RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
.सानिया ने खाना लगाया तो दोनों साथ हीं खाए। उसी डायनिंग टेबुल पर उसने सानिया से पहली बार खुल कर बात की और कहा कि सानिया को ऐसे किसी से नहीं चुदना चाहिए। सानिया को भी अब कोई झिझक रह नहीं गयी थी। उसने खुल कर कह दिया कि अब वो जवान है और जवानी का मजा लुटना चाहती है। उसने आगे कहा कि जब जमील इस उम्र में कुँवारी लड़की को चोदने जा सकता है तो क्या वो अपनी मर्जी से महिने में दो-चार बार नहीं चुदा सकती। उसके शब्द थे, "अब्बू, अब जब मुझे पता चल गया है कि सेक्स में कितना और कैसा मजा है तो अब मैं नहीं रुक सकती इस मजा को लेने से। जब तक नहीं चुदी थी तब कि बात और थी। पर अब जब मैं चुदाने लगी हूँ तो चुदाते समय मिलने वाली मदहोशी का मजा लेना नहीं छोड़ सकती। अब्बू, आप तो मेरे से बड़े हैं, आपको तो पता है कि कैसा मजा है सेक्स में। सच कहूँ तो अब्बू, जैसे आपलोग को अलग-अलग लड़की के बदन से अलग-अलग मजा मिलता है वैसे हीं एक लड़की को भी तो अलग-अलग मर्द के लन्ड से अलग-अलग मजा आता है। दो-एक साल साल में निकाह के बाद पता नहीं कैसा घर मिले, कितना पर्दा करना पड़े, इसीलिए अभी हीं जितना मजा ले सकती हूँ लेना चाहती हूँ।" जमील कई तरह से सानिया को समझा रहा था और सानिया थी कि मान नहीं रही थी कि वो गलत है। सानिया हमेशा जमील को आईना दिखा देती कि कैसे जमील नयी लड़्की से सेक्स करके मजा लेता रहा है इन दिनों। जमील के पास सानिया के ऐसे साफ़ बोल का कोई जवाब नहीं था। वो समझ गया कि अब सानिया नहीं रुकेगी। सानिया भी जोश में कह दी-"देखिए अब्बू, अब जो जैसे हो रहा है होने दीजिए, मैं ध्यान रखुँगी कि कोई गड़बड़ न हो। अगर अब आप मुझे रोकेंगे तो, मैं दो-चार होटल में जा कर अपनी फ़ोटो रख दुँगी कि मैं फ़्री में चुदने को तैयार हूँ। फ़िर देखना कैसे इस घर के दरवाजे पर लाईन लगेगी।" जमील थोड़ा उदास हो चुप हो गया तो सानिया उसको खुश करने के लिए उसकी गोदी में बैठ गयी। जमील अब भी चुप था तो सानिया ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी दाहिनी चुची पर रख दिया और खुद उसके होठ को चुम ली। वो जमील को खुल कर बोली-"अब्बू, अगर आप मुझें चोदना चाहते हों तो चोद लीजिए ना। मैं आपको न नहीं करुँगी, बल्कि मुझे खुशी होगी। मैं आपको बहुत प्यार करती हूँ। एक बार मुझे मौका दीजिए, दुनिया कि कितनी भी रन्ड़ी आप चोदे हों, मैं उन सब से बीस रहुँगी, आप देख लीजिएगा। क्या मैं जवान नहीं हूँ कि सेक्सी नहीं हूँ या सुन्दर नहीं हूँ? मेरा पुरा नंगा बदन आज आपने देखा, क्या वो किसी से कम है? बोलिए अब्बू।" और उसने एक गहरा चुम्बन जमील के होठ पर जड़ दिया। जमील अब एक बार गौर से सानिया को देखा। सच तो ये था कि जमील को सानिया में माल दिखती तो थी, पर उसके दिल में कुंठा थी कि ये मेरी बेटी है, इसको कैसे चोदुँ, पर अब इतना कुछ होने और देखने के बाद जमील का मन भी डोलने लगा था। उसने एक गहरी नजर से सानिया को देखा और कहा वो सब ठीक है बेटा पर मुझे थोड़ा सोचने का वक्त दो। फ़िर वो खुद इस बार सानिया पर झुका और एक हल्का चुम्बन उसकी गुलाबी होंठ पर जड़ दिया और बेसिन पर हाथ धोने चला गया। सानिया इतने से हीं खुश हो गयी। उसे पक्का यकिन हो गया कि अब उसकी बूर को उसका बाप जरुर चोदेगा।
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