RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
बिरजू ज़ोर से हंसते हुए.... ... रति की चौड़ी और उभरी हुई गान्ड से खेलने लगा......और उसकी चुचिओ को मसल्ने लगा......
रति : क्या भैया आप तो फिर से शुरू हो गये.....
बिरजू: तू साथ मे लेटी हो तो मैं हमेशा तैयार रहता हूँ..... और ज़ोर-ज़ोर से उसकी चुचिओ का मर्दन करने लगा और उसकी गान्ड की दरार में उंगली करने लगा.......
रत: चलिए वहाँ से हाथ हटाइए.....
बिरजू : रति मेरी प्यारी बेहन आज मुझे को गान्ड मारने का बहुत मन हो रहा है...शाम से तेरे को घाघरे मे देखा है दिमाग़ खराब हो गया है....और जब तू खेत मे मुतने बैठी थी....और गान्ड से घाघरा उठाया था...कसम से मेरा तो तभी मन कर रहा था कि वहीं.... तेरे को डाल कर गान्ड मर्दन कर दूं.....
रति: नहीं भैया ..गान्ड मरवाने में मेरे को बहुत दर्द होता है.... प्ल्स वहाँ मत डालना.... चाहो तो आगे से एक बार फिर कर्लो.... पर गान्ड को हाथ भी मत लगाना......
बिरजू ने पास पड़ी तेल की शीशी उठाई और अपने लौडे पर तेल मल लिया.....और ढेर सारा तेल.....रति की गान्ड में उंगली से डालने लगा.....
रति चिहुक गयी....और लगभग चिल्लाते हुए.... मना किया था ना.... और उठने की कोशिश करने लगी... पर बिरजू उसे अपनी टाँग के दबाव से नीचे डाले रहा.......
बिरजू लगभग गिडगिडते हुए रति से अनुरोध करने लगा.....प्ल्स मान जा मेरी प्यारी बहना....और आज मुझे करने दे.....
पर रति तैयार नहीं हो रही थी..क्यों कि उसे पता था...पिछली बार बिरजू ने जब उसकी गान्ड पिलाई की थी तो तीन दिनो तक उसकी गान्ड सूजी रही थी...और वो लंगड़ा लंगड़ा के चली थी.....
रति समझ गयी कि बिरजू आज उसकी गान्ड मारे बिना नहीं मानेगा ...और उसका गधे जैसा लंड उसके चुतड़ों की दरार में हड़कंप मचा रहा था...... उसने आखरी कोशिश की .... और बड़े प्यार से अनुरोध वाले स्वर मे बिरजू से बोली... मेरे प्यारे भैया आप चाहो तो दो बार मेरी आगे से ले लो...पर प्लीज़ गान्ड मत मारो बहुत दर्द होता है....
बिरजू : रति देख कितना तेल मल लिया है.... बड़े आराम से चला जाएगा.... तुझे ज़रा सा भी दर्द नहीं होगा.....
रति: आपने पिछली बार भी ऐसा ही कहा था ...पता है कितना दर्द हुआ था एक हफ्ते तक्क्क
बिरजू : मैं क्या अपनी प्यारी बेहन को तक़लीफ़ दूँगा.... मेरी रानी मान जा.....
रति नहीं मैं गान्ड महीन मरवाउन्गी.... चाहे कुछ भी हो जाए......
अब बिरजू को गुस्सा आ गया..... और उसने ऱौद्र रूप धारण कर लिया..... साली जब से रिक्वेस्ट पर रिक्वेस्ट कर रहा हूँ पर मानती नहीं....और उसने गुस्से में आज बोल दिया कि मारूँगा तो मारूँगा......और उसने रति को उल्टा लिटा दिया. और ज़बरदस्ती उसकी गान्ड पर चढ़ गया......
रति को बिरजू से ये उम्मीद नहीं थी..... बिरजू ने अपना लौडा रति की गान्ड के छेद पर टीकाया..... और एक झटका दिया.....तेल से सना लौडा गान्ड के छेद से हट गया और रति भी सहयोग नहीं कर रही थी..... पर बिरजू तो ज़िद्दी था शुरू का... इस बार उसने रति को अपने वजन से पूरा दबा लिया और लंड पूरा छेद पर टिकाया...... और गान्ड के छेद को खोलता हुआ ..... उसका आधा लंड रति की गान्ड को चीरता हुआा...... घुस गया...रति की एक चीईक्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्ख्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निकली थी,,,,, माआआआआआआआआआआआआआआअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गाआआआआआआआआआआआयययययययययययययययययीीईईई.............................
बिरजू ने आगे हाथ बढ़ा कर..... रति की चुचियों को ज़ोर से मसला..... और उसका बायें गाल को चूस्ते और काट ते हुए................... रति की गान्ड मे दूसरा धक्का दिया...... और रति की चीख गूंजीईईईईईईई .................माआआआआआआआआआआआआआआआआआआअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गाआआयययययययययययययययययययीीईईईईई...............
बिरजू को लगा जैसे ये पूरा गाओं सर पर उठा लेगी...... उसने पीछे से अपने मुहँ से रति के मुहँ को दबा लिया....... और ज़बरदस्ती उसकी जीभ और होठों को चूसने लगा...........अब रति एक तरह से निढाल हो गयी..... गान्ड फॅट चुकी थी...पर इस बार तेल लगाने की वजह से दर्द पिछली बार से कम था......... पर गान्ड का छेद संकरा होता है इस लिए दर्द तो था ही......
बिरजू अब होले होले से अपना लंड रति की गान्ड में हिला रहा था..... ज़बरदस्ती ही सही पर रति को अब मज़ा आने लगा...बिरजू ने आज एक नया सुख का दरवाजा खोल दिया था...
रति आहाा अहाआ ...आआआआआआआआ कर रही थी वो दर्द और सुख का मिश्रण था......... बिरजू ने सोचा रति थोड़ा सेट्ल हो जाए.... इस लिए वो थोड़ा ठहर गया..... उसका लौडा रति की मस्तानी गान्ड में फ़सा हुआ था........ और वो उसके गुलाबी - गुलाबी गालों को चूस रहा था और चुचिओ का मर्दन कर रहा था.................
बिरजू ने रति के कान में कहा : अभी भी दर्द है"
रति लगभग रुआंसी होकर बोली , कोई ऐसे अपनी बेहन की गान्ड फाड़ता है ,
बिरजू ने कहा कॉन सा रोज- रोज करता हूँ आज मन हो गया एक दम से .और वो धीरे धीरे अपना लंड रति की गान्ड मे अंदर बाहर करने लगा थोड़ी देर बाद रति भी हल्के हल्के गान्ड हिला रही थी और आराम आराम से सिसकारी ले रही थी .
बिरजू अभी भी धीरे धीरे लंड अंदर बाहर कर रहा था तभी रति बोली , हाए मेरे चोदु सैयाँ जब गान्ड कुँवारी थी तो कैसे बेदर्दी से घुसा दिया और अब देखो कैसे शरीफो की तरह चोद रहा है , तेज़ धक्के मार ना भैया फाड़ दे ना इस गान्ड को ,
बिरजू सोचने लगा हाए अब तो यह रति अपनी गान्ड का गुड़गांवा बनवा के ही मानेगी.
बिरजू ने रति की कमर पकड़ी और अपना लंड अंदर बाहर करने लगा , बिरजू ने देखा कैसे रति के चूतड़ उसके हर धक्के पर थिरक रहे थे , इसे देखकर तो जैसे बिरजू पागल हो गया और अपना पूरा लौडा बाहर निकाल कर फिर अंदर डालते हुए ताबड़तोड़ धक्के मारने लगा......ऱति अब मस्ती मैं चिल्लाने लगी....चोद ना चोद मुझे चोदरिया ..........आहह............मुंम्म्ममममिययययययययययययाआआआआआ...भैय्ाआआआआआआआआ.....मररर नाआआअ .......चूऊऊऊऊऊद्द्द्द्द्दद्ड नाआआआआअ....और वो ज़ोर ज़ोर से अपनी गान्ड बिरजू के लौडे पर हिलाने लगी करीब करीन 20 मिनट लगातार रति की गान्ड की खातिरदारी करने के बाद बिरजू का लौडा एकदम अकड़ने लगा और वो पागलो की तरह उसकी गान्ड मारने लगा ,
रति को तो जैसे होश नही था लेकिन रति थी हिम्मतवाली बिरजू के हर धक्के को मज़े और दर्द की सिसकारियाँ के साथ झेल रही थी.अचानक बिरजू के लंड से पिचकारियाँ रति की गान्ड मे गिरने लगी और बिरजू बुरी तरह झड़ने लगा, रति मस्ती से नहला से मेरी गान्ड अपने घोड़े जैसे लंड से , घोड़ी बनाकर चोद रहा है मेरा घोड़ा भैया मुझे हाई......इस घोड़ी की गान्ड तर कर दी तूने .........अब रति से संभलना मुश्किल हो गया य्चा शायद वो भी अपनी चूत झाड़ चुकी थी वो ऐसे ही बेड पर गिर गयी और बिरजू उसके उपर
बिरजू- थॅंक यू रति , , मेरी जान क्या मस्त गान्ड और चूत है तेरी कहकर उस पर गिर गया और ऐसे ही काफ़ी देर उस पर पड़ा रहा.
जब थोड़ी देर बाद दोनो उठे तो देखा बिस्तर रज वीर्य से सन चुका था बिरजू के लौडे पर मल लगा था , रति की आँखों में आँसू थे और चेहरे पर पूरी संतुष्टि और मुस्कुराहट , बिरजू ने रति को चूमा और उसे गोदी मैं उठा कर सोफे पर बिठाया और फिर बेड का गद्दा और शीट चेंज करने लगा.... रति अपने भैया को बड़े प्यार से निहारने लगी आख़िर लग भाग 20-25 साल की बोंडिंग थी दोनो में.....
बिरजू ने एक कपड़ा ले कर अपना लंड पोन्छा और रति को दिया.... रति ने भी अपनी गान्ड और चूत को उस से पोंछ लिया..... वो समझ गया रति बहुत थकि है और और उसकी गान्ड में बहुत दर्द है... उसने रति से पुछा बाथरूम जाएगी ...रति कुछ बोली नही और हां में अपना सर हिला दिया.... बिरजू ने धीरे से रति को अपनी गोद में उठा लिया और बाथरूम मे ले आया.... रति वहीं टाय्लेट में मूतने लगी....... उसकी चूत से धार निकली .... जो अक्सर चुदासी औरतों मे चुदने के बाद निकलती है............वहीं बिरजू ने भी पेशाब कर ली..... रति से खड़ा नहीं हुआ जा रहा था...बिरजू ने उसे सहारा दिया और पानी ले कर उसकी गान्ड और चूत को अच्छी तरह से धोया अपने लौडे को भी धोया और फिर तौलिए से पोंछ कर रति को फिर अपने गोद मे ले कर बिस्तर पर लिटा दिया... और बड़े प्यार से उसके चेहरे को चूमा.....
रति मन ही मन मुस्कुराती हुई बिरजू के सीने पर सिर रखकर मुस्कुराती हुई ही आँखे बंद करके उसके साथ नंगी ही सो गयी , थोड़ी देर बेहन की चूचिओ पर हाथ फिराते हुए बिरजू को भी कब नींद आ गयी उसे पता ही नही चला.
सुबह बिरजू देर तक सोता रहा और जब आँख खुली तो बेहन उसके पास नही थी बिरजू उठा बाहर हॉल में गया तो वहाँ रति दिखी वो थोड़ी लंगड़ा कर चल रही थी , उसकी नज़र बेहन के पैर पर गयी तो देखा उन्होने पंजे से टखने तक पट्टी बाँध रखी थी , बिरजू ने बेहन से पुछा क्या हुआ , तब रति ने कहा तुमने जो मेरी आयेज और पिछे से ठुकाई की है मेरी चाल बदलने का क्या बहाना लगाउन्गी इसीलिए यह पट्टी बाँध ली , बिरजू बेहन को गले से लगा लिया और पुछा कल कैसा लगा , रति ने शरमाते हुए मेरी छाती पर घूँसा मारा और कहा चल पागल सुबह सुबह ही शुरू हो गये तभी सीढ़ियों से किसी के आने की आवाज़ आई दोनो अलग हो गये अलका नीचे उतर रही थी ... उसने जब देखा कि माँ ने अपने पैर मे पट्टी बाँध रखी है तो उसने पुछा क्या हुआ माँ...
रति-अरे बेटा कुछ नहीं ज़रा बाथरूम में पैर मूड गया था..
अलका-अरे डॉक्टर को दिखाते हैं
-अरे कुछ नहीं ठीक हो जाएगा रति बोली....
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