RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
मैंने उसकी चुदी हुई बूर पर अपना मुँह रख दिया और आराम से उसकी चूत के मदन रस का पान करने लगा। सानिया अब सनसनी से भर रही थी। मुझे बार-बार उपर आ कर चोदने को बोल रही थी, पर मैं भी पक्का चुदक्कड़ था, ऐसे लड़की की बात कैसे मान लेता वो भी तब जब उसका बाप सामने बैठ कर बेटी की निगरानी कर रहा हो कि बन्दा उसकी बेटी को ठीक से चोद रहा है या नहीं। सानिया की बूर को चुस-चाट कर साफ़ करने के बाद एक दम ताजे जोश के साथ मैंने अपना लन्ड साली की चूत में पेल दिया और लगा उपर से उसकी चुदाई करने। वह अब गले से आआह्ह्ह आअह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह की आवाज निकाल रही थी। मैं सानिया की सपाट पेट कर अपना हाथ रख कर तेज गति से उसकी बूर चोद रहा था, और देख रहा था कि जामील साला लगातार सानिया के चेहरे और उसकी चुद रही बूर पर नजर गड़ाए हुए है। मैंने पूछा-"ठीक से चोद रहा हूँ न तुम्हारी बेटी जमील कि नहीं?" अब पहली बार हम दोनों की नजर मिली। उसके चेहरे पर अजीब से लाज, और घबड़ाहट और एक्साईट्मेंट के भाव दिख रहे थे। पट्ठा अब यहाँ से भागने वाला नहीं था। मैंने फ़िर पूछा-"कैसी लग रही है बेटी की चुदाई? ठीक है या कमी है कुछ मेरे चुदाई में?" वो बोला-"अब यह तो सानिया हीं बताएगी।" सानिया बोली-"ओह चाचू, चोदो मुझे जोर-जोर से चोदो। मेरी बूर का भोंसड़ा बना दो आज।" मैं बोला-"पहले पापा को बता कि मैं उसकी बेटी को ठीक से चोद रहा हूँ या नहीं?" सानिया-"आह अब्बू, चाचू बहुत अच्छा चोदते हैं, मैंने जिनसे भी चुदाया है आज तक चाचू इज द बेस्ट। आपको देख कर मजा आ रहा है या नहीं?" मैं सानिया को अब पलट रहा था, फ़िर मैंने उसकी चुतड़ को उपर उठा दिया और उसकी गाँड़ की छेद को ऊँगली से सहलाने लगा तो सानिया बोली, "नहीं वो सब नहीं अभी मेरी बूर की खुजली मिटाओ साले भड़ुए।" मैं भी उस पर चढ़ गया। पीछे से उसकी बूर थोड़ा ज्यादा ही सुन्दर दिखती थी तो मैंने जमील को कहा कि वो एक बार थोड़ा नीचे झुक कर देखे कि कैसे उसकी बेटी के बूर को पीछे से मैं चोद रहा हूँ। जमील साला, दुनिया की सारी मर्यादा भूल कर नीचे झुक गया और मैं उसकी बेटी को चोदता जा रहा था लगातार। घच-घच-फ़च-फ़च की आवाज से सारा कमर गुँज रहा था। मेरी जाँघ सानिया की चुतड़ पर थाप दे रही थी और सानिया हर थाप के साथ जैसे एक हलके आआअह्ह का आलाप कर रही थी। जमील साला आराम से नीचे बैठ कर अब अपनी बेटी की चुद रही बूर को मजे से देख रहा था। करीब २० मिनट से मैं सानिया की बूर चोद रहा था लगातार और अब मैं पहली बार झड़ने वाली स्थिति में आ गया था। जब मैंने कहा कि अब कहाँ लोगी तो वो तुरन्त बेझिझक बोली "मुँह में" और झट मेरे लन्ड के लिए मुँह खोल दी। मैं मुँह तक लन्ड पहुँचाऊँ उसके पहले हीं पहली पिचकारी छुट गयी और सब माल उसके चेहरे पर नाक और बाँए गाल कर फ़ैल गया। पर दुसरी और तीसरी पिचकारी जो छूटी वो सही निशाने पर गयी, सानिया की मुँह में। सानिया अब अपने जीभ चाट चाट कर मेरा लन्ड साफ़ की और फ़िर अपनी ऊँगली से अपने गाल पर के माल को भी पोंछ कर चाट लिया। एक-दो बुँद जो उसकी छाती पर गिरा उसे किसी ब्लू-फ़िल्म की हीरोईन की तरह उससे अपने चुची पर मलिश कर ली। मैं तो वियाग्रा की जोश में था और मेरा लन्ड ५% के करीब हीं ढ़ीला हुआ था। मैंने एक बार फ़िर सानिया को लिटा दिया और उस पर चढ़ गया। सानिया को ऐसी उम्मीद नहीं थी। वो जब तक समझे, तब तक तो मैं एक बार फ़िर अपना लौंड़ा उसकी बूर में पेल कर उसकी बूर की चुदाई शुरु कर चुका था। वो बस आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह इइइइस्स्स्स्स्स्स्स जैसे हीं शब्द बोल रही थी।
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