RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
. फ़िर तो उस रात रंजिता एक बार मुझसे और दो बार जमील से बूर में चुदी।रागिनी की एक बार गाँड़ जमील ने मारी और फ़िर दो बार वो मेरे से अपने बोर्र में चुदी।अंत में रंजिता भी सब देख कर जोश में आ गई और बोली कि एक बार मेरी भी गांड़ मार दीजिए आप।मैंने उसे समझाया, "गाँड़ मार दीजिए नहीं गाँड़ माए लीजिए कहो। लड़की देती है और मर्दलोग लेते हैं। मैं तुम्हारी चूत लेता हूँ, तुम अपना चूत देती हो। मैं गाँड़ मारता हूँ, तुम गाँड़ मरवाती हो। मैं तुम्हें चोदता हूँ, तुम चुदवाती हो। लड़की चोदती नहीं चुदाती है। जैसे हिन्दीं में आप और तुम दो शब्द है और अंग्रेजी में सिर्फ़ यू, उसी तरह हिन्दी में चुदना और चुदाना दो शब्द है जबकि अंग्रेजी में सिर्फ़ फ़क। अब कुछ समझ में आया।"रागिनी हंस दी, "अंकल आप तो पूरा क्लास हीं लगा के बैठ गए। बेचारी अब तड़प रही है तो एक बार उसकी गांड़ भी अपने लन्ड से खुजला दीजिए।मैं तो अब थक गई हूँ, बस अब बैठ कर देखुँगी सब।"मैंने कहा-"अरे ये बेचारी जब रंडी हीं बन रही है तो कुछ ठीक से बोलना सीख लेगी तो ज्यादा पैसा मिलेगा। आओ रंडी पास आ कर कुतिया बन, फ़िर तेरी गाँड़ को गीला और ढ़ीला करके उसको मारुँगा।"रंजिता भी पास आ कर जैसे रागिनी अपना गाँड़ मरवाते समय पलट कर रेडी हुई थी वैसे ही वो भी हो गई, तो मैं हौले-हौले उसके गाँड़ अपनी बीच वाली ऊँगली से खोदने लगा।जल्द ही मैंने समझ लिया कि क्यों बेचारी जमील से गाँड़ मरवाते समय तड़प रही थी। असल में जैसे हीं मैं उसकी गाँड़ में अपनी ऊँगली घुसाने की कोशिश करता वो अपना गाँड़ का चेद सिकोड़ लेती।
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