RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
रागिनी अब थोड़ा मायुस जैसे बोली-"क्या दीदी, क्या हम लोग तुम दोनों को नहीं देखेंगे। मुझे लगा था कि हम दो लड़कियाँ और ये दोनों मर्द एक साथ हीं चुदाई करेंगे। बड़ा मजा आता अगर ऐसे होता।" सानिया बोली-"नहीं ऐसी बात नहीं है, अब्बू को मेरे साथ सेकस करने में थोड़ी हिचक है, पर एक बार करने तो दो, उसके बाद तो वो मेरे बूर की गुलामी करेंगे, देख लेना।" दोनों मस्त माल अब एक साथ हँस पड़ी। एक जगह हम सब ने चाय पी। और उसके बाद दोनों लड़कियाँ पीछे की सीट पर बैठ गई और फ़िर एक दुसरे के बदन से खेलने लगीं। मैं कार ड्राईव कर रहा था और बीच-बीच में उन्के खेल भी देख रहा था। जमील भी कभी-कभी कनखियों से उनकी तरफ़ देख लेता था। जल्दी हीं दोनों नंगी हो गयी और फ़िर चुचियों से खेलते-खेलते कब वो एक दुसरे की बूर में ऊँगली करने लगी, शायद उन्हें भी पता नहीं चला। करीब एक घन्टे बाद दोनों पस्त हो गई। शाम को करीब ४ बजे हम सब रीसोर्ट पहुँचे। वहाँ का मैनेजर हम-सब को देख मुस्कुराया। उसने दो अँधेड़ उम्र के मर्द के साथ को कम्सीन लड़कियाँ देखी तो मुस्कुराया। वैसे भी सुरी के जरिए बूकिंग हुई तो उसको यही लगा की हम दोनों मर्द अपने साथ सुरी की कौलगर्ल हीं साथ लाए हैं। औपचारिकताओं के बाद उसने कहा कि आपका कौटेज रेडी है, आप अभी चाय-वाय लेंगे या फ़िर एक बार रास्ते की थकान उतारने के बाद चाय पीयेंगे। फ़िर उसने सानिया से कहा-"तुम लोग को कुछ चाहिए या सब चीज साथ है?" सानिया को कुछ समझ नहीं आया पर रागिनी अब तक पक्की रंडी बन चुकी थी। वो समझ गई और बोली-"नहीं अभी सब चीज है हमारे साथ" और जब हम लोग अपने कौटेज की तरफ़ जा रहे थे तब उसने सानिया को समझाया कि वो मैनेजर कंडॊम के बारे में पूछ रहा था हम दोनों से। मैंने तब कहा-"मुझे तो कंडोम के साथ लड़की चोदने में मजा हीं नहीं आता है, क्यों जमील तुम बोलो, क्या तुमको सानिया को चोदने के लिए कंडोम चाहिए?" जमील अब शर्मा गया तो सानिया बोल पड़ी-"नहीं आज पहली बार अब्बू से चुदाना है तो पुरा और एक दम असली चुदाई कराऊँगी। अब्बू आप मेरे साथ आज सुहागरात मनाना, मेरी बूर के भीतर ही अपना माल निकालना। आज के चुदाई की तैयारी में पिछले तीन दिन से लगातार मैं अपने झाँट साफ़ कर रही हूँ और अपने बूर की मालिश जैतुन के तेल से कर रही हूँ। आपका लण्ड मेरे ले स्पेशल है। इसी के रस से मेरी पैदाईश है, और आज मैं अपने बीज को अपने अंदर लुँगी, कसम से कह देती हूँ।" साली पुरा गरम थी अपने बाप से चुदाने के लिए। मैं तो रुम मे आने से पहले ही रागिनी की चुतड़ सहलाने लगा और जब वो मैनेजर हमारा कौटेज खोल रहा था तब मैंने बेशर्मी के साथ रागिनी की चुचियाँ मसलनी शुरु कर दी। जमील बोला-"यार, थोड़ा वेट करो, बगल के कौटेज में भी लोग होंगे।"
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