RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
.जमील अब बड़े चिन्तित स्वर में सानिया को कुछ कहना चाहा, पर सानिया ने तुरंत उसकी बात काटी और कहा-"अब्बू, अब कुछ नहीं, मुझे मौका मिला है तो मैं इस ट्रीप में खुब मजे करुँगी।" मैंने जमील को सांत्वना दी, "यार अब जाने दो उसको, जवान है, तो जवानी के खेल का लुत्फ़ लेगी हीं। अगर कोई लड़की खुद तय कर ले कि वो अब चुदवाएगी, तो उसको कैसे रोक सकता है कोई, वह कहीं न कहीं अपना मुँह काला करेगी हीं। तेरी बेटी तो बिना तुमसे कुछ छुपाए सब करती है, इतनी ईमानदार तो है ये। और यार, वैसे भी वो साला मैनेजर अभी एक लौन्डिया लाएगा, उसके साथ पहले तुम कर लेना, फ़िर एक बार मैं भी उसको चोद कर अपना जायका थोड़ा बदल लुँगा।" रागिनी व्यंग्य में बोली-"वाह अंकल, नई लौन्डिया के नाम पर दोनों बुड़्ढ़े फ़िसल गए, मेरा क्या होगा सोचा भी नहीं।" मैंने उसके गाल पर प्यार भरी चपत लगाई-"अरे बेटा तू तो मेरी जान है, तुम्हारी तो मैं रात भर चोदुँगा, जमील को हीं उसे रात में संभालना होगा।"सानिया जब तैयार हो कर वापस आई तो वो गजब ढ़ा रही थी। मेरे मुँह से तो सीटी निकल गई। उसने एक काला-लाल लौंग स्कर्ट और छॊटी सी कुर्ती पहनी थी, जो शायद रागिनी की थी, इस लिए उसका पेट खुला हुआ था (सानिया, रागिनी से ज्यादा लम्बी है)। उसके गोरे सपाट पेट पर एक गहरी गुलाबी नाभी अपने को बूर की छॊटी बहन साबित कर रही थी। हल्के से मेकप ने उसकी खुबसुरती बढ़ा दी थी। सानिया ने जब हम सबको अपनी तरफ़ैसे घूरते हुए पाया तो आँख मारी। मैंने कहा-"कयामत ढ़ा रही हो डार्लिंग आज," तो सानिया मुस्कुराई और अपना स्कर्ट उपर उठा दिया। साली ने भीतर एक दम छॊटी सी लाल पैन्टी पहनी थी, जो लग रहा थी कि किसी १४-१५ साल की लड़की की साईज की थी और उसकी बूर में धंसी हुई थी, जिससे उसके बूर के दोनों फ़ाँक थोड़े आधे-अधुरे से अपने मौजुदगी का अहसास करा रहे थे। जल्दी हीं उसने अपना जलवा समेटा और फ़िर हमारी तरफ़ एक फ़्लाईंग किस उछालते हुए बाहर की तरफ़ चल दी। रागिनी ने कहा - "बेस्ट औफ़ लक..."।
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