RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
जब स्पीड बिरजू के मर्ज़ी के मुताबिक तेज हो गई तो रति ने उसकी गान्ड पर से हाथ उठाए
ऑर उन्ही हाथों से बिरजू की पीठ को सहलाने लगी और लिप्स से लिप्स को हटा लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,आहह
ऊवूऊवूयूवूऊवयाच्च ंमाज़्ज़जाअ आआ र्राहहा हहाई ब्बबाहही आपपंनी ब्बीहाआंन्णणन्
क्की कचहुद्दाआई क्काररननी म्मईए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हहानन्न ऱतिद्ऱति बभहुत्त्त ंमाज़्ज़जजाअ एयाया
र्राहहाअ हहाऐी रटिल्ल क्काररत्ता हहाई ईससी हही न्नांनन्ग्गी क्कार्रक्कीए सस्सार्ररररा रटिन्न्न्न्
ऊओरर स्साररी र्रातत्ट आपपक्की कच्छूऊततत म्मार्रत्ता र्राहहुउऊउ ईकक प्पाल्ल बही ल्ल्लुउन्न्ड्ड़ कक्कूव
आप्प्प्पक्की कच्छूवतत ससीए ब्बाहहरर न्नाहही क्काररुउउ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,त्तूऊओ आअज्जज क्क्कीी
र्राआटतत्त ज्ज्जिट्टन्न्नाअ त्तीर्रा रटिल्ल्ल क्काररीए ब्बाहही उउन्न्ञटती द्दीर्रररर म्म्मीरी कचचड़दाी
क्काररूव म्माईंन न्नाहही ररूककन्नी व्वाल्ल्ली त्तीररी क्कूव ब्बास्स ईससी हही आपपंनीई इसस्स
ब्बाददी म्मूऊऊस्साल्ल्ल कककूऊ त्टीरी ससीए प्पील्लटटीए र्राहहूओ म्मीरी कच्छूवतत म्मईए,,,,,,
आहह उुउऊहह हमम्म्मममममम उूुुुुउऊहह
,,,,,,,,,,,,,,ऱतिऱति ससिर्रफफफ्फ़ चूत्त न्नाहही ग्गगाणन्ंदड़ बभी माअररननी हहाई म्मूउुज्ज्झीई
आप्प्पक्की ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,म्मीररी ब्बाहही ककूऊ कच्छूटतत सससी ज्ज्जययययाद्दा न्नास्शहाअ
बिरजू का लंड... सीधा रतिया.... की बच्चेदानी मे चोट... मार रहा था..... हर चोट पर रति 2- 2- फुट उछल रही थी....... आनंद की पराकाष्ठा (एक्सट्रीम) थी......हर धक्का पहले वाले धक्के से प्यारा था.....कोई आधे घंटे की बरबस चुदाई से दोनो का चरम (ऑर्गॅज़म) का वक्त आ गया.....बिरजू अपना लंड बाहर की तरफ खींचने लगा....
रति आनंद सागर से निकलती हुई बोली.... क्या हुआ भैया इसे क्यों निकाल रहे हो....
मैं बाहर झाड़ रहा हूँ.... कहीं तू पेट से ना हो जाए....
बड़ा ख़याल है अपनी बहना का..... वो मुस्काते हुए बोली.... अब आप अंदर ही फारिग हो जाओ... आज मैं आपका गाढ़ा - गाढ़ा पानी अपनी योनि मे लेकर पूरा सुख चाहती हूँ.....अगर प्रेगनेंट हुई तो आप बाप बन जाओगे... या रामलाल नमार्द अब मर्द कहलाने लगेगा.. और इसी एक पल में... बिरजू का लंड प्रवेश हो गया... रति की योनि मे......और ये कह कर रति फिर एक बार मुस्काई....
बिरजू ने रति का चेहरा चूम लिया.... और और आखरी धक्का..... दिया.... हाई....
दोनो क्या झड़े.... बिरजू के लंड से रति की चूत की बच्चेदानी सरा बोर हो गयी.... रति ने बिरजू को कस के पकड़ लिया.... वो बिरजू की आखरी बूँद तक का रस लेना चाहती थी......
रति की चूत बिरजू के वीर्य रस से भर चुकी थी.... और रति ने परम आनंद में अपनी आखें बंद कर ली....
बिरजू ने रति का गोरा मुखड़ा चूम लिया... रात के ठीक तीन बाज रहे थे.. रति बिरजू के बगल मे लेट गया.... सर्दी- की सर्द रात मे... दोनो पसीने- पसीने हो रहे थे.....बारिश भी बंद हो चुकी थी.......
थोड़ी देर मे रति ने अपनी आखें खोली.... आकाश मे चाँद अभी भी दूधिया... चाँदनी बिखैर रहा था....
और चाँद जैसे मुस्करा रहा था....... क्यों कि वो गवाह था... आज एक बेहन भाई की रस भरी चुदाई का......
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मैं तो समय हूँ और गवाह हूँ..... हर क्षण का रति और बिरजू के इस रस भरे मिलन का............................
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