RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
जमील यह सब सुन कर एक ठंडी साँस भर कर कहा, "खैर अब तो उसकी मर्जी। जब तक कि सेक्स का मजा न मिला हो तब तक तो रोका जा सकता है, पर अगर एक बार सेक्स का मजा मिल गया, वो भी इस तरह तो फ़िर किसी को रोका नहीं जा सकता। म्झे तो अब यह डर है कि जब इसकी अम्मी तो यह सब पता चलेगा फ़िर क्या होगा?" मैंने हँसते हुए कहा, "यार इस डर का सिर्फ़ एक ही हल है, किसी तरह भाभी जी को भी एक बार सानिया के साथ भिरा दो। जैसे सानिया ने तुम्हें सीधा कर लिया वैसे हीं वो भाभी जी से भी निपट लेगी। तेरी बेटी अब चूत के मजा के लिए सब कर लेगी, तू परेशान न हो। अभी सिर्फ़ रंजिता की जवान खुश्बूदार चूत के बारे में सोच, कि कैसे इसकी रात भर बैन्ड बजाएगा। ५-७ बार से ज्यादा नहीं चुदी, मेरे से चुदाते हुए कराह दी थी यह बच्ची। इसकी तो आज तक झाँट भी नहीं छिली है। वियाग्रा लेगा क्या?" जमील की आँख में चमक आई, "तू लाया है क्या?" मैंने जेब से निकाल कर एक गोली दी, "ले साले तू भी क्या याद करेगा, अब जा बैन्ड बजा साली की। साले बेटी से कम उम्र की बच्ची को वियाग्रा खा कर चोदते हुए कुछ नहीं लगता और आज जब बेटी तीन गोरों से अपने तीनों छेद को (चूत, मुँह और गांड़) लन्ड से खुदवाने वाली है तो उसकी फ़िक्र में गान्ड़ फ़ट रही है। अब कल देखना अपनी बेटी का नंगा बदन तब पता चलेगा कि कैसे तीनों ने अपना पैसा वसूल किया है उस छिनाल को चोद कर। साली बहुत खुशी-खुशी गयी है रंडीपना दिखाने, अब पता चलेगा कि असल में रंडी को पेल कर कैसे पाई-पाई वसूला जाता है मर्दों के द्वारा।" जमील भी अब थोड़ा बेफ़िक्र हो कर कहा, ’हाँ यार, अब जब साली खुद रंडी बनना पसंद की है तो चुदे साली, मैं क्यों फ़िक्र करूँ।इसके बाद हम सब पास में ही इधर-उधर घुमने निकल गए। रंजिता लोकल थी, सो वो ही गाईड भी बनी हुई थी। हमने दिन का लंच साथ में पैक करा कर रख लिया था। एक जगह सुनसान में मैंने रागिनी को चोदा। वो पहली बार खुली हवा में बादल और सूरज के नीचे चुदी, खुब मस्त हो कर चुदी। जमील को मैंने कहा कि वो भी रंजिता को एक बार चोद ले, पर उसने मना कर दिया कि वो रात में हीं रंजिता कि चूत लेगा, अभी लेने से रात में वो बासी हो जाएगी। तब रागिनी में उसे कहा कि वो चाहे तो उसे चोद ले, पर जमील का मूड शायद नहीं था, या शायद वो अभी भी सानिया के बारे में सोच थोड़ी दुविधा में था। हमने उसे यो हीं छोड़ दिया।
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