RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रति बाहर से आवाज़ मारती हुई, अलका बेटा उठ गई क्या,
अलका हा मम्मी, अभी आई,
रोज की तरह रवि अलका को कॉलेज ले जाकर अपनी बाइक खड़ी कर देता है, रास्ते भर अलका उससे कोई बात नही करती है,
रवि- दीदी क्या सोच रही हो खड़ी-खड़ी क्लास मे नही जाना क्या,
अलका- रवि आज मेरा मन नही कर रहा
रवि- तो दीदी यहाँ तक आने की क्या ज़रूरत थी घर पर ही बता दिया होता,
अलका- रवि चल हम पार्क मे चल कर बैठेंगे,
रवि- अलका को देख कर मुस्कुराते हुए, दीदी क्या बात है आज तो सुबह से मूड मे लग रही हो,
अलका- एक दूँगी रख कर जब देखो एक ही बात दिमाग़ मे चलती रहती है तेरे, कभी जिंदगी के प्रति सीरीयस भी होता है कि नही,
रवि- दीदी मेरी जिंदगी तो तुम हो और तुम जानती हो मैं तुम्हारे मॅटर मे कितना सीरीयस हूँ,
अलका- अब बाते बनाना बंद करो और चलो
अलका रवि का हाथ पकड़ कर पार्क की ओर चल देती है पार्क की बेंच पर दोनो बैठ जाते है, अलका कुछ सोचने लगती है,
रवि- क्या बात है दीदी तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना
अलका- रवि को देख कर, क्यो मेरी तबीयत को क्या हुआ है
रवि- नही तुम कुछ उदास दिख रही हो इसलिए पूछ लिया,
अलका- रवि दरअसल मैने आज सुबह-सुबह एक सपना देखा है,
रवि- मुस्कुराता हुआ ज़रूर तुमने सपने मे मुझे देखा होगा,
अलका एक दम से रवि को अपनी आँखे फाड़ कर देखने लगती है,
रवि- क्यो ठीक कहा ना दीदी,
अलका- रवि को मारते हुए तुझे हर वक़्त मज़ाक करने की आदत हो गई है,
रवि- अच्छा ठीक है, अब बताओ क्या देखा सपने मे,
अलका- वो मैं तुझे नही बता सकती
रवि- क्यो
अलका- अब हर क्यो का जवाब तो नही होता ना
रवि- अच्छा बाबा मत बताओ पर यह तो बता सकती हो कि सपना अच्छा था या बुरा
अलका- कुछ सोचते हुए, मैं नही जानती,
रवि- ये क्या बात हुई, तुमने सपना देखा और तुम्हे ही नही मालूम कि सपना अच्छा था या बुरा
अलका- रवि को देख कर मुस्कुराते हुए, अच्छा भी था और बुरा भी
रवि- ये कैसे हो सकता है, या तो सपना अच्छा होगा या बुरा, लगता है दीदी तुम तय नही कर पा रही कि सपना अच्छा
था या बुरा, आइ थिंक तुम डबल माइंड हो रही हो, खेर जाने दो सपना तो सपना है उसमे सच क्या है,
अलका- नही रवि वह सपना मैने सुबह-सुबह देखा है और कहते है सुबह का सपना अक्सर सच होता है,
रवि- ऑफ हो दीदी तो फिर उस सपने से अपनी नेगेटिव थिंकिंग को निकाल कर उसे अच्छा सपना मान लो, जिससे वह सच भी हुआ तो तुम्हे कुछ प्राब्लम नही होगा,
अलका रवि की बात सुन कर उसकी ओर देखने लगती है
रवि- अच्छा उस सपने के नेगेटिव पॉइंट को निकालने के बाद अब बताओ सपना अच्छा था कि बुरा
अलका- रवि को देख कर मुस्कुराते हुए, अच्छा था
रवि- अलका को गोर से देख कर उसकी आँखो मे झाँक कर मुस्कुराते हुए, दीदी एक बात पुच्छू सच-सच बताना
अलका- पूछ
रवि- दीदी वह सपना मेरे बारे मे था ना
अलका- रवि को मारते हुए, मूह बना कर बड़ा आया मेरे बारे मे था, तेरे सपने मे क्यो देखने लगी,
रवि- दीदी तुम्हारे एक्सप्रेशन बता रहे है कि वह सपना तुमने मेरे बारे मे ही देखा था,
अलका- रवि को मुस्कुरा कर देखती हुई, किसी के बारे मे भी रहा हो तुझे उससे क्या, अब दूसरी बात कर
रवि- दीदी मुझे नही मालूम था कि तुम अपने सपनो मे भी मुझे देखती हो,
अलका- रवि को मारते हुए, तू बहुत शातिर है, चल हम कॉलेज चलते है
रवि- क्यो अब तुम्हारा मूड ठीक हो गया,
अलका- हाँ
रवि- तो फिर मुझसे कहती क्यो नही
अलका- क्या
रवि- यही कि आइ लव यू रवि
अलका- रवि को मारते हुए, क्यो मैं ऐसा क्यो कहूँ, और उठ कर चल देती है
रवि- दीदी जिस तरह तुम अपने सपने मे मुझे आक्सेप्ट कर चुकी हो उसी तरह एक दिन तुम मुझे हक़ीकत मे भी आक्सेप्ट
करोगी
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