RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका अपने दरवाजे तक पहुच कर पलट कर रवि को देखती है, दोनो की नज़रे मिलती है और अलका एक प्यारी सी स्माइल रवि की ओर देती है और रवि उसका जवाब सिर्फ़ थोड़ा सा मुस्कुरा कर देता है, रवि मन ही मन हँसी तो फसि. रवि मन ही मन...कसम से दीदी अगर आपकी इस मस्त मस्तानी गान्ड मे लंड नहीं घुमाया तो कुछ नहीं किया...... और उसके चौड़े-चौड़े चुतड़ों को जब तक घूरता रहता है तब तक वो नज़रों से ओझल नहीं हो जाती है.
सुबह सुबह रवि और अलका तैयार होकर कॉलेज की ओर चल देते है, कॉलेज पहूचकर अलका रवि का गाल खिचते हुए,
रवि तू रोता हुआ बिल्कुल अच्छा नही लगता है,
रवि- मैं तो तुम्हे वैसे भी कहाँ अच्छा लगता हूँ,
अलका -अरे तू कल की बात को अभी तक दिल से लगाए हुए हो वो तो मैने मज़ाक किया था, और रवि के गालो पर अपने हाथ से हल्की सी चपत लगाते हुए मेरा भाई तो दुनिया मे सबसे हॅंडसम है,
रवि मुस्कुराता हुआ -सच दीदी,
अलका- हूँ मुझे तो ऐसा ही लगता है,
रवि -दीदी मुझे क्या लगता है पता है,
अलका -क्या,
रवि-यही कि तुम भी दुनिया की सबसे हसीन लड़की हो,
अलका- चल अब ज़्यादा बाते ना बना, अब मैं जाती हूँ क्लास लेने का टाइम हो रहा है, अलका अपने मोटे मोटे चूतड़ मटकाते हुए चल देती है और
रवि अपनी बहन की गदराई जवानी को अपने से दूर जाते हुए देखता हुआ हाई उपर वाले बहन भी दी है तो ऐसी पटाका कि
उसी पर ये दिल मर मिटा है,
यह सच था कि रवि अपनी बहन को चोदना चाहता था लेकिन वह सचमुच अलका से बहुत प्यार भी करता था, उसका दिल
सिर्फ़ अलका के लिए ही तड़प्ता था, अलका अपने भाई को दुखी करना नही चाहती थी इसलिए वह उसे प्रेम से हॅंडल कर रही थी लेकिन जो खास फ़ैसला उसे लेना था उस पर वह अभी भी सोच नही पाई थी, अभी तक तो उसका दिल और दिमाग़ एक साथ एक ही तरह का डिसिशन लेते थे, लेकिन अब यह वही समय था जब अलका के दिल ने अलग और दिमाग़ ने अलग राह पकड़ ली थी और यही कारण था कि अलका के दिमाग़ पर उसका दिल हावी होने लगा था.
वो कॉलेज पास गंगा किनारे वाले पार्क मे बैठा अलका का इंतेज़ार करने लगता है .....
तभी उसे दूर से अलका आती हुई दिखाई देती है, ब्लू जीन्स और वाइट टीशर्ट मे वह बहुत पटाका लग रही थी,
अलका रवि के पास आकर बैठते हुए, कब से बैठा है यहाँ, घर ही चला जाता,
रवि- दीदी मेरा किसी चीज़ मे मन ही नही लगता, हर जगहा तो तुम्हारा ही चेहरा याद आ जाता है,
अलका- फिर शुरू हो गई तेरी लव स्टोरी,
रवि- मेरी लव स्टोरी का दा एंड अभी बाकी है,
अलका- तेरी लव स्टोरी मैं कही ऐसा ना हो जाए कि आख़िरी में तेरी हीरोइन किसी और की हो जाए,
रवि -दीदी अगर ऐसा हुआ तो मैं उस स्टोरी का सेकेंड पार्ट बनाउन्गा और जो मेरी हीरोइन को मुझसे ले जाएगा उसको मैं जान से मार दूँगा,
अलका -चल चल बड़ा आया जान से मारने वाला, जब देखो तब जोश मे ही बात करता है होश मे तो रहता नही,
अब बोल जल्दी पिक्चर चलना है ना,
रवि -दीदी अभी मूवी शुरू होने मे 2 घंटे से ज़्यादा है तब तक हम यही बैठ कर टाइम पास करते है, सहर तक जाने मे भी टाइम लगेगा....दीदी थोड़ा करीब आकर बैठो ना,
अलका- क्यो क्या मैं तुझे दूर से अच्छी नही लगती,
रवि अलका की चुचियों को देखते हुए दीदी आज लगता है तूने ब्रा पहनी है,
अलका -क्यो,
रवि -इसलिए कि .......उसके दूध को छूते हुए तुम्हारे ये बहुत छोटे नज़र आ रहे है
अलका-रवि चुपचाप बैठ तेरे हाथ बहुत चलने लगे है,
रवि -अच्छा दीदी एक बात बताओ तुमने कभी ब्लू फिल्म देखी है,
अलका- नही मैं ऐसी मूवी नही देखती,
रवि -मेरे साथ देखोगी,
अलका -नही, वैसे भी तू हमेशा तो मुझे नंगी करने मे लगा रहता है तेरे साथ अगर ऐसी पिक्चर देखूँगी तो पता नही तू क्या करेगा,
रवि- दीदी एक बार देख लो बड़ा मज़ा आता है,
अलका -मुझे नही लेना कोई मज़ा वज़ा, तू ही देख वैसे भी तूने सारे तो गंदे शोक पाल रखे है,
रवि- दीदी इसमे गंदे शॉक वाली क्या बात है, अगर यह सब ना हो तो दुनिया कैसे चलेगी,
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