Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
01-13-2019, 11:45 PM,
#36
RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
"क्यों क्या हुआ... अभी मुझे अपना केला नही खिलाओगे ..... अभी तो इतनी डींगे हांक रहे थे, अब क्या हुआ ..... तू नंबर लगा वैसे भी तेरे डॅडी को स्कूल में पड़ने वाली लड़कियाँ बहुत पसंद हैं .... तू नंबर लगा राहुल" सलोनी दुकानवाले को गुस्से से घूरती बोलती है | 

"मुझसे बहुत बड़ी ग़लती हो गयी...... हमर बिटिया बहुत छोटी है ...... मासूम है दया कीजये बहनजी ...... माफ़ कर दिए" दुकानवाले की आँखो में आँसू आ गये थे | 

"क्यों मुझे तो केला खिलाने के लिए बहुत तड़फ रहा था अब जब अपनी बेटियों की बात आई तो दम निकल गया ....... दूसरो की बहन बेटिओं को तुम रंडियां समझते हो" सलोनी इतने गुस्से से बोली थी कि दुकानवाला कांप उठा | 

"गंगा मैया की सौगंध, हम दोबार कभी ऐसी ग़लती नही करेंगे ..... इस बार माफ़ कर दीजिए" दुकानवाले का जिस्म कांप रहा था और उपर से उसने हाथ भी जोड़े हुए थे | कुछ लोग दूर से इधर ही देख रहे थे | 

"इस बार माफ़ कर देती हूँ मगर याद रखना अगर ऐसी ग़लती दोबारा की तो ....... जानते हो ना पोलीस की मार को ........ सारी उमर चल भी नही पाओगे" सलोनी आख़िरी बार उस दुकानवाले को डांटती है | 

"कभी नही, कभी नही ...... भूल कर भी ऐसी हिमाकत नही करूँगा" सलोनी राहुल की बाँह पकड़ते उसे वहाँ से ले जाने लगती है | दोनो चल पड़ते हैं | जब वो पास की दुकान से गुज़र रही थी तो कुछ लोग उसे देख रहे थे | सलोनी गंभीर चेहरा लिए सामने की और देखती बढ़ती जा रही थी जबकि राहुल को अपनी हँसी छिपाने के लिए बहुत मुश्किल हो रही थी | उसे याद नही था आख़िरी बार वो इतना खुश कब हुआ था |

"लगता है मेडम ने खूब खिंचाई की है ...... अच्छा हुआ ऐसा ही होना चाहिए था इस हरामी के साथ" सलोनी को पीछे किसी की आवाज़ सुनाई देती है | सलोनी और राहुल आख़िरकार अपनी गाड़ी तक पहुँच जाते हैं | राहुल बैंगन का बैग डिक्की में रखता है और अपनी तरफ के डोर के पास खड़ा होकर सलोनी को गाड़ी के उपर से चाभी देता है जो दूसरी तरफ ड्राइवर सीट के दरवाजे के पास खड़ी थी | सलोनी उससे चाभी पकड़ लेती है | दोनो माँ बेटा एक दूसरे की आँखो में देखते हैं | राहुल अपनी हँसी रोक नही पाता और खुलकर हँसने लग जाता है | सलोनी उसे घूरकर देखती है और फिर खुद भी ज़ोर से हंस पड़ती है | दोनो कार में सवार होते हैं | सलोनी गाड़ी स्टार्ट करती है और राहुल को आँख मार कर हँसते हुए कहती है

"देखा कैसा मज़ा चखाया उस हरामी को ..... सारी उमर याद रखेग" माँ-बेटे की हँसी रुक नही रही थी |
सलोनी मुस्कराती हुई कार चला रही थी जबकि राहुल अभी भी हंस रहा था | वो खूब हँसने के बाद थोड़ी देर के लिए शान्त पड़ जाता मगर कुछ ही पलों के बाद वो फिर से हाथ पर हाथ मार कर ज़ोर से हंस पड़ता | सलोनी भी उसकी और देख कर मुस्करा देती |

"और ..... और जब अपने कहा लगाओ अपने पापा को कोतवाली में फोन ........ हहहहहहाहा .... उसका चेहरा कैसे फक्क पड़ गया ........ कैसे बच्चों की तरह रोने लग गया"

"और तूने कौनसा कम एक्टिंग की ....... मम्मी अपने दोस्तों को बुला लूँ ....... और फिर क्या कहा था ...... हाँ मम्मी पापा की कोतवाली में नौ पॉलिसीए हैं ...... सभी मिलकर इसकी बीवी और बेटी को चोदेंगे .......... ओह माय गॉड!!!!!!!!!! बेचारा कितना डर गया था" सलोनी भी बेटे की होशियारी की दाद दे रही थी |

"मगर मम्मी मान गये आपको ........ क्या एक्टिंग की अपने ... ऐसा लगा जैसे सच में किसी थानेदार की बीवी है ........ बेचारे की तो लूँगी गीली कर दी आपने ........ हाहहहहहहहहा" राहुल दिल खोल कर हँसे जा रहा था |

"और जो तेरी पेंट गीली होने वाली थी, वो भूल गया ......" सलोनी की बात सुन कर राहुल की हँसी रुक जाती है |

"क्या मतलब ......" राहुल का दिल धड़क उठा | वो उन लम्हो को याद भी नही करना चाहता था | "मेरी भला पेंट क्यों गीली होने लगी" उसे लगा था शायद उसकी हालत के बारे में उसकी मम्मी को पता नही चला था |

"क्या मतलब ............... हुं ........ मुझे यह बताओ जब मैं उस सब्ज़ीवाले से हंस कर बातें कर रही थी तो तुम्हारा चेहरा क्यों सफेद पड़ गया था ..... तुम क्या समझते हो मुझे तुम्हारी हालत के बारे में मालूम नही था .... तुम्हे तो तगड़े होना चाहिए था जबकि तुम्हारी शकल ऐसी हो गयी थी कि जैसे अभी रो दोगे ..." सलोनी गाड़ी को एक मिनी माल के सामने रोक देती है |

राहुल चुप कर जाता है | उसके चेहरे पर फिर से उदासी छा जाती है | उसे सच में उस समय बहुत तकलीफ़ महसूस हुई थी | जिस तरह सलोनी और वो दुकानवाला हंस हंस कर आपस में अश्लील बातें कर रहे थे बेचारे का दिल टूट गया था | सलोनी गाड़ी को पार्क कर चुकी थी और अपनी सीट बेल्ट खोलकर वो राहुल की और मुड़ती है और उसे देखने लगती है | राहुल अपना चेहरा झुकाए बहुत उदास दिख रहा था | सलोनी का दिल बीँद जाता है और वो उसे अपनी बाहों में भरती उसे अपनी तरफ खींचती है | सलोनी राहुल के सर को अपने सिने पर दबाती है और उसके बालों में हाथ फेरती है | कुछ देर बाद जब वो राहुल का सर उपर उठती है तो उसकी आँखो से आँसू छलक रहे थे | सलोनी अपना चेहरा बेटे के चेहरे पर झुकाकर उसकी आँखो उसके गालों से आँसू पीने लग जाती है | वो उसके चेहरे पर चुंबन की बरसात कर देती है | कुछ देर बाद आख़िर राहुल की आँखो से आँसू निकलने बंद हो जाते हैं | सलोनी उसके होंठो पर एक गहरा चुंबन अंकित करती है |

"इस तरह घबराते नही है बेटा ......... कभी भी घबराते नही .... अपनी ज़िद्द के लिए अपने प्यार के लिए लड़ा जाता है उसे खामोशी से हाथ से निकल नही जाने दिया जाता ........ किस्मत के भरोसे कभी नही रहते ........ जानता है जब वो आदमी मुझसे बदतमीज़ी से बात कर रहा था तो तुझे उसी समय उसके मुँह पर एक चांटा मार देना चाहिए था ...... अगर तू ऐसा कर देता तो मैं क्या कोई भी औरत तेरी मर्दानगी की दीवानी हो जाती मगर तू वहाँ खड़ा मेरे इशारे का इंतज़ार करता रहा ........ ऐसे समय में तुझे खुद फ़ैसला करना चाहिए था ..... और तू क्या समझता है मैं उस घटिया नीच आदमी को अपने जिस्म को हाथ लगाने देती ....... मैं कोई रंडी नही हूँ ............ कोई मंदिर का प्रसाद नही हूँ जो हर किसी में बाँट दी जायूं ... अगर सच सुनना चाहता है तो सुन ...... आज तक मेरे जिस्म को तेरे बाप के सिवा किसी ने हाथ नही लगाया ना ही कोई लगा सकता है ............ तेरा भी कोई चान्स नही था .... वो तो तेरे बाप ने मुझे इतने समय से प्यासी रखा है और उपर से तू है ऐसा कि चाह कर भी खुद को रोक नही सकी ........ तू मेरा बेटा है शायद इसीलिए आज तू मेरे इतने करीब है जितना तेरा बाप भी कभी नही हुआ और शायद कभी होगा भी नही ............ इसलिए इस बात की तो तू चिंता छोड़ दे कि मैं किसी और के नीचे लेटूँगी ..... तेरे पिता के बाद तू वो आख़िरी इंसान है जो इस जिसम को भोग सकता है .... मगर मेरी बात याद रखना अगर कोई चीज़ प्यारी हो, कुछ चीज़ अपनी हो तो उसे हाथ से निकलने नही देना चाहिए, अपने प्यार अपने हक़ के लिए लड़ना चाहिए ........... इस तरह बैठ कर रोयोगे तो सारी उमर हाथ मलते रोते ही रह जयोगे ......... एक कुत्ता भी अपने मोहल्ले में किसी अजनबी कुत्ते को बर्दाशत नही कर सकता और तू तो जवान मर्द है......"

राहुल का सर झुका हुआ था | उसकी मम्मी की एक एक बात उसके दिल पर गहरा असर कर रही थी | उसे चाहे इस बात से बहुत राहत मिली थी कि उसकी मम्मी उसके बाप के बाद केवल उससे चुदी थी और किसी दूसरे से चूदना भी नही चाहती थी | मगर वो सच कहती थी उसको भी मर्द बनना चाहिए | उसे अपनी मम्मी पर अपने हक़ को बरकरार रखना है तो आगे से मर्द बनना होगा | उसे अपनी मम्मी का हक़दार बनकर दिखाना पड़ेगा | 

"जो मैने कहा आगे से उसे याद रखना ........ चल अब अपना चेहरा ठीक कर ....... अंदर चलते हैं ........... ऐसे नही थोड़ा सा मुस्करा कर ... थोड़ा सा और ....... हाँ अब थोड़ा सही है ........." सलोनी बेटे को थोड़ा सा मुस्कराने पर मजबूर कर देती है | आख़िर दोनो कार से बाहर निकलते हैं और माल के अंदर शॉपिंग करने के लिए जाते हैं |

सलोनी अभी भी किचन के लिए कुछ सामान खरीद रही थी और उसके बाद वो मेकअप का कुछ सामान लेने लगी | राहूल उसके पीछे ट्रॉली घिसटता चला जा रहा था | उसका मूड अब कुछ कुछ सुधरने लगा था | सलोनी शॉपिंग करती उससे इधर उधर की बातें कर रही थी | 

"बेटा यहाँ कोकनट आयल कहाँ है ढूँढ तो ज़रा.... मुझे मिल नही रहा" 

राहुल कुछ देर माल के अलग अलग सेक्षन में इधर उधर चेक करता है फिर उसे कोकनट आयल मिल जाता है | 

"यह लो मम्मी मगर आप इस का करेंगी क्या .... आप तो कोकनट आयल का इस्तेमाल नही करती?" राहुल अपनी मम्मी के पीछे बिलिंग स्टेशन की और जाता पूछता है |

"मैने सुना है इसमें सबसे ज़्यादा चिकनाहट होती है, इसलिए ले लिया" सलोनी एक तरफ काउंटर के पास खड़ी हो जाती है और राहुल समान निकाल कर बेल्ट पर रखने लगता है | 

"मगर आप इसका इस्तेमाल कहाँ करेंगी ......... इसमे खाना तो नही पकाएँगी ना?" राहुल को कोकनट आयल में बना खाना पसंद नही था |

"खाने में नही बाबा ........" सलोनी काउंटर पर खड़ी लड़की को पैसे देती है और झुक कर राहुल के कान में फुसफुसाती है "पीछे लगाने के लिए ...... वहाँ कमर के नीचे ........ उउम्म्म्ममम ............. मेरे नितंबो के बीच ............" सलोनी बेटे को आँख मार कर शर्मीली सी हँसी हँसती है | 

"वहाँ .... वहाँ किस लिए......" राहुल बैग उठाकर अपनी मम्मी के साथ साथ चलता उससे धीरे से पूछता है | वो अब माल से बाहर निकल रहे थे | 

"किस लिए....... तुझे नही मालूम......." सलोनी सामने देखती मुस्कराती है |

"बताओ ना मम्मी .......... क्यों पहेलियाँ बुझा रही हो......" राहुल का लंड जो सोया हुआ था फिर से खड़ा होने लग गया था |

"उऊउम्म्म्मम ..... अब मैं कैसे कहूँ ........ मैं नही बोल सकती ........ मुझे शर्म आती है ....." सलोनी शरमाती है |

"उफफफ्फ़ मम्मी हम दोनो ही तो हैं .... बताओ ना किस लिए वहाँ तेल लगाओगी" राहुल का लंड अब आधा सख्त हो चूका था |

"अब तेल नही लगाउंगी तो तेरा वहाँ लूँगी कैसे .......... आगे तो खुद बा खुद गीली हो जाती है ....... मगर पीछे तो तेल ही लगाना पड़ेगा ना ........... एक तो मेरी पीछे वाली इतनी टाइट है और उपर से तेरा इतना मोटा है ......... बिना तेल के कैसे अंदर घुसेगा ....... हायईईए बिना तेल के तो मेरी फट ही जाएगी......" 

राहुल के पैर वहीं जम जाते हैं | राहुल को अपने कानो पर यकीन नही होता | उसकी मम्मी ने कोकनट आयल इस लिए लिया था कि वो उससे अपनी गांड मरवाने वाली थी ............... उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ....... एक ही झटके में राहुल का लौड़ा पूरा तन जाता है | वो अब सलोनी के साथ साथ नही बल्कि उसके पीछे पीछे चल रहा था | उसकी नज़र अपनी मम्मी के गोल मटोल उभरे नितंबो पर ज़मी हुई थी | वो कल्पना कर रहा था उन नर्म, कोमल नितंबो के बीच उसकी टाइट गांड मारने में कितना मज़ा आएगा | राहुल शायद सलोनी की गांड को ऐसे ही घूरता रहता मगर वो पार्किंग में पहुँच चुके थे और सलोनी गाड़ी में बैठ चुकी थी | उस शैतान माँ के होंठो पर बहुत ही शरारती सी हँसी चिपकी हुई थी |

"उफफफफफफ्फ़ ..... देखो तो तुमने इसे फिर से खड़ा कर लिया .... कोई देखेगा तो यही कहेगा कि मैं तुम्हारी वो हूँ ........... कि तुम बस मुझ पर चड़ने वाले हो .......... इसे कभी तो बैठा कर रखा करो" सलोनी राहुल के गाड़ी में बैठने के बाद उसको झूठ मूठ का डाँटती है | 

"अब तुम मम्मी ऐसी बातें करोगी तो यह बेचारा क्या करेगा" राहुल अपना बचाव करता है |

"ओहो ..... तो मैं इसे जानबुझकर खड़ा करती हूँ .... तुम ही इतने टाइम से ज़िद्द कर रहे थे बताओ मम्मी कहाँ तेल लगाओगी ....... क्यों लगाओगी ......... अब जब बता दिया तो आपके इस महाशय ने अपना सर उठा लिया ........ इसका मतलब तो यह हुआ कि अगर मैं कुछ नही बताती हूँ तो भी तुम मेरा पीछा नही छोड़ते और अगर बताती हूँ तो तुम इसके खड़ा होने का दोष मेरे माथे पर मढ़ देते हो ...... यानी हर तरफ से मैं ही बुरी हुई ..... और यह बेचारा कब से हो गया ........ तुम्हारे इस बेचारे ने मेरी मार मार का सूजा दी है ........ पूरी सूजी हुई है ...... हाय दर्द भी कर रही है ........ लेकिन कोई बात नही घर चलो आज की रात इसकी अच्छे से खबर लूँगी ...... आज की रात इसकी खैर नही" सलोनी झुक कर राहुल के लंड को अपने हाथों में भर कर एक बार कस्स कर मसलती है | "आआहह" राहुल सिसक पड़ता है | लगता था उसके छूने से लौड़ा और भी सख्त हो गया था | फिर सलोनी गाड़ी को स्टार्ट करती है और पार्किंग से निकलती है |
Reply


Messages In This Thread
RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली - by sexstories - 01-13-2019, 11:45 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,506,945 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,009 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,234,212 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 933,165 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,657,084 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,083,663 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,955,840 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,072,032 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,038,140 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 285,429 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)