RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
. मैंने रंजिता को धीरे से कहा, "देख लिया कैसे मर्द लोग चोदते है एक लौन्डिया को। लड़की को सिर्फ़ मर्दों से बूर हीं नहीं चुदाना पड़ता, उन्हें मर्दों से गाँड़ भी मरवानी पड़ती है।इसकी खुद की बेटी आज बगलवाले कौटेज में तीन-तीन मर्दों के साथ सोई है। साली को आज पहली बार उसकी तीनों छेद में पेला जाएगा। इसीलिए ये साला जमील यहाँ लौन्डिया की गाँड़ मार कर अपना गम कम कर रहा है। साला एक दम मादरचोद, बेटीचोद हरामी है।"रंजिता अब सब समझी और उसकी आँख आश्चर्य से फ़ट गई, "क्या सच इनकी अपनी बेटी..."।मैंने कहा, "हाँ, साला मेरा दोस्त है। ये जितना चपन्डुक है, इसकी बेटी उतना हीं बड़ा माल। साली जब पूरे कपड़े में होती है तब भी मर्दों के लन्ड से पानी निकाल देती है। उसे मैं आराम से चोद सकूँ, इसलिए मैंने उसे इस मादरचोद से बी चुदावा दिया।अब जब साला खुद अपनी बेटी को चोद चुका है तब कैसे उसको दुसरों से चुदाने से मना करे। सो अब ये मादर-चोद ऐसे हीं अपनी खीज निकालता रहता है।तुम फ़िक्र छॊड़ो और आओ एक बार मेरे से चुदा लो। मैं तुम्हें प्यार से चोद कर तुम्हारी जवानी का पूरा मजा दुँगा।"वो अब रागिनी की तरफ़ ईशारा करके बोली-"यह कौन है, आपकी बेटी?"मैं हंस पड़ा-"नहीं ये एक रंडी है, बहुत ही प्यारी रंडी पर अब मेरे साथ अंकल और भतीजी का रिश्ता है।"और मैंने उसे अपनी गोद में खींच कर उसके होठ चुसने शुरु कर दिए और जल्द हीं वो भी गर्म हो गई और मेरा साथ देने लगी।
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