RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
"ओह तो तुम्हें लगता है तुम्हारा बैंगन सबसे ज़्यादा लंबा मोटा है" सलोनी दुकानवाले के पास आकर मुस्कराते हुए बिल्कुल नरम स्वर में पूछती है |
"लगता क्या है बहनजी सच में है.... हम साबित कर सकते हैं..... आपको सबूत चाहिए तो बोलिए हम आपको सबूत दिखा देंगे अच्छे से" दुकानवाला सलोनी की और देखकर अपनी धोती में झटके मार रहे अपने लौड़े को मसलता है |
"तुम्हारे इस बैंगन से बड़ा तो मेरे बेटे का केला है, और इसका सबूत मैं खुद हूँ" सलोनी दुकानवाले की आँखो में देखती बोलती है | दुकानवाले को झटका सा लगता है, और राहुल को भी | जहाँ एक तरफ़ वो दुकानवाले को पीटने वाला था अब उसके दिल की धड़कने बढ़ती जा रही थी | उसके दिल में, उसकी आत्मा में दर्द की तेज़ लहरें उठ रही थी | दुकानवाले की अश्लील बातें और उसकी मम्मी उपर से उससे मुस्करा कर बात का रही थी | राहुल का मन बहुत बैचेन होता जा रहा था |
सलोनी की बात सुनकर दुकानवाला कुछ पलों के लिए राहुल को घूरता है जैसे उसे यकीन नही हो रहा था | "क्या आपने सच में ...... आपने बेटे का केला देखा है" दुकानवाला आश्चर्य से पूछता है |
"देखा क्या है, मैने खाया है" सलोनी उसी तरह मुस्कराती हुई बोलती है |
"मगर ई तो बच्चा है अभी बहनजी ...... आप हमारे जैसे मर्द का केला खाएँगी तो आपको मालूम चलेगा बड़ा केला किसे कहते हैं" दुकानवाला मूँछ मरोड़ता बोलता है | इस बार राहुल का सर थोड़ा झुक जाता है | अगर उसकी मम्मी उस दुकानवाले से इस तरह मुस्करा कर बात नही करती तो वो कब का पीट चुका होता | मगर जब खुद उसकी मम्मी ..... वह वहाँ से चले जाना चाहता था ..... उस दुकानवाले की बातें उसके कानो में पिघले शीशे की तरह पड़ रही थी | मगर वो चाह कर भी वहाँ से जा नही सका | वो अपनी मम्मी को अकेले कैसे छोड़ सकता था .......
"तुझे किसने बोला है तेरा केला बड़ा है .... तेरे मन का वहम है" सलोनी उस दुकानवाले से ऐसे बात कर रही थी जैसे वो दोनो बहुत साधारण विषय पर बात कर रहे थे | मगर दुकानवाले की हालत बिगड़ चुकी थी | सलोनी की मुस्कराहट और उसका इस तरह खुल कर आराम से उससे बातचीत करना उसे लगा कि वो औरत अब लाइन पर है |
"अरे हमर बीवी बोलती है ..... हमारा केला खाए बिना उसे नींद नही आती" दुकानवाला सलोनी को आँख मार कर कहता है | राहुल का दिल रो रहा था |
"तुम्हारी बीवी कहती है ......" सलोनी हंस पड़ती है | "उसे कैसे मालूम तुम्हारा केला सबसे बड़ा है... लगता है उसने कोई और केला खाया ही नही है"
"अब आपको कैसे यकीन दिलाए हम बहनजी ....... अब जब आपसे सब बातें खुल ही चुकी हैं तो आपको सच्चाई बता ही देते हैं..... देखिए किसी से कहिएगा नही" सलोनी हाँ में सर हिलाती है | दुकानवाला आस पास देखकर बहुत धीमे से बोलता है "हमर बिटिया भी यही कहती है"
"अच्छा ... तो तुमने अपना केला अपनी बेटी को भी खिलाया है ..." सलोनी थोड़े आश्चर्य से बोलती है |
"हाँ बहनजी ..... एक नही दो दो बिटिया को केला खिलाया है ...... एक अभी स्कूल में पड़ती है, वो तो सुबह शाम हमारा केला खाती है और दूसरी का व्याह हो चुका है ..... अरे बहनजी हमारी बड़ी बिटिया तो जब भी मौका मिलता है घर पर आकर हमारा केला खाती है ..... बोलती है उसके मर्द का केला कुछ भी नही है ....... हमारे केले की तुलना में ...... देख लीजिए बाप का केला खाए बिना उसको मज़ा नही आता ...... अब आप ही अंदाज़ा लगा लीजिए हमारा केला कितना बड़ा है ...... अरे मैं तो कहता हूँ आप अंदाज़ा लगाना छोड़िए एक बार आप भी हमारा केला खाकर देखिए ........ आप गुलाम हो जाएँगी हमारे केले की" दुकानवाला अभिमान से बोलता है | उसकी आँखे उत्तेजना के मारे चमक रही थी |
राहुल दुकानवाले की बात सुनकर घबरा जाता है | वो उसकी मम्मी को कुछ ऑफर कर रहा था और अगर कहीं उसकी मम्मी ने ... नही नही ..... उसकी मम्मी ऐसा नही कर सकती ....... राहुल के दिल की धड़कने दुगनी रफ़्तार पकड़ लेती है और वो अपनी माँ की तरफ़ देखता है जिसके चेहरे के भवों में कुछ ज़्यादा अंतर नही आया था |
"ओह तो तुम्हारी बीवी और तुम्हारी बिटिया बोलती है कि तुम्हारा केला बहुत बड़ा है" सलोनी दुकानवाले से आराम से पूछती है |
"जी बहनजी ..... मइया की सौगंध .... हम झूठ नही बोलते ..... हमर बीवी और दोनो बिटिया सच में कहती है कि हमर केला बहुत बड़ा है ... " दुकानवाला सलोनी को यकीन दिलाने का भरसक प्रयत्न करता बोलता है |
"झूठ बोलती हैं तीनो......." सलोनी अचानक तीखे स्वर में बोल उठती है | उसके चेहरे से, उसके होंठो से मुस्कराहट गायब हो जाती है और उसकी जगह गुस्सा ले लेता है |
"जी बहनजी ..... हम झूठ नही बोलते" दुकानवाला सलोनी के एकदम तेवर बदल लेने से चोंक तो उठा था मगर घबराया नही था |
"तुम्हाई बीवी और तुम्हारी बेटियाँ बिल्कुल झूठ बोलती हैं जा फिर उनके मन में बहुत बड़ी ग़लतफहमी है... . उन्हे मेरे बेटे के पास भेजना आज रात को फिर देखना जब वो मेरे बेटे का केला खाएँगी तो उन्हे मालूम चलेगा कि असली केला क्या होता है क्यों राहुल?" सलोनी अचानक अपने बेटे की तरफ़ घूम कर उससे बोलती है | राहुल को ऐसे लगता है जैसे उसके निर्जीव शरीर में प्राण लौट आए हों | एकाएक उसकी आत्मा में प्रसन्नता लौट आती है |
"बिल्कुल मम्मी ........ इसके दिमाग़ में बहुत बड़ी ग़लतफहमी है.... अगर आप कहे तो मैं अपने दोस्तों को भी बुला लेता हूँ फिर इसकी बीवी और दोनो बेटियों को खूब केला खिलाएंगे , उन्हे मालूम चलेगा कि केला होता कैसा है" दुकानवाला कभी सलोनी को देख रहा था तो कभी राहुल को | उसको यकीन नही हो रहा था वो औरत एकदम से इस तरह पैंतरा बदल सकती है | वो अब भी नही घबराता मगर जब उसके बेटे ने अपने दोस्तों को बुलाने की बात की तो उसे पसीना आने लगा |
"तुम्हारे दोस्तों को रहने दो, मैं तो कहती हूँ तुम्हारे डैडी को पोलीस स्टेशन में फोन लगाओ .... वो एकदिन बोल रहे थे कि उनके सिपाहियों को काफ़ी दिनों से कोई खुराक नही मिली... कितने सिपाही हैं तुम्हारे डैडी के थाने में" सलोनी याद करते बोलती है |
"नौ मम्मी नौ हैं....." राहुल अपनी मम्मी का इशारा समझ झट से उसे ज्वाब देता है | उधर दुकानवाले का लंड बैठ चुका था | उसका पूरा जिस्म पसीने से तर हो चुका था | थाना, पोलीस की बात सुनकर उसकी पूरी हेकड़ी निकल चुकी थी | जिस तरह सलोनी इतने समय से उससे आराम से बिना किसी शर्म और भय के बात कर रही थी, दुकानवाले को उससे पक्का यकीन हो गया था कि वो वाकई किसी पोलिसवाले की बीवी है | उसकी धोती गीली होने वाली थी | वो अभी से खुद को थाने में नंगा देख रहा था और उस पर चार पाँच पुलिसिये डंडे बरसा रहे थे |
"नौ जाने ....... ओह तब तो ठीक हैं, इसकी एक बीवी और दोनो बेटियाँ मिलकर तीन हुई यानी तीन पोलीस वालों के हिस्से में एक आएगी .... अच्छा है पहले तेरे डॅडी मज़ा करेंगे बाद में रात भर पुलिसिये इसकी बीवी और बेटियों को अपना केला खिलाएँगे .... उन्हे भी केला खाने का बहुत शोक है... तू अपने डॅडी को फोन करके यहाँ बुला" | राहुल "जी मम्मी" बोलकर अपनी पॉकेट में हाथ डाल कर अपना मोबाइल निकालता है और जैसे ही नंबर पंच करने लगता है, दुकानवाले की हिम्मत टूट जाती है |
"नही नही बहनजी .... ऐसा मत कीजिएगा ..... हम ग़रीब आदमी मर जाएँगेम .... ऐसा जुल्म मत कीजीये" दुकानवाला सलोनी के आगे हाथ जोड़ता है |
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