RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका- रवि ये क्या कर रहा है,
रवि- दीदी आज तो मैं तुम्हे पूरी नंगी देखना चाहता हूँ,
अलका- रवि देख ये ग़लत बात है तू मेरे साथ ज़बरदस्ती नही कर सकता,
रवि- दीदी तुम मेरी बीबी हो और मैं अब तुम्हारे साथ कुछ भी कर सकता हूँ
और रवि एक झटके मे अलका की टीशर्ट उतार देता है अलका के मोटे-मोटे दूध नंगे हो जाते है और अलका उन्हे अपने
हाथो से छुपाने की कोशिश करती हुई
अलका- देख रवि प्लीज़ ऐसा मत कर मुझे बहुत शर्म आ रही है,
रवि- दीदी मेरे पास आओ,
अलका- रवि मुझ से दूर रह तू बहुत गंदा है अपनी बहन के साथ ज़ोर ज़बरदस्ती करते हुए तुझे शरम आनी चाहिए
रवि- दीदी तुम मेरी हो और मुझे पूरा हक है तुम्हे नंगी करने का
अलका- रवि प्लीज़ ऐसा मत कर
रवि आगे बढ़ कर अलका को अपनी गोद मे उठा लेता है और उसकी मोटी गान्ड से उसकी जीन्स निकाल देता है अलका को अपने नंगे बदन से कस कर चिपका लेता है, अलका सहमी हुई रवि के बदन से छूटने की कोशिश करती है लेकिन रवि उसे
कस कर अपने सीने से दबाए रहता है,
अलका- रवि तू मुझे प्यार करता है ना,
रवि- हाँ
अलका- तो फिर मेरी मर्ज़ी के बिना मेरे साथ ऐसा क्यो कर रहा है,
रवि- कुछ सोचते हुए ठीक है नही करता तुम नाराज़ क्यो होती हो पर मेरे पास इसी तरह चिपक कर सो तो सकती हो,
अलका- ठीक है पर मैं पूरी नंगी हूँ रवि मुझे शरम आ रही है,
रवि- कहाँ दीदी तुम कहाँ नंगी हो पेंटी तो पहन रखी है
अलका- रवि के सीने पर हाथ मारती हुई, किस हक से तू मुझे अपने उपर नंगी करके सुला रहा है,
रवि- दीदी क्या मैने तुम्हे अपनी बीबी नही बना लिया है भूल गई जब हम भगवान को साक्षी मान कर तालाब पर एक दूसरे के हो गये थे, तब तो तुमने मुझे अपनाकर सारी सीमाए तोड़ दी थी, फिर आज क्या हुआ,
अलका- पता नही मुझे क्या हो गया था, आइ आम सॉरी,
रवि- कोई बात नही, अब तो मैं तुम्हे खुल कर प्यार कर लूँ
अलका - अपनी नशीली आँखो से रवि को देखते हुए, हूँ
रवि- क्या हूँ,
अलका- रवि मुझे अपनी बाँहो मे पूरी नंगी करके खूब प्यार करो प्लीज़ और अलका रवि की बाँहो मे समा जाती है,
रवि और अलका एक दूसरे को अपनी बाँहो मे भर कर एक दूसरे मे समाए रहते है, तभी सुबह 6 बजे का अलार्म बजता
है और अलका की नींद खुल जाती है और वह हान्फते हुए एक दम से उठ जाती है, हे भगवान मैं क्या सपना देख रही थी,
ये कैसा अजीब सपना था, और उपर से सुबह-सुबह का सपना, ये मुझे क्या हो गया है, क्या रवि से मैं वो सब करूँगी,
कहते है सुबह का सपना सच होता है, तो क्या, और अलका का दिल जोरो से धड़कने लगता है, रवि मुझे अब दिन रात दिखाई देने लगा है, मैं क्या करूँ भगवान, मैं रवि के बिना नही रह सकती, मुझे कुछ समझ नही आता मैं क्या करूँ, और
तभी,,,,,,,,,,,,,
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