Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
01-13-2019, 11:46 PM,
#40
RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
"बोल ना मेरे लाल ...... क्या डालना था तूने मेरे अंदर ….. हाए बोल भी अब ....क्यों तडपा रहा है मुझे.." सलोनी होंठ जुदा होने पर सिसकती है | वो राहुल के पेंट की ज़िपर खोलने लग जाती है |

"अपनी लुल्ली ..... अपनी लुल्ली ..... डालने वाला था तुम्हारे अंदर मम्मी......" सलोनी के हाथ का अपने लंड पर स्पर्श होते ही वो सिसक उठता है और उखड़ी सांसो के बीच सिसकते हुए बोलता है | सलोनी के ज़िपर खोलते ही लंड हवा में झटके मरने लगता है | एकदम पत्थर की तरह सख्त था राहुल का लंड | राहुल अपनी मम्मी के हाथ के स्पर्श से इतना उत्तेजित हो उठा था कि उसके मुम्मे को कस कर अपने हाथ में भींच देता है |

"हाईई ....... हाययईई ........." सलोनी अपने होंठ भींच लेती है | एक हल्की सी सिसकी जो सिर्फ राहुल के कानो तक पहुँच सकती थी उसके होंठो से फूट पड़ती है | "तू अपनी लुल्ली डालने वाला था अपनी मम्मी के अंदर ..... अपनी लुल्ली को ..... हाए कहाँ डालता तू अपनी लुल्ली को ....... आगे डालता जा पीछे..... " सलोनी लौड़े के उपर अपना हाथ चलाते हुए बोली | 

"आगे मम्मी ...... आगे डालता ....." राहुल के लिए भी अपनी भावनाओं को रोकना मुश्किल हो रहा था |

"आगे कहाँ....आगे कहाँ डालता.....मेरे लाल..." सलोनी अपने कुर्ते के उपर मौजूद दोनो बटन को खोल देती है और राहुल का हाथ उठाकर अपने कुर्ते के गले में डाल देती है |

"तेरी चू...चूत में मम्मी...." राहुल का हाथ जैसे ही सलोनी अपने कुर्ते के गले में खिसकाती है वो झट से अपना हाथ आगे बढ़कर उसके ठोस मुम्मे को ब्रा के उपर से दबोच लेता है और कस कर दबा देता है |

"मेरी चूत में ...... तू मेरी चूत में अपनी लुल्ली घुसाता ..... आहह अपनी मम्मी की चूत में अपनी लुल्ली पेलता ...... हाइईए ...... तू अपनी लुल्ली से अपनी मम्मी की चूत मारता ......." सलोनी तड़प उठी थी | राहुल ने उसकी ब्रा नीचे करके उसके नंगे मुम्मे को दबोच लिया था और अब उसके निप्पल को मसल रहा था |

"उउउन्न्नन्ग्घह ......... हाँ मम्मी ..... मैं अपनी लुल्ली ..... को तुम्हारी चूत में पेल-पेल कर तुम्हारी चूत मारता......." राहुल निप्पल को छोड़ पुरे मुम्मे को मसलने लगा था | नंगे मुम्मे को दबाने मसलने का मज़ा ही कुछ और था |

"उउउफफफफफफ्फ़ .... तू अपनी लुल्ली से मुझे चोदता ... तू अपनी मम्मी की चूत मारता ........ हाए धीरे मसल जालिम ......... उउउन्न्न तू अपनी लुल्ली मेरी गांड में नही डालता ...... तुझे अपनी मम्मी की गांड अच्छी नही लगती ........ हुं .... दोपहर को तो इतने प्यार से मेरी गांड चाट रहा था" सलोनी राहुल के सर को अपने सिने पर झुकाती है बिल्कुल अपने मुम्मे के उपर | राहुल तुरन्त सलोनी के कुर्ते को जितना खोल सकता था खोलता है और उसे खिंच कर अपनी मम्मी के मुम्मे के उपर कर देता है | सिनेमा हॉल के अंधेरे में भी सलोनी के दूधिया मुम्मे चमक उठता है | वो कड़े निप्पल को चुटकी में मसलता है |

"हाए मम्मी तेरी गांड कैसे छोड़ देता ..... तेरी चूत मारने के बाद मेरी लुल्ली तेरी गांड में ही घुसने वाली थी" राहुल मुम्मे के उपर अपना मुँह झुकाता है और निप्पल को अपने होंठो में भर लेता है |

राहुल निप्पल के उपर अपनी जीभ रगड़ने लगता है तो सलोनी उसका लंड कस कर अपने हाथ में पकड़ लेती है | राहुल कुर्ते के गले से मुम्मे को दबाकर बाहर को निकालता है और अपनी मम्मी के निप्पल को दांतों में दबाता है, उन्हे धीरे धीरे काटता है | 

"उउउम्म्म्म ....... धीरे ...... धीरे .... उउफफफफफफफ्फ़ ........ हाययईई" सलोनी राहुल के लंड को मसलती उसके कान में सिसकती है |

राहुल निप्पल को दांतों में भींच उसे थोड़ा सा उपर को खींचता है | निप्पल रबर की तरह खींचता चला जाता है और साथ ही उसके पीछे सलोनी का मुम्मा भी बाहर को खींच जाता है |

"आआहह ...... धीरे धीरे ....... आआककचह........ ऊऊऊहह बेटा ....." सलोनी राहुल के कान में सिसकियाँ ले रही थी मगर राहुल तो जैसे बदला लेने पर उतारू था | वो सलोनी की पेंट की ज़िपर खोलने लगता है | मगर सलोनी उसके हाथ को पकड़ लेती है |

"उन्न्नह ..... नही बेटा ..... यह मत करो ........ प्लीज़ यहाँ नही ....." सलोनी राहुल को रोकने का प्रयत्न करती है | मगर राहुल नही सुनता वो निप्पल को चूस्ता अपने हाथ से ज़िपर को खोलता है मगर सलोनी फिर से राहुल का हाथ पकड़ लेती है | 

"प्लीज़ बेटा मान जाओ ........ उउन्न्नघह" राहुल सलोनी का ध्यान भटकाने के लिए उसके निप्पल को ज़ोरों से चूस्ता है | अपने हाथ से मुम्मे को दबाता है |

"ओह ...... बेटाआ....... आआआहह....." सलोनी अपने अकड़े हुए निप्पल पर राहुल की जीभ, उसके दांतों के प्रहार से मदहोश सी हो उठती है, राहुल के हाथ पर उसके हाथ की पकड़ ढीली पड़ जाती है | राहुल को इसी मौके का इंतज़ार था, वो एक झटके में बाकी की ज़िपर खोल देता है | सलोनी को होश आता है और वो अपने बेटे को रोकने का प्रयत्न करती है मगर इससे पहले कि वो उसके हाथ को रोक पाती राहुल अपना हाथ उसकी पेंट के खुली ज़िपर से अंदर घुसा चुका था | 

"बेटा...... बेटाआ ............." जैसे ही राहुल का हाथ सलोनी की कच्छी के उपर से उसकी चूत पर पड़ता है वो सिसक पड़ती है | राहुल तुरन्त पूरी चूत को अपने हाथों में भरकर मसलने लगता है | सलोनी दो तरफा प्रहार से और भी उत्तेजित हो जाती है | 

"मम्मी तुम्हारी कच्छी तो पूरी गीली है, लगता है तुम्हारी चूत को मेरी लुल्ली चाहिए" राहुल चूत को मसलते अपना मुँह उसके निप्पल से उठा कर बोला |

"बदमाश.......सब तेरी करनी का नतीजा है .... जहाँ देखता है शुरू हो जाता है ... मेरे इतने मना करने के बावजूद भी मेरी पेंट खोल ही दी ना" सलोनी राहुल के कंधे पर मुक्का मारती है तो वो हंस पड़ता है |

"तो क्या हुआ मम्मी, यहाँ कौनसा कोई हमें देख रहा है .... सब अपनी अपनी मस्ती में मस्त है ... और मैनें तुम्हारी पेंट कहाँ खोली है सिर्फ ज़िपर खोली है" राहुल चूत को फिर से मसलता बोलता है | 

सालनी एक मिनिट के लिए इधर उधर को देखती है जैसे सुनिशचीत करना चाहती थी कि कोई उनकी और देख तो नही रहा | वाकई में राहुल की बात सच थी, सब अपनी अपनी मस्ती में मस्त थे, कोई किसी को नही देख रहा था | सलोनी निश्चिंत हो गयी और उसने राहुल के लंड से हाथ हटा लिया | राहुल एक पल के लिए अपनी मम्मी को देखता है कि वो क्या करने वाली है | सलोनी अपने हाथ नीचे लाती है और अपनी जीन्स के बटन को खोलती है | राहुल का दिल धक्क से रह जाता है |

"ले खोल दी पेंट कमीने ........ करले अपनी मनमानी........" राहुल तुरन्त चूत पर चारों और अपना हाथ रगड़ता है | हालांकि सलोनी की जीन्स काफ़ी टाइट थी मगर खुलने के बाद राहुल को कुछ आसानी हो गयी थी अब वो कुछ आराम से अपनी मम्मी की चूत के साथ खेल सकता था | राहुल अपनी उंगली को गीली कच्छी के उपर से चूत के होंठो की लकीर पर फेरता है | उसके होंठो के बीच दबाता है | 

"अब जब पेंट खोल ही दी है तो अपनी टाँगे भी थोड़ी चौड़ी करलो मम्मी.......... मुझे चूत के अंदर उंगली घुसानी है" राहुल चूत के होंठो के बीच उंगली घुसाते हुए बोलता है | सलोनी कुर्सी के अंदर जितना संभव था अपनी टाँगे चौड़ी कर लेती है | 

"अच्छा .... मम्मी तुम कितनी अच्छी हो ............." राहुल कच्छी को सामने से एक तरफ़ को खिसका कर सलोनी की चूत नंगी कर देता है | 

"हूँ ........... अब तो अच्छी ही कहोगे ............ तुम्हे मनमानी जो करने दे रही हूँ ........... हहायय इतने लोगों के बीच तुम्हें मेरे दुधु चूसने को मिल रहे हैं, मेरी चूत खेलने को मिल रही है .... अब तो मम्मी अच्छी ही लगेगी ना ...." सलोनी राहुल के लंड को फिर से पकड़ लेती है | राहुल गीली चूत के अंदर उंगली डाल देता है |
"आअहह ........ उउफफफफफफफफफ्फ़" सलोनी सिसक उठती है | राहुल चूत के अंदर उंगली आगे पीछे करता है तो सलोनी को होंठ भींचने पड़ते हैं | 

"उउउफफफफफफफफफफ्फ़......... मम्‍म्मी तुम्हारी चूत कितनी गरम है ........ कैसे तप रही है ...." राहुल एक पल के लिए रुकता है और फिर दूसरी उंगल भी चूत में घुसा देता है |

"उउउन्न्नह......" सलोनी चिहुंक पड़ती है | उसका खुद पर कंट्रोल खत्म होता जा रहा था | वो राहुल के मुँह को अपनी और खींचती है और उसके होंठो पर अपने होंठ रख देती है | माँ-बेटा एक गहरे कभी ना खत्म होने वाले चुंबन में डूब जाते हैं और आखिरकार जब उनके होंठ जुदा होते है तो सलोनी फट से राहुल का मुँह अपने मुम्मे पर झुका देती है | राहुल कुर्ते के खुले गले से जितना मुम्मा मुँह में भर सकता था भर लेता है और चूसने लगता है | उसका हाथ भी तेज़ी से अपनी मम्मी की चूत के उपर हिल रहा था | उसकी उंगलियाँ अपनी पूरी लंबाई तक चूत के अंदर घुस रही थीं | सलोनी राहुल के सर को अपने मुम्मे पर दबा रही थी और उसके लौड़े को ज़ोर ज़ोर से मसल रही थी |

"अगर आज जहाँ कुछ हो गया तो तू ज़िम्मेदार है, तेरा ही कसूर है जो तूने मेरा यह हाल कर दिया है ........." सलोनी सिसक सिसक कर बोल रही थी | जब भी राहुल का हाथ गति पकड़ता, उसकी उंगलियाँ तेज़ी से चूत के अंदर बाहर होने लगती और वो उसके मुम्मे को काटता तो सलोनी का बदन काँपने लगता | वो कुछ पलों के लिए सब कुछ भूल जाती, राहुल के लंड पर उसकी पकड़ ढीली पड़ जाती | राहुल भी अपने हाथ और मुँह का कमाल सलोनी की चूत और मुम्मों पर इतनी खूबसूरती से कर रहा था जैसे उसे औरतों के साथ का बहुत अनुभव रहा हो | जा फिर शायदद बेटा होने के कारण इस अनैतिक रिश्ते में सलोनी को कुछ ज़्यादा ही आनंद मिलता था |

"उउउफफफफ्फ़ ...... बेटा......... मेरे लाल ............. आआहह .... मैं मैं ......... राहुल्ल्ल्ल्ल्ल्ल ........" सलोनी किसी तरह अपनी सिसकिओं को धीमे रखने का प्रयास कर रही थी |

"बोलो मम्मी ....... बोलो क्या चाहिए ........" राहुल मुम्मे से मुँह उठाकर बोला |

"मुझे .... मुझे ...... उउउफफफफफफफफ्फ़ ..... चूदना है ............. मुझे तुम्हारे लौड़े से चूदना है ....... हाययययए .......... मुझे तुम्हारी लुल्ली अपनी चूत में चाहिए ......." सलोनी बेटे के लंड को मसलते हुए बोली | वो अत्यधिक गरम हो चुकी थी | चूत से पानी बह बहकर बाहर आ रहा था |

"यहाँ चूदोगी .......... इन सब लोगों के बीच ........ इतने लोगों के बीच अपने बेटे का लंड अपनी चूत में लोगी ........." गरम सलोनी ही नही राहुल भी हो चुका था | राहुल चूत में उंगलियाँ पेलते हुए अपना उंगूठा भग्नासे पर रख देता है | जैसे ही वो उंगलियाँ पेलते हुए अपनी मम्मी की चूत के दाने को अंगूठे से सहलाता है तो सलोनी का बदन कांपने लग जाता है | 

"आआहह .......... आआहह ..... राहुउऊउल्ल्ल्ल्ल्ल्ल ........" सलोनी राहुल के कंधे पर दाँत गड़ती सिसकती है | "हाँ हाँ मुझे यहीं चूदना है........यहीं चूदना है ...... इन सबके बीच ........ चोद मुझे ........ चोद ना बेटा ........ चोद अपनी मम्मी को ......... पेल दे अपनी लुल्ली अपनी मम्मी की चूत में” सलोनी मदहोश सी हो गयी थी | उसका जिस्म हल्के हल्के झटके खा रहा था |

राहुल को एक पल के लिए चिंता होने लगी | उसने अपनी एक बाँह सलोनी के गले में डाल उसे अपनी तरफ़ खींच लिया और अपने होंठ पुरे ज़ोर से उसके होंठो पर दबा दिए ताकि कहीं वो ज़ोर से कराह ना उठे, उसकी सिसकियाँ लगातार उँची होती जा रही थी | सलोनी ने भी राहुल के चेहरे को थाम लिया और अपने होंठ उस पर दबा दिए दोनो की जिव्हा आपस में लड़ने लगी | अब राहुल थोड़ा निशचिंत था | उसने फिर से पूरी स्पीड पकड़ ली बल्कि पहले से भी ज़्यादा तेज़ी से वो अपनी मम्मी की चूत को अपनी उंगलियों से चोदने लगा | उसका अंगूठा अब सलोनी की चूत के दाने को सहला नही बल्कि रगड़ रहा था | सलोनी राहुल के हमले के बाद उसके चेहरे को और भी ज़ोर से अपनी तरफ़ खींचती है और उसकी जीभ को चुस्ती है | उसके जिस्म को लगने वाले झटके बहुत तेज़ हो चुके थे | चूत संकुचित होना शुरू हो चुकी थी | वो अपनी गांड उपर को उठा ज़्यादा से ज़्यादा राहुल की उंगलियाँ अपनी चूत में लेने का प्रयास करती है | बेटे की जिव्हा चूस्ते हुए वो उसके मुँह में सिसक रही थी | राहुल का अंगूठा दाने को पुरी तेज़ी से रगड़ रहा था | अचानक सलोनी ने अपनी पूरी गांड कुर्सी से एक दो इंच उपर उठा दी | उसने अपना मुँह अपने बेटे के मुँह पर इतने ज़ोर से दबाया कि राहुल को दर्द होने लगा | अगले ही पल सलोनी की गांड वापस कुर्सी पर गिर पड़ी | उसके हाथ अपने बेटे के चेहरे पर ढीले पड़ने लगे | राहुल ने तुरन्त भाँप लिया और इससे पहले कि सलोनी के होंठ राहुल के होंठो से जुदा होते और पुरे हॉल में उसकी सिसकियाँ सुनाई देने लगती, राहुल ने अपनी बाँह पूरी मज़बूती से उसकी गर्दन के पीछे बाँह रखकर वापस उसके चेहरे को अपने चेहरे पर दबा दिया | सलोनी बेटे के मुँह में उुउन्न्ञननननननगगगगगघ करते कराह रही थी, सिसक रही थी | उसकी सिसकियाँ, उसकी कराहें राहुल के मुँह में ही दम तोड़ रही थी | सलोनी की चूत से रस बहता उसकी जाँघो को गीला कर रहा था | वो अपना जिस्म ऐंठ रही थी | राहुल अब भी उसकी चूत में उंगलियाँ पेलता जा रहा था और उसके दाने को रगड़ता जा रहा था | वो चाहता था जल्द से जल्द सलोनी का सखलन समाप्त हो जाए क्योंकि अब उसकी साँस टूटने लगी थी | वो अपनी मम्मी के होंठ सील किए उसकी सिकियाँ रोकने में तो कामयाब हो गया मगर इतने समय से साँस ना लेने के कारण उसकी साँस फूलने लगी | वो ज़्यादा देर अपनी साँस रोके नही रख सकता था | उधर सलोनी का सखलन कुछ ज़्यादा ही लंबा हो गया था, लगता था जैसे वो हद से ज़्यादा कामौत्तेजित हो चुकी थी | और जब राहुल को लगा कि अब वो और ज़्यादा अपनी साँस रोक नही सकता तो सलोनी का बदन मंद पड़ने लगा | राहुल खुद को तसल्ली देने लगा | आख़िरकार सलोनी के बदन ने झटके खाने बंद कर दिए | हालांकि उसकी चूत में हल्का हल्का संकुचन अभी भी हो रहा था, मगर अब वो अपना बदन नही ऐंठ रही थी | उसका जिस्म शान्त पड़ता जा रहा था | आख़िरकार राहुल से जब बर्दाशत नही हुआ तो उसने धड़कते दिल के साथ अपने होंठ अपनी मम्मी के होंठो से हटा लिए | राहुल ने एक गहरी साँस खींची | उसे खाँसी आ रही थी जिसे वो किसी तरह कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था | वो नही चाहता था किसी और का ध्यान उनकी और जाए | 

सलोनी ने भी होंठो के हटते ही एक तीखी साँस अंदर खींची मगर उसने कोई सीत्कार नही भरी जैसा राहुल को डर था | स्खलन की तीव्ररता से गहरी साँसे लेती वो बेसूध सी हो गयी थी | राहुल भी खुद को संभालने में लगा था | आख़िरकार जब राहुल की साँस कुछ ठिकाने आई तो उसने सलोनी की और देखा | वो अभी भी आँखे बंद किए गहरी साँसे ले रही थी | राहुल ने अपना चेहरा झुक कर उसके होंठो पर एक गहरा चुंबन लिया और फिर उसके कुर्ते के गले में हाथ डाल दिया | सलोनी ने अपनी आँखे खोल दी | वो राहुल की और देख रही थी मगर उसके जिस्म में कोई हरकत नही थी |

राहुल ने कुर्ते के अंदर हाथ घुसा सलोनी की ब्रा को खींचकर वापस उसके मुम्मे पर चढ़ा दिया | ब्रा को मुम्मे के उपर सही तरह करके उसने सलोनी के कुर्ते के बटन बंद कर दिए | कुर्ते को सही करने के पशचात राहुल ने अपनी पॉकेट से रुमाल निकाला और सालों की जाँघों और चूत को साफ करने लगा | उसकी चूत ने इतना रस बहाया था कि उसको साफ करते करते पूरा रुमाल भीग गया | राहुल ने उसकी कच्छी को वापस चूत के उपर रखा और पेंट के दोनो सिरों को पकड़ कर उसका बटन बंद करने लगा | ज़िपर लगाकर जब उसने सलोनी की और देखा तो वो उसे पहले की तरह अपलक देखे जा रही थी | राहुल अपनी मम्मी की और देखकर मुस्कराता है तो वो भी फीकी सी मुस्कान देती है | राहुल अपने खड़े लंड को पेंट के अंदर घुसाने का प्रयत्न करता है मगर तभी सलोनी उसके हाथ पर हाथ रख उसे रोक देती है | राहुल अपनी मम्मी की और देखता है |
"ज़रा रूको बेटा.......मैं अभी आती हूँ" सलोनी उठने लगती है |

"मगर मम्मी क्लाइमैक्स होने वाला है ... फिल्म जल्द ही खत्म हो जाएगी" राहुल घड़ी देखता बोलता है |

"मैं अभी बस पाँच मिनिट में आई" कहकर सलोनी उठकर काँपती टांगों से बाहर जाने लगती है | वो अपना पर्स और राहुल के हाथ से रुमाल भी ले लेती है | उसे चलने में परेशानी हो रही थी | अभी भी उसकी टाँगे कांप रही थी |

सलोनी के जाने के बाद राहुल अपनी आँखे बंद कर लेता है | आज उन दोनो ने सारी हदें पार कर दी थी | इतने लोगों के बीच उसने अपनी माँ के मुम्मे चूसे थे उसकी चूत को अपनी उंगलियों से चोदा था और उसे इतना ज़बरदस्त स्खलन करवाया था | अभी भी उसका दिल ज़ोरों से धड़क रहा था जब उसे याद आता है कि किस तरह उसकी साँस टूट रही थी और वो अपनी मम्मी की सिसकियों को दबाने का प्रयत्न कर रहा था | उफ़फ्फ़ अगर कुछ पल वो खुद पर कंट्रोल ना कर पाता तो सारे सिनेमा हॉल में सलोनी की सिसकियाँ गूँज रहीं होतीं | तब क्या होता ...... यह सोचकर अभी उसका दिल ज़ोरों से धड़क रहा था |

सलोनी ने सच में पाँच मिनिट से ज़्यादा वक़्त नही लगाया | वो आते ही राहुल के पास बैठ गयी और उसके लंड को मुट्ठी में भर लिया | 

"मम्मी टाइम बिल्कुल भी नही है.......बस किसी भी समय लाइट्स ओन होने ही वाली हैं" 

"बस एक बार .... थोड़ा सा स्वाद लेना है ..... देख ना उन्हे" सलोनी सामने की और इशारा करती है | राहुल की नज़र अपने सामने बैठे जोड़े पर जाती है जिसे वो लगभग भूल ही चुका था | लड़की लड़के की गोद में सर झुकाए कुछ कर रही थी | उसका सर उपर नीचे हो रहा था और लड़के ने उसके बाल पकड़े हुए थे | राहुल समझ गया कि लड़की लड़के का लंड चूस रही है मगर तभी उसे अपने लंड पर मुलायम सा एहसास होता है, फिर गीलेपन का और फिर उसके लंड को गर्माहट का एहसास होता है | वो अपना सर नीचे झुकाता है और देखता है उसकी मम्मी ने उसके लंड को मुँह में भर लिया था | वो उसके सुपाड़े को अपनी जीभ से रगड़ते उसके लंड को चूस रही थी |

"मम्मी ..... मम्मम्म्ममी ..... प्लीज़ ...... ओह गॉड ...... बस कीजये ..... देखिए ...... सब लोग ...... उउउफफफ्फ़ ........." राहुल सिसक पड़ता है | सलोनी लंड को मुँह में लिए उस पर तेज़ी से अपना मुख उपर नीचे करने लगती है | पुरे हॉल में कपड़े सरकने का शोर सा होने लगता है | सब लोग अपने कपड़े सेट कर रहे थे | लगता था लाइट कभी भी जलने वाली थी |

"मम्मी प्लीज़ .... लाइट ओन होने वाली है" राहुल आसपास देखता हुआ बोला | मगर सलोनी मुँह हटाने की वजाए और भी तेज़ी से अपना मुँह लंड पर उपर नीचे करने लगी | तभी उनके दूसरे सिरे की एक लाइट ओन हो गयी | सलोनी ने बिजली की रफ़्तार से अपना मुँह लंड से हटा लिया | उसने अपना दुपट्टा उठाकर राहुल की गोद में डाल दिया जो लंड को जल्दी से अंदर डालने के लिए कशमकश कर रहा था | लंड के अकड़ा होने के कारण वो ज़िपर से अंदर नही घुस रहा था | स्क्रीन पर अभी फिल्म का आख़िरी सीन चल रहा था |

"आराम से अंदर करो ... देखना कहीं फिर से ज़िपर में ना फँसा देना" सलोनी मुस्कराते हुए कहती है | राहुल आख़िरकार अपनी पेंट की हुक खोलता है और अपने लंड को अंदर करके उस पर पेंट की हुक वापस लगा देता है | वो ज़िपर को पकड़ता है जबकि उनकी तरफ़ की लाइट्स भी जलने लगती है | सामने बैठे लड़का लड़की भी अपने कपड़े दरुस्त कर रहे थे बल्कि कई जोड़े लाइट जलने के बाद ही होश में आए थे मगर किसी को कोई परवाह नही थी | लोग उठकर सिनेमा से बाहर जाने लगे थे |

"चलो उठो, फिल्म खत्म हो गयी" सलोनी मुस्कराते हुए उठती है | राहुल भी अपनी मम्मी के पीछे पीछे एग्ज़िट की और बढ़ता है |
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RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली - by sexstories - 01-13-2019, 11:46 PM

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