RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
सानिया बोल रही थी, "मजा आ जायेगा, अगर किसी विदेशी से भी चुदाने का मौका मिले तो। रागिनी तुम कभी चुदी हो किसी विदेशी से?" रागिनी ने साफ़ कहा, "नहीं दीदी, अभी तक तो नहीं। अभी तक तो सिर्फ़ मोटे-मोटे भद्दे सेठ से हीं वास्ता पड़ा है। सालों का लन्ड तो उनके पेट के भार में दबा रहता है, और पैसा इतना कि उसके जोर पर रोज लड़की खरीदते हैं, भले हीं ढ़ंग से चोद पाएँ या नहीं।" अब मैं बोल पड़ा-"मैं मोटा और भद्दा सेठ हूँ, मुझे लड़की चोदने नहीं आता है, साली क्या कह रही है तू? अभी पटक कर गाँड़ में लन्ड पेल दुँगा।" रागिनी हँस दी, ’अरे अंकल आप तो कभी मेरे कस्टमर रहे हीं नहीं, इस बार क्या मैं आपसे कोई पैसा ले रही हूँ। सच तो यह है अंकल की आपसे अच्छा तो मुझे कोई आज तक मिला हीं नहीं, क्या मस्ती करा देते हैं आप, पुरा बदन झनझना जाता है। क्यों दीदी, हैं न यह बात?" अब मेरी तारीफ़ करने की बारी सानिया की थी और साली ने जम कर तारीफ़ की। वो बोली-"हाँ सही बोल रही हो। चाचू जैसा कोई नहीं है। सच में, मैं ज्यादा लोग से नहीं चुदी हूँ पर जितने से चुदवाई हूँ, चाचू इज द बेस्ट। इनका तो हर स्टाईल लाजवाब है-चाहे चुची चुसें या बूर चाटें य गाँड़ में ऊँगली चलाएँ, सब तरह से लड़की को बेदम करके हीं लन्ड पेलेंगे। तब तक तो मेरी हालत तो खराब हो जाती है, वो कहते हैं न "बिच इन हीट (गर्मी चढ़ी हुई कुतिया) या बोलो भादो मास की कुतिया" बन जाती हूँ मैं तो इनके साथ। इस्ट और वेस्ट, माय चाचू इज द बेस्ट..." उसकी बातें तो रंडीपने की हद पर थीं। मैंने उसको टोकते हुए कहा, "बस बस, अभी वेस्ट का पता तो तुमको अब चलेगा, जरा मैनेजर को आने दो वापस तब भेजता हूँ तुम्हें उन गोरे लौन्डों के पास, वापस आना फ़िर बताना कि कौन बेस्ट है", और हम सब हँसने लगे।
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