RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
.अब्बू को मैंने वादा किया है कि मैं उनके सामने सबसे ज्यादा मस्त लड़की बन कर दिखाऊँगी। आप मेरे वादे की लाज रखना और मुझे ऐसे चोदना कि मैं घिर्नी की तरह नाच उठूँ।" मैं बोला-"फ़िक्र मत करो सानिया बेटा, आज की चुदाई तू जिन्दगी भर नहीं भुलेगी। पिछले ८ दिन से मैंने मुठ भी नहीं मारी है, सो आज तुम्हें खुब माल मिलेगा, बार-बार मिलेगा। आज तू एक कुत्ते के पिल्ले की तरह किकींया जाओगी।" जमील अब बोला-"साले हरामी, मुझे तू कुत्ता बोल रहा है?" मैं फ़ट से जवाब दिया-"ठीक तो बोला हूँ, जब तुम्हारी बेटी एक कुतिया बन कर मेरे से चुदेगी, तो तू भी तो कुतिया का बाप कहलाएगा, और तब तू क्या रहेगा, सोच?" सानिया ने हल्के से धक्के के साथ मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और बोली, "अभी तो तुम घोड़े बनोगे और मैं तुम्हारी सवारी करुँगी।" अब मेरे कमर पर बैठ गयी थी और मेरे सीने पर गिर कर मुझे चुम रही थी। फ़िर वो सीधी हुई और मेरा कड़ा लन्ड अपने हाथों से पकड़ कर अपने बूर के छेद पर सेट की और फ़िर उपर से धीरे-धीरे अपना वजन डालने लगी। मेरा लन्ड भी धीरे-धीरे सानिया की पनियाई हुई चूत को पुरी तरह से खोलता हुआ भीतर घुसता चला गया। सानिया की आँख बन्द थी, और उसके चेहरे के भाव को मैं देख रहा था और जमील की नजर उस छेद पर थी जिसमें धीरे-धीरे मेरा लन्ड घुस रहा था। जब सानिया मेरा लन्ड जड़ तक घुसा ली तो आँख खोल कर अब्बू को देखा और पूछी-"अब्बू आपको सब साफ़ दिखा, या एक बार और लन्द बाहर निकाल कर फ़िर से भीतर घुसाऊँ?" जमील बोला-"दिखा तो ठीक-ठाक हीं, पर एक बार और दिखा दोगी तो मेहरबानी होगी।" सानिया फ़ट खड़ी हो गयी और मेरा लन्ड एक ’फ़क्क’ की आवाज के साथ उसकी टाईट चूत से निकल गया। सानिया एल बार फ़िर उसको पकड़ी और फ़िर से उसको अपने बूर की छेद से भिरा कर धीरे-धीरे घुसाई और इस बार उसकी नजर अपने बाप पर थी, और जमील की नजर फ़िर से सानिया के गोरी बूर और उसमें घुसते मेरे साँवले लन्ड पर थी। जब पुरा भीतर घुस गया तो सानिया बोली-"अब तो सब देखे ना अब्बू, अब देखिए कैसे मैं इस लन्ड को अपने बूर से मथ देती हूँ, एक मथानी की तरह", और सानिया अपना कमर हल्के-हल्के गोल-गोल घुमाने लगी और मेरा लन्ड लगभग आधा बाहर निकल जाता फ़िर भीतर घुस जाता। आज सानिया बिल्कुल नये जोश में थी। कुछ हीं क्षण में उसके मुँह से सिसकी निकलने लगी। उसकी मस्त आवाज मुझे भी मस्त बना रही थी। करीब ५ मिनट बाद सानिया थक गयी और बोली-"अब चाचू आप चोदो मुझे उपर से थक गयी, मैं अब नीचे लेटुँगी।" सानिया मेरे उपर से हट गयी। उसकी बूर से निकल रहा पानी मेरे लन्ड से लिपटा हुआ था और एक हल्की से धार उसकी बूर से निकल कर उसकी जाँघों पर फ़ैल रही थी। मैंने उसको सीध ठीक से लिटाया और कह-"अभी हीं थक गयी, आज तो मेरा "चुदाई स्पेशल" का प्लान है। क्यों जमील, अब पता चला कि तुम्हारी लाड़ली बेटी कैसा माल है?"
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