RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
.चाचू भी सब समझ रहे थे और मुझे चोदते हुए खुब सारी गालियाँ बक रहे थे। वैसे तो हम दोनों जब भी चुदाई गेम खेलते, एक-दुसरे को गालियाँ देते रहते, पर आज की बात हीं कुछ और थी। आज हमें पता था कि हम दोनों की आवाज आज कोई और भी सुन रहा है जो बहुत स्पेशल है। हमारी बातें जो हो रहीं थी उसकी एक झलक मैं आपको बताती हूँ। मैं - "आआह्ह चाचा जान मजा आ रहा है, खुद चोदिए मुझे। वाह और जोर से डालिए.." चाचू - "सही बात कह रही हो, बहुत मजा आ रहा है। चुदो आज तुम मस्त हो कर। यह लो एक जोर का धक्का अपनी बूर के भीतर, लुटो मजा अपनी जवानी का।" मैं - "वाआआअह्ह, और जोर से इइइइइइइस्स्स्स्स्स्स्स्स्स, आअह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह हुम्म्म्म्म" चाचू - "ये लो बेटी, यह लो यह लो एक और लो एक धक्का और लो" मै - "वाह, बहुत अच्छा से चोद रहे हो चाचू, इस्स्स्स्स्स्स्स्स मेरे बूर को खुब चोदो, जम कर चोदो। मेरी बूर तुम्हें मजा दे रही है कि नहीं?" चाचू - "अरे मेरी बुल्बुल, बहुत मजा दे रही है तेरी बूर। एक दम शानदार है, मक्खन बूर है तेरी मेरी जान। चुद आज जम कर साली। मेरी रन्डी बन कर चुद साली आज। मैं - "मुझे तो आप रन्डी बना दिए मेरे जानू, अब जैसे चोदो वैसे चुदुंगी तुमसे मेरे राजा, मेरे चाचा, मेरे हुजूर मेरे मालिक..., इस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मैं तेरी बांदी हूँ, मुझे खुब चोदो, जम कर पेलो मेरे बूर में अपना लन्ड मेरे आका इइइइस्स्स्स्स्स्स आआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।" चाचू - "ले साली चुद, साली कुतिया, साली रन्डी साली हराम जादी मेरी बांदी हो तो साली सड़क पर चुदो एक बार गाँड़ खोल कर अपनी गाँड़ मराओ किसी कुत्ते से साली रन्डी। मैं - कुत्ते से क्यों, तुमसे गाँड़ मराऊँगी रे साले भँरवें, साले मादरचोद। अपनी भतीजी को चोद रहे हो और उसको रन्डी बना दिए। साले तुम तो पक्के हरामी हो, बेटी-चोद हो साले। चाचू - "ज्यादा फ़रफ़रा मत साली कुतिया। नहीं तो तेरी इसी बूर से बेटी पैदा करके उसको तुम्हारे सामने चोद दुँगा, जैसे तुम्हें आज तुम्हरे बाप के सामने चोद रहा हूँ।" मैं - मेरा बाप यहाँ नहीं है साले ......... आआआअह्ह्ह्ह इस्स्स्स्स्स्स्स्स्स" चाचू - "तेरा बाप साला सब सुन रहा है, शर्म से हट गया है, पर सब देख रहा होगा किसी छेद से। साला एक कुँवारी चूत के लिए बेटी को चुदा रहा है। देखना एक दिन वो तुम्हें भी चोदेगा।" मैं - "मैं तो कब से अपने बाप से चुदाने के लिए तैयार हूँ, पर उसे मैं बेटी दिखती हूँ, माल नहीं दिखती जबकि पुरी दुनिया को मैं माल दिखती हूँ। मैं आपको माल दिखती हूँ न?" चाचू - "हाँ रे साली मेरी कुतिया, तू जबर्दस्त माल दिखती हो। दिखती क्या हो, तुम माल हो माल। ऐसा माल जिसको सब चोदना चाहें। चुद साली चुद, और चुद रन्डी साली।" हम दोनों अब सब कुछ साफ़ बोल रहे थे। अब तो अब्बू को निशाना बना कर बोल रहे थे। चाचू भी जम कर मेरी बूर को चोदे थे आज। थोड़ी देर बाद चाचू ने मुझे पलटने को कहा और मैं पलट गयी। अब मैं कुतिया बनी हुई थी और चाचू कुत्ते की तरह मुझे चोद रहे थे और वैसे हीं हाँफ़ रहे थे। उनकी जाँघ मेरे चुतड़ से टकरा टकरा कत थप-थप की आवाज कर रही थी। मैं मजे से मदहोश हुई जा रही थी। तभी चाचू बोले-"आह बेटी अब मेरा निकलेगा, कहाँ लोगी जल्दी बोलो।" मैंने बोली-"मुँह में मुँह में" और चाचा के लन्ड के बाहर निकालते हीं मैं वहीं जमीन पर हल्के से ऊठी की वो अपना लन्ड मेरे मुँह में ठाँस दिए। और मेरे अब्बू को जैसे सुनाते हुए बोले-"मराओ अब मुँह सानिया। तुम पुरा रन्डी हो गयी हो। बाजार में सबसे मंहगी बिकोगी। चुस कर खा जाओ मेरा रस। आह्ह्ह् आआआआह्ह" और वो मेरे मुँह में झड़ गये। मैंने उनका सब माल पी लिया, और ऐसा तो मैं पहले भी कर चुकी हूँ।
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