Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
01-13-2019, 11:40 PM,
#20
RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
राहुल अपनी मम्मी की कमर को थामे अपने कुल्हे आगे को धकेलता है | उसके लंड का सुपाड़ा चूत का मुंह हल्का सा खोलता है और ऊपर को फिसल जाता है | हालाँकि लंड अन्दर नहीं घुसा था मगर माँ - बेटे दोनों उस स्पर्श मात्र से सिसक उठे थे | राहुल फिर से कमर को थाम लंड अन्दर धकेलता है और इस बार सुपाड़ा चूत के छल्ले को खोलता हुआ हल्का सा अन्दर जाता है और फिर से फिसल कर बाहर आ जाता है | सलोनी की चूत रस से दोबारा भीग चुकी थी इसीलिए लंड को सीधा रख पाना राहुल को बहुत मुश्किल लग रहा था |

“एक मिनट रुक” अचानक सलोनी राहुल को रोकती है | वो अपना एक हाथ आगे बढ़ाती है और लंड को कस कर पकड़ लेती है और उसे चूत के छेद पर फिट कर देती है | “अब घुसाओ बेटा” सलोनी अब एक कोहनी के बल उचककर अपनी चूत में ठोकर मार रहे अपने बेटे के लंड को देख रही थी | राहुल उसी तरह कमर को अपने हाथों में दबाए लंड को आगे धकेलता है | वो फिर से फिसलने वाला था मगर सलोनी उसे मजबूती से अपनी चूत के मुंह पर टिकाए रखती है | राहुल और जोर लगाता है | उसके लंड का सुपाड़ा जैसे ही चूत के छल्ले पर और बल डालता है वो खुलती चली जाती है |

“ओह्ह्हह्ह्ह्ह....राहुल .....राहुल........राहुल....” सलोनी अपनी चूत में लंड के दाखिल होते ही सिसक पड़ती है | उसका हाथ लंड से हट जाता है और वो फिर से दोनों कोहनियों के बल होकर अपने बेटे के लंड को देखने लगती है जिसका सुपाड़ा उसकी चूत में घुस चूका था | सलोनी की तंग चूत जैसे ही राहुल के सुपाड़े को कसती है तो वो कराह उठता है और अपना लंड और आगे को धकेलता है |

“आआह्ह्ह्ह......ऊफ्फ्फ्फ़.........बेटा धीरे........धीरे...” सलोनी बेटे के मोटे लंड से अपनी चूत फैलती हुई महसूस करती है | चूत इतनी गीली थी कि बहुत तंग होने के बावजूद राहुल का लंड आराम से घुसता जा रहा था और तभी वो चूत की गर्मी या अपने लंड पर चूत की पकड़ के उस जबर्दस्त अनोखे एहसास से जोश में आ जाता है और एक ज़ोरदार धक्का मारता है |

“ओह्ह्ह्हह......आह्ह.....आआह्ह्ह्ह......हाएएएए...राहुललल्ल .... प्लीज... बेटा धीरे.......धीरे डालो... उफ्फ्फ्फ़.......” सलोनी लंड के उस ज़बरदस्त प्रहार को सेहन नहीं कर पाती और चीख पड़ती है | मगर राहुल इस समय उसकी सुन नहीं रहा था | वो तो अपने लंड को अपनी माँ की टाइट चूत में घुसाकर ऐसा आनंद ले रहा था कि वो फिर से एक करारा झटका मारता है और पूरा लंड चूत में घुसेड देता है |

"आईईईईईईईए...........आउच.......आआउच ............हे भगवान.........उफफ्फ्फ्फ़ शैतान................. हाएएएए.......मार डालेगा क्या"

"मम्मी........ मम्मी..........ओह्ह्ह्ह गॉड............म्म्म्मम्म्म्ममम्मी.... हाए....” राहुल भी जलती हुई चूत में लंड पेल कर उस पीड़ादायक आनंद की परिसीमा महसूस करता है |

सलोनी अपनी जाँघों के बीच देख रही थी यहाँ उसके बेटे के लंड उसकी चूत में पूरा घुस चूका था | चूत के होंठो ने लंड को चारों तरफ से कस लिया था और उसके बेटे के लंड को सहला रहे थे | 

“उफफ्फ्फ्फ़....मम्मी कितनी टाइट है तुम्हारी और कितनी गर्म भी... अन्दर से... उफ़... मेरा जल रहा है मम्मी” राहुल चूत की तपिश से लंड को जलता हुआ महसूस कर रहा था |

“यह गर्मी तेरे लंड को ही नहीं मुझे भी दिन रात जलाती है... दिन रात मेरी पूरी देह इस आग में झुलसती है... अब तुम्हे ही इस आग को बुझाना है मेरे बेटे....अब तुझे ही इस आग को बुझाना है” कहकर सलोनी पीछे को लेट जाती है और राहुल की तरफ अर्थपूर्ण नज़रों से देखती है | राहुल फिर से अपनी माँ की कमर थाम लेता है और लंड को पीछे खींचता है और फिर से अन्दर डालता है |

“आअह्ह्ह्ह........आराम से .......बेटा.......आराम से ...” सलोनी पहले ही धक्के पर कराह उठती है और जब उसके बेटे के लंड उसकी चूत को पूरा रगड़ता हुआ वापिस अन्दर तक घुस जाता है | वो शुक्र मना रही थी कि उसकी चूत इतनी गीली थी वरना उसके बेटे का मोटा लंड उसे खूब तकलीफ देने वाला था |

राहुल अपनी माँ की नाज़ुक चूत में लंड पेलने के उस अनोखे मज़े से गदगद हो उठा था | यह आनंद उसकी कल्पनायों से कहीं बढ़कर था | वो फिर से अपना लंड बाहर निकालता है और वापिस अन्दर घुसेड देता है | सलोनी फिर से सीत्कार भरती है, फिर तीसरा, चौथा , पांचवा, छठा ...राहुल चूत से लगभग आधा लंड बाहर निकालता और उसे अपनी माँ की चूत में पेल देता | हर धक्के के साथ उसका जोश दौगना होता जा रहा था | कुछ समय आराम से धक्के मारने के बाद वो लंड को खींच जोर से पेलता है |

“आआआअउच... आउच........ आउच” राहुल माँ की सिसकियों से और भी जोश में आ जाता है और वो और भी जोर जोर से लंड पेलने लगता है |

“आईईईईए...बेटा......आआराम से ...आराम से....” सलोनी चीखती है और राहुल माँ की चीखो पुकार के जवाब में खींच कर ऐसा धक्का मारता है कि सलोनी की सांस अटक जाती है |

“हाए मार डाला ज़ालिम ...धीरे...मेरे लाल...धीरे मार....उफफ्फ्फ्फ़ ....आअह्ह्ह्ह...आउच....ऊऊउच...धीरे से कर ना ...आऊऊऊऊऊउच्च्च्घ.... बेटा...हाए तेरा लौड़ा .....उइफ़्फ़्फ़्फ़ ...... हाए जान निकाल दी मेरी....... हाए धीरे चोद ...धीरे चोद अपनी मम्मी को ....” राहुल अब खुद को पूर्ण मर्द महसूस कर रहा था | उसकी माँ ठीक वैसे ही सिसक रही थी, जैसी उसने कल्पना की थी कि जब वो अपनी माँ को चोदेगा तो वो ऐसे ही चीखेगी चिल्लाएगी | खुद राहुल भी चूत में अपनी लंड की रगड़ से ज़बरदस्त मज़े को अनुभव कर रहा था | अब समय आ गया था वो अपनी मम्मी को दिखाता कि वो कितना तगड़ा मर्द है कि वो चुदाई के मामले में उसे कितना सुख दे सकता है |

राहुल लंड को सुपाड़े तक खींचता है और कमर पर अपने हाथ कस अपने कुल्हो का पूरा ज़ोर लगा कर अपनी मा की चूत में अपना लंड पेल देता है |

"आआईईएईईईए......हहाअयईईए मेरी चूत.....हाए मरररर गययययीईई......उउउफफफफ़फफ्फ.......धीरे.......धीरे मारो .....बेटा..." सलोनी उस जबरदसत धक्के से पीड़ादायक मज़े से सिहर उठी थी | राहुल अब पूरा लंड खींच खींच कर धक्के मार रहा था | सलोनी उसके हर धक्के पर चीख पड़ती थी | राहुल ने हालांकि अभी तक तेज़ स्पीड नही पकड़ी थी और वो अब वही करने जा रहा था | राहुल अपनी गति बढ़ाता है और पूरा लंड खींच कर धक्के मारता है | मगर यह क्या तेज़ गति से लंड सुपाड़े तक बाहर खींचने के समय उसका लंड टककककक करता हुआ पूरा बाहर आ जाता है | वो फट से लंड अंदर घुसाता है | लंड का सुपाड़ा अंदर जाते ही सलोनी चिहुंक पडती है | राहुल दो तीन धक्कों के पशचात जैसे ही फिर से स्पीड बढ़ाता है | उसका लंड फिर से जल्दबाज़ी में बाहर आ जाता है | राहुल फिर से अंदर डालता है और अपनी मा को चोदने लगता है | मगर जैसे ही वो स्पीड पकड़ता है और लंड वापस खींचता है लंड फिर से बाहर आ जाता है |

"क्या कर रहा है...........क्यों बार बार बाहर निकाल रहा है...." इस बार सलोनी चुप्प नही रह पाती | एक तो बार बार चुदाई रुकने से उसे मिलने वाले मज़े से वो वंचित हो जाती जिसके लिए वो इतना तरसी थी, उपर से राहुल जब भी दोबारा अपना मोटा लंड उसकी चूत में घुसाता तो वो दर्द से बिलबिला उठती | वो नही चाहती थी कि लंड चूत से बाहर निकले |

"सॉरी मम्मी.........वो फिसलन बहुत है...." राहुल फिर से लंड अंदर घुसाता है और कुछ धक्के लगाने के बाद वो जैसे ही स्पीड पकड़ता है लंड फिर से बाहर |

लंड बाहर निकलते ही राहुल पूरी गति से उसे वापस अपनी मा की चूत में घुसेड देता है और घबराता हुआ जैसे ही लंड खींच कर धक्का लगाता है, लंड हल्का सा बाहर आकर उपर को फिसल जाता है | सलोनी राहुल को घूर रही थी | राहुल बिजली की तरह अपना लंड थामे फिर से चूत में घुसाने की कोशिश करता है मगर वो इतना घबरा चुका था कि उसके हाथ कांप रहे थे | लंड अंदर जाने की वजाए एक तरफ को फिसल जाता है |

अचानक सलोनी ज़ोरों से खिलखिला कर हंस पड़ती है | राहुल के चेहरे पर घबराहट और मासूमियत का वो भाव इतना प्यारा था कि सलोनी खुद को रोक नही पाती और खुल कर हँसने लगती है | अपनी माँ को इस तरह हंसते देख राहुल जो उसकी चूत में फिर से लंड घुसाने की कोशिश कर रहा था, रुक जाता है | उसके चेहरे का रंग लाल हो जाता है | उसके चेहरे पर घबराहट की जगह शर्मिंदगी छा गयी थी | उसे समझ नही आ रहा था जब बाकी सब कुछ ठीक था तो यहाँ आकर उससे क्या गलती हो जाती थी | 

सलोनी बेटे के चेहरे पर शर्मिंदगी देखकर उसे इशारे से अपनी तरफ बुलाती है | राहुल थोडा नीचे को होता है तो सलोनी उसके चेहरे को थाम उसके होंठो को चूमती है | 

"अब बताओ आख़िर इतना तेज़ी क्यों पकड़ रहे हो कि बार बार बाहर निकाल लेते हो?" 


"वो मैने पढ़ा था कि तेज़ तेज़ करने से.......औरतों को बहुत मज़ा आता है, इसलिए मैं भी.....मगर वो बार बार बाहर निकल जाता है" 

"पढ़ा था? कहाँ? कब?" सलोनी जिगाय्सु हो उठती है |

"आज शाम को.......जब आप कपड़े धो रहे थे" राहुल के पास अब सच बोलने के सिवा और कोई रास्ता नही था |

"ओह अब समझी.. तो यह पढ़ाई कर रहे थे तुम..........सोचा होगा माँ चोदने को मिलेगी.... थोड़ी सी जानकरी हासिल कर लेता हूँ......हुं क्या बोलते हो?" मगर राहुल कुछ बोल नही पाता | उसके चेहरे पर छाई शर्मिंदगी और भी गहरी हो गयी थी |

"इधर देखो मुझे....मेरी तरफ.........." सलोनी राहुल का चेहरा पकड़ कर अपनी तरफ घूमाती है जो उसने शर्मिंदगी की वजह से एक तरफ को मोड लिया था | 

"मुझे इंप्रेस करने की कोशिश कर रहे थे" राहुल झिझकता हुआ हाँ में सर हिलाता है | 

सलोनी ठंडी आह भरती है और उसके चेहरे को पकड़ कर फिर से उसके होंठो को चूमती है | 

"बेवकूफ़ कहीं का........ अरे तूने तो मुझे सुबह ही इंप्रेस कर दिया था......तेरे लंड पर तो मैं सुबह ही मर मिटी थी........याद नही उसे मुँह में लेकर चूसा था.... तेरा वीर्य पिया था मैंने .......अगर तुझसे इंप्रेस ना होती तो इस समय तेरी माँ होने के बावजूद तेरे नीचे ना लेटी होती और तू मेरा बेटा होने के बावजूद मेरे उपर ना चढ़ा होता और तेरा लंड मेरी चूत में ना घुसता", राहुल को अपनी माँ की बातों से जहाँ थोड़ी तस्सली हुई थी कि वो उसके लंड से इतनी प्रभावित थी वहीं उसकी ज़ुबान से निकलने वाले वो अश्लील अलफ़ाज़ उसकी आग को भड़का रहे थे |

"देखो बेटा सेक्स एक नेचुरल चीज़ है.... इसमे तुम खुद बा खुद सब कुछ सीखते जाओगे.... अभी देखो तुम कितना बढ़िया चोद रहे थे और स्पीड पकड़ने की कोशिश की तो क्या हुआ? तुम पहली बार किसी को चोद रहे हो.... बस आराम आराम से करो..... तुम्हे खुद बा खुद शायद पहली चुदाई में ही तजरबा हो जाएगा कि अपनी कमर कितनी वापस खींचनी है कि तुम्हारा लंड मेरी चूत से पूरा बाहर ना निकले..... जब तुम्हे एक्सपीरियेन्स हो जाएगा तो फिर तुम पूरा लंड बाहर निकाल निकाल कर पूरी स्पीड से चोद पाओगे.... नेट से तुम्हे सीखने की कोई ज़रूरत नही है.... यह सब तुम दो बार चुदाई करके खुद बा खुद सिख जाओगे और अगर कुछ सीखना है भी तो वो मैं तुम्हे सिखायुंगी.... समझे.....वैसे तुमने जिस प्रकार मेरी चूत चाटी थी वैसे लगता नही मुझे तुम्हे कुछ सीखाना पड़ेगा......चलो अब देर मत करो....जलद से अपना लंड मेरी चूत मैं घुसाओ और मुझे चोदो" 

राहुल अपनी माँ की दोनों साइड में हाथ रखकर अपने बदन को उपर उठाता है और अपना लंड फिर से अपनी माँ की चूत पर रखता है | सलोनी फिर से अपने हाथ से लंड को पकड़ती है, "अब घुसा दो अंदर" | राहुल कूल्हे को धकेलता है तो लंड चूत का मुँह खोलता अंदर समा जाता है | सलोनी फिर से सिसक उठती है | वो लंड से हाथ हटा कर उसके कंधो को पकड़ लेती है और अपनी टाँगे उसकी कमर पर लपेट देती है | वो राहुल को खींच कर अपने ऊपर लेटा लेती है |

"हाययईई......अब देर मत कर .... चोद मुझे........चोद मुझे..........हाए चोद अपनी मम्मी को" सलोनी अपने बेटे के कानों में सरगोशी करते हुए बोलती है | राहुल अपनी माँ की अश्लील भाषा से उत्तेजित अपनी कमर को हिलाना शुरू कर देता है | उसका लंड फिर से अपनी माँ की चूत के अंदर बाहर होने लगता है | फिर से सलोनी उँची उँची सिसकारियाँ भरने लगती है |

राहुल हालांकि डर रहा था कहीं उसका लंड फिर से फिसल कर बाहर ना आ जाए इसलिए वो उसे आधा ही बाहर निकालता और वापस अंदर पेल देता | उसकी माँ की सिसकियां, उसके अशलील लफ्ज़ जिनसे वो उसे उत्साहित कर रही थी और सलोनी की टाइट चूत में लंड पेलने का जबरदसत मज़ा वो जल्द ही सब कुछ भूल गया और उसकी स्पीड बड़ने लगी |

"आआअहह.........ऊऊुऊउक्कककचह.........ऊऊुऊउक्ककचह.......ऊओह रहहुउऊउल्ल.......राआहहुउउल्ल्ल.........चोदो मुझे.......हाएयययय....ई.......ऐसे ही मारो बेटा........हाअयययययईई..........ऊऊऊफफफफफफफफ़फ्ड......" सलोनी की सिसकियाँ आग मैं घी डाल रही थी | 

राहुल और ज़ोर ज़ोर से अपनी कमर खींच खींच कर अपना लंड अपनी माँ की चूत में घुसेड़ने लगा | उसे एहसास ही नही था अब उसका लंड उसके सुपाड़े तक बाहर आ रहा था | सलोनी हर धक्के पर चीख पड़ती थी |


"मम्मी मज़ा आ रहा है ना........" राहुल उत्तेजना की अधिकता में बोल उठता है |

"पूछ मत....... ऊऊऊऊुऊउक्ककच......हायय....ईई.........बस चोदता रह.....
मैं झड़ने वाली हूँ........ हाए अब तेरी माँ हर रोज़ तुझसे चूदेगी.....हर दिन हर रात...........आआहह.........." 

"मैं भी मम्मी.....मैं भी मम्मी........." राहुल अब फुल स्पीड में अपनी मा को चोद रहा था | उसके टट्टो में वीर्य उबल रहा था | जो शाम से बाहर आने को तड़प रहा था | अचानक सलोनी अपनी कमर उछाल उछाल कर अपने बेटे के धक्कों का ज्वाब धक्कों से देने लगती है | राहुल और भी जोश में आ जाता है | वो अपनी माँ के कंधे थाम खींच खींच कर अपना लंड उसकी चूत में पेलता है |

"राहुल मेरे बेटा.......मेरे बेटे..........हे भगवन्......." सलोनी राहुल के सर को थाम उसके होंठो पर अपने होंठ रख देती है और अपनी जिव्हा उसके मुख में घुसेड देती है | राहुल तुरंत जिव्हा को अपने होंठो में दबा कर चूस्ता हुआ अपनी माँ की चूत में कस कसकर धक्के लगाता है | सलोनी भी उसकी ताल से ताल मिला रही थी | अचानक सलोनी बदन ऐंठने लगती है | वो धक्के मारने बंद कर देती है | उसका मुँह अपने बेटे के मुँह से हट जाता है और वो अपनी टाँगे उसकी कमर पर और कस कर लपेट देती है |


"बेटा......बेटा.......मेरे लाल.......मेरे लाल......" सलोनी झड़ रही थी | राहुल अपनी माँ के उपर से उठ पहले की तरह उसकी कमर को पकड़ लेता है और पूरी शक्ति से धक्के लगाता है | मुश्किल से पाँच सात धक्के ही लगाए होंगे कि वो ज़ोरदार हुंकार भरता है |

"मम्मी........आहह......मम्मी....." राहुल सिसक पड़ता है | उसके लंड से वीर्य की पिचकारियाँ उसकी मा की चूत को भरने लगी थी | 

"मेरे लाल....आआहह.....उउउन्न्ननज्ग्घह......भर दे मेरी चूत अपने रस से......मेरे लाल.....हइईए........भर दे मेरी चूत" सलोनी अपनी चूत में राहुल के लंड से निकलती वीर्य की तेज़ धारों को महसूस करती है तो उसका सखलन और भी तीव्र हो जाता है |
"ऊऊहह...........उूउउफफफफफफ्फ़.......बेटा.......बेटा.....बेटा....." 

आख़िरकार दोनो का सखलन मंद पड़ जाता है और राहुल अपनी माँ के उपर लेट जाता है | सलोनी अपनी बाहें उसकी गर्दन में डाल देती है |

"मेरा बेटा......मेरा लाल....."
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