और आखें मिलने से अलका शरमा जाती है.....
हाआआऐययईई..............कितनी सेक्शकशकशकष्यययययययययययययययी लगती हो दीदी जब तुम शरमाती हो..... और इतना कह कर रवि उसके होठों को अपने होंठो से मिला देता है.......और एक गहरी स्मूचिंग किस करने लगता है अलका भी अपना मुहँ खोल देती है....और दोनो एक दूसरे की जीभ चूसने लगते हैं..... और रवि अलका के कड़क चुचकों को ज़बार हाथों से मसलता रहता है.... दोनो चूचक लाल-लाल हो जाते हैं....
तभी नीचे से रति आवाज़ लगती है कितनी देर लगाएगी नीचे आने मे....अलका ओ अलका....
अलका जल्दी से अलग होने की कोशिश करती है....पर हाइ..... ये क्या और उसके मुहँ से एक चीख निकल जाती है............
माआआआआआआआआआआआआआआआआआ.........................उसके चीख से पूरा घर गूँज जाता है......
रति घबरा के उपर की तरफ भागती है.....
असल मैं अलका की नथ का मोती स्मूछिंग किस के समय रवि के बालों से उलझ जाता है....और उसे बहुत दर्द होता है....
दोनो एक दूसरे को छूटने को कोशिश करते हैं पर ....बाल नथ से पूरी तरह घूतम गुथा हो जाते हैं......
इस लिए रवि भी उसी मुद्रा मे खड़ा रहता है...दोनो की समझ मे नहीं आता क्या करें.... और उसकी नाक मे भी बहुत दर्द होता है......
तभी रति दौड़ती हुई.... अलका के रूम मे आती है....अलका को रूम में ना पा कर...उसका ध्यान बाथरूम की तरफ जात है ...और सोचती है कहीन्न ...लड़की फिसल तो नहीं गयी.....
वो दौड़ कर बाथरूम का दरवाजा खोलती है....और देखती है..
रति की आँखे..... फटी की फटी रह जाती है...वो नज़ारा देख कर......
दोनो एक दूसरे से चिपके खड़े हुए थे..और अलका ब्रा पेंटी मैं थी.... और उसकी चुचियाँ खुली हुई थी....
रति की कुछ समझ मे नहीं आता और सोचती है ...कि क्या चल रहा है....और ये दोनो मेरे सामने भी ऐसे क्यों खड़े हुए हैं...
रति दोनो के बीच मे आती है.... अलका का चेहरा उसके बालों से ढका हुआ था...वो उसके बालों को हटा ती है....
अलका तो जैसे शरम से घड़ी जा रही थी.....
क्या हुआ...रति थोड़ा गुस्से मे....
अलका इशारे से दिखाती है..... कि रवि के बाल उसकी नथ से फस गये हैं.....
तब जा कर रति को सारा माजरा समझ मे आता है.....
वो बाहर आकर कैंची ढूंड कर लाती है.....और रवि के बाल काटती है...... और दोनो एक दूसरे से अलग होते हैं ...अलका जल्दी से अपनी चूचिओ को ब्रा मे करती है और तौलिया ओढ़ लेती है......उसकी नाक इस खींचा तानी मे लाल हो कर सूज जाती है.....
रति: क्या चल रहा था यहाँ ? आज उसने दोनो को रंगे हाथों पकड़ा था और उसका शक़ यकीन मे बदल जाता है.....
दोनो चुप-चाप खड़े रहते हैं ... किसी के पास बोलने के लिए कुछ भी नहीं था........
रति दोनो का चेहरा देखती है...और फिर मुस्कराती हुई गाना गुन-गुनाने लगती है...
मुझे तो तेरी नथ लग गयी -लग गयी..... लत ये ग़लत लग गयी..... मुझे तो तेरी नथ लग गयी लग गयी....
अलका का शरम से बुरा हाल था......और वो दौड़ कर बाथरूम में चली जाती है......रवि भी सर झुकाए... अपने रूम मे चला जाता है....उसकी समझ मे नहीं आता इस स्तथि मे वो क्या बोले ...पर माँ के मुस्कराने से वो थोड़ा रिलीफ महसूश करता है.......
थोड़ी देर मे रवि और अलका तैयार हो जाते हैं पर दोनो की नीचे जा कर माँ को सामना करने की हिम्मत नहीं हो पा रही थी ...जो बात अब तक उन दोनो के बीच मे थी अब वो माँ को भी पता चल गयी थी,,,और माँ ये बात मामा को भी बता देगीं....इसी उधेड़ बुन मे दोनो बातें कर रहे थे...
अलका: तुझे भी रवि ज़रा सा सबर नहीं है...
रवि: मैने क्या किया....
अलका: देख माँ को सब पता चल गया
रवि: पता चल गया तो चले ...और ये पता तो चलना ही थी....मैं कोई चुपके -चुपके तुम्हे चोदना नहीं चाहता मैं तो तुम्हे अपनी दुल्हनिया बना ना चाहता हूँ.....
अलका: चुप बेशरम हर समय एक ही बात ... बेशर्मी की हद होती है....
रवि : अलका को चूमते हुए.....चलो नीचे चलो .... माँ वेट कर रही होगी.....
अलका : तू पहले जा...मैं आती हूँ.....
रवि तैयार होकर नीचे आता है
माँ , मामा कहाँ हैं....
रति-खेत पर गये हैं.... वहाँ आज कटाई चल रही है.....रति मुस्काती हुई बोलती है...... और यहाँ .....?
रवि: और यहाँ क्या हंसते हुए माँ से पूछता है...?
रति: और यहाँ चुदाई चल रही है...!
रवि ने पहली बार माँ के मुहँ से ये शब्द सुना था.....
रवि-नहीं माँ ऐसा कुछ नहीं है जैसा आप सोच रही है ... और माँ के गले मे बाहें डाल देता है....
रति चल छोड़ मुझे ....रति किचिन की तरफ चली जाती है........
रवि किचिन मे आ जाता है ... और फिर रति के पीछे से आ जाता है....
मेरी अच्छी मेरी प्याली प्याली माँ......
रति: आज माँ पर बड़ा प्यार आ रहा है.....
रवि: ओह माँ तुम नहीं जानती तुम कितनी प्याली हो इतना कहा कर रवि रति को पीछे से पकड़ लेता है....
रवि के ज़बरात लंड का अहसास रति को अपनी गान्ड मे होता है...... सही मे रति की गान्ड उसकी बेहन से ज़्यादा फूली हुई है.... इसी अहसास से रवि का लंड फिर झटके मारता है...और रति की गान्ड हिलने लगती है.....
रति: ज़्यादा मस्का मत लगा......बोल क्या चाहिए...
रवि: आज मैं जो मागुँगा वो आप दे दोगि.....
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