RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
राहुल दूध का गिलास पीकर बेड के साथ छोटे टेबल पर रख देता है जबके सलोनी अभी भी दूध पि रही थी। राहुल पलट कर वापस अपनी मम्मी के साथ चिपक जाता है। दोनों का रुख टीवी की और था। राहुल अपनी मम्मी की बाँह उठकर अपने सर के पीछे से घुमकर अपने काँधे पर रख देता है और उसके बदन पर हल्का सा झुक जाता है।
राहुल का मुंह अपनी मम्मी के मुम्मे के बिलकुल पास में था। वो अपनी उँगलियों से उसके भरे फुले मुम्मे को प्यार से सहलाता है, बड़ी ही नाज़ुकता से उसके निप्पल से छेडछाड करता है। सलोनी उसके कांधे पर अपना हाथ फिराती अपना दूध पिती है और वो जो भी करता है उसे करने देती है। राहुल कुछ समय तक्क मुम्मे और निप्पल से यूँ ही खेलता रहता है। उसके खेल्ने से निप्पल कुछ ज्यादा ही सखत होकर तन गए थे। वो लम्बा गुलाबी निप्पल जैसे राहुल को पुकार रहा था जैसे उसे केह रहा हो मुझे अपने होंठो में भर लो।
राहुल अपने होंठो पर जीभ फेरते हुये ऊपर अपनी मम्मी की तरफ देखता है जो दूध पीकर अपना गिलास बेड पर रख चुकी थी। राहुल की नज़रों में वो इल्तेजाः देखकर वो अपना सर इंकार में हिला देती है। राहुल थोड़ा निराश सा होकर फिर से एक नज़र उस कड़क गुलाबी निप्पल पर ड़ालता है और सर उठाकर बड़े ही मासूम चेहरे के साथ आँखों में याचना का भाव लिए अपनी मम्मी की और देखता है। उसे देखकर सलोनी की हँसी निकल जाती है। उसने अपना चेहरा यूँ बना रखा था जैसे कोई छोटा सा पप्पी बनाता है। सलोनी राहुल के सर के पीछे वाले हाथ से उसके गाल को सेहलाती है और अपनी पल्कों को बंद करके उसे मौन सहमति दे देती है।
राहुल का चेहरा तरुंत ख़ुशी से खील उठता है। वो फ़ौरन आपना चेहरा निचे झुका कर अपनी मम्मी के कड़क गुलाबी निप्पल पर अपनी जिव्हा फेरता है। उसे अपनी जीव्हा की नोक से सेहलता है।
"म्मममहहहह्म्मम्........उउउउउम्मम्मम्म........." सलोनी के होंठो से मादक सिसकि फूट पड़ती है।
राहुल निप्पल को अपने होंठो में भर उसे चुस्ने लगता है। वो बड़े प्यार से अपनी मम्मी के मुम्मे को चुस चुस कर उसका रस्स पि रहा था। सलोनी उसके बालों में हाथ फेरती गहरी साँसे ले रही थी। राहुल का हाथ दूसरे मुम्मे को सेहलाने लगता है। वो मुम्मे को चूसता बिच बिच में नज़र उठाकर अपनी मम्मी के चेहरे को भी देख लेता था। सलोनी के चेहरे पर कामुकता के साथ उस पर सनेह और ममता की भी जबरदस्त छाप थी जो सिर्फ एक माँ के चेहरे पर अपने बेटे को अपना दूध पिलाते समय हो सकती है। सलोनी के लिए वो सिर्फ और सिर्फ उसका बेटा था, बड़ा छोटा, इससे उसे कोई फरक नहीं पढता था। उसे लगता था के एक बेटा होने के नाते राहुल को उसके जिसम के हर आंग पर पूरा अधिकार था, आखिरकार वो भी उसी जिसम का एक हिस्सा था।
मूममे चुसते चुसते राहुल शरारत से निप्पलों को अपने दाँतो से काटने लगता है। पहले तोह सलोनी उसे कुछ नहीं कहती मगर जब्ब वो कुछ जयादा ही ज़ोर से काटता है तोह सलोनी उसके कंधे पर चपट लगाती है।
"क्यों इतना ज़ोर ज़ोर से काट रहा है खून निकल आएगा तेरे बाप ने भी वापस आकर इन्हे चुसना है, उसे क्या जवाब दूंगी?" राहुल हंस पढता है।
चल अब बस कर।" सलोनी हल्का सा राहुल की और घुमति है और उसके खड़े लुंड को अपने हाथ में भर लेती है। "बस कर अब्ब बहुत दुधु पि लिया अपनी मम्मी का तूने..." सलोनी राहुल का लंड सहलाती केहती है मगर राहुल उसके मुम्मे से मुंह हटाकर दूसरे पर अपने होंठ जमा देता है और उसे अपने होंठो से और दाँतो से कुरेदने लगता है। अखिरकार जब्ब राहुल अपनी मम्मी के मुम्मो से मुंह उठाता है तोह उसके दूधिया मुम्मे लाल हो चुके थे, निप्पल और भी अकड चुके थे।
राहुल अपना चेहरा ऊपर उठाता है। उसके और सलोनी के होंठो के बिच कुछ ही फ़ासला था। सलोनी धीरे से अपना चेहरा राहुल के चेहरे पर झुकाती है और दोनों के होंठ मिल जाते है। दोनों पहले बड़े ही प्यार और कोमलता से एक दूसरे के होंठो को चुमते हैं मगर जलद ही दोनों एक दूसरे के होंठो को अपने होंठो में भरकर चुस्ने लगते है। वो भीगा चुम्बन लगातार लम्बा होता जाता है और दोनों की जीभे एक दूसरे के मुंह में घुस कर कोहराम मचाने लगती है। दोनों की उखड़ी साँसे पूरे कमरे में गूँज रही थी। अखिरकार सांस लेने के लिए दोनों के होंठ जुदा होते है। एक दो पल बाद फिर से उनके होंठ जूड्ड जाते है। वो दोनों एक दूसरे का मुखरस चख रहे थे। सलोनी का हाथ उत्तेजना बढ्ने के साथ साथ अपने बेटे के लौडे पर कस्ते जा रहा था। राहुल का हाथ भी अपनी मम्मी के मुम्मे से निचे उसके पेट् पर फिसलता उसकी चूत तक्क पहुँच जाता है। वो अपनी मम्मी के मुंह में जीभ घुमाता अपनी ऊँगली उसकी चुत के होंठो पर घुमाता है तोह सलोनी के जिसम को झटका सा लगता है। राहुल तरुंत अपनी ऊँगली उसकी चुत के अंदर ढकेलता है। सलोनी की चुत इतना रस्स बहा चुकी थी के ऊँगली फ़िसलती हुई उसकी चुत में घुस जाती
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