RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
रवि अलका के होंठो को अपने होंठो से खोलने की कोशिश करता है, अलका अपने गुलाबी होंठो को थोड़ा खोल देती है और रवि अपनी दीदी के कभी उपर के कभी नीचे के होंठ को अपने मूह मे भर कर चूसने लगता है, और चूस्ते चूस्ते अलका के मूह मे अपनी जीभ डालने की कोशिश करता है,
अचानक अलका को पता नही क्या होता है और वह रवि के होंठो को अपने होंठो से बेतहाशा चूमने लगती है, उसकी इस
हरकत से रवि पागल हो जाता है अलका उसके एक हाथ पर अपनी पीठ टिकाए उसकी गोदी मे बैठ कर उसके होंठ चूमती रहती है और रवि अपने दूसरे हाथ से अपनी दीदी के मोटे मोटे दूध को दबोच दबोच कर कस कर दबाने और मसल्ने लगता
है, अलका उसकी इस हरकत से रवि के होंठो को पागलो की तरह चूमती रहती है, कभी रवि अलका के होंठो को अपने मूह
में भर लेता है कभी अलका रवि के होंठो को अपने मूह में भर लेती है, जब अलका रवि के होंठ चूस चूस कर थक
जाती है तो रवि से बुरी तरह चिपक जाती है और रवि भी उसे अपने सीने से लगाकर उसकी गर्दन को चूमते हुए अलका
को अपने जिस्म में समा लेता है, करीब 5 मिनिट तक दोनो एक दूसरे से चिपके बैठे रहते है, दोनो को एक दूसरे की सांसो की आवाज़ ही सुनाई दे रही थी,
रवि अलका के कान के पास अपना मूह लगाए -दीदी आज तुम मुझसे इतना क्यों चिपक रही हो,
अलका- रवि के सीने पर मुक्को से मारती हुई मुस्कुरा कर अलग हो जाती है, ....पर रवि फिर उसे अपने सीने से लगा लेता है....
अलका- रवि छोड़ ना वो कसमसाती है...पऱ रवि उसे नहीं छोड़ता,,, है और उसके लबों पर एक बार फिर प्यारा सा किस
करने लगता है .....
अलका फुसपुसाते हुए ...तू क्या चाहता है आज....
रवि अलका की नाक को अपनी नाक से टकराता है और उसकी नाथ को छेड़ता है....
अलका-ओह रवि दर्द होता है ना ......और बेंच पर बैठती हुई अपने हाथो की कोहनियो को अपनी जाँघो पर रख कर अपनी हथेलियो से अपनी नथ को छुपाकर बैठ जाती है,
रवि मुस्कुराता हुआ अलका को देखता रहता है,
थोड़ी देर खामोशी के बाद अलका अपना हाथ हटाकर रवि को देखती है जो मुस्कुरा कर उसी को देख रहा था, अलका
अपनी मुस्कुराहट रोक नही पाती है और रवि के बाजू मे एक हाथ मारती हुई,- हो गई तेरी इच्छा पूरी अब चल यहाँ से और
उसका हाथ पकड़ कर उसे उठाती हुई चल देती है,
रवि-दीदी आज मैं बहुत खुश हूँ आइ लव यू,
अलका थोड़ा मुस्कुराते हुए अपनी गर्दन नीचे झुकाए उसका हाथ पकड़े चलती रहती है फिर दोनो बाइक पर बैठते हैं..और रवि बाइक वापस घुमा देता है...
अलका गुस्से से कहाँ जा रहा है .....
रवि-चुप रहो और वो एक बहुत बड़े ब्यूटी पार्लर पर अपनी गाड़ी रोक देता है....
रवि सब से पहले अलका को एक अच्छे से ब्यूटी पार्लर पर ले जाता है.... वहाँ वो मेडम से बोलता है... की इनका मेक ओवर करना है,,,, क्या कैसे.... ये आप जानो.....
मेडम मुस्कराते हुए सर आप चिंता मत करो.... वो रवि को तीन घंटे बाद आने को को बोलती है......रवि अपना टाइम पास करता रहता है....
रवि जब लौट कर... पार्लर पहुँचता है....तो अलका को देख कर पागल हो जाता है.....उसे विश्वाश नहीं होता कि अलका इतनी सुंदर लग रही थी...... ब्यूटी पार्लर में उसका कंप्लीट मेकोवर हो गया था.... फिर रवि....उसे लेकर एक वोमन्स अप्परेल्स की बड़ी मेगा शॉप में ले जाता है....
वहाँ वो उसके लिए एक ब्लॅक जीन्स और एक ब्लॅक टॉप पसंद करता है...उसमे तो अलका गजब ढाने लगती है.... उसका फिगर.... उसमे चार गुना ज़्यादा दिखता है....रवि की तो जैसे आखें फटी की फटी रहा गयी......फिर उसने फील किया कि शायद...अलका के अंडरगार्मेंट्स भी....उस क्वालिटी के नहीं है.....अगर इस ड्रेस पर ब्रा भी कुछ कसाव वाली हो तो इसके फिगर मैं चार चाँद लग जायेंगें.....वो उसका हाथ पकड़ के लाइनाये सेक्षन में ले गया....
उसने सेल्स गर्ल की तरफ देख कर बोला..मॅम इनके लिए कुछ अच्छे....अंडरगार्मेंट्स दिखाओ....
अलका शरम से गढ़ी जा रही थी...
वो धीरे से फुस्फुसाइ....क्या कर रहे हो...
रवि ने सुना अनसुना कर दिया...
रवि अलका का हाथ पकड़ के रूम में ले जाता है.....
अलका-ये क्या है रवि...बाहर देख तो लिया था तूने.....
रवि-अरे ब्रा की फिटिंग कहाँ देखी थी...
अलका का मुहँ खुला का खुला रहा गया.....क्य्ाआआआ !
रवि-हां!....ब्रा कहाँ देख पाया जब इतना पैसा खर्च कर रहें हैं..... तो देख तो लूँ कि मैं क्या खरीद रहा हूँ.....
अलका-नहीं.... ऐसे ही देख ले...उपर से ...
रवि-अरे मेरे पगली गुलिया रानी....अपने भैया से कैसा शरमाना.... और उसने अलका का टॉप नीचे से उतार दिया.......एक ही झटके में....लौडिया एक दम से सिहर गयी......
अलका की ज़बरात चूचियाँ....ब्रा में क़ैद.....पर्वत शिखर के समान तनी हुई खड़ी थी....
उसकी शरम से नज़रें नीचे झुक गयीं..... रवि ने उसकी ठोडी पकड़के चेहरे को उपर उठाया....और उसके लबों को अपने लबों से मिला दिया..... हाई क्या उन्माद से भरा हुआ था.. एक जुनून चुंबन शुरू हुआ....दोनो के लब ना जाने...कितनी देर तक ऐसे ही जुड़े रहे...... रवि ने अपनी जीभ उसकी मुहँ मे डाल डी और ना जाने कितनी देर तक वो अलका की जीभ को चूस्ता रहा...
साथ-साथ ना जाने कब उसका हाथ उसकी गोलाईयों को छूने लगा....और उसने ब्रा के अंदर क़ैद उसकी ज़बरात चूचिओ के अंदर हाथ डाल दिया...और अपनी बेहन की नंगी चुचियों का आनंद लेने लगा....
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